क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ
बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के लिए व्यापारियों के साथ भुगतान के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।
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रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने, इस पर कानून बनाने की सिफारिश की : सीतारमण
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को …
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही ।
उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी के दुष्प्रभाव के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है और क्या सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी के उपभोग को परिसीमित करने वाला कोई कानून लाने की कोई योजना है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जी, हां। भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी चिंता जाहिर की है। आरबीआई ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है क्योंकि प्रत्येक मुद्रा को केंद्रीय बैंक/सरकार द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है।
’’ उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा । गौरतलब है कि फिएट मनी सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है।
सीतारमण ने बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव संबंधी चिंताओं के मद्देनजर आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘ आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है किया जाना चाहिए ।
’’ उन्होंने बताया कि आरबीआई ने 24 दिसंबर 2013, एक फरवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को सार्वजनिक नोटिसों के माध्यम से डिजिटल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को आर्थिक, वित्तीय, कानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिमों से आगाह कर रहा है सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी ।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने 31 मई, 2021 के परिपत्र के माध्यम से अपनी विनियमित संस्थाओं को डिजिटल करेंसी में लेनदेन के लिए ग्राहक की यथोचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिये विभिन्न मानकों के अनुरूप कार्य के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
क्रिप्टोकरेंसी को क्या सरकार ने कानूनी करार दे दिया है, आसान भाषा में समझिए 30 फीसदी टैक्स के क्या हैं मायने
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman) ने संसद भवन में दूसरी बार पेपरेलस बजट पेश किया. करीब 90 मिनट के भाषण में निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल करेंसी(Virtual Currency) और डिजिटल रुपया का जिक्र किया, जिसके बाद सोशल मीडिया से लेकर हर जगह ये चर्चा होने लगी कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी(Crypto Latest News) को कानूनी करार दे दिया है. अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो 30 फीसदी टैक्स की वजह से ये समझ रहे हैं कि यह वैध हो गया है तो पूरी जानकारी पहले ले लीजिए फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं.क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है
रिजर्व बैंक लाएगा डिजिटल रुपया
सबसे पहली बात ये है कि निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में क्या कहा. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा. यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लेकर आएगा. साथ ही सरकार डिजिटल करेंसी के लेन-देन पर नजर रखेगी, उस पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा और लेनदेन पर एक प्रतिशत टीडीएस(TDS) भी लगेगा. हालांकि 30 फीसदी टैक्स वाली बात को भी आसान भाषा में समझने की जरूरत है.
Image Courtesy: Google.om
क्या है 30 फीसदी टैक्स का मतलब
दरअसल वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि डिजिटल करेंसी जो कमाई होगी उस पर टैक्स लिया जाएगा. मतलब ये है कि अगर आपने दस हजार रुपये क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया और उस पर कमाई पांच हजार रुपये हुई. मतलब 15 हजार रुपये आपका पूरा पैसा हुआ तो आपको जो पांच हजार फायदा हुआ है, उस पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके अलावा अगर आप डिजिटल करेंसी का लेनदेन करेंगे तो एक प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा. सरकार ने ये भी साफ किया है फायदा हो नुकसान 30 फीसदी टैक्स देना ही पड़ेगा.
क्या सरकार ने इसे वैध करार दे दिया है
इसके अलावा 75 जिलों में 75 डिजिटिल बैंक(Digital Bank) स्थापित करने की योजना है. अब सवाल ये उठ रहा है कि आरबीआई जो डिजिटल करेंसी लेकर उसका नाम क्या होगा, फिलहाल के लिए उसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है लेकिन नाम अभी तय नहीं है. मतलब ये हुआ कि सरकार ने इसे पूरी तरह वैध नहीं किया है, बल्कि अभी सरकार इस पर नजर रखेगी. ऐसे में अगर आप भी ये सोच रहे हैं कि टैक्स देने का मतलब कानूनी रूप से वैध होना है तो आप गलत हैं, क्योंकि बेहिसाब संपत्ति पर जो सरकार टैक्स के रूप में पेनाल्टी लेती है उसका मतलब ये नहीं हो जाता कि वह संपत्ति वैध हो गई. पूरी तरह से सरकार जब तक इसका ऐलान न कर दे तब तक इसे सीधे शब्दों में लीगल नहीं कहा जा सकता. हालांकि इसे एक्सपर्ट बैक डोर एंट्री जरूर बता रहे हैं.
