मुद्रा विनिमय

प्रत्येक व्यक्ति को तीन ऋणों से छुटकारा पाना होता था। इन ऋणों से छुटकारा पाने पर ही व्यक्ति का जीवन सफल माना जाता था।
मुद्रा विनिमय
मध्य देश
आर्थिक स्थिति
- इस काल में पशुपालन की जगह कृषि प्रथम पेशा बन गया। ‘शतपथ ब्राह्मण ’ में कृषि से संबंधित चारों क्रियाओं - जुताई , बुआई , कटाई तथा मड़ाई का उल्लेख किया गया है। इस ग्रंथ में ‘ विदेह माधव ’ की कथा का भी उल्लेख मिलता है , जिससे यह संकेत मिलता है कि आर्य सम्पूर्ण गंगाघाटी में कृषि करने लगे थे।
- इस काल में लोहे से बने उपकरणों के प्रयोग से कृषि क्षेत्र में क्रांन्ति आ गई। यजुर्वेद में लोहे के लिए ‘ श्याम अयस’ शब्द का प्रयोग हुआ है। लोहे से बने उपकरणों के प्रयोग से कृषि विस्तार के साथ - साथ फसलों की संख्या में भी वृद्धि हुई और धान प्रमुख फसल बन गई। अतरंजीखेड़ा में पहली बार कृषि से संबंधित लौह उपकरण प्राप्त हुए हैं।
- उत्तर वैदिक काल में कृषि में विस्तार , शिल्पों में कुशलता , व्यापार एवं वाणिज्य में विस्तार के परिणामस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि हुई।
- इस काल के लोग चार प्रकार के बर्तनों ( मृद्भांडों) से परिचित थे - काले व लाल रंग मिश्रित मृद्भांड , काले रंग के मृद्भांड , चित्रित धूसर मृद्भांड और लालमृद्भांड।
- ब्राह्मण ग्रंथों में ‘ श्रेष्ठिन ’ का भी उल्लेख मिलता है। ‘ श्रेष्ठिन ’ श्रेणी का प्रधान व्यापारी होता था।
- निष्क , शतमान , पाद , कृष्णल , रत्तिका तथा गुंजा आदि माप की भिन्न - भिन्न इकाइयां मुद्रा विनिमय थीं। निष्क जो ऋग्वैदिक काल में स्वर्ण आभूषण था , अब एक मुद्रा माना जानेलगा।
- व्यापार पण द्वारा संम्पन्न होता था , अतः उत्तर वैदिक काल में मुद्रा का प्रचलन हो चुका था परन्तु सामान्य लेन - देन में वस्तु विनिमय का प्रयोग किया जाता था। निष्क , शतमान , कृष्णल और पाद मुद्रा के प्रकार थे।
- उत्तर वैदिक आर्यों को समुद्र का ज्ञान हो गया था। इस काल के साहित्य में पश्चिमी और पूर्वी दोनों प्रकार के समुद्रों का वर्णन है। वैदिक ग्रंथों में समुद्र यात्रा की भी चर्चा है , जिससे वाणिज्य एवं व्यापार का संकेत मिलता है।
- स्वर्ण एवं लोहे के अतिरिक्त इस युग के आर्य टिन , तांबा , चांदी और सीसा से भी परिचित हो चुके थे।
- धातु शिल्प उद्योग बन चुका था। इस युग में धातु गलाने का उद्योग बड़े पैमाने पर होता था। संभवतः तांबे को गलाकर विभिन्न प्रकार के उपकरण एवं वस्तुएं बनाई जाती थीं।
- उत्तर वैदिक काल में वस्त्र निर्माण उद्योग एक प्रमुख उद्योग था। कपास का उल्लेख नहीं मिलता है। उर्ण ( ऊन) , शज ( सन) का उल्लेख इस काल में मिलता है।
- सिक्के का अभी नियमित प्रचलन आरंभ नहीं हुआ था।
- ऋण - इनकी संख्या तीन थीं मुद्रा विनिमय - (1 ) पितृ ऋण ,(2 ) ऋषि ऋण ,(3 ) देव ऋण।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कौन-कौन से देशों की करेंसी शामिल है?
हम सभी ने लगभग वो फिल्में देखी होगी जिसमें राजा-महाराजा किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए धन, सोना, चांदी, आदि को तहखानों या फिर किसी सीक्रेट रूम में रखते थे. ठीक उसी प्रकार से केंद्र सरकारें विदेशी मुद्रा भंडार रखती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार का मतलब वह संपत्ति है जो किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा में उपलब्ध होती है. इसमें विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आदि शामिल है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. आरबीआई ऐसी प्रॉपर्टीज का एक बफर रखता है, जिससे वह संकट के समय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मुद्रा विनिमय करता है. अब नाम में ही विदेशी करेंसी है तो जाहिर से बात है कि भंडार उसी की वैल्यू के हिसाब से होता होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि भारत किस-किस देश की करेंसी में संपत्ति होल्ड करता है?
