ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें | How to Learn Option Trading
नमस्कार प्रिय पाठक आज इस लेख में हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं जब लोग शेयर मार्केट में नए-नए आते हैं तो उनको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में पता चलता है लेकिन हमने आज तक यह देखा है कि इंटरनेट पर ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में किसी ने भी अच्छे से जानकारी प्रदान नहीं की है तो आज के इस लेख में आपको ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें, ऑप्शन ट्रेडिंग कहां करें, ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है, ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे, ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान ऑप्शन और ट्रेडिंग के प्रकार आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें – How to Learn option Trading
यदि आप शेयर बाजार में बिल्कुल नहीं है तो हमारा सुझाव यह रहेगा कि आप ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सीख सकते हैं लेकिन आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करना नहीं है
क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि जब कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में नया आता है तो वह इक्विटी के अंदर ट्रेड करता है इक्विटी के अंदर अक्सर देखा गया है कि कम प्रॉफिट होता है
अब जब व्यक्ति को ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में पता चलता है तो वह ऑप्शन ट्रेडिंग को करने लगता है लेकिन आपको हमेशा यह याद रखना है कि ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अच्छे से सीख कर ही आपको इसमें अपना पहला कदम रखना है
यदि आप शेयर मार्केट में पहले से ही ट्रेडिंग करते हैं तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग को समझने में ज्यादा टाइम नहीं लगेगा क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग भी इक्विटी की तरह ही होती है इसमें बस सबसे बड़ा फर्क यह होता है कि इक्विटी में मूवमेंट बहुत ही धीरे-धीरे होती है जबकि ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर मूवमेंट पलक झपकते ही काफी ज्यादा ऊपर से नीचे हो जाती है
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है – What is option trading
ऑप्शन ट्रेडिंग का मतलब किसी इंडेक्स के जैसे कि निफ्टी और बैंक निफ़्टी ऊपर जाने वाला है या नीचे जाने वाला है उसके हिसाब से आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से बैंक निफ्टी और निफ्टी की कॉल और पूट को खरीदना पड़ता है
- यदि मार्केट ऊपर जाने वाला है तो आपको कॉल ऑप्शन खरीदना पड़ता है
- मार्केट नीचे जाने वाला है तो आपको पुट ऑप्शन खरीदना पड़ता है
हम आपको बता दें ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय बहुत ही सावधानी रखनी पड़ती ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं है मार्केट के सेंटीमेंट को और टेक्निकल को अच्छे से समझने के बाद ही ट्रेडिंग की जाती है यदि कोई व्यक्ति ऐसे ही ऑप्शन ट्रेडिंग की शुरुआत करता है तो हमेशा बर्बाद ही होता है इसलिए यह बात याद रखें कि आपको हमेशा ऑप्शन चाहिए तब ही शुरू करनी है जब आप इसके बारे में अच्छे से सीख जाए
ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे – Benefit of option trading
हम आपको बताना चाहते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर पैसा बहुत ही तेजी से बनता है यहां पर मार्केट की फ्लकचुएशन के हिसाब से आपके ऑप्शन का प्रीमियम में काफी तेजी से उतार और चढ़ाव आता रहता है ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय आपको बिल्कुल अलर्ट होकर बैठना पड़ता है ऑप्शन ट्रेडिंग मैं आपको बिना किसी डिस्क्रिप्शन के साथ में काम करना पड़ता है
- ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर बहुत जल्दी पैसा बनता है
- ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर आप कम पैसों के साथ ज्यादा पैसा बना सकते हैं
- यहां पर 1 दिन में अपने पैसों ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं का कई गुना कर सकते हैं
- यदि आप शेयर मार्केट में बहुत जल्दी ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए है लेकिन इससे पहले आपको इसके बारे में अच्छे से सीखना चाहिए
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान – Disadvantage of option trading
जिस प्रकार ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर बहुत तेजी से पैसा बनता है उसी तरह यहां पर पैसा बर्बाद बहुत तेजी से होता है यदि कोई व्यक्ति बिना सीखें ही ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर घुसता है
