कॉल अनुपात

इडी का बयान, पंकज मिश्रा को झारखंड सरकार का संरक्षण, कर रहें है पावर इंज्वाय
न्यायिक हिरासत में रहते हुए रिम्स में इलाज के दौरान उसने करीब 300 फोन कॉल किये. उसका राजनीतिक रसूख ऐसा कि साहिबगंज थाने में उस पर दर्ज प्राथमिकी की जांच में उसे निर्दोष बताया गया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है. वह ‘पावर इंज्वाय’ कर रहा है. न्यायिक हिरासत में रहते हुए रिम्स में इलाज के दौरान उसने करीब 300 फोन कॉल किये. उसका राजनीतिक रसूख ऐसा कि साहिबगंज थाने में उस पर दर्ज प्राथमिकी की जांच में उसे कॉल अनुपात निर्दोष बताया गया. पंकज मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गयी है. जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी की ओर से कहा गया कि अभियुक्त पंकज मिश्रा न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान भी लगातार वरीय पुलिस और राज्य के अधिकारियों से बात करता रहा. उसके सहयोगियों के अलावा रिम्स में उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने भी उसे फोन की सुविधा मुहैया करायी. वह अपने सहयोगियों की मदद से अब भी अवैध कार्यों को अंजाम दे रहा है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त पंकज मिश्रा प्रभावशाली व्यक्ति है. सर्विलांस में लगाये गये उसके एक फोन कॉल की जांच से पता चला है कि वह अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करता है.
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त्रिकोणमिति: फार्मूला, ट्रिक्स और प्रश्न (Trigonometry: Formulas, Tricks and Questions)
Trigonometry | Definition, Formulas, Ratios, & Identities in Hindi
Trigonometry यानी त्रिकोणमिति, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड का एक प्रमुख हिस्सा है, जो छात्रों को काफी कठिन लगता है। त्रिकोणमिति गणित की एक प्रमुख शाखा है जो एक त्रिकोण के कोण और लंबाई से संबंधित है। Sin, Cos, Tan, Sec, Cosec, और Cot नाम के कुल 6 त्रिकोणमितीय फंक्शन हैं।इन त्रिकोणमितीय अनुपात के माध्यम से लंबाई और कोण को ज्ञात किया जाता है। त्रिकोणमिति के सभी फार्मूला, ट्रिक्स और प्रश्न इन 6 फंक्शन से सम्बन्धित हैं।
त्रिकोणमिति की परिभाषा (Definition of trigonometry)
त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज और त्रिभुजों से बनने वाले बहुभुजों का अध्ययन होता है। त्रिकोणमिति का शब्दिक अर्थ है ‘त्रिभुज का मापन’ (Trigonometry (from Greek trigōnon, “triangle” and metron, “measure”) )। त्रिकोणमिति में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है समकोण त्रिभुज का अध्ययन। त्रिभुजों और बहुभुजों की भुजाओं की लम्बाई और दो भुजाओं के बीच के कोणों का अध्ययन करने का मुख्य आधार यह है कि समकोण त्रिभुज की किन्ही दो भुजाओं (आधार, लम्ब व कर्ण) का अनुपात उस त्रिभुज के कोणों के मान पर निर्भर करता है। त्रिकोणमिति का ज्यामिति की प्रसिद्ध बौधायन प्रमेय (पाइथागोरस प्रमेय ) से गहरा सम्बन्ध है।
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त्रिकोणमिति से संबंधित प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, रेलवे आदि में पूछे जाते हैं। इस पोस्ट में, हम आपको परीक्षाओं के लिए उपयोगी त्रिकोणमिति नोट्स प्रदान कर रहे हैं। यह आपको त्रिकोणमिति के बेसिक फार्मूला को याद करने में मदद करेगा।
महत्वपूर्ण त्रिकोणमितीय अनुपात की सर्वसमिका ( Trigonometry Ratios-Sine, Cosine, Tangent ):
त्रिकोणमिति की बेसिक कांसेप्ट पर मजबूत पकड़ के लिए, आपको सभी महत्वपूर्ण त्रिकोणमितीय अनुपात और उनकी सर्वसमिका(आइडेन्टिटी) को जानना चाहिए।
त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometry Ratios) :
विभिन्न त्रिकोणमितीय अनुपात फंक्शन का अध्ययन करने के लिए, हम एक समकोण त्रिभुज लेंगे। मान लीजिए कि ABC समकोण त्रिभुज है और A = 90° है
Relations between Trigonometric Ratios
Value of Trigonometric Ratios in Different Quadrants
Different Values of Specific Angle of Trigonometric Ratio
कोण 0°, 30°, 45°, 60°, 90° के त्रिकोणमितीय अनुपात के आधार पर प्रश्न को हल करने के लिए आपको निम्न कॉल अनुपात तालिका याद करनी चाहिए
Relation Between Square Of Different Types Of Trigonometric ratios
Important Concept to Solve a Specific Type of Question
यदि A + B = 90°
यह हमेशा सत्य होंगे:
(i) sin A. sec B = 1 or sin A = cos B
(ii) cos A. cosec B = 1 or sec A = cosec B
(iii) tan A. tan B = 1 or tan A = cot B