Canada Ka 1 Dollar / Indian Rupees – Canada Ka 1 Dollar India Me Kitna Hoga
कनाडा डॉलर रेट इंडिया – Canada Ka 1 Dollar India Me Kitna Hoga
वर्तमान में कनाडा और भारत के मुद्रा विनिमय मूल्य के अनुसार कनाडा का 1 डॉलर भारत में लगभग 60.33 रुपये के बराबर है। कैनेडियन डॉलर का भारतीय रुपये के मुकाबले मुद्रा विनिमय मूल्य पिछले 5 वर्षों से लगातार 50 रुपये से 60 रुपये के बीच रहा है।
वर्ष 2000 की शुरुआत में, एक कैनेडियन डॉलर 30 भारतीय रुपये के बराबर था, जबकि पिछले 22 वर्षों में, 2022 में, 1 कैनेडियन डॉलर लगभग 60.33 रूपए के बराबर है।
What मुद्रा विनिमय is the price of 200 of Canada in India in 2022 (Jan to Dec)
Month | CAN $ | INR |
---|---|---|
Jan | CAN 200 | ₹ 58 |
Feb | CAN 200 | ₹ 58 |
Mar | CAN 200 | ₹ 59 |
Apr. | CAN 200 | ₹ 60 |
May | CAN 200 | ₹ 59 |
Jun | CAN 200 | ₹ 61 |
Jul | CAN 200 | ₹ 61 |
Aug | CAN 200 | ₹ 61 |
Sep | CAN 200 | ₹ 60 |
Oct | CAN 200 | ₹ 59 |
Nov | CAN 200 | ₹ 61 |
Dec | CAN 200 | ₹ 60 |
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Canada Ka 100 India Ka Kitna Hoga
What is $100 Canadian in Indian rupees? हर देश की मुद्रा के मूल्य में हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है, ऐसा उस देश की आर्थिक स्थिति के कारण होता है। जब 2022 मुद्रा विनिमय में एक कैनेडियन डॉलर की वैल्यू इंडिया में लगभग 60 रूपए के बराबर है, तो इसका मतलब कनाडा का 100 डॉलर इंडिया में 6000 रूपए के करीब होगा।
जैसे नीचे टेबल में देखिए कितने कैनेडियन डॉलर कितने रुपए के बराबर होते हैं।
Canada Dollar / Indian Rupees Exchange Value (Dec 2022):
CAN $ | INR |
---|---|
$10 | ₹ 603.32 |
$20 | ₹1206.65 |
$30 | ₹1809.97 |
$40 | ₹2413.3 |
$50 | ₹3016.62 |
$60 | ₹3619.94 |
$70 | ₹4223.27 |
$80 | ₹4826.59 |
$90 | ₹5429.91 |
$100 | ₹6033.24 |
सोने और चांदी की कीमतें: सोने की कीमतें 52,980 रुपये, चांदी 61,400 रुपये !
बिजनेस न्यूज डेस्क . घरेलू बाजारों में मंगलवार को सोने की कीमतें 52,980 रुपये के समान स्तर के आसपास मँडरा रही थीं, क्योंकि व्यापारी चीन की अपनी कोविड नीतियों को लेकर मौजूदा नागरिक अशांति से असहज हैं। 29 नवंबर मंगलवार को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 52,980 रुपए थी। 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत औसतन 48,560 रुपए रही। चांदी की कीमत 61,400 रुपये तक लुढ़क मुद्रा विनिमय गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, पीली धातु पांच सत्रों में पहली बार निचले स्तर पर बंद होने से पहले सोमवार को एक सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गई। पिछले सत्र में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट के बाद मंगलवार को शुरुआती एशियाई कारोबार में सोने की कीमतें सपाट थीं, क्योंकि यूएस फेड रिजर्व ने कहा था कि मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरें फिर से वापस आ सकती हैं। हाजिर सोना 0007 जीएमटी के अनुसार 1,741.13 डॉलर प्रति औंस पर सपाट था। अमेरिकी सोना वायदा 1,739.60 डॉलर पर थोड़ा बदला हुआ था।
RBI Digital Rupee: जानिए कितने प्रकार की होती है डिजिटल कैरेंसी, कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल
RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक आज यानि की 1 दिसंबर से डिजिटल कैरेंसी की शुरुआत कर रहा है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने भारत के चार शहरों नई दिल्ली, भुवनेश्वर, मुंबई और बेंगलुरु को चुना है। इन चारों शहरों में डिजिटल कैरेंसी के सफल होने के बाद मुद्रा विनिमय दूसरे अन्य शहरों को चुना जायेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी।
आइए जानते हैं डिजिटल कैरेंसी के बारें में और आप इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं-
डिजिटल कैरेंसी कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा। केवल इसका रूप अलग है। डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं। इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है। डिजिटल रुपया वर्तमान में यूज किए जा रहे कागज के नोट और सिक्कों की के प्राइज के समान ही होगा। इसे बैंकों की ओर से जारी किया जायेगा।
भारत में डिजिटल कैरेंसी दो प्रकार की होगी। एक रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R) और होलसेल दूसरा सीबीडीसी (CBDC-W)। रिटेल सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्तीय संस्थानों के लिए होगा।
डिजिटल कैरेंसी पर नहीं मिलेगा कोई ब्याज-
डिजिटल कैरेंसी पर किसी तरह का कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इस कैरेंसी को आपके बैंक खाते में आसानी से जमा किया जा सकता है, जो अन्य भारतीय रुपये के ही बराबर होगा।
डिजिटल कैरेंसी ज्यादा सुरक्षित-
अन्य डिजिटल मुद्रा विनिमय लेन-देन से डिजिटल कैरेंसी ज्यादा सुरक्षित होगी। ये कैरेंसी यह ब्लॉकचेन पर आधारित मुद्रा विनिमय है जिसमें सेंध लगाना काफी मुश्किल है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में भुगतान तेजी से होता है।