वित्तीय योजना

सभी सुझावों को लें, उनका परीक्षण करें और योजना को क्रियान्वित करें। आप अपने लंबे या छोटे समय अवधि के लक्ष्यों को प्राप्त करने का तरीका हासिल करेंगे। इस चरण को क्रिया चरण के रूप में भी जाना जाता है।
प्रधान मंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य वंचित वर्गो जैसे कमजोर वर्गो और कम आय वर्गो को विभिन्न वित्तीय सेवाएं जैसे मूल बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता आधारित ऋण की उपलब्धता, विप्रेषण सुविधा, बीमा तथा पेंशन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। किफ़ायती लागत पर व्यापक प्रसार केवल प्रौद्योगिकी के प्रभारी उपयोग से ही संभव है।
पीएमजेडीवाई वित्तीय समावेशन संबंधी राष्ट्रीय मिशन है जिसमें देश के सभी परिवारों के व्यापक वित्तीय समावेशन के लिए एकीकृत दृष्टिकोण शामिल है इस योजना में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षारता, ऋण की उपलब्धता, बीमा तथा पेंशन सुविधा सहित सभी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की अभिकल्पना की गयी है । इसके अलावा, लाभार्थियों को रूपे डेबिट कार्ड दिया जाएगा जिसमे एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर शामिल है। इस योजना में सभी सरकारी (केन्द्र / राज्य / स्थानीय नीकाय से प्राप्त होने वाले ) लाभो को लाभार्थियों के खातो में प्रणालीकृत किए जाने तथा केन्द्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभांतरण (डीबीटी) योजना को आगे बढ़ाने की परिकल्पना की गई है। कमजोर सम्पर्क, ऑनलाइन लेन देन जैसे प्रौद्योगिकीय मामलो का समाधान किया जाएगा। टेलीकॉम आपरेटरों के जरिये मोबाइल बैंकिंग तथा नकद आहरण केन्द्र के रूप में उनके स्थापित केन्द्रो का इस योजना के अंतर्गत वित्तीय समावेशन हेतु प्रयोग किए जाने की योजना है। इसके अलावा, देश के युवाओं को भी इस मिशन पद्धति वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुनर्वित्त योजना
आईआईएफसीएल की पुनर्वित्त योजना का प्रमुख उद्देश्य देश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निधियों का प्रवाह बढाना है। योजना के तहत आईआईएफसीएल बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को उनकी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं से संबंधित पुनर्वित्त उपलब्ध कराएगा।
पात्रता:
- पात्र संस्थान:
- भारत में विद्यमान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
- कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 (72) के तहत अधिसूचित सार्वजनिक वित्तीय संस्थान
- ए+ अथवा उससे अधिक की रेटिंग वाली कम से कम 500 करोड़ रुपये की आस्ति आकार वाली एनबीएफसी-आईएफसी
- शिक्षण एवं स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी-एसआई-एनडी)
आईआईएफसीएल, उधार लेने वाले पात्र संस्थानों को बकाया ऋण का 80 प्रतिशत तक का पुनर्वित्त उपलब्ध कराएगा।
ब्याज दर:
ब्याज दर आईआईएफसीएल की बैंचमार्क दर से जुडी होगी जो संस्थान की निम्नलिखित क्रेडिट रेटिंग के आधार पर होगी:
संस्थान की बाहरी रेटिंग जिसके लिए पुनर्वित्त पेश किया जा रहा है प्रभारित की जाने वाली न्यूनतम ब्याज दर एएए अथवा इसके समतुल्य आईआईएफसीएल की बैंचमाक दर एए/एए+/एए- अथवा इसके समतुल्य आईआईएफसीएल की बैंचमाक दर + 15 बीपीएस ए/ए+/ए-अथवा इसके समतुल्य आईआईएफसीएल की बैंचमाक दर + 30 बीपीएस पुनर्वित्त दरों का वार्षिक तौर पर अथवा समय-समय पर पुनर्निर्धारण किया जा सकता है।
पुनर्वित्त की अवधि:
पुनर्वित्त की अधिकतम अवधि कम से कम एक वर्ष की अधिकतम अवधि के साथ आईआईएफसीएल की प्रचलित देयता प्रोफाइल पर आधारित हो सकती है।
मूलधन का पुनर्भुगतान एवं ब्याज का भुगतान मासिक/तिमाही आधार पर किया जा सकता है। समान किस्त, संरचित पुनर्भुतान, त्वरित पुनर्भुतान इत्यादि को शामिल करने के लिए मूलधन के पुनर्भुगतान की संरचना की जा सकती है। पात्र ऋणदाता संस्थानों को प्रत्येक पुर्नवित्त जारी करने के पश्चात पुनर्वित्त अनुसूची में ब्याज एवं मूलधन के भुगतान की अंतिम तिथि से अवगत कराया वित्तीय योजना जाएगा।
वित्तीय नियोजन के लिए सूचना के सामान्य स्रोत क्या हैं?
उदाहरण के लिए, इकोनॉमिक टाइम्स भारत में वित्तीय योजना व्यावसायिक समाचारों के लिए सबसे प्रसिद्ध समाचार पत्र है। यह आपको नवीनतम वित्तीय समाचारों पर अपडेट रहने में मदद कर सकता है। 2 मई, 2022 को इकोनॉमिक टाइम्स ने वित्तीय नियोजन पहलुओं वित्तीय योजना पर एक व्यावसायिक रिपोर्ट साझा की। इसने इस बात की जानकारी दी कि व्यवसाय चलाने के लिए नौकरी बदलते समय क्या विचार करना चाहिए।
यह आपको बाजार वित्त का एक मजबूत ज्ञान विकसित करने में सहायता करेगा। वित्त विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है।
2. टेलीविजन कार्यक्रम
Scheme Detail / इस योजना का विस्तार
1. पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होना आवश्यक है।
2. छात्र/छात्रा के स्कूल/संस्था में नियमित रूप से पढ़ाई जारी रखे हुए है इस संदर्भ में स्कूल/संस्था के मुखिया द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य है।
3. केवल वही छात्र जो हरियाणा राज्य की किसी भी संस्था/स्कूल/काॅलेज में पढ़ाई कर रहे है इस वित्तीय सहायता के पात्र होगे।
4. शिक्षा के लिए वित्तिय सहायता तीन बच्चों तक तक देय होगी।
5. विद्यार्थी के फेल होने की अवस्था में दोबारा उसी कक्षा के लिए वित्तिय सहायता नहीं दी जाएगी।
6. जो छात्र स्वंय रोजगार या नौकरी पर है वह इस स्कीम के अन्र्तगत लाभ के पात्र नहीं होगें।