अनुशंसित लेख

क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

क्रिप्टो-करेंसी से लाभ
बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी और NFT सहित वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30% टैक्स की घोषणा की गई है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, कैसे काम करती है और भारत मार्किट

क्रिप्टोकरेंसी word आपने कई बार सुना होगा क्योंकि चाहे Elon Musk हो या फिर Warren Buffett कोई भी क्रिप्टोकरेंसी के नाम से अछूता नहीं है। अग़र आप क्रिप्टो के बारे में नहीं जानते है तो ये Article आपके लिए है। इस Article में हमने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है, जो आपको इस वर्चुअल करेंसी को समझने में वहुत मदद मिलेगी।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी !

आसान भाषा में कहे तो क्रिप्टोकरेंसी डिजिटिल फोर्म में है जो एक डिजिटल क़ैश प्रणाली है जिसे कंप्यूटर के कोडिंग language के algorithem पर काम करती है। ये डिजिटल फॉर्म उसी तरह सुरक्षित है जिस तरह अन्य देशों की मुद्रा। यह एक वर्चुअल करेंसी है जिसे छुआ नहीं जा सकता। आजकल इस मुद्रा का चलन काफी बढ़ता जा रहा है, इस डिजिटल क्रिप्टो करेंसी का उपयोग इंटरनेशनल मार्किट में खरीदारी, इन्वेस्टमेंट और सर्विसेज़ में किया जा रहा है। इसका उपयोग आप कहीं भी किसी भी Time कर सकते है और साथ ही इन्वेस्ट करके अपने पैसे में मुनाफा कमा सकते है।

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

क्रिप्टोकरेंसी के जनक सातोशी नकामोटा को माना जाता है जो 2009 में पहली Decenterlized क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin Introduced की थी लेकिन इस पर प्रश्न चिन्ह तब लग जाता है जब ऐसा कहा जाता है की क्रिप्टोकोर्रेंसी जैसा ही करेंसी यूएस ने 1996 में डिजिटल फोम में गोल्ड बनाया था जिसे 2008 में वैन कर दिया गया। क्रिप्टोकरेंसी(criptocurrency ) दो word से मिलकर बनी है, Cripto जिसका लैटिन भाषा के Criptography से बना है जिसका मतलब होता है छुपा हुआ , उसी तरह Currency लैटिन भाषा के Currentia से आया है जिसका मतलब होता है पैसा। ये एक ऐसी मुद्रा है जिस पर किसी का अधिकार नहीं है।

कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी

जब हम ऐसी मुद्रा के बारे में बात करते है जो डिजिटल है और जिस पर किसी का अधिकार न हो तो मन में ये सवाल आता है की ये मुद्रा काम कैसे करती है। असल में यह एक व्लॉक चैन सॉफ्टवेयर है जिसमें ये मुद्रा एन्क्रिप्टेड है मतलव कोडेड है जिसे Decenterlized सिस्टम के जरिये मैनेज किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन -देन का हिसाब होता है जिसे Signature से verified किया जाता है। क्रिप्टोग्राफी के साथ इसका रिकार्ड रखा जाता है जिसके द्वारा किया गया लेन -देन क्रिप्टो माइनिंग (Cripto mining ) कहलाता है और जिनके द्वारा ये माइनिंग की जाती है उन्हे Miners कहा जाता है। ये बहुत बड़े -बड़े कम्प्यूटर्स के द्वारा की जाती है। इनके कोड को हैक करना नामुमकिन होता है इसलिए ये सुरक्षित मानी जाती है।

देशों का नजरिया

कुछ देश इस करेंसी को अपना चुके है जबकि कुछ देशों ने इसे नहीं अपनाया है इसका सीधा कारण इसके अनोखे रूप और अधिकार क्षेत्र की वजह से है। नए निवेशक आने से इस मुद्रा की Value में बढ़ोतरी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा Famous मुद्रा Bitcoin है जिसे तब ये बोला गया था यह मुद्रा 100 -200 डॉलर इसकी Value होने के बाद ये बाजार से ख़त्म हो जाएगी लेकिन आज Bitcoin की कीमत 1 Bitcoin =33 लाख रूपये होने के बाद हम ये नहीं कह सकते की वर्चुअल मुद्रा पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

April,2021 तक लगभग 10000 प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी हो गयी है। इस बात से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होने वाला है। Cripto में सबसे ज्यादा फेमस Bitcoin है, इसके अलावा और भी Cripto काफी Famous हो रही है जैसे –

Rank Name Symbol
1 Bitcoin BTC
2 Ethereum ETH
3 Binance Coin BNB
4 Cardano ADA
5 Tether USDT
6 XRP XRP
7 Dogecoin DOGE
8 USD Coin USDC
9 Polkadot DOT
10 Uniswap UNI

इनके अलावा भी काफी क्रिप्टोकरेंसी हैं।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का मार्किट

भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने बेचने या फिर किसी भी तरह की सर्विस लेने के लिए कुछ वॉलेट उपयोग में लिए जाते हैं। इनमे से मुख्यत Zebpay , Wazirx , Kuver इत्यादि ऐप के जरिये वड़ी आसानी से इनकी ट्रेडिंग की जाती है। इनके साइनअप के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरुरत होती है जैसे आधार कार्ड, पैनकार्ड, बैंक पासबुक आदि। अगर आपको जानना है कि साइन अप और ट्रेडिंग कैसे की जाती है तो आप मेरे Link को फॉलो कीजिये। इस Pic पर click कीजिये।

भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टो को कभी भी आधिकारिक मंजूरी नहीं दी है तथा इसे अवैध भी करार नहीं किया है क्योंकि क्रिप्टो पर किसी का अधिकार नहीं है तो rbi इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देता है इसलिए ही rbi ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी रेगुलेट करने के बारे में कहा है। सूत्रों से पता चला है की rbi इस साल के अंत तक अपनी करेंसी लेकर आ सकता है जो क्रिप्टो की तरह ही वर्क करेगी पर उसका रेगुलेशन rbi ही करेगा। इस करेंसी का नाम होगा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central bank digital currency ) होगा।

क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

  • क्रिप्टोकरेंसी के लेन -देन कहीं से भी किया जा सकता है और किसी भी टाइम।
  • इस तरह की करेंसी में गोपनीयता बहुत होती है जिसकी वजह से लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।
  • इन करेंसी का उपयोग विश्व में कहीं भी किया जा सकता है बिना किसी अतरिक्त शुल्क के।
  • कोई भी व्यक्ति इसका उपयोग कर सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी के दुष्परिणाम

  • इस पर किसी देश का अधिकार न होने की वजह से विश्वसनीयता पर सवाल उठना।
  • इसकी गोपनीयता के कारण आंतकवादी या अन्य गैरकानूनी धंधो का इसका लाभ उठाना।
  • क्रिप्टो पर सरकार की मौद्रिक नीतियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता इसलिए उनकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभावः पड़ना।

क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य उसके इन्वेस्टर और ट्रेडिंग के भरोसे पर निर्भर रहेगा। कई देशों ने इसे अपनाकर और वड़े -वड़े इन्वेस्टरों ने इसमें पैसा लगाकर इस पर भरोसा जताया गया है और इसका नतीजा इसकी आर्थिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ना। आज लोग धीरे -धीरे जागरूक हो रहे हैं साथ ही इसमें इन्वेस्ट करके अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है। वहीँ दूसरी और कुछ देशों में इसे सही नहीं माना जा रहा है क्योंकि इसकी रेगुलेटरी कोई भी नहीं है तो इसकी जवावदेही भी किसी की नहीं बनती। वैसे यह भी देखा जा रहा है की कुछ देश रेगुलेटरी के साथ अपनी -अपनी डिजिटल मुद्रा को लाने की तैयारी भी कर रहे हैं। इससे यह कहा जा सकता है की क्रिप्टो आगे चलन में आएगी जो आजकल दिख भी रहा है।

निष्कर्ष

क्रिप्टोकरेंसी की इस बात में कोई दोहराह नहीं है कि यह व्यापार,निवेश और अन्य बिभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और काम खर्च वाली डिजिटल प्रणाली है लेकिन फिर भी अगर वर्तमान स्वरुप पर गौर किया जाये तो इसकी गोपनीयता, अस्थिरता और इसकी नीति की वजह किसी भी देश को अनिवार्यता देना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन भविश्य को अगर देखा जाये तो इसमें उपलब्ध अवसरों को ध्यान में रखते हुए सरकार और क्रिप्टोकरेंसी के बीच समन्वय को बढ़ाने पर वाल देना होगा साथ ही जन जागृति भी लानी होगी जिससे एक हितकारी तंत्र बन सके।

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। बिटकॉइन ने 20,000 अमेरिकी डॉलर के मूल्य को पार कर लिया है। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में हुई इस वृद्धि से भारत में भी इसके प्रचलन व वैधता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर पुनर्विचार की माँग उठने लगी है।