(iv) cot A. cot B = 1
(v) sin²A + sin² B = 1
(vi) cos² A + cos² B = 1
Important Formula for Sum and Difference Of Two Angles
(1) sin (A+B) =sinA. cosB + cosA sinB
(2) sin(A – B) =sinA. cosB – cosA sinB
(3) cos(A+B) =cosA. cosB – sinA sinB
(4) cos(A-B) = cosA. cosB+sinA sinB
(5) 2 sinA.cosB = sin(A+B)+sin (A-B)
(6) 2 cosA. sinB = sin(A+B)-sin (A-B)
(7) 2 sinA. sinB = cos(A-B)-cos(A+B)
(8) 2 cosA.cosB = cos(A+B)+cos(A-B)
(9) sin²A-sin²B = sin(A+B). sin(A-B)
(10) cos²A-cos²B = cos(A+B).cos (A-B)
Different Formula For Tangent
Important Results for Trigonometry
तो, tan A + tan B + tan C = tan A. tan B. tan C
तो, cot A + cot B + cot C = cot A cot B cot C
- यदि (a) sin θ + cosec θ = 2
तो,
Trigonometry: Maximum & Minimum Value
अधिकतम और न्यूनतम मान
Minimum Maximum
- sin θ, cos θ [odd power] –1 +1
- sin θ, cos θ [even power] 0 +1
- tan θ, cot θ [odd power] –∞ +∞
- tan θ, cot θ [even power] 0 +∞
- sec θ, cosec θ [odd power] –∞ +∞
- sec θ, cosec θ [even power] +1 +∞
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त्रिकोणमिति के अनेका उपयोग हैं। उदाहरण के लिए, खगोल विज्ञान में त्रिकोणीयन की तकनीक का उपयोग आसपास के तारों की दूरी ज्ञात की जा सकती है। इसी तरह, भूगोल में त्रिकोणीयन द्वारा भू-चिह्नों (लैण्डमार्क) के बीच की दूरी निकाल सकते हैं। उपग्रह की सहायता से नौवहन में त्रिकोणमिति अत्यन्त उपयोगी है। अन्य शब्दों में यह कहा जा सकता है कि जो दूरियाँ सीधे नहीं मापी जा सकती या जिन्हें सीधे मापना अत्यन्त कठिन है, उन दूरियों की गणना त्रिकोणमिति की सहायता से अत्यन्त शुद्धता से की जा सकती है। इसके लिए अत्यन्त सरलता से मापे जा सकने वाली कुछ अन्य दूरियाँ और कोण मापने पड़ते हैं।
Indian Navy Apprentice Recruitment 2022 इंडियन नेवी अपरेंटिस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी, आवेदन 2 दिसंबर से शुरू
Indian Navy Apprentice Recruitment 2022 इंडियन नेवी अपरेंटिस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी, आवेदन 2 दिसंबर से शुरू: Naval Dockyard Visakhapatnam Apprentice Vacancy 2022-23 Notification and Online Form इंडियन नेवी ने अपरेंटिस के 338 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस भर्ती के लिए योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इंडियन नेवी अप्रेंटिस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन 2 दिसंबर से 2 जनवरी 2023 तक कर सकते हैं। इसके लिए परीक्षा का आयोजन 28 फरवरी 2023 को किया जाएगा। इंडियन नेवी अपरेंटिस भर्ती की योग्यता, आयु सीमा, आवेदन शुल्क सभी जानकारी नीचे दी गई है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने से पूर्व अभ्यर्थी ऑफिशल नोटिफिकेशन जरूर देखें।
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Indian Navy Apprentice Recruitment 2022 Age Limit
इंडियन नेवी अपरेंटिस भर्ती 2022 के लिए अभ्यर्थी का जन्म 2 मई 2009 से पूर्व का होना चाहिए।
Indian Navy Apprentice Recruitment 2022 Application Fee
इंडियन नेवी अपरेंटिस भर्ती 2022 के लिए कोई भी आवेदन शुल्क नहीं रखा गया है।
Indian Navy Apprentice Recruitment 2022 Educational Qualification
इंडियन नेवी अपरेंटिस भर्ती 2022 के लिए अभ्यर्थी मान्यता प्राप्त बोर्ड से संबंधित ट्रेड में आईटीआई होना चाहिए।
- ITI in the Related Field/ Trade
Navy Apprentice Recruitment 2022 Selection Process
कॉल लेटर जारी करने के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग एसएससी / मैट्रिक / कक्षा 10 की परीक्षा में प्राप्त अंकों और आईटीआई के अंकों के आधार पर 70:कॉल अनुपात 30 के अनुपात में की जाएगी और एक योग्यता सूची तैयार की जाएगी। मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार आरक्षण कोटा बनाए रखने के लिए प्रत्येक ट्रेड और श्रेणी में मौजूदा रिक्तियों के खिलाफ 1:5 के अनुपात में शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदकों को लिखित परीक्षा में उपस्थित होने के लिए कॉल लेटर भेजे जाएंगे। अभ्यर्थी विस्तृत जानकारी अधिकारिक नोटिफिकेशन से प्राप्त कर सकते हैं।
How to Apply Indian Navy Apprentice Recruitment 2022
इंडियन नेवी अप्रेंटिस रिक्रूटमेंट 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें। इंडियन नेवी अप्रेंटिस भर्ती 2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रोसेस नीचे दी गई है।
