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पोर्टफोलियो ट्रेडिंग

पोर्टफोलियो ट्रेडिंग
आप ऑप्शन ट्रेडिंग की जटिलताओं को कम करने के लिए आप ऊपर में बताए गए सभी शेयर मार्केट टिप्स का अनुसरण कर सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स

शेयर मार्केट के किसी भी सेगमेंट में निवेश करके मुनाफा कमाने के पोर्टफोलियो ट्रेडिंग लिए उससे जुड़े प्रत्येक टर्म की जानकारी होना आवश्यक है, जैसे ऑप्शन ट्रेडिंग। कई ट्रेडर्स और निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग को काफी जोखिम भरा मानते है और इनके अनुसार इस ट्रेडिंग सेगमेंट में नुकसान की संभावना ज्यादा रहती है। कई ट्रेडर नुकसान की संभावना को कम करने के लिए अक्सर सही ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स की तलाश में रहते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग (option trading in hindi) का मतलब आप विशेष सिक्योरिटी को विशेष दिन पर विशेष कीमत पर बेचने या खरीदने का अवसर पाते हैं। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग के पीछे का विचार यह होता है की यह काफी जटिल और जोखिम भरा है।

लेकिन असलियत में इसे समझना और मुनाफा कमाना काफी आसान है। इसलिए, आज हम ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स के बारे में चर्चा करेंगे। जिसका अनुसरण करके आप आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं।

Option Trading Tips in Hindi

ऑप्शन पोर्टफोलियो ट्रेडिंग ट्रेडिंग की जटिलता और इससे जुड़े जोखिम की संभावना को खत्म करने के लिए आपको ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स का अनुसरण करना जरुरी है। आप ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स को समझकर आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग के 5 टिप्स इस प्रकार हैं:-

1. स्टॉक ट्रेडिंग के अलावा ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है

स्टॉक ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर अक्सर इस समस्या का सामना करते हैं की स्टॉक्स को रखें या बेच दें?

चाहे कोई नया ट्रेडर हो या अनुभवी ट्रेडर, उसे अक्सर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लेकिन समस्या का शिकार वैसे लोग होते हैं जिन्हें ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग में आप ऑप्शन का उपयोग करके आप अपनी पोजीशन को हेज (Hedging meaning in Hindi) कर सकते हैं।

स्टॉक ट्रेडिंग में आप स्टॉक्स खरीदते हैं और उसके कीमत में बढ़ोतरी होने पर आप उसे बेच देते हैं।

इस शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर, जानिए उन्होनें कैसे तैयार किया था अपना पोर्टफोलियो?

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 14, 2022 16:20 IST

टाटा ग्रुप के शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर- India TV Hindi

Photo:INDIA TV टाटा ग्रुप के शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर

भारतीय शेयर बाजार के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला हमेशा अपने पोर्टफोलियो के लिए जाने जाते थे। उनकी समझ और चालाकी ने उन्हें शून्य पोर्टफोलियो ट्रेडिंग से शिखर तक लाकर पहुंचा दिया था। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल ने ₹5,000 के साथ शेयरों में निवेश करना शुरू किया था। फोर्ब्स के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति आज 5.8 बिलियन थी।

1985 में शुरू हुई पोर्टफोलियो ट्रेडिंग थी बफेट की यात्रा

भारत के वॉरेन बफेट ने 1985 में शुरू की अपनी स्टॉक निवेश यात्रा में 5,000 रुपये पोर्टफोलियो ट्रेडिंग से 5.8 बिलियन डॉलर तक का सफर तय किया था। हालांकि, जो लोग वैल्यू पिक्स के लिए बिग बुल की प्रोफाइल को स्कैन करते हैं, उनके लिए बता दें कि राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर हमेशा पसंदीदा शेयरों में से एक रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, पोर्टफोलियो ट्रेडिंग राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा मुनाफा टाटा समूह के स्टॉक से आया था और इसलिए 1985 में टाटा समूह के लिए उनका विश्वास समय बीतने के साथ और मजबूत होता गया।

राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा लाभ 1986 में टाटा टी के शेयरों से आया था। उस समय उन्होंने ने टाटा टी के 5000 शेयर ₹43 प्रति शेयर के भुगतान पर खरीदे। टाटा टी खरीदने के केवल तीन महीनों में शेयर की कीमत 43 रुपये से बढ़कर लगभग 143 रुपये प्रति शेयर हो गई। अगले तीन वर्षों में राकेश झुनझुनवाला ने टाटा टी के शेयरों से लगभग 25 लाख रुपये कमाए, जो शेयर बाजार से उनका पहला सबसे बड़ा लाभ था।

