क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

Cryptocurrency bill in india Hindi: कर दिया भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी बैन | डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021
भारतीय सरकार ने 23 नवम्बर 2021 को cryptocurrency bill लाने का निर्णय लिया जिसके तहत सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया जायेगा और एक सरकार द्वारा नियंत्रित क्रिप्टो लाई जाएगी। यह बिल भारतीय संसद में 29 नवम्बर 2021 से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। आइए जानते है डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021
Cryptocurrency bill in india Hindi: कर दिया भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी बैन | डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021
भारतीय सरकार ने 23 नवम्बर 2021 को cryptocurrency bill लाने का निर्णय लिया जिसके तहत सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया जायेगा और एक सरकार द्वारा नियंत्रित क्रिप्टो लाई जाएगी। यह बिल भारतीय संसद में 29 नवम्बर 2021 से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। आइए जानते है डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021
Cryptocurrency in India: क्रिप्टोकरेंसी को कानून के दायरे में लाने के खिलाफ हैं 54 फीसदी भारतीय-सर्वे
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन वि . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 25, 2021, 12:38 IST
Cryptocurrency News: इस बात की खबरें तेजी से फैल रही हैं कि भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में इस बारे में बिल लेकर आ रही है. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर, सोमवार से शुरू हो रहा है.
सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार (Cryptocurrency Price Today) धड़ाम हो गया. लगभग हर बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई.
सरकार क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) नाम से क्रिप्टोकरेंसी के नियमन का बिल ला रही है. इस बिल के माध्यम क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता से सरकार रिजर्व बैंक के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है.
क्या कहता है सर्वे (Opinion Poll on Crypto)
भारत में एक बड़ा वर्ग क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टोकरेंसी को कानून के दायरे (cryptocurrencies legalized) में लाने के खिलाफ है. क्रेप्टोकरेंसी को लेकर एक ओपिनियन पोल जारी किया गया. इस सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई कि 54 प्रतिशत भारतीय क्रिप्टो को कानून के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं.
15 दिन चले इस सर्वे में देश के अलग-अलग हिस्सों से 56 हजार लोगों को शामिल किया गया और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनके विचार जाने गए. केवल 26 फीसदी लोगों ने क्रिप्टो को कानूनी दायरे में लाने की बात कही, जबकि 20 फीसदी लोगों की इस बारे में कोई राय नहीं थी.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों में भारत में सबसे आगे है. इसके बाद भी ज्यादातर लोग इसे कानून के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं.
संसद की स्थायी समिति में विचार
बता दें कि पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी. 16 नवंबर को वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन, क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार किया था. इस मीटिंग में यह बात निकल सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है.
क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill)
केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) पेश करेगी. इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है. इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है. साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा.
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क्रिप्टो फ्रॉड को रोक पाने में इंटरपोल ने खड़े किए हाथ, लेकिन इसे रोकना मुश्किल नहीं, पढ़ें कैसे?
इंटरपोल के ठीक विपरीत हिंदुस्तानी पुलिस और प्रवर्तन विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो "क्रिप्टोकरेंसी क्राइम" गंभीर अपराध या बीमारी तो समाज के लिए है मगर, यह लाइलाज नहीं है, आइए जानते हैं आखिर कैसे?
संजीव चौहान | Edited By: M. Nuruddin
Updated on: Oct 21, 2022 | 11:06 PM
क्रिप्टोसरेंसी तकनीक भले ही शेयर मार्केट को पलक झपकते फर्श से अर्श तक पहुंचाने की कुव्वत क्यों न रखती हो. इसकी मदद से मगर दुनिया में एक बड़े क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता आर्थिक संगठित अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है. इसी की बदौलत दुनिया के इंटरनेशनल स्तर पर बदनाम कई संगठित गिरोह सालाना अरबों डॉलर का काला कारोबार कर रहे हैं. इन सनसनीखेज तथ्यों का खुलासा तो दुनिया का पहले नंबर का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय साझा पुलिस संगठन यानी इंटरपोल करता है.
क्रिप्टोकरेंसी की आड़ में हो रहे इस आर्थिक क्राइम को मगर खतम करने का कोई “मूलमंत्र” इंटरपोल के पास भी नहीं है. इंटरपोल के ठीक विपरीत हिंदुस्तानी पुलिस और प्रवर्तन विभाग के विशेषज्ञों की मानें तो “क्रिप्टोकरेंसी क्राइम” गंभीर अपराध या बीमारी तो समाज के लिए है मगर, यह लाइलाज नहीं है, आइए जानते हैं आखिर कैसे?
यूं तो अब तक दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी की आड़ में अरबों-खरबों की ठगी की खबरें आती ही रहती थीं. अब भारत की राजधानी दिल्ली में चार दिन चली इंटरपोल की 90वीं आम महासभा में भी इसकी पुष्टि हो गई कि, क्रिप्टोकरेंसी दुनिया में सबसे बड़े आर्थिक फ्रॉड फार्मूले के रूप में उभर कर सामने आई है, जिसका इंटरपोल के पास कोई “तोड़” या फिर “इलाज” हाल फिलहाल तो नहीं है.
क्रिप्टो संबंधी आर्थिक फ्रॉड को रोका जा सकता है!