तो वह व्यक्ति कुछ दिनों के भीतर ही अपने सारे पैसे यहां पर गवा देता है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही खतरनाक ट्रेडिंग है ऑप्शन ट्रेडिंग एक एक्सपीरियंस व्यक्ति ही अच्छे से कर पाता है अक्सर यह देखा गया है कि ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर नए व्यक्ति हमेशा बर्बाद होते हैं
- ऑप्शन ट्रेडिंग बहुत ही खतरनाक ट्रेनिंग है
- ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर पैसा बहुत ही तेजी के साथ loss में बदलता है
- अक्सर यह देखा गया है कि ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले 100 में से 90 लोग Loss ही करते हैं
- हमेशा ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय उतनी ही पैसे लगाने चाहिए जितने पैसे होने पर आपको किसी प्रकार का दुख नहीं हो
कॉल और पुट में क्या ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं अंतर है – what is the difference between call and put
कॉल और पूट में क्या अंतर है जब बैंक निफ़्टी और निफ्टी ऊपर जाने वाला होता है तब आपको अपने Demat अकाउंट में कॉल ऑप्शन खरीदना होता है
जब बैंक निफ्टी और निफ्टी नीचे जाने वाला होता है तब आपको पुट ऑप्शन खरीदना पड़ता है
ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने में कितना समय लगता है
यदि आप पूरे लगन और मेहनत के साथ में ऑप्शन ट्रेडिंग सीखने का कार्य करते हैं तो आपको 1 से 2 साल का समय लगता है
ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है
Option trading पर कितना चार्ज लगेगा यह आपका डिमैट अकाउंट किस ब्रोकर के पास है उसके ऊपर निर्भर करता है क्योंकि मार्केट में कई सारे ऐसे ब्रोकर है जो ₹10 ऑप्शन ट्रेडिंग पर चार्ज करते हैं जबकि कुछ ब्रोकर ₹20 और कुछ ब्रोकर तो ₹50 तक भी ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए चार्ज करते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे किया जाता है
भारतीय शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग पैसे कमाने का सबसे फास्ट तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना बहुत ही आवश्यक है डीमेट अकाउंट के बाद आपके पास सही नॉलेज का होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि बिना सीखे ऑप्शन ट्रेडिंग करना मतलब बर्बाद होना है
ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स – option trading tips
हमारे पास आपके लिए ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कुछ अच्छे टिप्स है
- ऑप्शन ट्रेडिंग के अंदर आपको कभी भी ज्यादा पैसे के साथ में ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए
- हमेशा ऑप्शन ट्रेडिंग चेक कर ही करनी चाहिए बिना सीखे कभी भी ऑप्शन ट्रेडिंग में नहीं गुसना चाहिए
- कभी भी और कॉन्फिडेंस और लालच में आकर ऑप्शन ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए
- हमेशा डिसिप्लिन के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहिए
शुरुआती लोगों के लिए कौनसा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है
यदि आप शेयर मार्केट में बिल्कुल नहीं है तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए नए लोगों के लिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने का सबसे अच्छा तरीका स्विंग ट्रेडिंग है
निष्कर्ष – Option trading Meaning Conclusion
आज के इस लेख ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे मैं आपने ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में संपूर्ण जानकारी जानने जानी है यदि आपका इसलिए से संबंधित कोई भी सवाल किया सुझाव है तो आप हमारे साथ कमेंट में साझा कर सकते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
क्या आप ट्रेडिंग और निवेश के बीच अंतर जानते हैं
ट्रेंडिंग और निवेश दो अलग-अलग शब्द है, जिनका उपयोग अक्सर एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है, परंतु इन दोनों शब्दों का अर्थ अलग-अलग होता है, तो आज हम आपको इन दोनों शब्दों के बीच का अंतर बताएंगे साथ ही इन दोनों से क्या फायदे होते हैं, और क्या नुकसान होते हैं, इसके बारे में भी विस्तार से बताएंगे:-
ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग में अल्पकालिक या मध्यम अवधि के लाभ कमाने के लिए शेयर स्टॉक और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदना और बेचना आदि शामिल होता है. ट्रेडिंग उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त होती है, जो सक्रिय रूप से अपना पोर्टफोलियो मैनेज कर सकते हैं, और जिन्हें मार्केटिंग का थोड़ा अनुभव होता है.
निवेश क्या है?
निवेश लंबे क्षितिज पर शेयर्स और अन्य सिक्योरिटीज़ को खरीदने और बेचने पर आधारित होता है. यह उन लोगों के लिए आदर्श होता है, जिनके पास कोई काम नहीं होता और ज्यादा खाली समय रहता है. साथ ही वह बिना किसी प्रकार के जोखिम के अपने फंड को निष्क्रिय रूप से प्रबंधित करना पसंद करते हो.
