शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है?

शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है?
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Demat Daka: शेयर बाजार में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता क्यों है? देखिए Zee Business का स्पेशल इन्वेस्टिगेशन

अनिल सिंघवी का कहना है कि हम हैरान है कि ब्रोकर्स और एक्सचेंज साइबर अटैक को मानने के लिए तैयार नहीं. Zee Business का उद्देश्य ब्रोकर्स, डिपॉजिटरी, एक्सचेंजों को घोटालों से सचेत करना है. शेयर बाजार में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता क्यों है? देखिए Zee Business का स्पेशल इन्वेस्टिगेशन शो 'ऑपरेशन डीमैट डाका' - EPISODE 2.

लॉकडाउन के बाद भी क्यों बंद नहीं होगा शेयर बाजार? जानिए

भारत समेत अधिकांश दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है. इसी के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी बड़ी उथल पुथल देखने को मिल रही है. भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर से 30 फीसदी टूट चुके हैं. ऐसे में कई निवेशकों के मन में यह सवाल है कि आखिर जब देशभर में फैक्ट्रियां, बाजार और तमाम आर्थिक गतिविधियां बंद हैं तो शेयर बाजार को बंद क्यों नहीं किया जा रहा?

फोटोः इंडिया टुडे

शुभम शंखधर

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2020,
  • (अपडेटेड 25 मार्च 2020, 7:36 PM IST)

भारत समेत अधिकांश दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है. इसी के चलते दुनिया भर के शेयर बाजारों में भी बड़ी उथल पुथल देखने को मिल रही है. भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर से 30 फीसदी टूट चुके हैं.

ऐसे में कई निवेशकों के मन में यह सवाल है कि आखिर जब देशभर में फैक्ट्रियां, बाजार और तमाम आर्थिक गतिविधियां बंद हैं तो शेयर बाजार को बंद क्यों नहीं किया जा रहा? आखिर क्यों वित्तीय बाजार से जुड़े लोगों को आवश्यक सेवाओं प्रदाताओं की तरह आवाजाही की इजाजत की जा रही है?

इन सवालों का जवाब देते हुए बाजार विशेषज्ञ अविनाश गोरक्षकर कहते हैं, ‘’भारतीय शेयर बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी है.’’ ऐसे समय में जब एक बाजार की चाल दूसरे बाजार पर निर्भर करती हो, निवेशकों के लिए देश की सीमाओं का कोई महत्व न हो तब आप अपने देश के बाजार को अलग-थलग करके नहीं रख सकते.

इस समय डॉलर उच्चतम स्तर पर है और बाजार में मुनाफावसूली हावी है तब तमाम विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. यदि आप बाजार को एकाएक बंद कर देंगे तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय बाजार की छवि के लिए अच्छा नहीं होगा.

बाजार में आई गिरावट में निश्चित तौर पर छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. जिन्होंने सिप (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से बाजार में खरीदारी की थी उनके रिटर्न भी नकारात्मक हो गए हैं. लेकिन केवल रिटेल निवेशकों के लिए बाजार को बंद करने का फैसला तर्कसंगत नहीं होगा.

कहीं बंद नहीं हुए बाजार

अविनाश आगे कहते हैं, ‘’अमेरिका और यूरोप जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं लेकिन किसी भी देश में बाजारों को बंद नहीं किया है.’’

यह भी जानना जरूरी है कि बाजार की मौजूदा गिरावट अभी 2008 की तुलना में कम है उस समय बाजार प्रतिशत के लिहाज से 50 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे तब भी शेयर बाजार को बंद करने का निर्णय नहीं लिया गया. देश में भी बाजार के उतार-चढ़ाव थामने के लिए नियामक और ब्रोकर्स अपने स्तर पर कई तरह के प्रयास कर रहे हैं. मसलन, मार्जिन्स का बढ़ाना एकदिनी सौदों के बजाय डिलिवरी आधारित सौदों को वरीयता देना शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? आदि.

गौरतलब है कि चीन ने शेयर बाजार में शॉर्टसेलिंग पर पाबंदी लगाई है और फिलिपींस ने केवल अपने बाजार बंद किए हैं.

एक्सपायरी के बंद बाजार में घटेगा कारोबार

अविनाश मानते हैं कि 26 मार्च को इस महीने की एक्सपायरी हो जाने के बाद बाजार में टर्नओवर घट जाएगा. एक्सपायरी तक जिन निवेशकों के सौदे खड़े हैं वे अपने सौदे बुक करके बाजार से दूर हो जाएंगे. बाजार इस महीने रोलओवर (इस महीने के सौदों को अगले महीने ले जाना) भी कम रहने की संभावना है.