इस बारे में टीवी9 भारतवर्ष ने शुक्रवार को देश की तमाम चुनिंदा हस्तियों क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता से बात की. अग्मूटी कैडरभारतीय पुलिस सेवा 1984 बैच के पूर्व अधिकारी और हिंदुस्तान के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रिटायर्ड निदेशक कर्नल सिंह ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी की आड़ लेकर होने वाले आर्थिक फ्रॉड्स रोके जा सकते हैं. बशर्ते इसके लिए दुनिया के हर देश को पहले अपने-अपने यहां एक केवाईसी नंबर सिस्टम लागू करना होगा. वो केवाईसी सिस्टम जो सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी संबंधी लेनदेन पर ही लागू होगा. इसके अलावा हर देश को एक इस केवाईसी नंबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करने की सुविधा बनानी होगी, ताकि अगर कोई भारत में बैठकर क्रिप्टोकरेंसी की आड़ में फ्रॉड करने की कोशिश करे तो, उसके बारे में दूसरे देश से भी तुरंत संपर्क स्थापित हो सके, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं पर तत्काल लगाम लगाई जा सके.”
इंटरपोल को कोसना गलत!
सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक शांतनु सेन ने कहा, “इंटरपोल को मत कोसिए. वो बिना दांत का शेर है. इंटरपोल कुछ नहीं कर सकता है. सिवाए एक अदद दुनिया में अपने सदस्य देशों की एक देश से दूसरे देश के, अधिकारियों और नेताओं की लाइजनिंग करवाने के. हां, जहां तक बात क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फाइनेंशियल फ्रॉड्स की बात है तो, इसके लिए कोई विशेष अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था गठित होनी चाहिए. जो सिर्फ और सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराध और अपराधियों पर ही नजर रखे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले लंबे समय तक क्रिप्टोकरेंसी को अपराधी अपनी काली कमाई के लिए इस्तेमाल करते रहेंगे. और संबंधित देशों की सरकारें टैक्स के रूप में अपने लिए क्रिप्टोकरेंसी को इस्तेमाल करती रहेंगी.”
एजेंसियों का आंख में धूल झोंक निकल जाते हैं अपराधी
भारतीय पुलिस सेवा 1998 बैच के पूर्व आईपीएस और दिल्ली के रिटायर्ड संयुक्त आयुक्त अनिल कुमार ओझा ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी का बेजा इस्तेमाल करने वाले दुनिया के किसी भी देश की जांच या पुलिस एजेंसी से ज्यादा काबिल हैं. एजेंसियां सिर्फ जांच पड़ताल और ऐसे आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण पाने के नाम पर सिर्फ दिखावा करती हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी से मोटी कमाई करने वाले अपराधी सबकी आंखों में धूल क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता इसलिए झोंकने में कामयाब रहते हैं, क्योंकि वे अपना काम हमारी एजेंसियों से कहीं ज्यादा बेहतरी से करते हैं. जब तक किसी भी देश की जांच और पुलिस एजेंसियां खुद को क्रिप्टोकरेंसी और उससे काली कमाई करने वाले अपराधियों से निपटने के लायक ईमानदारी से नहीं बनाएंगी. तब तक क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता का हौवा दुनिया को डराता ही रहेगा.”
फ्रॉड पर लगाम लगाना मुश्किल नहीं!
उत्तर प्रदेश कैडर 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी और इन दिनों गोंडा जिले के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर से भी इस मुद्दे पर टीवी9 भारतवर्ष ने शुक्रवार रात बात की. बकौल एसपी आकाश तोमर, “क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस के साथ साथ अपराध की दुनिया में एक कुरीती के बतौर भी निकल कर सामने आ रहा है. ऐसा नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी में कोई ऐब है. हां, ऐब यह है कि इसकी चलन की प्रक्रिया में इंटरनेशनल स्तर पर साइबर अपराधियों ने सेंध लगा दी है. यह समाज के लिए खतरनाक है. ऐसा नहीं है कि इन अपराधियों पर काबू नहीं पाया जा सकता है. बस क्रिप्टोकरेंसी से क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता जुड़े अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए एजेंसियों को बेहद सतर्क और तत्पर रहना होगा. मैंने ही इससे जुड़े तमाम केस अपनी पुलिस सर्विस में खोले हैं. उसी का निजी अनुभव शेयर कर रहा हूं.”
पीएम मोदी ने यूएन की समिट में कही थी बड़ी बात
यहां बताना जरूरी है कि दुनिया भर के देशों की जांच और प्रवर्तन एजेंसियां अभी तक, क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली धोखाधड़ियों के तौर-तरीकों का ही पता लगाने में जुटी हैं. इससे ट्रांजेक्शन के नए-नए तरीके सामने निकल कर आ रहे हैं. पुलिस किसी केस में एक तय नेटवर्क तक ही जांच के काम को अंजाम दे पाती है. तभी किसी भी जांच एजेंसी को पता लगता है कि आखिर किसी दूसरे केस में, तो पहले केस से भी ज्यादा पेचीदगी मौजूद है. डार्क वेब नेटवर्क जैसी तकनीकों का तोड़ निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं. दक्षिण कोरिया से देश ने डाटा इंटेलिजेंस स्टार्टअप शुरू किए हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “यूएन समिट फॉर डेमोक्रेसी” में कहा था कि, सोशल मीडिया-क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता जैसी उभरती तकनीक के लिए, वैश्विक नियम-कायदे कानून बनाने पड़ेंगे. उनका कहना था कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए होना चाहिए, न कि किसी देश को कमजोर करने के लिए.