क्रिप्टोकरेंसी : अवधारणा

  • क्रिप्टोकरेंसी कम्प्यूटराइज़्ड डाटाबेस पर संग्रहीत एक डिजिटल मुद्रा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे मज़बूत क्रिप्टोग्राफ़ी के उपयोग द्वारा डिजिटल बही-खातों में रिकॉर्ड किया जाता है। ये बही-खातें विश्व स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ताओं के लिये वितरित होते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किये गए प्रत्येक लेन-देन को ब्लॉक (Blocks) के रूप में कूटबद्ध किया जाता है। कई ब्लॉक एक-दूसरे से मिलकर वितरित बही-खाते (Distributed Ledger) पर ब्लॉकचेन का निर्माण करते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में इनक्रिप्शन एल्गोरिद्म (Encryption algorithms) के रूप में भी अतिरिक्त सुरक्षा होती है। क्रिप्टोग्राफ़िक अथवा कूटबद्ध (Coded) विधियों का उपयोग मुद्रा के साथ-साथ उस नेटवर्क को भी सुरक्षित बनाने के लिये किया जाता है, जिस पर इसका कारोबार किया जा रहा है।
  • वर्तमान में, विश्व भर में लगभग 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं। फेसबुक द्वारा घोषित ‘लिब्रा’ के अतिरिक्त बिटकॉइन, एथरियम आदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ अन्य उदाहरण हैं।

क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

  • डिजिटल मुद्रा होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा लाभ इसकी गोपनीयता है। इसी कारण इसके लेन-देन में किसी प्रपत्र की अनिवार्यता नहीं है और न ही इसके लिये निजी जानकारी अथवा पहचान साझा करने की आवश्यकता होती है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का विनियमन किसी भी संस्था द्वारा नही किया जाता, जिस कारण इसका लेन-देन आसन होता है। इसके लिये किसी मध्यस्थ की भी आवश्यकता नहीं होती और न ही इसके लिये अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
  • डिजिटल मुद्रा होने के कारण इसमें किसी प्रकार की धोखाधड़ी होने की सम्भावना बहुत कम होती है। साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी पर वैश्विक मंदी, अवमूल्यन एवं नोटबंदी का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

क्रिप्टोकरेंसी की चुनौतियाँ

  • किसी वैध संस्था द्वारा विनियमन न होने से इसके मूल्य में भारी उतार-चढ़ाव के कारण अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
  • गोपनीयता के कारण आतंकी अथवा ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियों में इसका दुरुपयोग होने की संभावना अधिक है।
  • इस मुद्रा पर केंद्रीय बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता है, जिस कारण इस पर मौद्रिक नीतियों का कोई प्रभाव नही पड़ेगा।
  • बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इसके माध्यम से वित्तीय लेन-देन करके ‘कर अपवंचना’ को बढ़ावा दे सकती हैं।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान करने से इंकार करते हुए कहा था कि सरकार अवैध गतिविधियों के वित्तपोषण और भुगतान प्रणाली में इसके उपयोग को रोकने के लिये आवश्यक उपाय करेगी।
  • नवंबर 2017 में गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति की रिपोर्ट के आधार पर जुलाई 2019 में प्रस्तुत ‘क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2019’ के फ्रेमवर्क में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की मांग की थी।
  • साथ ही, समिति ने क्रिप्टोकरेंसी के महत्त्व को देखते हुए रिज़र्व बैंक को भविष्य में स्वयं की डिजिटल करेंसी जारी करने का सुझाव दिया था।
  • इसी संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी में पारदर्शिता के अभाव तथा इसकी अस्थिर प्रकृति को देखते हुए अप्रैल 2018 में सभी वित्तीय संस्थानों में क्रिप्टोकरेंसी के किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन को प्रतिबंधित कर दिया था।
  • हालाँकि बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने रिज़र्व बैंक द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंध को ख़ारिज करते हुए कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी प्रकृति में एक ‘वस्तु/कमोडिटी’ है। अतः इसे प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।

क्या होनी चाहिये आगे की राह ?

  • वर्तमान में, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गए हैं और सरकार अभी भी असमंजस की स्थिति में है।
  • सरकार मुद्रा-ब्लॉकचेन से संबंधित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। चूँकि क्रिप्टोकरेंसी भी इसी प्रौद्योगिकी से संबंधित है, अतः भविष्य में सरकार इसे वैधता प्रदान करने पर विचार कर सकती है।
  • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और क्रिप्टोकरेंसी परस्पर जुड़े हुए हैं। चीन ने अपने यहाँ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज्स की अनुमति प्रदान की थी, जिस कारण आज चीन में सर्वाधिक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप्स हैं।
  • सरकार आधुनिक डिजिटल उपकरणों के माध्यम से किसी की पहचान की पुष्टि कर सकती है। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से व्यापर पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है।
  • वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग एक उभरता हुआ क्षेत्र है जो मुख्य रूप से डिजिटल मुद्रा पर ही आधारित है। अतः इसके लिये एक आसान भुगतान प्रणाली की आवश्कता है जिसे क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।
  • सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार पर एकाधिकार के मुद्दे पर भी विचार करना चाहिये। क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करके सरकार बड़ी कंपनियों को इसमें संपत्ति अर्जित करने का अवसर दे रही है। चूँकि क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते बाज़ार के कारण इसे क्रिप्टो-करेंसी से लाभ लंबे समय तक प्रतिबंधित नहीं रखा जा सकता, ऐसे में प्रतिबंध समाप्त होने पर सरकार के लिये इसे विनियमित करना आसान नहीं होगा।
  • फेसबुक ‘लिब्रा’ के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार में उतर चुकी है। ऐसे में भारत के पास भी एक अवसर है कि वह इसमें भागीदार बनकर क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार को क्रिप्टो-करेंसी से लाभ समझे, क्योंकि बिना बाज़ार को समझे नियामक की भूमिका निभाना भी आसान नहीं होगा।
  • सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध मुद्रा के रूप में मान्यता न देकर इसे व्यापार-योग्य वस्तु घोषित कर सकती है और कर की प्रयोज्यता के संदर्भ में स्पष्टीकरण दे सकती है।
  • इसके अतिरिक्त, महामारी-प्रेरित लॉकडाउन के कारण अनेक उद्योग-धंधे मंदी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन आधारित प्रौद्योगिकी इस क्षेत्र में रोज़गार सृजन में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। साथ ही, यह $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगा।
  • वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार आगामी बजट में क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की दिशा सकारात्मक कदम उठा सकती है ।

