ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए

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ऊंची कीमत पर शेयरों में निवेश. दे सकता है आपको क्लेश
इस समय शेयर बाजारों में शेयरों के भाव ऊंचे स्तर पर हैं। ज्यादातर सूचकांक पांच साल के औसत से ऊपर और अपने सर्वोच्च स्तर के नजदीक हैं। डिपॉजिटरीज के आंकड़ों से पता चलता है कि 2016 में करीब 24 लाख नए निवेशकों ने डीमैट खाते खोले हैं, जो 2008 के बाद सर्वाधिक हैं। इस तरह निवेशक न केवल म्युचुअल फंडों के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये शेयरों में प्रवेश कर रहे हैं बल्कि वे सीधे भी शेयरों में निवेश कर रहे हैं। लेकिन सीधे निवेश में जोखिम है और जब शेयरों के दाम ऊंचे स्तर पर हों तो जोखिम और बढ़ जाता है। अगर उन्हें पहली दफा नुकसान होता है तो वे लंबे समय तक शेयरों से दूरी बना सकते हैं। इससे वे इस संपत्ति वर्ग में मोटी पूंजी बनाने की संभावनाओं से खुद को वंचित कर सकते हैं।
शेयर बाजार में उतरने वाले ज्यादातर निवेशक इस संपत्ति वर्ग के जोखिमों को पूरी तरह समझे बिना इसमें प्रवेश करते हैं। मुंबई के फाइनैंशियल प्लानर अर्णव पांड्या कहते हैं, 'वे आमतौर पर उस समय बाजार में प्रवेश करते हैं, जब वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा होता है। जब बाजार में गिरावट आती है तो वे पाते हैं कि वे इतने उतार-चढ़ाव वाले बाजार में निवेश करने में सक्षम नहीं हैं और नुकसान उठाकर बाहर निकल जाते हैं।' ज्यादातर नौसिखिए निवेशक निवेश की अवधि बहुत कम रखते हैं और तुरंत मुनाफा कमाने की उम्मीद करते हैं।
इससे नाकामी उनके हाथ लगती है। शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले लोग निवेश के फंडामेंटल का बुनियादी ज्ञान हासिल किए बिना ही शेयरों में निवेश शुरू करते हैं। कुछ डे ट्रेडिंग में हाथ आजमाकर खुद की असफलता की जमीन तैयार कर लेते हैं। कुछ अन्य टिप्स के आधार पर निवेश करते हैं। बेंगलूरु की क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में संपत्ति प्रबंधन पढ़ाने वाले एस जी राजा शेखरन कहते हैं, 'वे खुद शेयरों का विश्लेषण नहीं करते हैं, इसलिए उन्हें उन शेयरों पर ज्यादा भरोसा नहीं होता है जिन पर वे दांव लगाते हैं। वे प्रत्येक शेयर में थोड़ी-थोड़ी राशि का निवेश करते हैं और कुछ समय में बहुत से शेयर इकट्ठे कर लेते हैं, जिन पर वे ठीक से निगरानी नहीं रख पाते हैं।'
उन्हें अपने शेयरों में भरोसा नहीं होता है, इसलिए पहली बार बाजार गिरने पर वे तुंरत अपने शेयर बेच देते हैं। आमतौर पर ज्यादातर नए निवेशक ऊंचे मूल्यांकन और भविष्य के प्रतिफल के बीच विपरीत संबंध को नहीं समझते हैं। निर्माल्य बरुआ कहते हैं, 'तेजी के बाजार में शेयरों के दाम बढऩे से अच्छे प्रतिफल की संभावना कम हो जाती है।' बरुआ बेंगलूरु के निवेशक हैं, जिन्होंने 2007-08 में शेयर बाजार में भारी नुकसान उठाया था। इसके बाद उन्होंने निवेश से संबंधित पुस्तकें पढ़कर फंडामेंटल के आधार पर निवेश करना सीखा। बहुत से निवेशक अपने ब्रोकरों के कहने पर डेरिवेटिव में निवेश करते हैं। एक स्वतंत्र विश्लेषक आर बालाकृष्णन कहते हैं, 'नए निवेशक सोचते हैं कि वे अपने पैसे से डेरिवेटिव सेगमेंट में अच्छा प्रतिफल कमा सकते हैं। वे पेशेवरों की तरह इसका हेज के रूप में इस्तेमाल नहीं करते हैं।' नौसिखिये निवेशक प्रतिफल को लेकर भी गलत उम्मीदें रखते हैं। एक साल में 12 से 13 फीसदी प्रतिफल के बजाय वे एक दिन में 20 फीसदी मुनाफे की उम्मीद करते हैं।
नए निवेशकों को म्युचुअल फंडों के जरिये शेयर बाजार में प्रवेश करना चाहिए। वे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) या इंडेक्स फंडों में निवेश के जरिये शुरुआत कर सकते हैं, जिसमें उन्हें सही फंड भी चुनने की जरूरत नहीं पड़ती है। इन आसान उत्पादों में निवेश से वे यह सीख सकते हैं कि वे शेयर बाजारों के उतार-चढ़ाव को पचा सकते हैं या नहीं। जब वे यह सीख जाते हैं कि सही फंडों का चयन कैसे किया जाए तो वे सक्रिय रूप से प्रबंधन किए जाने वाले फंडों में निवेश को अपना सकते हैं।
बजाज कैपिटल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख (निवेश विश्लेषण) आलोक अग्रवाल कहते हैं, 'लार्ज कैप या फ्लैक्सी कैप फंडों में निवेश से शुरुआत करनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपको बाजारों का अच्छा अनुभव मिल जाएगा।' वह सुझाव देते हैं कि उन्हें फंड रेटिंग एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली स्टार रेटिंग के बारे में लोगों से विचार-विमर्श करना चाहिए। निवेशकों को उस पैसे का भी शेयर बाजार में निवेश करने से बचना चाहिए, जिसकी उन्हें अलगे अगले 5 से 7 साल में जरूरत पड़ सकती है। बालाकृष्णन कहते हैं, 'अगर वह उस पैसे का निवेश कर रहे हैं, जिसकी उन्हें 2 से 3 साल बाद जरूरत पड़ेगी तो वे खुद को बाजारों की दया पर छोड़ रहे हैं।' शेयर बाजारों में उतरने से पहले निवेशकों को खुद को लंबी अवधि के लिए भावनात्मक रूप से तैयार कर लेना चाहिए, जब उनका निवेश ऋणात्मक प्रतिफल दिखा सकता है। उन्हें खुद को पूरी पूंजी के ही नुकसान जैसी स्थितियों के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। शेयर बाजार में केवल उसी राशि का निवेश करना चाहिए, जो अगर डूब भी गई तो वे वित्तीय संकट में नहीं फंसेंगे।
म्युचुअल फंडों में निवेश करते समय निवेशकों को यह सीखने का प्रयास करना चाहिए कि किस तरह फंडामेंटल के आधार पर शेयरों में निवेश किया जाए। शेयरों में सीधा निवेश केवल उन्हीं लोगों के लिए है, जो शेयरों के शोध के लिए समय, रुचि और झुकाव रखते हैं। थोड़ी राशि के निवेश से शुरुआत कीजिए और विशेषज्ञता और आत्मविश्वास हासिल होने पर निवेश और बढ़ाएं।
नए निवेशकों को शुरुआत में ब्लूचिप शेयरों में निवेश करना चाहिए। स्टॉक एक्सचेंजों के कुल बाजार पूंजीकरण की करीब 12 से 13 फीसदी हिस्सेदारी खुदरा निवेशकों के पास है। आउटलुक एशिया कैपिटल के मुख्य कार्याधिकारी मनोज नागपाल कहते हैं, 'इस 12 से 13 फीसदी में 60 से 70 फीसदी निवेशक मिड और स्मॉल कैप शेयरों में है। हालांकि ये शेयर ज्यादा प्रतिफल देने की गुंजाइश रखते हैं, लेकिन ऐसा केवल तभी होता है जब सही शेयरों का चुनाव किया जाता है। गलत चयन करने पर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।'