- सबसे पहले इंडियन नेवी की ऑफिशल वेबसाइट को ओपन करना है।
- इसके बाद इंडियन नेवी अप्रेंटिस रिक्रूटमेंट नोटिफिकेशन को अच्छे से पढ़ लेना है।
- इसके बाद नीचे दिए गए अप्लाई लिंक पर क्लिक करना है।
- आवेदन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी सही-सही भरनी है। आवश्यक डाक्यूमेंट्स, फोटो और सिग्नेचर अपलोड करने हैं।
- आवेदन फॉर्म सबमिट करने के बाद इसका प्रिंट आउट निकाल कर रख लेना है।
- इसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म को स्पीड पोस्ट या साधारण पोस्ट के द्वारा निचे दिए गए पते पर भेज दे।
Send the application form to the “The Officer-in-Charge (for Apprenticeship), Naval Dockyard Apprentices School, VM Naval Base S.O., P.O., Visakhapatnam – 530014, Andhra Pradesh” by Post so as to reach DAS (V) by 09 Jan 2023.
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल है खतरे की घंटी, जानें क्या है गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल, कोलेस्ट्रॉल बैलेंस के लिए खाएं ये
कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) खून में प्रोटीन और लिपिड से बने संरचनात्मक द्रव के रूप में मौजूद रहता है और कोलेस्ट्रॉल और प् . अधिक पढ़ें
- Myupchar
- Last Updated : September 21, 2020, 07:15 IST
शरीर में लिवर द्वारा निर्मित मोम या वसा जैसे पदार्थ को ही कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) या लिपिड (lipid) कहते हैं. अलग-अलग तरह की विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को संपन्न करने के लिए उचित मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का शरीर में होना अनिवार्य है. कोशिका झिल्ली, विटामिन डी, पाचन और कई तरह के हार्मोन जैसे- एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरॉन, टेस्टोस्टेरॉन, कोर्टिसोल और एल्डोस्टेरॉन के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है. इसके अलावा बाइल सॉल्ट (पित्त लवण) में भी कोलेस्ट्रॉल मौजूद रहता है जो फैट को सही तरीके से पचाने में मदद करता है. साथ ही कोलेस्ट्रॉल विटामिन ए, डी, ई और के को शरीर में अवशोषित करने में भी मदद करता है. सूर्य की रोशनी की मौजूदगी में शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मदद से ही विटामिन डी का उत्पादन होता है.
कोलेस्ट्रॉल खून में प्रोटीन और लिपिड से बने संरचनात्मक द्रव के रूप में मौजूद रहता है और कोलेस्ट्रॉल और प्रोटीन युक्त इसी तत्व को लिपोप्रोटीन कहा जाता है. लिप्रोप्रोटीन्स कोलेस्ट्रॉल को रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य अंगों में पहुंचाने में मदद करता है. लिपोप्रोटीन्स मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं :
1. हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल कॉल अनुपात
इस प्रकार के लिपोप्रोटीन में फैट की तुलना में प्रोटीन अधिक होता है. इसे गुड या अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर आपके हृदय के लिए फायदेमंद और सुरक्षात्मक असर के रूप में देखने को मिलता है. शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल अधिक हो तो हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम रहता है.
2. लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल
इस लिपोप्रोटीन में प्रोटीन की तुलना में फैट की मात्रा अधिक होती है और इसलिए इसे बैड या खराब कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है. अगर शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो जाए तो हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिकता के कारण सीने में दर्द, हार्ट अटैक, स्ट्रोक या डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है.
एचडीएल और एलडीएल के कार्य
चूंकि एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल का ज्यादातर हिस्सा प्रोटीन से बना होता है इसलिए शरीर की विभिन्न कोशिकाओं से कोलेस्ट्रॉल को लेना और उसे नष्ट करने के लिए लिवर के पास ले जाने का मुख्य कार्य गुड कोलेस्ट्रॉल करता है. इस प्रक्रिया के तहत शरीर से कोलेस्ट्रॉल की सफाई होती है. जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि अगर शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर बना रहे तो शरीर को हृदय रोग से सुरक्षा मिलती है और अगर गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाए तो कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है.
