शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज

शेर बाजार खुलने का समय
भारत में शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज खुलने का समय प्री ओपन 9:00 बजे और क्लोज 3:30 पर हो जाता है इसी समय के अंदर सारे स्टाक एक्सचेंज खुले रहते हैं और शेरों की खरीद बिक्री चालू रहती है नेशनल होलीडेज शनिवार और रविवार को भारतीय शेयर मार्केट बंद रहता है भारत के अलावा सिंगापुर अमेरिका जापान आदि अलग-अलग देशों के स्टॉक एक्सचेंज फ्री ओपन 8:30 पर हो जाते हैं
शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता हैं | Share Market In Hindi
Share Market In Hindi: शेयर बाजार एक ऐसा मंच है जहां निवेशक शेयर, बांड और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों में व्यापार करने के लिए आते हैं। स्टॉक एक्सचेंज इस लेनदेन के एक सूत्रधार के रूप में काम करता है और शेयरों की खरीद और बिक्री को सक्षम बनाता है।
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शेयर बाजार निवेश शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज का सबसे बड़ा जरिया है। भारत में मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)। कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को आईपीओ के जरिए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करती हैं। निवेशक इन शेयरों में द्वितीयक बाजार के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं।
भारत में दो स्टॉक एक्सचेंजों में कुछ अवसरों पर INR 6,00,000 करोड़ के शेयरों का कारोबार हुआ है। भारत में शुरुआती लोग अक्सर शेयर बाजार में जुए में निवेश करने पर विचार करते हैं, लेकिन शेयर बाजार की एक बुनियादी समझ उस धारणा को बदल सकती है।
भारतीय शेयर बाजारों का विनियमन (Regulation of the Indian Stock Markets)
भारत में शेयर बाजारों का विनियमन और पर्यवेक्षण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास है। सेबी का गठन 1992 के सेबी अधिनियम के तहत एक स्वतंत्र पहचान के रूप में किया गया था और स्टॉक एक्सचेंजों का निरीक्षण करने की शक्ति रखता है। निरीक्षण प्रशासनिक नियंत्रण के पहलुओं के साथ बाजार के संचालन और संगठनात्मक संरचना की समीक्षा करते हैं। सेबी की मुख्य भूमिका में शामिल हैं:
- निवेशकों के विकास के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत बाजार सुनिश्चित करना
- एक्सचेंज संगठन का अनुपालन, सिस्टम सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (विनियमन) अधिनियम (एससी (आर) अधिनियम), 1956 के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार इसका अभ्यास करता है।
- सेबी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें
- जाँच करें कि क्या एक्सचेंज ने सभी शर्तों का अनुपालन किया है और एससी (आर) अधिनियम 1956 की धारा 4 के तहत, यदि आवश्यक हो तो अनुदान का नवीनीकरण किया है।
शेयर बाजार के प्रकार (Share Market In Hindi)
शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।
प्राथमिक शेयर बाजार (Primary Share Market)
यह प्राथमिक बाजार में है कि कंपनियां अपने शेयर जारी करने और धन जुटाने के लिए खुद को पंजीकृत करती हैं। इस प्रक्रिया को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने का उद्देश्य धन जुटाना है और यदि कंपनी पहली बार अपने शेयर बेच रही है तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी एक सार्वजनिक इकाई बन जाती है।
द्वितीयक बाजार (Secondary Market)
प्राथमिक बाजार में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद कंपनी के शेयरों का द्वितीयक बाजार में कारोबार होता है। इस तरह निवेशक अपने शेयर बेचकर बाहर निकल सकते हैं। द्वितीयक बाजार में होने वाले ये लेन-देन व्यापार कहलाते हैं। इसमें निवेशकों की एक-दूसरे से खरीदारी करने और सहमत मूल्य पर आपस में बेचने की गतिविधि शामिल है। एक दलाल एक मध्यस्थ है जो इन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।
शेयर बाजार कैसे काम करते हैं (How do the Share Markets work)
स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को समझना (Understanding the Stock Exchange Platform)
स्टॉक एक्सचेंज वास्तव में एक ऐसा मंच है जो स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार करता है। इस प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा नियंत्रित शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज किया जाता है। ट्रेड करने के लिए प्रतिभागियों को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराना होता है। व्यापारिक गतिविधियों में दलाली, कंपनियों द्वारा शेयर जारी करना आदि शामिल हैं।
सेकेंडरी मार्केट में शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज कंपनी की लिस्टिंग (Listing of the Company in the Secondary Market)
किसी कंपनी के शेयर पहली बार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश या आईपीओ के माध्यम से द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध होते हैं। शेयरों का आवंटन लिस्टिंग से पहले होता है और शेयरों के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों को निवेशकों की संख्या के आधार पर अपना हिस्सा मिलता है।
दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :
- NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
- BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।
SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।
National Stock Exchange क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मुंबई में स्थित है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।
एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।
National stock exchange दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।
BSE यानि BOMBAY STOCK EXCHANGE क्या है ? :
बीएसई की स्थापना 1875 में हुई, इसे नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1957 के बाद भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दे दी।
सेन्सेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, यह भारत का पहला इक्विटी इंडेक्स है जो कि टॉप 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों को एक पहचान दे रहा था। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है।
1995 में, बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज ट्रांजेक्शन थी।
बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह मार्केट डेटा सर्विस, रिस्क मैनेजमेंट, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड), डिपॉजिटरी सर्विसेज आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, आउर जुलाई 2017 को इसका बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा था।
बीएसई और एनएसई में मुख्य अंतर :
- बीएसई और एनएसई दोनों भारत के बड़े शेयर बाज़ार हैं।
- बीएसई पुराना और एनएसई नया है।
- टॉप स्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 10वां स्थान है वहीं एनएसई का 11वां।
- इलेक्ट्रॉनिक एक्चेंज सिस्टम पहली बार एनएसई में 1992 में और बीएसई में 1995 में शुरू किया गया।
- कितने शेयरों को शामिल किया जाता है : एनएसई का निफ्टी इंडेक्स 50 स्टॉक इंडेक्स दिखाता है वहीं बीएसई का सेन्सेक्स 30 स्टॉक एक्सचेंज दिखाता शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज है।
- बीएसई को 1957 में स्टॉक एक्सचेंज के रूप में पहचान मिली वहीं एनएसई को 1993 में पहचान मिली।
- एनएसई भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है, बीएसई सबसे पुराना है।
- बीएसई 1875 में स्थापित हुआ, जब कि एनएसई 1992 में।
- एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी है, जब कि बीएसई का सेन्सेक्स है। एनएसई में 1696 और बीएसई में 5749 कंपनियाँ सूचीबद्ध हैं।
- इनकी ग्लोबल रैंक 11 और 10 है।
शेयर बाजार क्या है शेयर कैसे खरीदें
शेयर बाजार क्या है शेयर बाजार की जानकारी हिंदी में शेयर कैसे खरीदे और बेचे शेयर क्या होता है शेयर का अर्थ हिस्सा होता है किसी कंपनी का शेयर आप खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के हिस्सेदार हो जाते हैं शेयरों की खरीद बिक्री जहां पर की जाती है वह शेयर बाजार कहलाता है भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 50 है इन्हीं स्टॉक एक्सचेंज में कंपनियों के शेयर
शेयरों की खरीद और बिक्री स्टॉक एक्सचेंज में ऑनलाइन तरीके से की जाती है स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से क्रेता विक्रेता शेयर खरीदने और बेचने का काम करते हैं इसी को शेयर मार्केट या शेयर बाजार कहते हैं सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया सेबी SEBI के अधीन शेयर बाजार काम करता है
प्रमुख सिक्योरिटीज बाजार NSE/BSE में छुट्टियो के प्रकार
ध्यान दीजिए कि Indian Stock Market Timing सिक्योरिटीज बाजार में दो तरह की छुट्टिया होती है – स्टॉक मार्केट NSE और BSE
पहला – कम्पलीट छुट्टी (ट्रेडिंग और क्लीयरिंग दोनों बंद रहते है )
दूसरा – ट्रेडिग चालू रहते है लेकिन सेटलमेंट बंद रहते है,
अगर Indian Stock Market Timing के बारे में आपके और सवाल हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते है,
जानिए शेयर बाजार कैसे बना दो खरब का मार्केट
नई दिल्ली। शेयर बाजार की शुरुआत आजादी मिलने से 107 साल पहले ही हो चुकी थी। लेकिन उस समय तरीका बिल्कुल अलग था। 1840 में पहली बार शेयर बाजार की शुरुआत मुंबई में बरगद के पेड़ के नीचे 22 लोगों के साथ शुरु की गई। मुंबई के टाउनहाल के पास बरगद के वृक्ष के नीचे सभी लोग दलाल एकत्रित होते थे और शेयरों का सौदा करते थे। हालांकि कुछ सालों बाद ये दलाल महात्मा गांधी रोड पर बरगद के वृक्ष के नीचे जुटने लगे। धीरे-धीरे शेयर दलालों की संख्या बढती गई ।
एशिया के सबसे पुराने एक्सचेंज की स्थापना का श्रेय चार गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स को जाता है। ये सभी 1840 के आसपास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या में साल दर साल बढ़ोत्तरी होती रही। 1875 में इन्होंने अपना नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन बना लिया। साथ ही दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया।