स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है?

Trading Muhurat: दीपावली के दिन सिर्फ एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त
दीपावली के दिन सभी धन-धान्य की स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ज्यादातर दुकाने और ऑफिस बंद होते हैं। लेकिन दिवाली का त्योहार शेयर बाजार और उसके इनवेस्टर्स के लिए बहुत खास रहता है। उस दिन शेयर मार्केट दिन-भर भले ही बंद रहता है, मगर शाम को एक खास मुहूर्त कुछ समय के लिए ओपन होता है, जिसे ट्रेडिंग मुहूर्त कहा जाता है। आइए जानते हैं क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त और दीपावली पर इसे लेकर क्या है परंपरा।
क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त
दरअसल, दिवाली के दिन शेयर मार्केट में सालों से ट्रेडिंग मुहूर्त का रिवाज चला आ रहा है। शेयर बाजार की परंपरा के मुताबिक दिवाली के दिन सामान्य दिनों की तरह दिन के वक्त ट्रेडिंग नहीं की जाती है, लेकिन शाम को ट्रेडिंग मुहूर्त के लिए स्टॉक एक्सचेंज विशेष रूप से एक घंटे के लिए खोले जाते हैं। दिवाली पर शेयर मार्केट में इनवेस्ट करना बेहद शुभ माना जाता है। ट्रेडिंग मुहूर्त के दिन निवेशक बाजार में ट्रेडिंग कम और निवेश पर ज्यादा फोकस करते हैं। बता दें कि ट्रेडिंग मुहूर्त का चलन BSE में 1957 और NSE में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि ट्रेडिंग मुहूर्त पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।
ट्रेडिंग मुहूर्त का समय
अगर बात करें इस बार के ट्रेडिंग मुहूर्त की, तो देश में शेयर बाजार में इस साल दिवाली के दिन यानि 24 अक्टूबर को शाम 6:15 बजे से लेकर शाम 7:15 बजे के बीच ट्रेडिंग मुहूर्त की जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे प्री ओपनिंग सेशन शुरू होगा और 6:08 पर समाप्त हो जाएगा। ट्रेडिंग मुहूर्त में मैचिंग का समय शाम 6:08 से 6:15 बजे तक का होगा। हालांकि कॉल ऑप्शन में ट्रेड मॉडिफिकेशन शाम 7:45 बजे खत्म हो जाएगा।
वैसे तो दिवाली के दिन स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? शेयर बाजार में भी छुट्टी होती है। अन्य दिनों की तरह सुबह 9.15 बजे से शेयरों की खरीद बिक्री नहीं की जाती है। लेकिन शाम को ट्रेडिंग मुहूर्त के तहत 1 घंटे के लिए शेयरों का न केवल सौदा होता है, बल्कि मूहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान ही शेयर बाजार में की गई सभी बाइंग और सेलिंग का सेटलमेंट भी किया जाता है।
Conclusion of Stock Exchange
Stock Exchange शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण घटक होता है। यह स्टोक्स के ट्रेडर्स, Investors को stocks की खरीद-फरोख्त की सुविधा प्रदान करता है।आसान भाषा में कहें तो एक Stock Exchange कंपनियों और निवेशकों के बीच व्यापार स्थापित करने का जरिया होता है।
सभी देशों में अपने-अपने स्टॉक एक्सचेंज है। भारत में दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE है।
भारत में स्टॉक एक्सचेंज SEBI द्वारा निर्देशित नियमों और विनियमों का पालन करता है।
आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि What is a Stock Exchange (एक स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है), Stock Exchange के प्रकार कितने होते हैं? Stock Exchange क्या कार्य करता है और इसकी क्या विशेषताएं होती हैं?