ट्रेडिंग और निवेश के बीच अंतर
समय अवधि
ट्रेडिंग और निवेश के बीच मुख्य अंतर समय अवधि का होता है. ट्रेडिंग में निवेश की तुलना में समय अवधि कम होती है. साथ ही हम आपको बता दें कि ट्रेडिंग कई प्रकार की होती हैं, और अधिक से अधिक ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं दो-तीन सप्ताह के लिए अपनी स्थित को खुला रखती हैं.
जबकि निवेश में ऐसा कुछ नहीं होता निवेश उन लोगों द्वारा किया जाता है, जो अपनी सिक्योरिटीज़ को अधिक वर्षो तक करना चाहते है.
जोखिम का स्तर
जोखिम का स्तर एक ऐसा अंतर है, जो ट्रेडिंग और निवेश में पैसे के प्रबंधन की शैली को निर्धारित करने में आपकी सहायता कर सकता है, ट्रेडिंग में उच्च जोखिम सम्मिलित होता है क्योंकि यह अल्पकालिक होता है, और अल्पकालिक के लिए बाजार में गिरावट आपकी पूंजी को डूबा सकती है.
और अगर हम बात करें निवेश की तो निवेश कम जोखिम भरा हुआ होता है, और इसके अतिरिक्त अल्पकालिक प्रवृत्ति परिवर्तन शायद ही आपके दीर्घकालिक निवेश को प्रभावित करते हैं.
रिटर्न
ट्रेडिंग में तुरंत रिटर्न सम्मिलित होता है, जैसे ही आप स्थित में ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं अंदर और बाहर होते हैं, ठीक उसी प्रकार आप मार्केट में अधिक महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव से दूर हो जाते हैं, और अगर हम बात करें, निवेश की तो निवेश बेहतर रिटर्न दे सकता ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं है क्योंकि आप लंबी अवधि के लिए निवेशित रहते हैं, और बाजार में उतार-चढ़ाव से अधिक लाभ प्राप्त करते हैं.
शामिल विश्लेषण
ट्रेडिंग और निवेश में शामिल विश्लेषण एक मुख्य अंतर होता है, ट्रेडर्स अक्सर तकनीकी विश्लेषण और संकेतकों पर आधारित होते हैं, जबकि निवेशक निर्णय लेने के लिए मूलभूत विश्लेषण का उपयोग करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग चार्ट पैटर्न और विभिन्न मार्केट एनालिसिस टूल का लाभ उठाते हैं, जो उन्हें तुरंत मार्केट की गतिविधियों को कैप्चर करने और सिक्योरिटीज़ को खरीदने और बेचने में सहायता करते हैं, निवेशक स्टॉक को खरीदने और बेचने का निर्णय लेने के लिए ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं कम्पनी के बुनियादी प्रदर्शन बैलेंस शीट्स, एसेट्स और अन्य बुनियादी बातों का उपयोग करते हैं.
ट्रेडिंग के फायदे
ट्रेडिंग के अंदर कम समय अंतराल सम्मिलित होता है.
ट्रेडिंग अल्पकालिक में अच्छे रिटर्न पाने की क्षमता प्रदान करता है.
ट्रेडिंग कम पूंजी के साथ कई ट्रेड करने में मदद करता है.
ट्रेडिंग के नुकसान
ट्रेडिंग उच्च जोखिम भरा हुआ होता है.
ट्रेडिंग में आप मार्केट के बड़े उतार-चढ़ाव को कैप्चर नहीं कर सकते हैं.
ट्रेडिंग में आपको अच्छा रिटर्न पाने के लिए कौशल और गहन अभ्यास करने की आवश्यकता होती है.
निवेश के फायदे
निवेश के अंतर्गत आपको धैर्य के साथ पीढ़ीगत धन बनाने में सहायता करता है.
निवेश बाजार के बड़े उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है.
निवेश के अंतर्गत आपको अत्यधिक गहन अभ्यास, और अधिक कौशल की आवश्यकता नहीं होती है .
निवेश के नुकसान
निवेश के अंतर्गत अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण निवेश करने की आवश्यकता होती है.
निवेश के अंतर्गत पैसे को बढ़ाने के लिए आपको अत्यधिक धैर्य रखने की आवश्यकता होती है.