नए निवेशक को ऐसी कंपनियों और क्षेत्रों से दूर रहना चाहिए, जिनके कारोबारी मॉडल को वह नहीं समझता हो। उदाहरण के लिए वह बैंकिंग क्षेत्र की तुलना में खपत आधारित क्षेत्रों में निवेश करना ज्यादा आसान होगा क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र के बदलावों को समझना ज्यादा मुश्किल है। निवेशकों को भारी कर्ज वाली कंपनियों से भी बचना चाहिए। निवेशक शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले मनी बी इंस्टीट्यूट के प्रबंध निदेशक आशुतोष वखारे कहते हैं, 'बड़ा गोता खाने वाले ज्यादातर शेयर कर्ज से दबी कंपनियों के होते हैं। कंपनी के कर्ज और इक्विटी अनुपात को देखना चाहिए।'नए निवेशकों को शुरुआत से ही यह रणनीति बनानी चाहिए कि वे कैसा पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं। नागपाल कहते हैं, 'पोर्टफोलियो में पर्याप्त शेयरों से समुचित विविधीकरण सुनिश्चित होता है। लेकिन पोर्टफोलियो में इतने अधिक शेयर भी नहीं होने चाहिए कि आप उन पर निगरानी ही नहीं रख पाएं। सभी क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरण सेगमेंट में निवेश करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके पास वैल्यू एवं ग्रोथ शेयरों का संतुलित मिश्रण है।' बालकृष्णन सलाह देते हैं कि नए निवेशकों को एक डायरी रखनी चाहिए, जिसमें उन्हें किसी शेयर मेंं निवेश की वजह लिखनी चाहिए। उन्हें यह पता लगाने के लिए समय-समय पर समीक्षा भी करनी चाहिए कि उनकी निवेश रणनीति उम्मीद के मुताबिक काम कर रही है या नहीं।
उन्होंने कहा कि निवेशकों को कीमत लक्ष्य तय करने चाहिए, जिस पर उन्हें यह समीक्षा करनी चाहिए कि वे शेयर में बने रहें या बाहर निकल जाएं। उन्हें स्टॉप लॉस का स्तर भी निर्धारित करना चाहिए। इसका मतलब है कि अगर कीमत इससे नीचे गिरती है तो उन्हें शेयर बेच देना चाहिए। सीधे निवेश करने वाले निवेशकों को शेयरों के मूल्यांकन का ध्यान रखना चाहिए। राजा शेखरन कहते हैं, 'बहुत से निवेशकों को मासिक वेतन मिलता है और वे निवेशक को लेकर लालायित रहते हैं। लेकिन अगर वे सीधे निवेश कर रहे हैं तो उन्हें गिरावट का इंतजार करना चाहिए। ऐसा करने से लंबी अवधि में उनके प्रतिफल में काफी बढ़ोतरी होगी।'
अच्छा रिटर्न दे सकते हैं कर्ज घटाने वाली कंपनियों के शेयर
ऐसी कंपनियों में पैसा लगाने का फैसलाा करते समय निवेशकों को देखना चाहिए कि प्रमोटर होल्डिंग का कितना हिस्सा गिरवी रखा हुआ है।
प्रतीकात्मक तस्वीर।
वैलिडस वेल्थ मैनेजमेंट के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर राजेश चेरुवु ने कहा, 'जिन कंपनियों का डेट इक्विटी रेशियो एक से कम है, उनका प्रदर्शन पिछले तीन से पांच साल में एक से ज्यादा डेट इक्विटी रेशियो वाली कंपनियों से बेहतर रहा है।'
आपको क्या करना चाहिए?