लोगों का कैसा है रिएक्शन
वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों ने इसे लेकर हाय-तौबा मचाना शुरू कर दिया है. क्योंकि अब तक इससे होने वाली कमाई पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेती थी. लोगों ने लूट गया, बर्बाद हो गया और सबमें हिस्सा चाहिए जैसे मीम्स शेयर कर रहे हैं.
जानकारी की बात ये है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए सरकार बीते दिनों जो बिल लेकर आई थी वह अभी लंबित है. ऐसे में उस बिल के पास होने और कानून बनने के बाद ही डिजिटिल करेंसी के कानूनी होने या न होने और इसकी वैधता को लेकर रास्ता साफ हो पाएगा.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी(Cryptocurrency) को आसान भाषा में समझने के लिए आपको इसका मतलब जानना जरूरी है कि आखिर इस शब्द का मतलब क्या है. यह दो शब्दों से मिलकर बना है, क्रिप्टो और करेंसी. क्रिप्टो एक लैटिन शब्द है जिसका मतलब सीक्रेट यानि गुप्त और करेंसी का मतलब तो हम सब जानते ही हैं कि मुद्रा या रुपया. अब चूंकि ये करेंसी दिखाई नहीं देती, इसलिए इसे रेगुलेट करना इतना आसान नहीं है. एक बार को इसमें उछाल देखन को मिलता है तो निवेशकों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन गिरावट होने पर निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है.
Crypto Currency क्या है - इसके फायदे और नुकसान क्या है?
आखिरकार Crypto Currency क्या है? क्यों आज के समय में क्रिप्टो करेंसी कि हर तरफ चर्चाएं हो रही है। आज लोग क्यों इस करेंसी में निवेश करना चाहते हैं। क्या सभी देश ने अपने यहां इसे कानूनी तौर पर वैध कर दिया है या अब भी कुछ देश ऐसे है जिसने cryptocurrency को कानूनी तौर पर illegal करार देते हुए अपने यहां बैन कर दिया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत में crypto currency में ट्रेड या निवेश करना legal है या illegal है। आज इस लेख में हम विस्तार से आपको crypto currency के बारे बताएगे।
Crypto Currency क्या है?
Crypto Currency कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी एक Digital या Virtual Currency है। यानी कि फिजिकली इसका कोई अस्तित्व नहीं है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसे किसी भी संस्था या सरकार के द्वारा नहीं संचालित नहीं किया गया है। इस करेंसी का आज तक कोई मालिक नहीं पता चला है। इसलिए यह एक decentralised currency है। एक डिजिटल करेंसी होने के कारण इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। इस करेंसी का प्रयोग किसी भी वस्तु या सर्विस का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है और वेरिफिकेशन के लिए डिजिटल सिग्नेचर लिए जाते हैं।
इस करेंसी का कोई मालिक ना होने के कारण पहले इसे अवैध करार दिया गया था। लेकिन बिटकॉइन के इतने पॉपुलर होने के बाद कुछ देशों ने इसे legal कर दिया है। लेकिन आज भी ज्यादातर देश की सरकारों ने क्रिप्टोकरंसी को अपने देश में illegal कहां है।
Crypto currency कि Value
क्रिप्टो करेंसी की कोई भी फिजिकल अपीयरेंस ना होने के बावजूद भी आज इसकी वैल्यू बहुत अधिक है। शुरुआत में तो क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू बहुत कम थी। लेकिन धीरे धीरे इसकी वैल्यू बढ़ती गई और आज यह बहुत ही प्रचलित करेंसी बन गई है। आज इसकी वैल्यू रुपया, डॉलर, यूरो इत्यादि अलग-अलग देशों की करेंसी से भी कई गुना हो गई है। आप इस करेंसी की मदद से किसी सामान का लेन देन या इसमें ट्रेडिंग और निवेश भी कर सकते हैं। ट्रेड करने के लिए आपको technical analysis आना जरूरी है नहीं तो बिना ज्ञान के भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
Crypto Currency कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी निम्लिखित रूप से कार्य करती हैं:-
Crypto Currency का मुख्य कार्य, ब्लॉकचैन के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना होता है। ब्लॉकचैन का कार्य बैंक की तरह होता है। सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉक चैन में होने के कारण धोखाधड़ी की संभावना काफी कम होती है।