निष्कर्ष

वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी का महत्त्व लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार को चाहिये कि वह इस पर स्पष्ट कानून बनाकर इसे विनियमित करे। इसके लिये मौजूदा ‘फेमा’ (FEMA) तथा सेबी के कानूनों में संशोधन कर धन के प्रवाह व क्रिप्टो-करेंसी से लाभ पूंजी जुटाने संबंधी विकल्पों को विनियमित किया जा सकता है। इसी प्रकार, कर की प्रयोज्यता पर स्पष्टता लाने के लिये आयकर और जी.एस.टी. कानूनों में संशोधन किये जा सकते हैं। अतः अर्थव्यवस्था में सुरक्षा, अवसर और संवृद्धि तभी बढ़ेंगे जब वह नए समाधानों को स्वीकार करेगी।

What is cryptocurrency | advantage and disadvantage of cryptocurrency | क्रिप्टो करेंसी क्या है | क्रिप्टो करेंसी के फायदे और नुकसान क्या है

दुनिया के किसी भी व्यक्ति, संस्था या देश को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति और आपसी लेन देन के लिए एक मुद्रा यानी कि एक currency की आवश्यकता होती है। जैसे कि भारत में रूपया है, अमेरिका में डॉलर है, इंग्लैंड में पाउंड्स है वैसे ही वर्तमान में एक नई करेंसी प्रचलन में है और वो है cryptocurrency तो आइए जानते हैं कि ये crytocurreny क्या है?

Cryptocurrency
Cryptocurrency

What is cryptocurrency | क्रिप्टो करेंसी क्या है

Cryptocurrency एक ऐसी मुद्रा है जो computer Algorithm पर बनी होती हैं। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। यह curreny किसी भी authority के काबू में नहीं होती है अमूमन डॉलर, रुपया, यूरो या अन्य मुद्रा के तरह ही इस मुद्रा का चलन किसी राज्य, देश, संस्था, या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक digital currency होती है जिसके लिए cryptography का प्रयोग किया जाता है।

आमतौर पर इसका उपयोग किसी समान की खरीदारी या कोई service खरीदने के लिए किया जाता है। इसे न तो कोई देख सकता है न ही कोई छू सकता है। क्योंकि भौतिक रूप से cyptocurrency का मुद्रण होता ही नहीं है। इस लिए इसे आभासी (virtual) मुद्रा (currency) भी कहा जाता है।

पिछले कुछ सालों में ऐसे currency काफी प्रचलित हुई। नॉलेज के लिए हम सबको पता होना चाहिए की सर्वप्रथम cryptocurrency का इस्तेमाल 2009 में हुई थी जो की bitcoin थी। Bitcoin के अलावा अन्य cryptocurrency बाजार में उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग आजकल हो रहा है जैसे कि redcoin, ripple, litecoin, ethereum इत्यादि।

What are the advantages of crypto currency| क्रिप्टो करेंसी के फायदे क्या है

आइए जानते हैं कृपया करेंसी के लाभ क्या क्या है? हमें पता है किसी भी वस्तु का फायदे और नुकसान दोनों होता है। इसलिए सबसे पहले क्रिप्टोकरंसी के लाभ के बारे में बात करते हैं। आम पर कह सकते हैं कि कृपया करण से क्या लाभ ज्यादा है और नुकसान कम है।

2. अधिक पैसा होने पर cryptocurrency में निवेश करना अधिक फायदेमंद है। क्योंकि इसके कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। निहाजा निवेश के लिए एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है।

3. अधिकतर cryptocurrency के wallet उपलब्ध है, जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन देन सरल हो चुका है।

4. cryptocurrency को कोई भी Authority कंट्रोल नहीं करती जिसके चलते नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा किसी के सामने नहीं आता।