निवेशकों को यह समझना होगा कि मौजूदा क्रेडिट क्राइसिस कुछ समय तक रह सकता है, लिहाजा निवेश के सभी निर्णय इस स्थिति को ध्यान में रखकर करने चाहिए। रियल एस्टेट कंपनियों के साथ समस्या बनी हुई है। चेरुवु ने कहा, 'डिवेलपर्स के लिए क्रेडिट का हाल निकट भविष्य में सुधरने वाला नहीं है। वे अब भी उधार की रकम के जरिए इनवेंटरी होल्ड किए हुए हैं और उसकी कीमत ऊंचे स्तर पर बनाए हुए हैं।'
ज्यादा कर्ज वाली कंपनियों के शेयर कम भाव पर मिल रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेशकों को इनसे दूर रहना चाहिए। बोडके ने कहा, 'ज्यादा कर्ज वाली कंपनियां गिरते हुए चाकू की तरह हैं।' चेरुवु का भी यही मानना है। उन्होंने कहा, 'मार्केट का फोकस क्वॉलिटी पर रहा है। यह स्थिति कुछ और समय तक रहेगी। ऐसे में उन्हीं कंपनियों के साथ रहें जिन पर या तो कर्ज न हो या जिन्होंने कर्ज घटाया हो।'
बिना कर्ज वाली अधिकतर कंपनियों के शेयर चढ़े हुए हैं। सिस्टेमैटिक्स शेयर्स ऐंड स्टॉक्स के डायरेक्टर और रिसर्च हेड जसप्रीत सिंह अरोड़ा ने कहा, 'निवेशकों के लिए बेहतर है कि वे ज्यादा कर्ज वाली कंपनियों से दूर रहें। उन्हें उन कंपनियों से भी दूर रहना चाहिए, जिनमें प्रमोटर होल्डिंग का ज्यादा हिस्सा गिरवी हो। हालांकि बिना कर्ज या बिना गिरवी शेयर वाली कंपनियों में भी मौके कम ही हैं क्योंकि वे पहले ही प्रीमियम वैल्यूएशन पर हैं।' कर्ज का स्तर और घटने पर कुछ रीरेटिंग हो सकती है।
इस तरह उठाएं कदम
कर्ज घटा रही कंपनियों में से चुनते समय निवेशकों को कुछ सतर्कता बरतनी चाहिए। सिस्टेमैटिक्स शेयर्स ऐंड स्टॉक्स के अरोड़ा ने कहा, 'कंपनी पर कर्ज बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए। कर्ज ठीकठाक मात्रा में घटता हुआ दिखना चाहिए।' उदाहरण के लिए, अगर डेट इक्विटी रेशियो चार के करीब हो तो इसे घटाकर तीन तक लाना पर्याप्त नहीं माना जाएगा। हालांकि यही रेशियो अगर 1.5 हो तो इसका 0.5 पर आना अच्छा माना जा सकता है।
कुछ डेट फ्री और कैश रिच कंपनियां हाल के दिनों में तब मुश्किल में फंसी हैं जब उनके प्रमोटरों ने हेराफेरी कर पैसा इन्फ्रास्ट्रक्चर या रियल एस्टेट सेक्टर में डालने के लिए शेयर गिरवी रखने का रास्ता पकड़ा। लिहाजा कम कर्ज वाली कंपनियों पर दांव लगाने वालों को प्रमोटर की गिरवी होल्डिंग को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। अरोड़ा ने कहा, 'नेट डेट के अलावा निवेशकों को प्रमोटर की गिरवी होल्डिंग पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि वित्तीय रूप से दमदार कई कंपनियां प्रमोटरों की गिरवी होल्डिंग के कारण ही अभी क्रैश कर रही हैं।' अपनी लिस्ट बनाते समय हमने उन शेयरों को दूर रखा, जिनमें स्क्रीनिंग के दौरान प्रमोटर होल्डिंग का 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्स गिरवी था।
मार्केट से पैसा न निकालें, धीरे-धीरे निवेश जारी रखें: कृष्ण कुमार कारवा
Emkay Global Financial Services के एमडी कृष्ण कुमार कारवा कहते हैं कि मार्केट 10 से 15 फीसदी और नीचे जा सकते हैं लेकिन यदि आप धैर्यवान निवेशक हैं और भले आपको अभी फायदा नहीं हो रहा है, तो फिर इस बात को कोई कारण नहीं, आप इस समय एक बार में भारी या कोई बड़ा निवेश करें.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Mar 16, 2022 | 6:28 PM
– सरबजीत के. सेन
आने वाले कुछ समय तक इक्विटी मार्केट में उतार-चढ़ाव (Financial Market) का दौर बना रह सकता है. इस बीच Emkay Global Financial Services के एमडी कृष्ण कुमार कारवा का मानना है कि निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए और अपने असेट अलोकेशन (विभिन्न निवेश विकल्प पर इनवेस्टमेंट) पर ध्यान देना चाहिए. Market Mavericks सीरीज के दौरान TV9 से बातचीत करते हुए कारवा यह स्वीकार करते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक नए तरह का एसेट क्लास है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. लेकिन निवेशकों को इस पर छोटी मात्रा में पैसा लगाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाना चाहिए. यहां पढ़िए कारवा से बातचीत के प्रमुख अंश.