पावरफुल कंप्यूटर्स के माध्यम से कुछ लोग क्रिप्टो करेंसी मे धोखाधड़ी ना हो इसके लिए निगरानी और जांच करते हैं। इसी प्रोसेस को क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग प्रोसेस कहा जाता है। जांच और निगरानी करने वाले लोगों को माइनर्स का जाता है। जांच और निगरानी करने के लिए एक कोड मिलता है। जिसे स्क्रीन पर आने वाले गणित के सवाल को सही हल करने के बाद प्राप्त किया जाता है। इस स्टेप के बाद Crypto Currency की माइनिंग प्रोसेस कंप्लीट मान लिया जाता है।
अब क्रिप्टो करेंसी में भी बैंक की तरह के एक्सचेंज की जरूरत पड़ती है जिसके माध्यम से transaction को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया जा सके। क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से खरीदारी या बिक्री करने के लिए एक वॉलेट होता है जिसमें यह करेंसी स्टोर रहती है।
टॉप Crypto Currency कौन सी है?
1) Bitcoin (BTC) :-
Bitcoin दुनिया में सबसे पहले क्रीपटोकरंसी के रूप में आयी है। यह सबसे पॉपुलर और सफल Crypto Currency है। जिसे साल 2009 में सतोशी नाकामोटो के द्वारा निर्माण किया गया था। हालाकि इससे पहले भी वर्चुअल करेंसी को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। बिटकॉइन को भी बनाने में काफी कढ़ी मेहनत करनी पड़ी थी लेकिन आज वही बिटकॉइन जिसको पहले कोई नहीं जानता था। शुरू में $5 में एक बिटकॉइन की कीमत थी। आज $64000 के पार चली गई है। यानी कि अगर रुपयों में बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत आज ₹46 लाख के पार पहुंच गई है। इससे आप इसके इंपॉर्टेंस को समझ सकते है। लेकिन सबसे बढ़ी बात यह है कि cryptocurrency में निवेश बहुत सोच समझ के किया जाता है। हर दिन इसकी कीमत में भारी fluctuation होता रहता है।
2.Ethereum (ETH) :-
Bitcoin के जैसे ही Ethereum भी decentralized Crypto Currency है। Vitalik Buterin के द्वारा Ethereum Crypto Currency बनाई गई थी। इसके टोकन को Ether के नाम से भी कहा जाता है। इसका plateform यूजर्स को वर्चुअल टोकन बनाने में मददगार साबित होता है। जिसे blockchain-based computing platform कहा जाता है। इसकी मदद से बिटकॉइन के जैसे ही currency के तौर प्रयोग कर सकते हैं। Bitcoin के बाद Etheremum सबसे पॉपुलर Crypto Currency है। आज लगभग Ethereum $4200 कि उचाई तक पहुंच गया है। लेकिन शरुआत में इसकी क़ीमत सिर्फ $2 कि थी।
3. Litecoin (LTC) :-
Litecoin को एक गूगल के employee Charles Lee ने साल 2011 ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज़ किया है। हालांकि अब गूगल के employee नहीं है। यह भी Bitcoin और Ethereum कि तरह decentralised cryptocurrency हैं। Bitcoin के मुकाबले इसकी blockchain 4 गुना कम है। हालांकि Litecoin के जयदातार फंक्शन्स बिटक्वॉइन से मिलते जुलते है। माइनिंग कि प्रक्रिया करने के लिए Scrypt algorithm का प्रयोग किया जाता है। यह बिटक्वॉइन से जायदा प्रचलित करेंसी नहीं है। Litecoin कि शुरू क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है में कीमत सिर्फ $28 के आस पास थी। लेकिन आज इसकी कीमत तकरीबन $409 तक पहुंच गई है। लेकिन बिटक्वॉइन के मुकाबले बहुत कम है।
इनके अलावा कुछ अन्य टॉप Crypto Currency
Dogecoin (Doge)
Dash (DASH)
Peercoin (PPC)
Monero (XMR)
Faircoin (FAIR)
Ripple (XRP)
क्रिप्टो करेंसी के क्या लाभ है? Benefits Of Cryptocurrency
4. Crypto Currency में लेने देन बहुत कड़ी निगरानी और सुरक्षा में होता है। यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्न है।
क्रिप्टो करेंसी के क्या नुकसान है? Disadvantages of Crypto Currency
1. Cryptocurrency में रिवर्स का ऑप्शन नहीं होने के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वापस नहीं किया जा सकता है। अगर गलत ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को भारी नुकसान हो सकता है।
3. क्रिप्टो करेंसी किसी भी देश की सरकार या संस्था या किसी मालिक के द्वारा संचालित नहीं क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है की जाती है। यह बहुत बड़ा disadvantage है।
6. क्रिप्टो करेंसी में मार्केट बहुत flexible होती है। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की होता है।
7. Cryptocurrency का ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी इत्यादि जैसे गलत काम के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
देश जहां Crypto Currency कानूनन वैध या अवैध है