वहीं, दूसरी तरफ एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रोल का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा ही प्रोटीन होता है और बाकी सारा फैट. वैसे तो यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है लेकिन अगर शरीर में इसका स्तर बढ़ जाए कॉल अनुपात तो यह रक्त धमनियों की अंदरूनी दीवारों मे जमा होने लगता है जिससे धमनियां संकुचित होने लगती हैं और पर्याप्त रक्त प्रवाह में मुश्किल पैदा होती है जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का कारण
निम्नलिखित कारणों से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है
- आहार : अगर आप ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें सैच्युरेटेड फैट की मात्रा अधिक हो तो खून में एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ कॉल अनुपात जाती है. मीट, डेयरी उत्पाद, अंडा, नारियल तेल, पाम ऑइल, मक्खन, चॉकलेट्स, बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें, प्रोसेस्ड फूड और बेकरी उत्पाद इसी श्रेणी में आते हैं. इसके अलावा ट्रांसफैट में तले गए उत्पादों का अधिक सेवन करने से भी बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा खून में बढ़ जाती है.
- गतिहीन या असक्रिय जीवनशैली : अगर कोई व्यक्ति अपने रोजाना की जीवनशैली में किसी तरह की शारीरिक गतिविधि न करे, हर वक्त बैठा रहे तो इससे भी खून में एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है और गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल का सुरक्षात्मक प्रभाव कम होने लगता है. इसके अलावा मोटापे की समस्या भी खून में फैट के सर्कुलेशन को बाधित करती है.
- धूम्रपान करना : अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक धूम्रपान करता है तो उसकी रक्त धमनियां कठोर होने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, हृदय की ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ने लगती है और इस कारण फैट मेटाबॉलिज्म से जुड़ी एक बीमारी हो सकती है जिसमें खून में गुड कोलेस्ट्रॉल या एचडीएच का लेवल घटने लगता है. ये सारे कारक मिलकर हृदय और धमनियों से जुड़ी बीमारी का कारण बनते हैं.
- बीमारियां : पीसीओएस, हाइपोथायरायडिज्म, डायबिटीज, किडनी डिजीज, एचआईवी और ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे - रुमेटायड आर्थराइटिस, सोरायसिस आदि की वजह से भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है.
कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय
जीवनशैली में जरूरी बदलाव करके और कुछ टिप्स को अपनाकर आप हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को न सिर्फ कम कर सकते हैं, बल्कि होने से भी रोक सकते हैं :
- इन चीजों का सेवन न करें
खून में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ने से रोकने में सबसे अहम भूमिका होती है आपके भोजन की. अपने भोजन में सैच्युरेटेड फैट से भरपूर चीजों का बहुत अधिक सेवन न करें. मीट, अंडा, प्रोसेस्ड फूड, तली भुनी चीजें, डेयरी प्रॉडक्ट्स आदि चीजें बहुत ज्यादा न खाएं.
- ये चीजें ज्यादा खाएं
डाइट से जुड़ी आदतों में बदलाव करें. फुल फैट क्रीम वाले दूध की जगह लो-फैट या स्किम्ड मिल्क का इस्तेमाल करें, खाना पकाने के लिए वेजिटेबल ऑइल का इस्तेमाल करें. अपने भोजन में साबुत अनाज, मछली, नट्स, फल और सब्जियां और चिकन आदि को शामिल करें. फाइबर से भरपूर चीजें खाएं और बहुत ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों का सेवन न करें.
- दिनभर सक्रियता बनाए रखें
अगर आप दिनभर किसी तरह की शारीरिक गतिविधि न करें तो इससे आपके खून में एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है. हफ्ते में 3 से 4 बार 45 मिनट के लिए ऐरोबिक एक्सरसाइज करें. इससे बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है. इसके अलावा वॉक करें, रनिंग करें, जॉगिंग करें, स्विमिंग और डांसिंग आदि भी आपको सक्रिय बनाए रखने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करेंगे.
- शरीर का सही वजन बनाए रखें
अगर आपका वजन अधिक है या आप मोटापे का शिकार हैं तो इससे भी बैड कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल का लेवल बढ़ने लगता है और गुड कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल कम होने लगता है. ऐसे में अगर आप वजन कम कर लें तो इससे भी आपको काफी मदद मिल सकती है. (अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, हाई कोलेस्ट्रॉल लक्षण, कारण, इलाज के बारे में पढ़ें।) (न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं। सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है। myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी कॉल अनुपात जानकारियां लेकर आते हैं।)
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