मुद्रा अनुबंध

क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) फ्यूचर्स की व्याख्या पूरी हुई
फ्यूचर्स अनुबंध पारंपरिक वित्त का एक अनिवार्य हिस्सा होते हैं: ये अत्यधिक जटिल वित्तीय उपकरण हैं जिनका उपयोग उन्नत श्रेणी के निवेशक या तकनीकी निवेशक करते हैं। निवेशक, निगम और सरकारें फ्यूचर्स अनुबंध जैसे व्युत्पादित (डेरीवेटिव) का उपयोग जोखिम और असेट की कीमतों को अस्थिरता के जोखिम से बचाने के लिए करते हैं।
व्युत्पादित (डेरीवेटिव) एक वित्तीय अनुबंध होता है जो एक अंतर्निहित असेट से अपना मूल्य डेराइव करता है। परंपरागत रूप से, व्युत्पादित (डेरीवेटिव) का उपयोग वस्तुओं, मुद्राओं, स्टॉक या बांड जैसे मार्केट में किया जाता है। इन अनुबंधों का व्यापार ओवर द काउंटर पर या विनिमय के माध्यम से किया जा सकता है।
क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) फ्यूचर्स क्या हैं?
क्रिप्टो उद्योग में, फ्यूचर्स मार्केट एक तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है जो मासिक रूप से खरबों की मात्रा में उत्पादन करता है। स्टॉक विकल्प या कमोडिटी फ्यूचर्स अनुबंध की तरह, क्रिप्टो फ्यूचर्स क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) पर अस्थिरता और प्रतिकूल मूल्य मूवमेंट के मुकाबले सुरक्षा प्रदान करते हैं। क्रिप्टो फ्यूचर्स अनुबंध भी निवेशकों के लिए क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के भविष्य की कीमतों पर अटकलें लगाने के लिए एक प्रॉक्सी टूल है। इसका उपयोग क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) में होने वाले मूल्य परिवर्तन से बचाव के लिए भी किया जा सकता है।
क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) फ्यूचर्स व्यापार के लाभ
लचीलापन: गैर-क्रिप्टो धारक क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) की कीमत पर सट्टा लगा सकते हैं और त्वरित लाभ कमा सकते हैं। आप USDT के साथ क्रिप्टो फ्यूचर्स अनुबंध में एक पोजीशन खोल सकते/सकती हैं और प्राप्त किए गए किसी भी लाभ का निपटान USDT में किया जाएगा।
लेवरिज: इसकी कुल लागत के केवल एक अंश के साथ विशिष्ट क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) पर महत्वपूर्ण एक्सपोजर प्राप्त करें। लेवरिज के साथ, आप अपने समय और प्रयास को सही ठहराने वाले मुनाफे प्राप्त करने के लिए छोटे मूल्य मूवमेंट को बढ़ा सकते/सकती हैं।
तरलता: ट्रेडिंग मात्रा में खरबों के साथ ,क्रिप्टो फ्यूचर्स बाजार बेहद तरल हैं। एक तरल बाजार कम जोखिम भरा होता है क्योंकि व्यापारी न्यूनतम स्लिपेज के साथ आसानी से अपनी पोजीशन में प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।
पोर्टफोलियो में विविधता: अधिक लाभ जेनरेट करने के लिए व्यापारिक रणनीतियों में विविधता लाएं। व्यापारी अब परिष्कृत व्यापारिक रणनीति विकसित कर सकते हैं जैसे शॉर्ट-सेलिंग, आर्विट्राज, युग्म ट्रेडिंग आदि।
मुद्रा अनुबंध
सिंगापुर एक्सचेंज ने आज कहा कि वह 2013 की तीसरी तिमाही में अपने डेरिवेटिव बाजार में भारतीय रुपया-डॉलर अनुबंध समेत एशियाई विदेशी मुद्रा वायदा कारोबार शामिल करेगा।
सिंगापुर एक्सचेंज ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित विदेशी मुद्रा वायदे को नियामक मंजूरी मिलनी बाकी है। विदेशी मुद्रा वायदे में अमेरिकी डॉलर, जापानी येन और सिंगापुर डॉलर से जुड़ेे वायदे को शामिल किया जाएगा।
एक्सचेंज शुरुआत में चार मुद्रा-युग्म, आस्ट्रेलियाई डॉलर-अमेरिकी डॉलर, आस्ट्रेलियाई मुद्रा अनुबंध डॉलर-जापानी डॉलर, भारतीय रुपया-अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी डॉलर-सिंगापुर डॉलर के वायदा कारोबार की पेशकश करेगा।
अर्थव्यवस्था किसी भी चुनौती से निपटने को लेकर बेहतर स्थिति में: दास