Crypto Currency को legal कहने वाले देश:-
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- यूरोपीय संघ
- यूनाइटेड किंगडम
- फिनलैंड
Crypto Currency को illegal कहने वाले देश:-
- रूस
- चीन
- बोलीविया, कोलंबिया और इक्वाडोर
- वियतनाम
भारत में Crypto Currency Legal या Illegal ?
क्या बिटकॉइन इंडिया में बैन है?
दोस्तों इसका सवाल सभी के मन में घूम रहा होगा कि क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी कानूनी रूप से legal है या illegal है। इसके लिए हम आपको साल 2018 की एक न्यूज़ बताता हूं जब बिटकॉइन बहुत ही चर्चा में आया था। ऐसे ही भारत में भी बिटकॉइन के बहुत ही चर्चाएं होने लगी थी। इसी को देखते हुए साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगा दिया था। प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 (Banning of Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2019) के ड्राफ्ट में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड या निवेश करने वालों के लिए सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
ड्राफ्ट में वर्चुअल करेंसी की खरीदारी या बिक्री करने वाले लोग, तैयार करने वाले लोग, वॉलेट में वर्चुअल करेंसी को रखने वाले लोग या क्रिप्टो करेंसी के द्वारा किसी भी तरह की डील करने वाले लोगों को दोषी पाए जाने पर 10 साल जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जब इसकी सुनवाई चली तो सर्वोच्च अदालत ने मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है के लिए एक आदेश जारी किया। अपने आदेश में कहा कि वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी का कानूनी रूप से लेनदेन किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान की, जानें किसने लगाया था प्रतिबंध?
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 04 मार्च 2020 को देश में क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार की अनुमति प्रदान कर दी. अब भारत में वर्चुअल करेंसी का कारोबार किया जा सकेगा. विश्वभर में सबसे मंहगी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 0.39 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 8,815 डॉलर के आस-पास रिकॉर्ड की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले से देश भर में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार और उपयोग पर लगा प्रतिबंध खत्म हो गया है. इसका लेन-देन अब देश के सभी बैंक शुरू कर सकते है.
किसने लगाया था प्रतिबंध?
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (Crypto currency) में कारोबार करने से मना कर दिया था. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से जुड़ी इकाइयों को इससे क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है अलग होने हेतु तीन महीने का समय दिया था. आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने हेतु इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि आरबीआई के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है. आरबीआई ने इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से ‘मनी लांड्रिंग’ और ‘आतंकी वित्त पोषण’ के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में भारत में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारतीय भी बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकेंगे.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. यह करेंसी क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है. इसका उपयोग शॉपिंग या कोई सर्विस खरीदने हेतु किया जा सकता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा होता है. यह स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी की सबसे पहले शुरुआत साल 2009 में हुई थी. बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार जुलाई 2019 में संसद में विधेयक लाई थी, जिसमें तय हुआ था कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वाइन को रखने, बेचने या खरीदने पर 10 साल की जेल हो सकती है. इसे पूरी तरह से अवैध बनाने के अतिरिक्त विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी रखने को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है.