5. कई बार ऐसे हैं जहां कैपिटल कंट्रोल नहीं है मतलब कि यह बात तय ही नहीं है कि देश के बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना पैसा मंगवाया जा सकता है।लिहाजा क्रिप्टो-करेंसी से लाभ cryptocurrency खरीद कर उसे बाहर आसानी से भेजे जा सकते हैं। उसे पैसे में कन्वर्ट कर लिया जाता है।

6. cryptocurrency का फायदा उन लोगों को होता है जो अपना धन छुपा कर रखना चाहते हैं। इसलिए cryptocurrency पैसे छुपा कर रखने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म उभर कर आया है।

7. cryptocurrency पूरी तरह से सुरक्षित है बस आपको उसके लिए ऑथेंटिकेशन रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि ऐसे currency, blockchain पर आधारित है। लिहाजा किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन करने के लिए पूरे blockchain को माइंड करना पड़ता है।

अभी तक हमने cryptocurreny के लाभ के बारे में बताया आपको तो पता ही होगा की जहा फायदा होता है क्रिप्टो-करेंसी से लाभ वही नुकसान भी अपना पाव पसारता है। तो फिर चलिए जानते हैं cryptocurrency के नुकसान के बारे में।

What are the disadvantage of cryptocurrency | क्रिप्टो करेंसी के नुकसान क्या हैं

1. Cryptocurrency का सबसे बड़ा नुकसान तो ये है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है क्योंकि इसका मुद्रान नही किया जाता। मतलब कि न ही इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही इस करेंसी के बैंक या पासबुक जारी किए जा सकते हैं।

2. इसको control करने के लिए कोई देश, सरकार, या संस्था नही है। जिससे की इसकी कीमत में बहुत उछाल या फिर बहुत अधिक गिरावट देखने को मिलता हैं। जिसके वजह से cryprocurrency में निवेश करना थोड़ा जोखिम भरा है।

3. Cryptocurency का इस्तेमाल गलत कामों को बढ़ावा देता है जैसे कि इसका इस्तेमाल हथियार बनाना, खरीद फरोख्त, ड्रक्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में इसे किया जा सकता है। जो कि इसका इस्तेमाल दो लोगो के बीच में ही किया जा सकता है। ज्यादा यह काफी खतरनाक हो सकता है।

4. Cryptocurreny को हैक करने का भी खतरा बना रहता है। यह बात बीगर है कि Blockchain को हैक करना उतना आसान नहीं है। क्योंकि इसमें security का पूरा इंतजाम होते हैं। बावजूद इसके इस currecy के मालिक न होने के कारण hacking होने से मना भी नहीं किया जा सकता।

5. यदि cryptocurrecy का transaction आपसे गलती से किसी और के पास हो गया तो इसे वापस नहीं मंगा सकते। जिससे आपको घाटा होता है।

यह सब जानने के बाद आपके दिमाग में क्वेश्चन आ रहा होगा कि क्या कानूनी रूप से इसे उपयोग करना वैध है या नहीं। दर्शन इसका उत्तर आपके इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन से देश में रह रहे हैं। वहां कौन सा करेंसी प्रचलन में है। कौन सा देश में इसे वैध माना गया है या नहीं। क्योंकि कुछ देश में क्रिप्टोकरंसी को ग्रे जोन में रखा गया है। पता उस देश में न तो औपचारिक तौर पर इसे यूज करने के लिए कहा गया और ना ही इसे कानूनी रूप से वैध करने के लिए कहां गया हो।

आतम कह सकते हैं कि भारत में क्रिप्टो करेंसी के कीमतों में उछाल होने के कारण लोगों में इस का रुझान देखने को मिल रहा है। आने वाले समय में हो सकता है कि भारत में भी इसे चलाने का औपचारिक रूप से इसे वैध करने के तरफ बढ़े।

आप लोगों से उम्मीद करते हैं कि क्रिप्टो करेंसी से संबंधित यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। कृपया अपने दोस्तों के साथ ही से शेयर करें। इसी तरह की और इंफॉर्मेशन के लिए हमें सब्सक्राइब करें।

Cryptocurrency Tax Calculation 2022: क्रिप्टोकरेंसी से आय पर 30% टैक्स का क्या है सही मतलब? कर देनदारी में कैसे जुड़ेगी ये रकम? एक्सपर्ट से समझें पूरा कैलकुलेशन

टैक्स और निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि बजट मेमोरेंडम के अनुसार, क्रिप्टोकरंसी या अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स में निवेश पर किसी इंडिविजुअल की कुल टैक्स लायबिलिटी ऐसे एसेट्स के ट्रांसफर या ट्रांजेक्शन से होने वाली इनकम का योग होगी.