मुंबई, 21 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (मुद्रा अनुबंध आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि 677 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारत किसी भी चुनौती से निपटने और चालू खाते के घाटे के वित्तपोषण को लेकर बेहतर स्थिति में है। पिछले तीन साल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 270 अरब डॉलर बढ़ा है। दास ने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार 622 अरब डॉलर है। इसके अलावा 55 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा अनुबंध संपत्ति (फॉरवार्ड एसेट) के रूप में है। यह संपत्ति समय-समय पर हर महीने परिपक्व होगी। उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई
पिछले तीन साल में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 270 अरब डॉलर बढ़ा है।
दास मुद्रा अनुबंध ने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार मुद्रा अनुबंध 622 अरब डॉलर है। इसके अलावा 55 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा अनुबंध संपत्ति (फॉरवार्ड एसेट) के रूप में है। यह संपत्ति समय-समय पर हर महीने परिपक्व होगी।
उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारे पास आज की तिथि में 677 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। भारत वैश्विक कारणों से उत्पन्न किसी भी प्रभाव से निपटने या चालू खाते के घाटे के वित्तपोषण के लिये बेहतर स्थिति में है।’’
मुद्रा भंडार किसी भी अर्थव्यवस्था में स्थिरता और भरोसा देता है।
इस सुझाव पर कि मुद्रा भंडार का छोटा सा हिस्सा अर्थव्यवस्था की जरूरतों के वित्तपोषण में इस्तेमाल किया जाना चाहिए, दास ने कहा कि यह परामर्श उपयुक्त नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिये मुद्रा भंडार का उपयोग उपयुक्त सुझाव नहीं है. । आरबीआई के मुद्रा अनुबंध आकलन के अनुसार भारत को ऐसा नहीं करना चाहिए और इसीलिए हम इसके पक्ष में नहीं हैं।’’
कई प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दर बढ़ाये जाने के प्रभाव बारे में गवर्नर ने कहा कि इसका कुछ असर हो सकता है लेकिन आरबीआई को भारतीय मुद्रा की स्थिरता बनाये रखने का भरोसा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की नीति अत्याधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिये विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप की है।
दास ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है और बाह्य मोर्चे पर भी अच्छा कर रही है।
हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम अनिश्चित दुनिया में रहते हैं और आत्मसंतुष्टि के लिये कोई जगह नहीं है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमारी इस पर नजर है।’’
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक की कच्चे तेल और मुद्रा अनुबंध जिंसों के दाम में पर कड़ी नजर है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 11 अक्टूबर से शुरू करेगा डॉलर-रुपया वायदा अनुबंध
नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) प्रमुख शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपया (डॉलर-रुपया) मुद्रा जोड़े में 11 अक्टूबर से साप्ताहिक वायदा अनुबंध शुरू करेगा। कारोबार के लिये 11 साप्ताहिक वायदा अनुबंध उपलब्ध होगा। इसमें जहां मासिक अनुबंध शुक्रवार को समाप्त होगा वह ‘एक्सपायरी’ सप्ताह शामिल नहीं होगा। एनएसई की विज्ञप्ति के अनुसार इसमें सौदे का आकार 1,000 डॉलर का होगा और एक्सचेंज के मुद्रा डेरिवेटिव खंड में कारोबार के लिये उपलब्ध होगा। इससे पहले, एनएसई ने तीन दिसंबर, 2018 को डॉलर-रुपया मुद्रा जोड़े का साप्ताहिक विकल्प कारोबार शुरू किया था।
कारोबार के लिये 11 साप्ताहिक वायदा अनुबंध उपलब्ध होगा। इसमें जहां मासिक मुद्रा अनुबंध अनुबंध शुक्रवार को समाप्त होगा वह ‘एक्सपायरी’ सप्ताह शामिल नहीं होगा।
एनएसई की विज्ञप्ति के अनुसार इसमें सौदे का आकार 1,000 डॉलर का होगा और एक्सचेंज के मुद्रा डेरिवेटिव खंड में कारोबार के लिये उपलब्ध होगा।
इससे पहले, एनएसई ने तीन दिसंबर, 2018 को डॉलर-रुपया मुद्रा जोड़े का साप्ताहिक विकल्प कारोबार शुरू किया था।
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