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प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं

प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं
5.रानी लक्ष्मीबाई घर पर ही पढ़ी-लिखी और बहुत कम उम्र में ही स्वतंत्र हो गई.

kim jong un

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भूकंप का केंद्र संयुक्त राज्य अमेरिका की दक्षिणी सीमा से समुद्र में 125 मील दूर था, जिसका हल्का प्रभाव दक्षिणी कैलिफोर्निया में महसूस किया गया था। प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं कोई सुनामी की उम्मीद नहीं है, और भूकंप ने यूएसए में किसी भी संपत्ति को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है। मंगलवार को मैक्सिको में बाजा कैलिफ़ोर्निया के तट से टकराने के बाद भूकंप की लहरें कैलिफोर्निया के पाम डेजर्ट में 200 मील दूर तक फैल गईं। यूएसए टुडे के एक पत्रकार ने डेल मार के पास एक इमारत को हिलते हुए देखा।

6.0 तीव्रता के भूकंप को बहुत तेज भूकंप नहीं माना जाता है, लेकिन इससे मामूली संपत्ति का नुकसान होता है। 7.0 मापने वाला भूकंप एक शक्तिशाली भूकंप है जिससे अत्यधिक क्षति और जीवन की हानि हो सकती है।

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं सर्वे का कहना है कि भूकंप अमेरिकी सीमा से लगभग 125 मील दक्षिण प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं में प्रशांत महासागर में आया था।

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उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को पूर्वी सागर की ओर एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दागी थी, जो दक्षिण कोरिया की सेना और जापान की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के कदम के विरोध में था.

द जेरूसलम पोस्ट ने बताया प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं कि अपनी बेटी और पत्नी के साथ बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण को देखने के लिए उपस्थित किम ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा शत्रुतापूर्ण नीति अपनाने की धमकियों ने उनके देश को “पर्याप्त रूप से अपने भारी परमाणु प्रतिरोध को तेज करने” के लिए प्रेरित किया है.

उत्तर कोरिया के पास सबसे शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल

वहीं, आधिकारिक केसीएनए समाचार एजेंसी ने कहा, “प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं किम जोंग उन ने पूरी गंभीरता से घोषणा की है कि अगर दुश्मन धमकी देना जारी रखते हैं … तो हमारी पार्टी और सरकार परमाणु हथियारों के साथ और पूरी तरह से टकराव के साथ अब जवाब देगी.”

माना जाता है कि बैलिस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण में ह्वासोंग-17 आईसीबीएम शामिल था, योनहाप के अनुसार, इसी आईसीबीएम का 3 नवंबर को परीक्षण किया गया था, लेकिन प्रक्षेपण विफल रह गया था. केसीएनए ने कहा, ह्वासोंग-17 आईसीबीएम के प्रक्षेपण प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं की पुष्टि उत्तर द्वारा की गई थी और यह “सर्वोच्च प्राथमिकता वाली रक्षा-निर्माण रणनीति” का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य “सबसे शक्तिशाली और पूर्ण परमाणु प्रतिरोध” बनाना था, इसे दुनिया का “सबसे मजबूत सामरिक हथियार” कहा गया है.”

Hwasong-17 ICBM की विशेषता

केसीएनए ने कहा कि इस मिसाइल ने करीब 69 मिनट तक 1,000 किलोमीटर (621 मील) की उड़ान भरी और 6,041 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंची थी. Hwasong-17 ICBM को इसके विशाल आकार के लिए मिसाइल का “राक्षस” कहा जाता था.

जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के अनुसार, लगभग 15,000 किमी की सीमा तक यह कई हथियार प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं ले जाने में सक्षम है, जो कि पूरे अमेरिकी को कवर करने के लिए पर्याप्त है.

उत्तर कोरिया की धमकी से मची हड़कंप

जेसीएस ने कहा, योनहाप के अनुसार, पत्रकारों को संदेश भेजा गया”इस बार उत्तर कोरिया का आईसीबीएम लॉन्च एक महत्वपूर्ण उकसावा और खतरे की घंटी है जो न केवल कोरियाई प्रायद्वीप पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी शांति और स्थिरता को कमजोर कर सकता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन करता है.”

किम के बयान उस दिन जारी किए गए थे जिस दिन दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े सैन्य स्थलों के खिलाफ हमले की कार्रवाई की नकल की थी. प्योंगयांग द्वारा जापान के सागर में एक ICBM लॉन्च करने के कुछ घंटों बाद यह अभ्यास हुआ.