Cryptocurrency Tax Calculation 2022: क्रिप्टोकरेंसी से आय पर 30% टैक्स का क्या है सही मतलब? कर देनदारी में कैसे जुड़ेगी ये रकम? एक्सपर्ट से समझें पूरा कैलकुलेशन

बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी और NFT सहित वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30% टैक्स की घोषणा की गई है.

Cryptocurrency Tax Calculation 2022: बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी और NFT सहित वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30% टैक्स की घोषणा की गई है, जिसका क्रिप्टो कम्यूनिटी ने स्वागत किया गया है. भले ही टैक्स काफी ज्यादा है, लेकिन फिर भी क्रिप्टो निवेशक इस बात से खुश हैं कि कम से कम क्रिप्टो पर टैक्सेशन से इसे थोड़ी बहुत मान्यता मिली है. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो सहित VDA से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें कानूनी मान्यता मिल गई है. इस पर पूरी तरह से स्पष्टता तब होगी, जब डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने वाला बिल लाया जाएगा. कई क्रिप्टो निवेशक अपनी टैक्स लायबिलिटी की गणना को लेकर कंफ्यूज हैं. यहां हमने ऐसे ही लोगों के कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश की है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

  • टैक्स और निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन ने कहा, “बजट मेमोरेंडम के अनुसार, क्रिप्टोकरंसी या अन्य VDA में निवेश पर किसी इंडिविजुअल की कुल टैक्स लायबिलिटी ऐसे एसेट्स के ट्रांसफर या ट्रांजेक्शन से होने वाली इनकम का योग होगी.” जैन ने आगे कहा, “अगले वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) से क्रिप्टो और NFT सहित डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर या बिक्री से होने वाले लाभ पर फ्लैट 30% टैक्स लागू होगा. निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टोकरंसी से होने वाले नुकसान को सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता है.”
  • Cyril अमरचंद मंगलदास के पार्टनर और हेड – टैक्सेशन, एसआर पटनायक ने कहा, “इसका मतलब है कि अगर किसी टैक्सपेयर को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से कोई इनकम हुआ है, तो उस इनकम पर उसे 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. इस स्रोत से होने वाली इनकम पर टैक्स की गणना में अन्य स्रोत से होने वाली आय को शामिल नहीं किया जाएगा. इस स्रोत को आय के किसी अन्य स्रोत के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है.”
  • उदाहरण से समझें – DSK लीगल के पार्टनल ऋषि आनंद ने इसे एक उदाहरण से समझाया है. वे कहते हैं, “मान लीजिए, किसी क्रिप्टो-करेंसी से लाभ टैक्सपेयर की कुल टैक्सेबल इनकम एक लाख रुपये हैं, जिसमें से 20 हजार रुपये VDA ट्रांसफर से होने वाली इनकम है. इस पर 30 फीसदी के हिसाब से 6 हजार रुपये का टैक्स देना होगा, वहीं 80 हजार रुपये पर एप्लिकेबल स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देना होगा.”

वर्चुअल डिजिटल एसेट से होने वाली इनकम पर कब से देना होगा 30 फीसदी टैक्स

बजट डॉक्यूमेंट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी और अन्य VDA पर 30% का टैक्स आकलन वर्ष 2023-24 से लागू होगा. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2022-23 में क्रिप्टो ट्रांजेक्शन से होने वाली आपकी सभी इनकम पर 30% की दर से कर लगेगा. जैन ने कहा कि मौजूदा टैक्सेशन नियमों के अनुसार निवेशक वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक क्रिप्टो और NFT से आय पर कर का भुगतान कर सकते हैं.

PM Kisan 12th Installment Alert: पीएम किसान की 12वीं किस्‍त में बड़ा अपडेट, इन 10 केस में नहीं मिलेगी रकम

Midcap Funds: 3, 5, 10,15 और 20 साल, ये स्‍कीम लगातार दे रही हैं हाई रिटर्न, 1 लाख के बदले 76 लाख तक मिला फंड

टैक्स कैलकुलेशन: क्या क्रिप्टो से फायदा और नुकसान, दोनों होने पर टैक्स देना होगा?