ऐसे में, एक्सपायरी के बाद केवल संस्थागत निवेशकों (विदेशी निवेशक, म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियां आदि) की ओर से ही खरीदारी या बिकवाली जारी रहने की उम्मीद है.

एक्सकॉर्ट सिक्योरिटीज के हेड (रिसर्च) बाजार के मौजूदा उतार-चढ़ाव में फिलहाल निवेशकों को दूर रहने की ही सलाह दे रहे हैं. उनका मानना है कि बाजार में निचले स्तर पर खरीदारी के अच्छे मौके मिलेंगे. बाजार में आज (बुधवार) को हुई वापसी कितनी टिकाऊ है यह कहना मुश्किल है.

लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा अभी इस पर कोई स्पष्टता नहीं दिखती. ऐसे में अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही कंपनियों के लिए कठिन साबित होने वाली है. कोरोना के नुकसान का आकलन कंपनियों में गिरावट का एक कारण बन सकता है. रिटेल निवेशकों को फिलहाल बाजार से दूर रहकर निचले स्तर पर अच्छे फंडामेंटल वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह है.

Benefits of Share Market – Why to Invest In Stock Market ?

Benefits of Share Market

पैसा सभी कमाना चाहते हैं और कमाते भी हैं, कोई जॉब करके पैसा कमाता है तो कोई बिज़नस करके पैसा कमाता है लेकिन पैसा कमाने के लिए हमें रोज काम करना पड़ता है और Retirement तक हमेशा करना पड़ेगा और उसके बाद हम बूढ़े हो जाते हैं और किसी काम के नहीं रहते , कोई अपने बच्चों पे निर्भर रहता है तो कोई पेंशन प्लान से मिलने वाले मुट्ठी भर पैसो से अपना गुजारा चलाता है किसी को तो ये भी नसीब नहीं होता है और उसे अपनी आखिरी सांसो तक काम करना पड़ता है|

अमेरिका के महान निवेशक Warren Buffett कहते हैं – “If you don’t find a way to make money while you sleep, you will work until you die.”

अर्थात “अगर आप पैसा कमाने का ऐसा विकल्प तलाश नहीं करते जिससे आप सोते समय भी पैसा कमा सको तो आपको अपनी अंतिम सांसो तक काम करना होगा.”

शेयर बाजार हमें एक ऐसा विकल्प प्रदान करता है जिसके माध्यम से हम अपने देश की अर्थव्यवस्था में निवेश कर सकते हैं विभिन्न प्रकार के बिज़नेस में निवेश करके उनके Profit में भागीदार बन सकते हैं.देश के अच्छे बिज़नेस में लम्बे समय के लिए निवेश करके अपनी संपत्ति को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं. हमारे पास निवेश करने के लिए शेयर बाजार के अतिरिक्त और भी विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे – Bank FD, RD, Gold, Govt./Corporate Bonds, Insurance Schemes, PPF, etc. और ये सभी विकल्प शेयर बाजार की तुलना में अधिक सुरक्षित और कम जोखिम भरे हैं.लेकिन क्या ये विकल्प शेयर बाजार की तुलना में ज्यादा Returns या उसके बराबर Returns दे सकते हैं ?

आइये कुछ उदाहरण देखते हैं ?

यहाँ पर हम उन कंपनियों का उदाहरण देखेंगे जिनके बारे में हर कोई जानता है,हर कोई इन कंपनियों के उत्पाद और सेवाओ का प्रयोग करते हैं |

SHARE PRICE OF MARUTI SUZUKI

पिछले 10 सालों में मारुती सुजुकी ने निवेशकों को हर साल 20% (CAGR) का return दिया है |

SHARE PRICE OF BRITANNIA INDUSTRY

पिछले 10 सालों में ब्रिटानिया ने निवेशकों को हर साल 30% (CAGR) से अधिक का return दिया है |

SHARE PRICE OF HDFC BANK

पिछले 10 सालों में HDFC बैंक ने भी निवेशकों को हर साल 20% (CAGR) का return दिया है |

मारुती शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? सुजुकी की कारों के बारे मैं कौन नहीं जानता, ब्रिटानिया के बिस्कुट कौन नहीं खाता और बैंकिंग सेवाओ का उपयोग कोन नहीं करता |शेयर बाजार में ऐसी हजारो कंपनियां हैं बस जरुरत है उन्हें तलाशने की |अगर हम इन कंपनियों के उत्पाद और सेवाओं से संतुष्ट हैं तो हम इन कंपनियों में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं |

Comparison of Returns in Different Investment Options-

अब हम इन तीनो कम्पनीज के रिटर्न्स को निवेश के अन्य विकल्पों के साथ तुलना करेंगे

Saving AccountRecurrent Deposit/GOVT.
BOND YIELD
REAL ESTATEDABUR
INDIA
HDFC OR MARUTIBRITANNIA
OR SHREE
CEMENT
AVERAGE ANNUAL RATE OF RETURNS *
(LAST 10 YEARS)
3%7%12%18%20%32%
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 10 Yrs (TOTAL RETURNS)9900026000052100094800011260003313000
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 20 Yrs4380001352003440008455000
(84.5 L)
11214000
(1.12 Cr.)
55321000
(5.53 Cr.)
MONTHLY INVESTMENT OF Rs.5000 AFTER 30 YrsDOIT YOURSELF.YOUWILL BESURPRISED.
Comparison of Returns

TABLE में दिखाए गए DATA तो अगर हम ध्यान से देखे तो पाएंगे कि शेयर्स के returns अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत अधिक शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? हैं हालांकि यह संभव नहीं है कि इन कंपनीयों ने आज तक जो returns दिए हैं आने वाले 10,20 या 30 सालों तक ये कंपनियां ऐसे ही returns देती रहे लेकिन हम अपने रिसर्च और analysis द्वारा अच्छी व भरोसेमंद कंपनियों का चुनाव करके और अनुशाषित तरीके से निवेश करके अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत बेहतर returns प्राप्त कर सकते हैं.

हर महीने मात्र 1000 रुपये शेयर बाजार में निवेश करके 30 सालों बाद कितनी संपत्ति बनाई जा सकती है? इस पोस्ट को अवश्य देखें- शेयर बाजार में निवेश कैसे करें?

Benefits of Share Market में हमने जाना कि सोच समझ कर रिसर्च करके अच्छे बिज़नेस मॉडल वाली क्वालिटी कंपनियों में निवेश करके अन्य विकल्पों जैसे बैंक डिपोजिट, बांड, रियल एस्टेट और अन्य सरकारी स्कीम से बेहतर returns प्राप्त किये जा सकते हैं, इसके अतिरिक्त शेयर्स में निवेश करने के और भी फायदे होते हैं | जैसे –

  • कुछ कंपनियां हर साल अपने नेट प्रॉफिट का कुछ प्रतिशत भाग अपने शेयर होल्डर्स को देती हैं जिसे Dividend कहा जाता है | कंपनियां जब भी dividend देती हैं वो सीधे शेयर होल्डर्स के बैंक अकाउंट में आता है | जिससे शेयर होल्डर्स को मिलने वाले returns कुछ और बढ़ जाते हैं |
  • HighLiquidity-शेयर ऐसी Asset Class में आते हैं जिनको आसानी से बहुत ही कम समय में कैश में कन्वर्ट किया जा सकता है|आवश्यकता पड़ने पर किसी आकस्मिक स्थिति में शेयर होल्डर जब चाहे अपने शेयर्स बेचकर बहुत कम समय ( कुछ मिनट या घंटे ) में कैश प्राप्त कर सकता है |
  • शेयर मार्केट में अलग अलग तरह की ( Small Cap to Large Cap ) हजारों कंपनियां होती हैं जिनमे High Business Growth वाली नयी कंपनियों से लेकर Low Risk वाली पुरानी और स्टेबल कंपनियां मौजूद हैं | जिनमे से निवेशक अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार किसी भी कंपनी में निवेश कर सकता है|
  • हम जब कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं तो उसी समय हम कंपनी के Owners की लिस्ट में शामिल हो जाते हैं जिस कारण हमें कंपनी मीटिंग में वोटिंग करने का अधिकार भी मिल जाता है |
  • निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर्स खरीदना और बेचना सबसे आसान होता है और इसमें सबसे काम समय लगता है|

दोस्तों आपको ये जानकारी Benefits of Share Market कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताइए और अगर आपको ये जानकारी पसंद आयी हो सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों शेयर बाज़ार क्या है एवं क्यों आवश्यक है? के साथ शेयर करना न भूलें |

लॉकडाउन के बाद भी क्यों बंद नहीं होगा शेयर बाजार? जानिए

भारत समेत अधिकांश दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है. इसी के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी बड़ी उथल पुथल देखने को मिल रही है. भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर से 30 फीसदी टूट चुके हैं. ऐसे में कई निवेशकों के मन में यह सवाल है कि आखिर जब देशभर में फैक्ट्रियां, बाजार और तमाम आर्थिक गतिविधियां बंद हैं तो शेयर बाजार को बंद क्यों नहीं किया जा रहा?