राकेश झुनझुनवाला पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर

इस पहली बड़ी सफलता के बाद, बिग बुल का टाटा समूह के शेयरों के प्रति लगाव अगले 37 वर्षों तक बना रहा। टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कम्युनिकेशंस और टाइटन कंपनी के शेयर टाटा समूह के शेयर हैं जो जून 2022 तिमाही के अंत के बाद तक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में थे।

राकेश झुनझुनवाला एक निजी ट्रेडिंग कंपनी रारे (Rare) एंटरप्राइजेज के मालिक थे, जो उनके नाम (Ra) राकेश झुनझुनवाला से पहले दो अक्षर और उनकी पत्नी (Re) रेखा झुनझुनवाला के पहले दो अक्षर को मिलाकर रखा गया था है। अप्रैल से जून 2022 तिमाही के अंत के बाद आज राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में 47 कंपनियां हैं। स्टार हेल्थ, मेट्रो ब्रांड्स, केनरा बैंक, फोर्टिस हेल्थकेयर, रैलिस इंडिया, फेडरल बैंक के शेयर कुछ ऐसे प्रमुख शेयर हैं।

ये हैं उनके सक्सेस मंत्रा

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बनी सहमति, अब Rakesh Jhunjhunwala के इस काम को संभालेंगे राधाकिशन दमानी!

राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में हैं 32 कंपनियों के स्टॉक (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2022,
  • (अपडेटेड 23 अगस्त 2022, 8:29 AM IST)

देश के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) के निधन के बाद सभी के दिमाग में एक ही सवाल घूम रहा था कि आखिर उनके ट्रस्ट की कमान कौन संभालेगा? अब खबर आई है कि राकेश झुनझुनवाला के ट्रस्ट को उनके भरोसेमंद दोस्त, गुरु और दिग्गज निवेशक राधाकिशन दमानी (Radhakishan Damani) संभालेंगे. दमानी राकेश झुनझुनवाला के ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी बन गए हैं. उनके अलावा कल्पराज धारांशी और अमल पारिख दो अन्य ट्रस्टी हैं.

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राधाकिशन दमानी

परिवार में कौन-कौन?

राकेश झुनझुनवाला अपने पीछे एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य छोड़ गए हैं. उनके परिवार में पत्नी रेखा झुनझुनवाला के अलावा उनके तीन बच्चे बेटी निष्ठा झुनझुनवाला (Nishtha Jhunjhunwala) बेटा आर्यमान झुनझुनवाला (Aryaman Jhunjhulwala), बेटा आर्यवीर झुनझुनवाला (Aryavir Jhunjhunwala) हैं. राकेश झुनझुनवाला करीब 40 हजार करोड़ की संपत्ति छोड़कर गए हैं.

पोर्टफोलियो में कुल 32 शेयर

राकेश झुनझुनवाला लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मीडिया रिपोर्टेस् की मानें, उन्होंने अपनी पत्नी रेखा के साथ मिलकर पहले ही अपने कारोबार को संभालने के लिए रोड मैप तैयार कर दिया था. राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में कुल 32 शेयर शामिल हैं. मार्केट के आंकड़ों के अनुसार इन कंपनियों में उनके कुल शेयर्स की कीमत 32,000 करोड़ रुपये थी.

बांड यील्ड में उतार-चढ़ाव

महामारी के दौरान आरबीआई ने अपने बॉन्ड की खरीद के जरिये लिक्विडिटी बढ़ाई थी. अक्टूबर, 2021 से उसने अपना बॉन्ड बाइइंग प्रोग्राम बंद कर रखा है. और वैरिएबल रेट रिवर्स रेपो (वीआरआरआर) ऑक्शन के जरिये लिक्विडिटी को घटा रहा है.