Q.1. भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 की तीसरी लहर से उबर ही रही थी कि यूक्रेन संकट की वजह से हाल के दिनों में भारी बिकवाली देखी गई है. क्या आपको लगता है कि बिकवाली का यह दौर लंबा खींच सकता है या फिर बाजार में वापस तेजी आएगी?
A. बीते अक्टूबर 2021 से मार्केट में उतार-चढ़ाव जारी है और इस दौरान हमने कुछ बड़ी गिरावट देखी है. अक्टूबर-नवंबर में विदेशी निवेशकों (FPI) ने भारी बिकवाली भी की है. दिसंबर में कुछ हद तक स्थिरता आई थी, लेकिन इसके बाद यूक्रेन संकट के कारण फिर से हम उतार-चढ़ाव देख रहे हैं. विदेशी निवेशक बिकवाली करने के लिए तैयार बैठे हैं, क्योंकि यूएस फेड (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) कड़ा रुख दिखा रही है और ब्याज दर ऊपर की ओर जा सकती है.
रूस-यूक्रेन संकट की वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी आ रही है. मार्केट में घबराहट बनी हुई है और विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं जो कि मार्च में भी जारी है. हमारा ध्यान कैपिटल मार्केट में स्थिरता के साथ के निवेश करने पर होना चाहिए.
घरेलू म्यूचुअल फंडों में SIP फ्लो (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट) प्रति माह करीब 10,000-12,000 करोड़ रुपये का है और घूरेल फंड खरीदारी कर रहे हैं. कई चीजें एक साथ चल रही हैं. मेरा मानना है कि अस्थिरता का यह दौर अपने चरम पर पहुंच सकता है. यदि घबराहट के हालात आगे भी बने रहते हैं और यूक्रेन संकट का हल नहीं निकलता है तो मार्केट में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
कहने का मतलब यह है कि एक खास स्तर पर कोई भी शेयर अपने वाजिब वैल्यू तक पहुंचता है और हो सकता है कि ये शेयर अपने निचले स्तर तक पहुंचे या फिर जब निवेशकों को यह लगने लगे कि शेयरों पर बुरे दौर का असर अब खत्म हो चुका है तो इन शेयरों में स्थिरता देखने को मिले. मेरे पास इसका स्पष्ट जवाब नहीं है, लेकिन निश्चित तौर पर हम बड़े उतार-चढ़ाव के दौर की ओर आगे बढ़ रहे हैं.
Q.2. ऑयल की कीमतें कई वर्षों के उच्चतम-स्तर पर पहुंच चुकी हैं, जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है. भारत समेत, पूरी दुनिया के शेयर मार्केट पर इसका क्या असर होगा?
A. क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने और मांग में कमी होने या मार्जिन घटने की वजह से ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए विभिन्न कंपनियों के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा और कंपनियों को इन हालातों का सामना करना ही पड़ेगा. लेकिन जब यूक्रेन संकट का हल हो जाएगा तो निवेशकों की नजर मीडियम-टर्म के मौकों पर होगी, ऐसा 12 से 18 महीनों के भीतर हो सकता है. निवेशक, वैल्यूएशन (शेयर की वाजिब कीमत) पर ध्यान देंगे और उसके मुताबिक निवेश करेंगे.