फोटोः इंडिया टुडे

शुभम शंखधर

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2020,
  • (अपडेटेड 25 मार्च 2020, 7:36 PM IST)

भारत समेत अधिकांश दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है. इसी के चलते दुनिया भर के शेयर बाजारों में भी बड़ी उथल पुथल देखने को मिल रही है. भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर से 30 फीसदी टूट चुके हैं.

ऐसे में कई निवेशकों के मन में यह सवाल है कि आखिर जब देशभर में फैक्ट्रियां, बाजार और तमाम आर्थिक गतिविधियां बंद हैं तो शेयर बाजार को बंद क्यों नहीं किया जा रहा? आखिर क्यों वित्तीय बाजार से जुड़े लोगों को आवश्यक सेवाओं प्रदाताओं की तरह आवाजाही की इजाजत की जा रही है?

इन सवालों का जवाब देते हुए बाजार विशेषज्ञ अविनाश गोरक्षकर कहते हैं, ‘’भारतीय शेयर बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी है.’’ ऐसे समय में जब एक बाजार की चाल दूसरे बाजार पर निर्भर करती हो, निवेशकों के लिए देश की सीमाओं का कोई महत्व न हो तब आप अपने देश के बाजार को अलग-थलग करके नहीं रख सकते.

इस समय डॉलर उच्चतम स्तर पर है और बाजार में मुनाफावसूली हावी है तब तमाम विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. यदि आप बाजार को एकाएक बंद कर देंगे तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय बाजार की छवि के लिए अच्छा नहीं होगा.

बाजार में आई गिरावट में निश्चित तौर पर छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. जिन्होंने सिप (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से बाजार में खरीदारी की थी उनके रिटर्न भी नकारात्मक हो गए हैं. लेकिन केवल रिटेल निवेशकों के लिए बाजार को बंद करने का फैसला तर्कसंगत नहीं होगा.

कहीं बंद नहीं हुए बाजार

अविनाश आगे कहते हैं, ‘’अमेरिका और यूरोप जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं लेकिन किसी भी देश में बाजारों को बंद नहीं किया है.’’

यह भी जानना जरूरी है कि बाजार की मौजूदा गिरावट अभी 2008 की तुलना में कम है उस समय बाजार प्रतिशत के लिहाज से 50 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे तब भी शेयर बाजार को बंद करने का निर्णय नहीं लिया गया. देश में भी बाजार के उतार-चढ़ाव थामने के लिए नियामक और ब्रोकर्स अपने स्तर पर कई तरह के प्रयास कर रहे हैं. मसलन, मार्जिन्स का बढ़ाना एकदिनी सौदों के बजाय डिलिवरी आधारित सौदों को वरीयता देना आदि.

गौरतलब है कि चीन ने शेयर बाजार में शॉर्टसेलिंग पर पाबंदी लगाई है और फिलिपींस ने केवल अपने बाजार बंद किए हैं.

एक्सपायरी के बंद बाजार में घटेगा कारोबार

अविनाश मानते हैं कि 26 मार्च को इस महीने की एक्सपायरी हो जाने के बाद बाजार में टर्नओवर घट जाएगा. एक्सपायरी तक जिन निवेशकों के सौदे खड़े हैं वे अपने सौदे बुक करके बाजार से दूर हो जाएंगे. बाजार इस महीने रोलओवर (इस महीने के सौदों को अगले महीने ले जाना) भी कम रहने की संभावना है.

ऐसे में, एक्सपायरी के बाद केवल संस्थागत निवेशकों (विदेशी निवेशक, म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियां आदि) की ओर से ही खरीदारी या बिकवाली जारी रहने की उम्मीद है.

एक्सकॉर्ट सिक्योरिटीज के हेड (रिसर्च) बाजार के मौजूदा उतार-चढ़ाव में फिलहाल निवेशकों को दूर रहने की ही सलाह दे रहे हैं. उनका मानना है कि बाजार में निचले स्तर पर खरीदारी के अच्छे मौके मिलेंगे. बाजार में आज (बुधवार) को हुई वापसी कितनी टिकाऊ है यह कहना मुश्किल है.

लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा अभी इस पर कोई स्पष्टता नहीं दिखती. ऐसे में अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही कंपनियों के लिए कठिन साबित होने वाली है. कोरोना के नुकसान का आकलन कंपनियों में गिरावट का एक कारण बन सकता है. रिटेल निवेशकों को फिलहाल बाजार से दूर रहकर निचले स्तर पर अच्छे फंडामेंटल वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह है.

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