मई 2022 से आरबीआई बढ़ती मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए नीतिगत दरें बढ़ा रहा है, केंद्रीय बैंक की तरफ से उठाए जाने वाले कदम सीधे तौर पर अल्पकालिक ब्याज दरों को प्रभावित करते हैं. उदाहरण के तौर पर एक साल के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड मई की शुरुआत में 5.1 फीसदी से बढ़कर अक्टूबर के अंत तक 7 फीसदी पर पहुंच गया. इसके विपरीत, लंबी अवधि के बॉन्ड यील्ड में अपेक्षाकृत मामूली वृद्धि ही दिखाई दी जो मई की शुरुआत में 7.1 फीसदी की तुलना में अक्टूबर अंत तक 7.4 से 7.5 प्रतिशत तक ही पहुंचा.

रेट में बढ़ोतरी के कारण कारोबारियों की तरफ से मांग घटी है. आरबीआई की तरफ से दरों में बढ़ोतरी पर और अधिक स्पष्टता आने तक निजी और विदेशी बैंक, प्राइमरी डीलर और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक फिलहाल इंतजार करने के पोर्टफोलियो ट्रेडिंग मूड में नजर आ रहे हैं.

बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की कमी का भी असर

हाल के महीनों में बांड की मांग प्रभावित करने वाला एक अन्य फैक्टर बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडिटी की कमी भी रहा है. बैंक क्रेडिट में निरंतर वृद्धि, त्योहारी सीजन के दौरान बढ़ी मांग, टैक्स आउटफ्लो, रुपये की गिरावट रोकने के लिए हाजिर बाजार में आरबीआई के दखल से बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की कमी आई है. बैंक रातोंरात इंटरबैंक कॉल मनी मार्केट के जरिये फंड पोर्टफोलियो ट्रेडिंग जुटाते रहे हैं. फंड की मांग बढ़ने से औसत कॉल रेट में भी खासी वृद्धि हुई है. बैंक फंड जुटाने के लिए जमा प्रमाणपत्र और सावधि जमा जैसे अन्य स्रोतों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

बैंकों के वृद्धिशील क्रेडिट और डिपॉजिट रेशियो या नए उधार के लिए जुटाए जाने वाले नए डिपॉजिट का अनुपात, 21 अक्टूबर तक बढ़कर पोर्टफोलियो ट्रेडिंग 135 प्रतिशत हो गया है. यह दर्शाता है कि बैंक क्रेडिट मांग को पूरा करने के लिए अपने बॉन्ड पोर्टफोलियो में कमी ला रहे हैं. बैंकों के बॉन्ड होल्डिंग बेचने से बॉन्ड यील्ड बढ़ने की संभावना है. इसी तरह, वृद्धिशील निवेश जमा अनुपात में गिरावट दिख रही है, जिससे पता चलता है कि बॉन्ड निवेश के मामले में बैंक धीमी गति से चल रहे हैं.

बांड बाजार में ट्रेडिंग गतिविधियां

अक्टूबर में सरकारी बॉन्ड की ट्रेडिंग में गिरावट देखी गई. क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) के मार्केट लिक्विडिटी पर आधारित आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य सरकार के बॉन्डों सहित सरकारी बॉन्ड के कारोबार की औसत संख्या सितंबर में 6,593 से घटकर अक्टूबर में 2,664 हो गई.
सितंबर से अक्टूबर के बीच लिक्विडिटी से जुड़े अन्य प्रमुख संकेतकों, जैसे तरल प्रतिभूतियों के लिए बिड-आस्क स्प्रेड (यानी प्रस्ताव और बोली की राशि के बीच अंतर) और प्रभाव लागत, में भी वृद्धि नजर आई है.

Graphic by Ramandeep Kaur, ThePrint team

ग्राफिक्स, रमनदीप कौर | दिप्रिंट टीम

यील्ड में आगे किस तरह का बदलाव संभावित?

बाजार इस साल पहले ही कीमतों में अपेक्षित 35-50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चुके हैं. दरों में अब तक काफी बढ़ोतरी हो चुकी है. यद्यपि कम समयावधि में यील्ड आरबीआई द्वारा अतिरिक्त दर वृद्धि के साथ बढ़ सकता है, लेकिन लांग टर्म यील्ड (10 साल में बांड यील्ड) 7.5 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की संभावना नहीं है जब तक कि बाजार को कोई अप्रत्याशित झटका न लगे. दूसरे शब्दों में कहें तो यील्ड में आगे चलकर होने वाला बदलाव रेंज-बाउंड अधिक होने की संभावना है.पोर्टफोलियो ट्रेडिंग

(अनुवाद: रावी द्विवेदी)

राधिका पांडे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में कंसल्टेंट हैं. व्यक्त विचार निजी है.

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