आखिरकार हमें निवेश का निचला स्तर देखने को मिलेगा. और हमें देखना होगा कि हालात सामान्य होने पर खास सेक्टर या कंपनियां किस तरह का प्रदर्शन करती हैं. हमें इस प्रश्न का उत्तर ढूंढना होगा कि हम कब तक सामान्य हालात पर पहुंचते हैं और इस बीच हमें कितना नुकसान होता है?
Q.3. क्या निवेशकों को इस समय सावधानी बरतनी चाहिए और शेयरों से दूर रहना चाहिए या यदि वैश्विक हालात सुधरते हैं और मार्केट यू-टर्न ले लेते हैं तो ऐसा करने में मौके खोने का जोखिम है?
A. जहां तक बात रिटेल निवेशकों की है तो उन्हें अपने असेट अलोकेशन पर बने रहना चाहिए. मार्केट के प्रत्येक स्तर पर अपने एसआईपी जरिए निवेश को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. जहां तक बात लंबी अवधि के निवेश और असेट अलोकेशन की रणनीति की है और यदि आप म्यूचुअल फंड या एडवाइजरी पोर्टफोलियो जरिये निवेश कर रहे हैं तो आपको लगातार निवेश करते रहना चाहिए. आपके पास निवेश के लिए सही सलाहकार होना चाहिए.
यह निवेश से अपने पैसे निकालने का समय नहीं है. यदि कहें कि क्या मार्केट में और गिरावट आ सकती है? हां, मार्केट 10 से 15 फीसदी और नीचे जा सकते हैं लेकिन यदि आप धैर्यवान निवेशक हैं और भले आपको अभी फायदा नहीं हो रहा है, तो फिर इस बात को कोई कारण नहीं, आप इस समय एक बार में भारी या कोई बड़ा निवेश करें.
Q.4. निवेशकों के पोर्टफोलियो में डेट फंड और गोल्ड का क्या रोल हो सकता है?
A.1. जोखिम लेने की आपकी क्षमता और अपने पोर्टफोलियो से रिटर्न की आपकी उम्मीद के हिसाब से ये असेट अलोकेशन के अहम हिस्से होते हैं. यदि आप रेगुलर इनकम की तलाश ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए में हैं तो डेट फंड महत्वपूर्ण होते हैं. यदि आप आज की तारीख में डेट फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको छोटी अवधि वाले विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए.
भारतीयों के गोल्ड बड़ा प्यारा होता है. मौजूदा माहौल में जहां कई तरह की भू-राजनीतिक चुनौतियां बनी हुई हैं, वहां गोल्ड अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. अपने निवेश के हिस्से के तौर पर आपको गोल्ड पर पैसा लगाना चाहिए और यह संकट और अधिक बढ़ता है तो आपको गोल्ड की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है. गोल्ड से भविष्य में बेहतर वैल्यू प्राप्त होती है लेकिन यह नियमित इनकम नहीं देता. इसलिए, निवेशकों को सावधान रहना चाहिए.
Q.5. मौजूदा बाजार में आप कहां बेहतर मौके देखते हैं? महामारी के बाद कौन से सेक्टर ऐसे हैं जहां अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है और निवेशक जिन्हें नजरअंदाज कर देते हैं?
A. उन सेक्टरों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जिन्हें क्रूड ऑयल और कमोडिटी की ऊंची कीमतों के कारण नुकसान होगा. ऑटोमोबाइल, सीमेंट और एफएमसीजी या कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियां, ऐसे सेक्टर हैं जिन पर ऊंची लागत कीमतों का तत्काल असर पड़ेगा और हो सकता है कि ये सेक्टर ऊंची लागत का भार कंज्यूमर पर न डाल पाएं. इन सेक्टरों में मांग की कमी और मार्जिन कम होने जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.
बहुत सी कंपनियां ऐसी हैं जो यूरोपीय बाजारों में काफी कारोबार करती हैं, इनमें वैश्विक वाहन उपकरण कंपनियां शामिल हैं. बिक्री के मामले में इन कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है लेकिन निवेशकों को यह ध्यान देना चाहिए कि क्या यह कठिनाई स्थाई तौर पर है या फिर तात्कालिक तौर पर.