  • क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से घाटा होने पर इसे किसी अन्य इनकम के साथ सेट-ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता. RSM इंडिया के फाउंडर डॉ सुरेश सुराणा ने कहा, “हालांकि, क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाले नुकसान को उसी वित्तीय वर्ष में क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाले लाभ के साथ सेट-ऑफ किया जा सकता है.”
  • डॉ सुराणा ने उदाहरण देते हुए कहा, “मान लीजिए, किसी शख्स की सैलरी इनकम 20 लाख रुपये है. उसे बिटकॉइन बिक्री पर 5 लाख रुपये का फायदा और एथेरियम बिक्री पर 2 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. वह नुकसान को सेट-ऑफ कर सकता है और उसे क्रिप्टो (बिटकॉइन और एथेरियम) की बिक्री से होने वाले शुद्ध लाभ 3 लाख रुपये पर टैक्स देना होगा. इसके अलावा, इस पर एप्लिकेबल सरचार्ज (इस मामले में शून्य) और सेस (1.2% viz 4% of 30% tax) भी देना होगा. इस तरह, उस शख्स को कुल मिलाकर 31.2 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. 20 लाख रुपये की सैलरी इनकम पर उस शख्स को 5% से 30% (प्लस सरचार्ज और सेस) के सामान्य स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा और यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि क्या टैक्सपेयर ने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 115BAC के तहत ऑप्शनल टैक्स रिजीम का विकल्प चुना है.”
  • आईआईएम अहमदाबाद में प्रोडक्शन एंड क्वांटिटेटिव मेथड्स के एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर अंकुर सिन्हा ने कहा कि सिर्फ गेन पर टैक्स लगेगा, नुकसान पर टैक्स नहीं लगेगा.
  • प्रो सिन्हा ने आगे कहा, “हालांकि, इस एसेट क्लास में निवेश के कारण होने वाले किसी भी नुकसान को किसी अन्य स्रोत से इनकम के खिलाफ सेट-ऑफ नहीं किया जा सकता है. आसान शब्दों में, अगर आपको क्रिप्टो में निवेश से X का नुकसान होता है और कहीं और Y का लाभ होता है, तो आप यह क्लेम नहीं कर सकते कि आप Y-X पर टैक्स का भुगतान करेंगे. दूसरी ओर, अगर आपको क्रिप्टो में निवेश से X का लाभ मिलता है और Y का लाभ कहीं और मिलता है, तो आपको X और Y दोनों पर टैक्स का भुगतान करना होगा.”

क्या क्रिप्टो इनकम पर 30% से ज्यादा टैक्स देना होगा?

इस संबंध में सरकार की ओर से और स्पष्टता की जरूरत है. इस बात को लेकर एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है कि क्रिप्टो निवेशक को केवल 30% कर का भुगतान करना होगा या सरचार्ज के कारण उससे ज्यादा का भुगतान करना होगा. क्रिप्टोकरेंसी, एनएफटी या अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से इनकम पर भुगतान किया जाने वाला कर 30% से अधिक हो सकता है क्योंकि यह फ्लैट दर लागू सरचार्ज और सेस को छोड़कर है. जैसा कि ऊपर भी एक उदाहरण में भी देखा गया है कि क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर प्रभावी टैक्स 30% से ज्यादा हो सकता है.

  • सुराणा कहते हैं, “क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स से होने वाली इनकम के टैक्सेशन में 30 फीसदी टैक्स के साथ ही सरचार्ज और सेस भी शामिल है. टैक्सेबल इनकम के आधार पर टैक्स अमाउंट के 10%, 15%, 25% और 37% की दर से सरचार्ज लागू होता है और टैक्स व सरचार्ज अमाउंट के 4% की दर से सेस लागू होता है. इस तरह, क्रिप्टो एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाली आय पर इंडिविजुअल / HUF के मामले में टैक्सेबल इनकम के आधार पर 31.2%, 34.32%, 35.88%, 39% और 42.744% का टैक्स लागू हो सकता है.”
  • हालांकि, पटनायक का मानना है कि क्रिप्टो से होने वाली आय पर भुगतान किया जाने वाला वास्तविक कर 30% से अधिक नहीं होगा.
  • पटनायक ने इसे उदाहरण के साथ समझाते हुए कहा, “मान लीजिए कि मिस्टर X क्रिप्टोकरेंसी में 100,000 US$ का निवेश करता है और 10,000 यूनिट प्राप्त करता है. वह उन्हें 2,000 यूनिट की 5 किस्तों में बेचने का फैसला करता है और इससे 15,000 US$, 25,000 US$, 40,000 US$, 75,000 US$ और 5,000 US$ प्राप्त करता है. इस तरह, 100,000 US$ के निवेश पर मिस्टर X को कुल मिलाकर 160,000 US$ प्राप्त हुए. इसलिए, उसे 60,000 US$ की शुद्ध आय पर 30% की दर से कर यानी 18,000 US$ (60,000 US$ का 30%) का भुगतान करना होगा. इसे उनकी अन्य आय के साथ जोड़ा जाएगा और उन्हें अपनी कुल आय पर लागू सरचार्ज और एजुकेशन सेस के साथ टैक्स का भुगतान करना होगा.”

क्या एयरड्रॉप्ड क्रिप्टो टोकन या एनएफटी पर भी देना होगा टैक्स?

EarthID के VP- रिसर्च एंड स्ट्रैटेजी, शरत चंद्र ने बताया कि केवल क्रिप्टो निवेशक ही नहीं, बल्कि जिन्होंने गिफ्ट के रूप में एयरड्रॉप्ड क्रिप्टो टोकन या एनएफटी प्राप्त किया है, उन्हें भी टैक्स का भुगतान करना होगा.