दोनों देशों की वायु सेना के F-35 स्टील्थ फाइटर-बॉम्बर्स ने भी सिमुलेशन में हिस्सा लिया. दक्षिण कोरियाई कमान के एक बयान में कहा गया है कि युद्धाभ्यास ने “उत्तर कोरिया के आईसीबीएम सहित किसी भी खतरे और उकसावे का दृढ़ता से जवाब देने और दुश्मन पर सटीक प्रहार करने की क्षमता और तत्परता का प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया.”

किम जोंग उन ने किया 'राक्षस' का परीक्षण, बेटी भी थी साथ; अमेरिकी को परमाणु हमले की धमकी

किम जोंग उन ने किया 'राक्षस' का परीक्षण, बेटी भी थी साथ; अमेरिकी को परमाणु हमले की धमकी

उत्तर कोरिया के तानाशाही शासक किम जोंग उन ने अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया को खुली धमकी दी है। उन्होंने हर खतरे को परमाणु हथियारों से निपटने की बात कही है। उन्होंने शनिवार को कसम खाई कि उनका देश परमाणु हथियारों का उपयोग करके हर खतरों का जवाब देगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए के हवाले से यह जानकारी दी है। KCNA की रिपोर्ट में कहा गया है कि किम ने कहा है कि वह परमाणु हथियारों के साथ एक मजबूत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।

Nuclear Threat: नॉर्थ कोरिया की धमकी से टेंशन में अमेरिका! किम जोंग उन बोले- परमाणु हमले से दूंगा जवाब

Nuclear Threat: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की धमकी ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को टेंशन में डाल दिया है। किम जोंग उन ने शनिवार को कहा कि उनका देश परमाणु हथियारों का उपयोग करके निरंतर खतरों का जवाब देगा।

उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, किम ने कहा कि प्योंगयांग परमाणु हथियारों के साथ पूरी क्षमता से किसी भी हमले का प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं जवाब देगा। बता दें कि प्योंगयांग की ओर से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के एक दिन बाद ये धमकियां आई हैं।

नॉर्थ कोरिया ने शुक्रवार को पूर्वी सागर की ओर एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) दागी थी। मिसाइल लॉन्चिंग के दौरान किम जोंग उन अपनी बेटी और पत्नी के साथ साइट पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से शत्रुतापूर्ण नीति अपनाने की धमकियों ने उनके देश को ऐसा करने के लिए मजबूर किया है।

ह्वासोंग-17 का नॉर्थ कोरिया ने किया था परीक्षण

समाचार एजेंसी ने कहा, “किम जोंग उन ने गंभीरता से घोषणा की कि अगर प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं दुश्मन धमकी देना जारी रखते हैं, तो हमारी सरकार परमाणु हथियारों के साथ जवाब देगी।” बताया जा रहा है कि शुक्रवार को ह्वासोंग-17 का परीक्षण किया प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं गया था। इससे पहले भी इस मिसाइल का 3 नवंबर को परीक्षण किया गया था जो विफल हुआ था।

केसीएनए ने कहा, ह्वासोंग-17 आईसीबीएम के परीक्षण की पुष्टि उत्तर कोरिया ने की थी और ये सर्वोच्च प्राथमिकता वाली रक्षा-निर्माण रणनीति का हिस्सा था। इस रणनीति का उद्देश्य दुनिया में सबसे शक्तिशाली और पूर्ण परमाणु प्रतिरोध बनाना था। केसीएनए ने कहा कि मिसाइल ने करीब 69 मिनट तक करीब 1,000 किलोमीटर (621 मील) की उड़ान भरी और 6,041 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंची।

ह्वासोंग-17 का कहा जाता है राक्षस

Hwasong-17 ICBM को इसके विशाल आकार के लिए मिसाइल का राक्षस कहा जाता था। जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह लगभग 15,000 किमी की सीमा प्रतिरोध का उपयोग करने की सीमाएं तक कई हथियार ले जाने में सक्षम है, जो कि पूरे अमेरिकी मुख्य भूमि तक पहुंचने के लिए पर्याप्त है।

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Rani Laxmi Bai Jayanti 2022: 19 नवंबर का दिन भारत के इतिहास का एक अहम दिन है. क्योंकि इस दिन भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई की जयंती (Rani Lakshmi Bai Jayanti) मनाई जाती है. लक्ष्मीबाई ने केवल 29 साल की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं.रानी लक्ष्मीबाई का बचपन का नाम मणिकर्णिका था. लेकिन प्यार से उन्हें मनु नाम से बुलाया जाता था. वर्ष 1842 में उनका विवाह झाँसी के मराठा शासित राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध के वक्त वर्ष 1857 में ब्रिटिश राज के प्रतिरोध का प्रतीक बन गई थीं.

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