निवेश में छोटे पूंजी के साथ रिटर्न शायद अच्छा नहीं हो सकता है, परंतु निष्क्रिय आय पाने के लिए आपको काफी मात्रा में धन निवेश करने की आवश्यकता होती है.
ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों.
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-
> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।
> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।
> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।
> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।
> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।
> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।
> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।
> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें।
> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।
> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।
> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।
> ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।
> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।
> पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।
> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।
> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।
> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।
डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।
Bitcoin, Ether को नुकसान, पर ज्यादातर ऑल्टकॉइंस फायदे में, जानें क्रिप्टो मार्केट का हाल
ईथर (Ether) की वैल्यू में 0.99 फीसदी की कमी देखी गई है.
डॉजकॉइन और शीबा इनु ने मुनाफा दर्ज कर चार्ट में खुद को ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ग्रीन बना लिया है.
खास बातें
- दुनिया की टॉप दो क्रिप्टोकरेंसीज ने ट्रेडिंग में नुकसान दर्ज किया है
- जबकि ज्यादातर altcoins ने मुनाफा दर्ज करके चौंकाया है
- क्रिप्टो सेक्टर का मौजूदा मार्केट कैप 900 अरब डॉलर है
दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत बीते सप्ताह 20,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) तक गिर गई थी. इसके बाद से इसे छोटे नुकसान हो रहे हैं. गुरुवार को BTC की ट्रेडिंग एक फीसदी से कम की गिरावट के साथ शुरू हुई. इंडियन एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार, फिलहाल बिटकॉइन 21,452 डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा है. इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर भी इसे छोटे नुकसान का सामना करना पड़ा है. Binance और Coinbase के अनुसार बिटकॉइन का मूल्य 0.46 फीसदी गिरकर 20,199 डॉलर (लगभग 15.80 लाख रुपये) पर आ गया है.
बाजार में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच गैजेट्स 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर पर ईथर (Ether) की वैल्यू में 0.99 फीसदी की कमी देखी गई है. यह वर्तमान 1,143 डॉलर (लगभग 89,500 रुपये) पर कारोबार कर रहा है.
दुनिया की टॉप दो क्रिप्टोकरेंसीज ने ट्रेडिंग में नुकसान दर्ज किया है, जबकि ज्यादातर altcoins ने क्रिप्टो प्राइस चार्ट पर मुनाफा दर्ज करके चौंकाया है. यह संकेत दे सकता है कि BTC और ETH के उलट सस्ते altcoins में पूंजी का प्रवाह दिखाई दे रहा है. Tether, ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं USD Coin और Binance USD जैसे सिक्कों को भी थोड़ा फायदा हुआ है. मीम कॉइंस के तौर पर चर्चित डॉजकॉइन (DOGE) और शीबा इनु (SHIB) ने भी मुनाफा दर्ज कर चार्ट में खुद को ग्रीन बना लिया है.
हालांकि Bitcoin Cash, Monero, Elrond और Bitcoin SV ने घाटा दर्ज कर खुद को बिटकॉइन और ईथर के साथ खड़ा किया है. कुल मिलाकर, छोटे altcoins ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ने अच्छे संकेत दिखाना शुरू कर दिया है, जबकि महंगी क्रिप्टोकरेंसी निवेश ऑप्शन के रूप में अभी नहीं उभर रही हैं. पिछले हाल के दिनों में निवेशकों ने शॉर्ट बिटकॉइन फंड से 5.8 मिलियन डॉलर (लगभग 45 करोड़ रुपये) रिडीम किए हैं. CoinShares की यह रिपोर्ट इशारा देती है कि इस समय क्रिप्टो इंडस्ट्री में नकारात्मकता अपने पीक पर है.
CoinMarketCap के अनुसार, क्रिप्टो सेक्टर का मौजूदा मार्केट कैप 900 अरब डॉलर (लगभग 70,49,601 करोड़ रुपये) है. मंदी की आशंका और क्रिप्टो सेग्मेंट में दिख रही निराशा के बावजूद दुनियाभर में क्रिप्टो को ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं लेकर योजनाएं आगे बढ़ रही हैं. चाहे क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ऑप्शन के रूप में अपनाना हो या फिर इससे जुड़े नियमों को फाइनलाइज करना हो, तमाम देशों में यह काम हो रहा है.