Table of Contents
What is Stock Exchange (Stock Exchange का meaning क्या हैं)
What is Stock Exchange
एक Stock Exchange ऐसी जगह होता है जहां Publicly Listed कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त की जाती है।
Stock Exchange, स्टॉक ब्रोकर्स को किसी कंपनी के शेयरों और अन्य तरह के Securities (Bonds, Commodities) के व्यापार करने की सुविधा प्रदान करता है।
किसी कंपनी के शेयर को आप तभी खरीद या बेच सकते हैं जब वह किसी स्टॉक एक्सचेंज में listed हो।
भारत के स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसे बाजार के रूप में कार्य करते हैं, जहां शेयरों, बॉन्ड्स और कमोडिटी जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार किया जाता है।
आसान शब्दों में कहें तो, भारत के संदर्भ में एक स्टॉक एक्सचेंज ऐसा मंच है, जहां शेयरों, बॉन्ड्स और कमोडिटी के खरीदार और विक्रेता SEBI द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करते हुए किसी कार्य दिवस के विशिष्ट घंटों के दौरान व्यापार करने के लिए एक साथ आते हैं।
यहां आपको ध्यान रहे कि स्टॉक एक्सचेंज किसी भी कंपनी के शेयरों का मालिकाना हक नहीं रखता है, यह केवल कंपनियों और स्टोक्स के खरीददारों के बीच की एक कड़ी होता है।
Indian Stock Exchanges
भारत में कई Stock Exchanges है, लेकिन इनमें से दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE हैं।
नीचे हम आपको भारत के स्टॉक एक्सचेंज के बारे में विस्तार से बताएंगे।
सन 1875 में मुंबई शहर के Dalal Street (दलाल स्ट्रीट) में Bombay Stock Exchange (BSE) को स्थापित किया गया था।
BSE एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है और यह दुनिया का दसवां सबसे बड़ा स्टॉक स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? एक्सचेंज भी है।
BSE में लगभग 5200 कंपनियां Publicly Listed है।
ताजा आंकड़ों के हिसाब से BSE का अनुमानित Market Cap लगभग 3.5 Trillion USD है।
BSE के प्रदर्शन का सूचकांक SENSEX है।
National Stock Exchange (NSE) को सन 1992 में मुंबई में स्थापित किया गया था।
NSE को भारतीय शेयर बाजार में BSE के एकाधिकार को खत्म करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
NSE को भारत में demutualised electronic stock exchange markets की श्रेणी में अग्रणी माना जाता है।
NSE का अनुमानित Market Cap लगभग 3.4 Trillion USD है।
NSE दुनिया का 12th सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
NSE के प्रदर्शन का सूचकांक NIFTY है।
भारत के कुछ अन्य स्टॉक एक्सचेंज निम्न है:
- Calcutta Stock Exchange (CSE)
- India International Exchange (India INX)
- Metropolitan Stock Exchange (MSE)
- National Commodity & Derivatives Exchange Ltd. (NCDEX)
- Multi Commodity Exchange (MCX)
Famous Stock Exchanges स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? in the World (दुनिया का सबसे बडा Stock Exchange कौनसा हैं)
अमेरिका का New York Stock Exchange (NYSE) मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
विश्व के कुछ प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज निम्न प्रकार हैं:
Exchange | Country | Market Cap (in Billion USD as of July,2022) |
New York Stock Exchange (NYSE) | USA | 24.68 |
Nasdaq | USA | 19.5 |
Shanghai Stock Exchange | China | 7.05 |
Shenzhen Stock Exchange | China | 5.15 |
Euronext | Europe | 5.90 |
Tokyo Stock Exchange | Japan | 5.31 |
Hong Kong Exchanges | Hong Kong | 4.57 |
London Stock Exchange | Britain | 3.17 |
Saudi Stock Exchange | Saudi Arabia | 3.15 |
Investment Methods
निवेशक निम्न दो तरीके से भारत के स्टॉक एक्सचेंज में निवेश कर सकते हैं:
Primary Market, Securities का निर्माण करता है और एक मंच के रूप में कार्य करता है, जहां कंपनियां आम जनता के अधिकरण के लिए अपने नए स्टॉक विकल्प और बांड जारी करती हैं।
Primary Market वह जगह है जहां पूंजी जुटाने के लिए कंपनियां पहली बार अपने शेयर IPO के जरिए शेयर मार्केट में Publicly Listed करती है आम जनता के लिए।
Secondary Market को शेयर मार्केट के रूप में भी जाना जाता है। Secondary Market इन्वेस्टर्स के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है।
Secondary Market में निवेशक उन कंपनियों को शामिल किए बिना सिक्योरिटीज में ट्रेड करते हैं जिन्होंने Brokers की मदद से उन्हें पहली बार जारी किया गया था।
Functions of Stock Exchange (Stock Exchange के कार्य)
पूंजी का निर्माण बचत और निवेश के कारण होता है। स्टॉक एक्सचेंज देश में पूंजी निर्माण की सुविधा प्रदान करते हैं| वह स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों में बचत, निवेश और जोखिम वहन करने की आदत विकसित करते हैं।
स्टॉक एक्सचेंज में सिक्योरिटीज की कीमतें निवेशकों की मांग और आपूर्तिकर्ता कंपनियों की प्राथमिकताओं से निर्धारित होती है।
स्टॉक एक्सचेंज Securities की Demand और Supply को एकीकृत करते हैं और निरंतर आधार पर उनकी कीमतें निर्धारित करते हैं।
स्टॉक एक्सचेंज सरकार द्वारा और SEBI द्वारा बनाए और लागू किए हुए नियमों के तहत काम करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज के सभी सदस्य इन नियमों का पालन करते हैं।
FAQs
Stock Exchange का उद्देश्य क्या है?
स्टॉक एक्सचेंज का मुख्य उद्देश्य कंपनियों की पूंजी निर्माण में मदद करना तथा विनिमय के लिए एक सामान्य मंच प्रदान करके कंपनियों और निवेशकों के बीच मध्यस्थता स्थापित करना है।
Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है परंपरा?
Diwali Muhurat Trading 2022: शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।
दिवाली के स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।
पांच स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? दशक पुरानी है यह परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार
पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? में जमकर खरीदारी दिखी थी।
विस्तार
दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।
पांच दशक पुरानी है यह परंपरा
शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।
इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार
पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।
जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है? टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न
भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.