यदि आप मानते हैं कि नकारात्मक समाचारों की वजह से सीमेंट या ऑटो शेयर में उम्मीद से अधिक गिरावट आ चुकी है तो, कुछ निवेशकों के लिए यह खरीदारी का वक्त हो सकता है. आपको कीमतों में गिरावट के लिए तैयार रहना चाहिए, हो सकता है कि यह दौर लंबा हो और फिर बाद में इन कंपनियों को फायदा हो. हालांकि, मेरा मानना है कि निवेशकों को एक संतुलित पोर्टफोलियो रखना चाहिए.
यदि आप निश्चित हिस्सों में मार्केट में निवेश करते हैं, तो संबंधित सेक्टर की प्रमुख कंपनियों पर पैसा लगाएं और उन सेक्टरों पर ध्यान दें जहां वैल्यूएशन तर्कसंगत स्तर पर पहुंच चुके हैं. हम नहीं जानते कि कब हालात सुधरेंगे या सामान्य होंगे लेकिन हमारा अनुमान है कि जिन कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और जिनका बैलेंस शीट मजबूत है, वे कंपनियां अपना वजूद बनाए रखने में कामयाब रहेंगी और हालात सुधरने पर उन्हें और मजबूती मिलेगी.
Q.6. एक निवेश विकल्प के रूप में क्रिप्टोकरेंसी पर आप कैसी सोच रखते हैं और सामान्य निवेशकों को इसे किस तरह देखना चाहिए?
A. सामान्य निवेशक की सीमित जागरूकता होती है. जब रेगुलेटर्स इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे और क्रिप्टो की ट्रेडिंग को रेगुलेट करेंगे, तभी निवेशक इसे लेकर बेहतर तरीके से सहज हो पाएंगे. लेकिन इसे नजरअंदाज भी करना गलत होगा. मेरा मानना है कि छोटी मात्रा में निवेश शुरू करना चाहिए और समय के साथ सीखना चाहिए. कहीं न कहीं मेरा मानना है कि क्रिप्टो भी लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल कैप शेयरों की तरह होते हैं. आपको यह पहचानने की जरूरत है कि कौन सी क्रिप्टो अधिकतम भागीदारी और अधिकतम आकार रखती है, इसके बाद निवेश शुरू करना चाहिए और एक समय के बाद आप धीरे-धीरे अपने पोर्टफोलियो को बढ़ा सकते हैं.
नेटफ्लिक्स के पास पहले से ही 200,000 उपयोगकर्ताओं के नुकसान की योजना है
उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो अपनी वर्तमान योजना को जारी रखना चाहते हैं और विज्ञापन नहीं देखना चाहते हैं, विकल्प नहीं बदलेगा
यह स्पष्ट था कि 2022 की पहली तिमाही में 200,000 उपयोगकर्ताओं के नुकसान की सूचना देने के बाद नेटफ्लिक्स मूर्खता से नहीं बैठेगा।
चिंताजनक स्थिति का मुकाबला करने की अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में, वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने पुष्टि की कि यह एक सस्ती सदस्यता लॉन्च करेगा। बेशक, कीमतों में गिरावट की भरपाई करने के लिए विज्ञापनों के साथ।
यह नेटफ्लिक्स के सह-सीईओ रीड हेस्टिंग्स थे जिन्होंने निवेशकों के साथ सामान्य कॉल के दौरान इस तरह के एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की (द हॉलीवुड रिपोर्टर के लिए धन्यवाद)।
हालांकि, उपयोगकर्ताओं को जल्द ही सस्ती सदस्यता देखने के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए, क्योंकि कंपनी सभी के लिए इसे लागू करने से पहले प्रस्ताव का अध्ययन करने में कम से कम एक साल बिताएगी। निर्देशक इस बात से इंकार नहीं करता है कि पाठ्यक्रम दो साल तक चलता है।
200,000 उपयोगकर्ताओं की हानि, मन बदलने का कारण
हाल ही में, मार्च में, नेटफ्लिक्स के मुख्य वित्तीय अधिकारी स्पेंसर न्यूमैन ने कहा कि वे विज्ञापन-समर्थित सदस्यता में रुचि नहीं रखते थे। “यह अभी हमारी योजनाओं में नहीं है। हमारे पास वैश्विक स्तर पर एक शानदार सदस्यता व्यवसाय मॉडल है,” उन्होंने कहा।
इतने कम समय में आपने अपना मन कैसे बदल दिया? निस्संदेह 2022 की पहली वित्तीय तिमाही में निराशाजनक आंकड़े सामने आए।
निवेशकों से बात करते हुए, हेस्टिंग्स ने खुद स्वीकार किया कि उपभोक्ता एक सस्ता विकल्प चाहते हैं। यह याद रखना चाहिए कि मंच दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अपनी कीमतों में लगातार वृद्धि कर रहा है, एक ऐसी स्थिति जो सदस्यों की एक महत्वपूर्ण संख्या को परेशान करने लगी है। हालाँकि, अब नेटफ्लिक्स चीजों को मोड़ना चाहता है:
“जिन लोगों ने नेटफ्लिक्स का अनुसरण किया है, वे जानते हैं कि मैं विज्ञापन की जटिलता के खिलाफ हूं और मैं सदस्यता ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए ये वे स्तर हैं जिन्हें निवेशकों को देखना चाहिए की सादगी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। लेकिन जितना मैं इसका प्रशंसक हूं, मैं उपभोक्ता की पसंद का प्रशंसक हूं। और उन उपयोगकर्ताओं को अनुमति देना जो कम कीमत चाहते हैं और जो वे चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए विज्ञापन को सहन करते हैं, सही समझ में आता है,” मंच ने एक आधिकारिक बयान में कहा।
Netflix. (foto: REUTERS/Dado Ruvic/Illustration) REUTERS
नेटफ्लिक्स, अपनी प्रतियोगिता पर कड़ी नजर रखने के साथ पीछे नहीं रहना चाहिए
एक अन्य कारक जिसने नेटफ्लिक्स को विज्ञापन-समर्थित योजना का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है, वह अपने प्रतिद्वंद्वियों द्वारा इस प्रकार की सदस्यता की उत्कृष्ट स्वीकृति है। एचबीओ मैक्स पहले से ही एक मुफ्त विज्ञापन-समर्थित सदस्यता की पेशकश कर रहा है, जबकि डिज्नी प्लस एक सस्ती सदस्यता शुरू करने की भी योजना बना रहा है। बाद वाले के 2023 तक दुनिया के अधिकांश हिस्सों में उपलब्ध होने की उम्मीद है।
“यह बहुत स्पष्ट है कि यह हुलु के लिए काम कर रहा है, डिज्नी यह कर रहा है, एचबीओ ने किया। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह काम करता है,” हेस्टिंग्स ने कहा।
Disney + y HBO Max. (foto: Twitter)
गोपनीयता की चिंताओं को देखते हुए कि कोई भी विज्ञापन-समर्थित सदस्यता उत्पन्न करती है, नेटफ्लिक्स समझता है कि यह डेटा एकत्र करने के लिए ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग करने का इरादा नहीं रखता है:
“लाभ क्षमता के संदर्भ में, इंटरनेट विज्ञापन बाजार निश्चित रूप से उन्नत हुआ है, और अब आपको उन लोगों के बारे में सभी जानकारी शामिल करने की आवश्यकता नहीं है जिन्हें आप शामिल करते थे। हम उस से बाहर रह सकते हैं और वास्तव में अपने सदस्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, उस महान अनुभव को बना सकते हैं,” उन्होंने निष्कर्ष निकाला।
200,000 उपयोगकर्ताओं को खोना केवल एक चीज नहीं है जिसके बारे में नेटफ्लिक्स चिंतित है। कंपनी को उम्मीद है कि इसके विकास में उल्लेखनीय मंदी के कारण चालू वित्त वर्ष तिमाही में 2 मिलियन ग्राहक खो जाएंगे । सस्ते सब्सक्रिप्शन की पेशकश गिरावट को रोकने की कोशिश करने की रणनीति का हिस्सा है।