क्या आपको क्रिप्टो रखने के लिए टैक्स देना होगा?

आपको टैक्स तभी देना होगा जब आप ट्रांजेक्शन, ट्रांसफर या एक्सचेंज या क्रिप्टो एसेट्स से इनकम प्राप्त करेंगे. एक्सपर्ट्स के अनुसार, क्रिप्टो रखने के लिए कोई कर नहीं देना है.

क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

If you have any interest in trading and investment, it would be hard not to look into cryptocurrency trading. Cryptocurrencies such as bitcoin, Ethereum, Litecoin, and over 25 other digital assets have excited investors with the possibility of substantial profits and an entirely new way of thinking about what a currency is and how it works.

To start trading cryptocurrencies with us, follow these simple steps:

Step 1. Create a profile

Sign up on our site, confirm your email address, and start a trading account. In some cases, you may also need to complete the verification process.

Step 2. Choose the platform

Choose whether you want to use the MetaTrader 4 or MetaTrader 5 platform to trade. MetaTrader 4 is the long-established and arguably the best standard for pure Forex trading, while MetaTrader 5 क्रिप्टो-करेंसी से लाभ allows you to better set up your trading preferences. Research both and see which suits you best.

Step 3. Make your first deposit

Once your email and identity are verified, you can add funds to your trading account. Don’t forget that adding funds allows you to get a 50% deposit bonus and maximise your potential profit.

Step 4. Download the crypto trading system

Download the appropriate desktop or mobile MetaTrader app, and sign in with your trading account number, which you have received after the account registration in steps 1 and 2.

Step 5. Add cryptocurrencies to the asset lists

In order to start trading cryptocurrencies within the MetaTrader systems, क्रिप्टो-करेंसी से लाभ you need to add them into the asset list:

Desktop: right-click on Market Watch and select Show All

Mobile: press +, select Crypto, and then choose the currencies you want to trade.

What you need to know about trading cryptocurrency

Trading cryptocurrency pairs don't require any specific knowledge. It's not that different from trading Forex, commodity, or other markets. Despite the asset's unusual nature, the crypto price rises and falls just like any other currency, stock, or commodity. As the crypto market is also affected by predictable external factors, you have the opportunity to make a substantial profit.

You can trade bitcoin, Ethereum, Litecoin, Bitcoin Cash, Ripple, and 25 other pairs with us 24/7. However, there is server maintenance when trading is unavailable from 12:00 a.m to 2:00 a.m. on Saturday and 3:30 a.m. to 4:00 a.m. on Sunday. In addition, you'll be able to get our free trading signals plugin that offers detailed technical analysis and some of the best crypto price predictions in the market.

Low costs and buying power

A sensible approach to any sort of investment is to minimise initial outlay while maximising the potential for profit. Our service will set you up well in this regard by offering some of the lowest spreads in the business and the opportunity to trade micro lots as small as 0.01 lot. So you don’t need a huge initial outlay to profit from bitcoin, Litecoin, Ethereum, Bitcoin Cash, Ripple, or any of our other digital assets.

We’ll also provide a free leverage to maximise your profit potential. You can trade with leverage up to 1:25. There are no commissions and deposit or withdrawal fees.

Don’t miss the perfect moment

When investing in something as volatile as cryptocurrency, maximising your profit relies on buying and selling with pinpoint accuracy the second the market offers the most potential. We allow you to do this क्रिप्टो-करेंसी से लाभ thanks to some of the fastest execution on the market.

Buy and sell for the price you see, with no delays, and make deposits and withdrawals instantly.

How to predict the biggest cryptocurrencies’ price

So now that you’re fully briefed on trading cryptocurrencies, it’s time to learn more about the currencies we offer.

Bitcoin

Bitcoin is the first digital currency, created back in 2009. Bitcoin is one of the most volatile and popular instruments among cryptocurrencies.

Bitcoin Cash

Bitcoin Cash, a fork of Bitcoin, is an altcoin that was issued in 2017. Intraday traders usually focus on Bitcoin Cash during the Tokyo and London trade sessions, when it’s most volatile.

Ethereum

Ethereum is a system that supports smart contract technologies to invest in the ICOs of new start-up companies. The more start-ups are interested in Ethereum, the more expensive it becomes. Technical analysis figures work well with Ethereum.

Litecoin

Litecoin was first issued in 2011 and is quite similar to Bitcoin. The Litecoin क्रिप्टो-करेंसी से लाभ price greatly depends on Bitcoin. That makes it possible to use the pairs with Bitcoin as the main currency to successfully forecast Litecoin changes.

Ripple

Ripple, often referred to as XRP, was released in 2012 and since then it became one of the largest cryptocurrencies. It demonstrates decent volatility, which attracts many day traders.

रेटिंग: 4.11
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 279
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *