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बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ?

बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ?
Bitcoin Kya Hai

Bitcoin Ka Malik Kaun Hai (बित्कोइन का मालिक कौन है)

Bitcoin ka malik kaun hai-बित्कोइन का मालिक कौन है:

Bitcoin का मालिक Satoshi Nakamoto है जो जापान के रहने वाले है इन्होंने Bitcoin की शुरुआत 9 जनवरी 2009 को एक डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के रूप में की थी Satoshi Nakamoto का जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था इस बित्कोइन का सिंबल ₿ दिया गया था बित्कोइन को short form में BTC कहा जाता है आज पूरी दुनिया में बित्कोइन crypto की सबसे नंबर 1 करेंसी है जिसमे लाखो लोग इन्वेस्ट करते है

यह peer to peer टेक्नोलॉजी पर काम करती है जिसे हम डिजिटल करेंसी कहते है जो न दिखाई देती है और न ही इसे छु सकते है यह एक वेर्तुअल करेंसी है जो डिजिटल रूप से काम करती है इस crypto से खरीदारी भी कर सकते है

बित्कोइन का प्राइस अभी कितना है (Bitcoin price today )

बित्कोइन एक वर्तुअल करेंसी है इसकी किम्मत ऊपर निचे होते रहती है बित्कोइन का प्राइस हर समय घटता बढता रहता है अभी 1 बित्कोइन की प्राइस 40 से 50 लाख के बिच में घटती बढती रहती है

1 bitcoin price in 2009 in Indian rupees (बिटकॉइन की कीमत 2009 में कितनी थी)

बिटकॉइन की कीमत 2009 में लगभग 1 रूपए के बराबर थी क्योकि बित्कोइन का ये सुरुँती दौर था लेकिन धीरे धीरे बित्कोइन की प्राइस बहुत तेज़ी से बड़ने लगी आज इसकी 1 बित्कोइन किम्मत लगभग 40 लाख के ऊपर ही है

क्रिप्‍टो करेंसी राष्ट्र और राष्ट्रवाद के लिए कितना बड़ा खतरा? जानिए- अपने नफे-नुकसान की बातें

क्रिप्‍टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और क्रिप्टो करेंसी में सबसे लोकप्रिय बिटकॉइन है. बिटकॉइन को 2009 में लॉन्‍च किया गया था और इसके बाद से कई और क्रिप्टो करेंसी लॉन्च हो चुकी हैं.

By: मृत्युंजय सिंह | Updated at : 04 Mar 2020 02:28 PM (IST)

नई दिल्ली: क्रिप्‍टो करेंसी पर आरबीआई ने साल 2018 में बैन लगाया था जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने हटाने का फैसला किया है. क्रिप्टो करेंसी के चलन से से क्या देश और दुनिया की सुरक्षा को खतरा पैदा होगा यह सवाल उठने लगा है. क्या क्रिप्टो करेंसी राष्ट्रवाद के लिए भी खतरनाक है?

आज दुनिया में ऐसी सैकड़ों हजारों वेबसाइट और कंपनियां है जो बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में स्वीकार कर रही है. दुनिया के भौतिक बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? बाजार आजकल इंटरनेट पे और इंटरनेट हमारे मोबाइल पे आ गया है. लोग अपने खरीददारी का एक बड़ा भाग आजकल इस आभाषी माध्यम मोबाइल इंटरनेट से कर रहें हैं और नकदी कि जगह वर्चुअल वैलट रखने लगे हैं.

आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायसवाल के मुताबिक, ''आज भी कई लोगों के पास बैंकिंग सुविधा नहीं है लेकिन उन लोगों की संख्या अधिक है जिनके पास इंटरनेट के साथ सेल फोन है और यह इंटरनेट के माध्यम से व्यापार नहीं बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? कर सकते. मोबाइल इंटरनेट, लॉयल्टी पॉइंट, रिवार्ड पॉइंट और वैलट की विचारधारा ने बिटकॉइन कि विचारधारा को इन्फ्रा सपोर्ट किया है क्योंकि इसने राज्य प्रतिष्ठान कि अनिवार्य मान्यता को हटा कर सिर्फ एक सूत्र वाक्य को पकड़ा है वह है जन स्वीकार्यता और हमें ले गया है उस दौर में जब विनिमय के लिए मानवों ने देश कि सीमाओं के रूप में बड़ी रेखाएं नहीं खींची थी. बिना राज्य प्रतिष्ठान कि गारंटी, केन्द्रीय बैंक के नियमन के भी आप आभाषी दुनिया में बिटकॉइन की वजह से लेन देन कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन पर किसी व्यक्ति विशेष सरकार या कंपनी का कोई स्वामित्व नहीं होता है."

बिटकॉइन करेंसी पर कोई भी सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी नहीं बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? है. आज बिटकॉइन काफी पॉपुलर इसलिए है क्योंकि इसे मुद्रा शक्ति उन हजारों लोगों से मिलती है जिनके पास विशेष कंप्यूटर है जो नेटवर्क को इतना शक्ति संपन्न बनाते हैं कि नेट पर विनिमय सुरक्षित हो और लेनदेन की जांच करते रहते हैं, इस प्रक्रिया को माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन के पूरे सौदे की चेन को आप पूरी निजता बनाए हुए देख सकते हैं.

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आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायसवाल की क्या है राय?

आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायसवाल के मुताबिक, ''आज के राष्ट्र राज्य कि अवधारणा में बिटकॉइन एक नई और बड़ी चुनौती है. यह एक नई आभाषी दुनिया का निर्माण कर रही है, उस आभाषी दुनिया कि करेंसी का निर्माण कर रही है. अब किसी देश के नागरिकों को किसी देश के मान्यता प्राप्त करेंसी को संग्रहfत करने और लेन देन कि जरूरत नहीं है. इस आभाषी दुनिया कि इस आभाषी करेंसी पे न तो राज्य का नियमन है और ना ही ईस पे राज्य का कानून काम कर पा रहा है. यह पूरी तरह पीयर टू पीयर अवधारणा पे काम कर रहा है, जहां राज्य का हस्तक्षेप नहीं है.

आज की यह आधुनिक करेंसी हमें मानवीय सभ्यता के उस शुरुआती दौर में ले जा रही है जब मानवों के विकास एवं सुखमय जीवन के राज्य कि स्थापना हुई थी और राज्य का नियंत्रण जनता पे पूरी तरह स्थापित हो पाया था और कर भार लगाने का एक आधार मुद्रा का जन्म हुआ था. बिटकॉइन का प्रचलन केवल राष्ट्र कि भूमिका और उसके राष्ट्रवाद को ही नहीं खत्म कर रहा है यह उस राज्य के द्वारा लगाए जाने वाले कर के बेस को भी खत्म कर दे रहा है, और यह आगे चल के ब्लैक मनी का बहुत बड़ा हथियार बन सकता है. मानव सभ्यता के बड़े दुश्मन आतंकवादी, ड्रग माफिया एवं तस्कर इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कर सकते हैं.'

जब तक आभाषी दुनिया लोगों को अपनी गिरफ्त में लेकर एक नई दुनिया, एक नया कानून और एक नई सीमा रेखा को स्थापित करे पूरी दुनिया को इसपर शोध एवं चिंतन करने की जरूरत है ताकि इसका मानव हित में कैसे इस्तेमाल किया जा सके और इसे ब्लैक मनी और माफिया के इस्तेमाल से बचाया जा सके.

Published at : 04 Mar 2020 02:08 PM (IST) Tags: Pankaj Jaiswal virtual currency Bitcoin Cryptocurrency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

बिटकॉइन क्या है – WHAT IS BITCOIN

बिटकॉइन क्या है WHAT IS BITCOIN

मात्र आठ से दस साल में पैसा कई लाख गुना बढ़ गया है

Table of Contents

क्रिप्टो करेंसी – crypto currency बिटकॉइन के बारे में जानने से पहले आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानना पड़ेगा. क्रिप्टो करेंसी के पहले आपको मुद्रा के बारे में जानना पड़ेगा. पहले के जमाने में सामान, वस्तुओं का लेनदेन वस्तुओं या जानवरों के द्वारा होता था. समय बदला धीरे-धीरे व्यापार बढ़ने लगा तो देशों के बीच में होने लगा, विश्व स्तर पर पहुंचने लगा तो हर देश की अपनी अपनी मुद्राएं होने लगी. मुद्रा पहले सिक्के में हुआ करती थी फिर उनके देश के करेंसी अलग बनने लगी फिर इसे विश्व में मान्यताएं मिलने लगी. इस प्रकार हर देश के अलग-अलग करंसी बनी जैसे भारत की करेंसी रुपया है. अधिकतर जगह डॉलर चलता है. यूरोप में यूरो चलता है.

वर्तमान समय में डिजिटल युग है इसमें एक नई प्रकार की करेंसी का जन्म हुआ जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं उसमें आज सबसे महंगी करेंसी क्रिप्टोकरंसी जो है वह बिटकॉइन. ….

BITCOIN क्या है ?

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा (currency) है. आभासी मुद्रा यानी जिस currency को हम छू नहीं सकते और ना ही देख सकते हैं. मुद्रा जैसे पैसा, रुपया, डॉलर को हम छू सकते हैं लेकिन आभासी मुद्रा इसी के विपरीत होती है Cryptocurrency जिसे हम छू नहीं सकते हैं और ना ही देख सकते हैं।

Bitcoin सबसे पहली Cryptocurrency थी जिसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. कहा जाता है इसके संस्थापक सोतशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) हैं। इसके अलावा और भी अन्य सारी Cryptocurrency है – रेड कॉइन, सिया कॉइन, एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन), वॉइस कॉइन आदि।

बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. … दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. पूरी तरीके से डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है.

बिटकॉइन एक स्वचालित सॉफ्टवेयर है जिसे विशेष रूप से बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार के लिए डिज़ाइन किया गया है। सॉफ्टवेयर कोडित एल्गोरिदम के आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करता है और वास्तविक समय में उन्हें बाजार में निष्पादित करता है. देखे वेबसाइट

बिटकोइन को कैसे खरीदे?

बिटकॉइन खरीदने के नियम है.इसे एक उचित माध्यम से ही ख़रीदा और बेचा जा सकता है.

  • इसके लिए सामान्य बैंकिंग नियम के अनुसार परिचय पत्र ID प्रूफ होना अनिवार्य है.
  • आपका किसी भी पारंपरिक बैंक में खाता होना अनिवार्य है.
  • आपके पास पेन कार्ड होना अनिवार्य है.
  • बिट कोइन को आप ऑनलाइन खरीद बेच सकते है.

बिटकॉइन वास्तव में एक माइनिंग की प्रक्रिया को कहते है जैसे खदानों से सोना, चांदी, खनिज, कोयला निकला जाता है वैसे ही बिटकॉइन को उच्च गड़ना वाले कंप्यूटर से संचालित किया जाता है.

बिटकॉइन की लोकप्रियता

सन 2011 में बिटकॉइन की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। लोग धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल करने लगे थे. चूँकि इस मुद्रा से लोगों का पैसा दिन दुगना रात चोगुना बढ़ रहा था. सरकार या किसी बैंक की इस में दखलअंदाजी नहीं होती. दूसरी प्रतिस्पर्धी कंपनी भी बाजार में आ रही थी औ बिटकोइन का मूल्य बढ़ रहा था.

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला

लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा की इस पर कानून बनना चाहिय. अभी आरबीआई ने फिर एक बार कहा था कि वे भारत की ख़ुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को लेकर विकल्प तलाश रही है. सरकार के भविष्य के फ़ैसले को लेकर एक नज़रिया यह भी बेहद निर्णायक होगा कि भारत में इस मुद्रा का कैसे इस्तेमाल होगा. सरकार ने साफ़ किया है कि वे क्रिप्टो करेंसी को रखने वालों को इसे बेचने के लिए वक़्त देगी. इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है.

कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग? (How to trade in bitcoin?)

बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है. इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है.

बिटकॉइन यह क्रिप्टो करेंसी की पहली विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित नहीं होती बल्कि कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान है. कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल करके ट्रांजैक्शन को किया जाता है. नेट पर पूरी तरह से सुरक्षित होता है यह एक बिट कंप्यूटर सेंटर की तरह होता है जो जिसका कोई केंद्रीय मुख्यालय नहीं होता है. पूरे विश्व में अलग-अलग जगह संचालित होता है यह वही लोग कर पाते हैं जो उच्च स्तरीय कंप्यूटर के मास्टर होते हैं और विशेष गणना वाले जिनके पास कंप्यूटर होते हैं. सुपर कंप्यूटर टाइप के बिटकॉइन के लेनदेन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग करके कोई भी ब्लॉकचेन में बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? अपना खाता बनाकर इसके जरिए बिटकॉइन का लेनदेन कर सकता है.

बिटकॉइन कैसे ख़रीदे और बेचे.

Wazirx, Unocoin, binance जैसी सेवा प्रदाता कंपनियों से आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर आप आसानी से बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हो. इसके लिए आपको इन कंपनी में अपना अकाउंट बनाना होगा जो डिजिटली वेरीफाई होगा, फिर आपके बैंक से लिंक होगा फिर आप इस वॉलेट की मदद से आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं. https://bitcoin.org/en/

क्या जोखिम होता है

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है और उसमे जोखिम होने की संभावना होती है. मुद्रा तो पूर्ण रूप से सुरक्षित है क्योंकि उच्च स्तरीय कंप्यूटर में सुरक्षित रहती है किन्तु आपका खाता आपके कंप्यूटर में हैक हो जाता है तो आप खुद जिम्मेदार होगे. अगर बीच के सेवा प्रदाता कंपनी भाग जाती है तो आपका पैसा डूब सकता है.

बिटकॉइन का मूल्य

2009 में एक बिटकॉइन कीमत 20-25 पैसे थी आज बढ़कर लगभग ३५ से ३६ लाख है. कई लाख गुना कीतम मात्र 10-12 साल में बढ़ गई. बैंक 8 से 10 साल में पैसे दुगना करते हैं. जोखिम है तो लाभ भी बहुत ज्यादा है. अत सोच समझ कर ही इसमें पैसे लगाने चाहिए.

बिटकॉइन क्या है – WHAT IS BITCOIN

बिटकॉइन क्या है WHAT IS BITCOIN

मात्र आठ से दस साल में पैसा कई लाख गुना बढ़ गया है

Table of Contents

क्रिप्टो करेंसी – crypto currency बिटकॉइन के बारे में जानने से पहले आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानना पड़ेगा. क्रिप्टो करेंसी के पहले आपको मुद्रा के बारे में जानना पड़ेगा. पहले के जमाने में सामान, वस्तुओं का लेनदेन वस्तुओं या जानवरों के द्वारा होता था. समय बदला धीरे-धीरे व्यापार बढ़ने लगा तो देशों के बीच में होने लगा, विश्व स्तर पर पहुंचने लगा तो हर देश की अपनी अपनी मुद्राएं होने लगी. मुद्रा पहले सिक्के में हुआ करती थी फिर उनके देश के करेंसी अलग बनने लगी फिर इसे विश्व में मान्यताएं मिलने लगी. इस प्रकार हर देश के अलग-अलग करंसी बनी जैसे भारत की करेंसी रुपया है. अधिकतर जगह डॉलर चलता है. यूरोप में यूरो चलता है.

वर्तमान समय में डिजिटल युग है बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? इसमें एक नई प्रकार की करेंसी का जन्म हुआ जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं उसमें आज सबसे महंगी करेंसी क्रिप्टोकरंसी जो है वह बिटकॉइन. ….

BITCOIN क्या है ?

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा (currency) है. आभासी मुद्रा यानी जिस currency को हम छू नहीं सकते और ना ही देख सकते हैं. मुद्रा जैसे पैसा, रुपया, डॉलर को हम छू सकते हैं लेकिन आभासी मुद्रा इसी के विपरीत होती है Cryptocurrency जिसे हम छू नहीं सकते हैं और ना ही देख सकते हैं।

Bitcoin सबसे पहली Cryptocurrency थी जिसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. कहा जाता है इसके संस्थापक सोतशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) हैं। इसके अलावा और भी अन्य सारी Cryptocurrency है – रेड कॉइन, सिया कॉइन, एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन), वॉइस कॉइन आदि।

बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. … दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. पूरी तरीके से डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है.

बिटकॉइन एक स्वचालित सॉफ्टवेयर है जिसे विशेष रूप से बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार के लिए डिज़ाइन किया गया है। सॉफ्टवेयर कोडित एल्गोरिदम के बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करता है और वास्तविक समय में उन्हें बाजार में निष्पादित करता है. देखे वेबसाइट

बिटकोइन को कैसे खरीदे?

बिटकॉइन खरीदने के नियम है.इसे एक उचित माध्यम से ही ख़रीदा और बेचा जा सकता है.

  • इसके लिए सामान्य बैंकिंग नियम के अनुसार परिचय पत्र ID प्रूफ होना अनिवार्य है.
  • आपका किसी भी पारंपरिक बैंक में खाता होना अनिवार्य है.
  • आपके पास पेन कार्ड होना अनिवार्य है.
  • बिट कोइन को आप ऑनलाइन खरीद बेच सकते है.

बिटकॉइन वास्तव में एक माइनिंग की प्रक्रिया को कहते है जैसे खदानों से सोना, चांदी, खनिज, कोयला निकला जाता है वैसे ही बिटकॉइन को उच्च गड़ना वाले कंप्यूटर से संचालित किया जाता है.

बिटकॉइन की लोकप्रियता

सन 2011 में बिटकॉइन की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। लोग धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल करने लगे थे. चूँकि इस मुद्रा से लोगों का पैसा दिन दुगना रात चोगुना बढ़ रहा था. सरकार या किसी बैंक की इस में दखलअंदाजी नहीं होती. दूसरी प्रतिस्पर्धी कंपनी भी बाजार में आ रही थी औ बिटकोइन का मूल्य बढ़ रहा था.

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला

लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा की इस पर कानून बनना चाहिय. अभी आरबीआई ने फिर एक बार कहा था कि वे भारत की ख़ुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को लेकर विकल्प तलाश रही है. सरकार के भविष्य के फ़ैसले को लेकर एक नज़रिया यह भी बेहद निर्णायक होगा कि भारत में इस मुद्रा का कैसे इस्तेमाल होगा. सरकार ने साफ़ किया है कि वे क्रिप्टो करेंसी को रखने वालों को इसे बेचने के लिए वक़्त देगी. इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टो करेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है.

कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग? (How to trade in bitcoin?)

बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है. इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है.

बिटकॉइन यह क्रिप्टो करेंसी की पहली विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित नहीं होती बल्कि कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान है. कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल करके ट्रांजैक्शन को किया जाता है. नेट पर पूरी तरह से सुरक्षित होता है यह एक बिट कंप्यूटर सेंटर की तरह होता है जो जिसका कोई केंद्रीय मुख्यालय नहीं होता है. पूरे विश्व में अलग-अलग जगह संचालित होता है यह वही लोग कर पाते हैं जो उच्च स्तरीय कंप्यूटर के मास्टर होते हैं और विशेष गणना वाले जिनके पास कंप्यूटर होते हैं. सुपर कंप्यूटर टाइप के बिटकॉइन के लेनदेन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग करके कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खाता बनाकर इसके जरिए बिटकॉइन का लेनदेन कर सकता है.

बिटकॉइन कैसे ख़रीदे और बेचे.

Wazirx, Unocoin, binance जैसी सेवा प्रदाता कंपनियों से आप बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर आप आसानी से बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हो. इसके लिए आपको इन कंपनी में अपना अकाउंट बनाना होगा जो डिजिटली वेरीफाई होगा, फिर आपके बैंक से लिंक होगा फिर आप इस वॉलेट की मदद से आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं. https://bitcoin.org/en/

क्या जोखिम होता है

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है और उसमे जोखिम होने की संभावना होती है. मुद्रा तो पूर्ण रूप से सुरक्षित है क्योंकि उच्च स्तरीय कंप्यूटर में सुरक्षित रहती है किन्तु आपका खाता आपके कंप्यूटर में हैक हो जाता है तो आप खुद जिम्मेदार होगे. अगर बीच के सेवा प्रदाता कंपनी भाग जाती है तो आपका पैसा डूब सकता है.

बिटकॉइन का मूल्य

2009 में एक बिटकॉइन कीमत 20-25 पैसे थी आज बढ़कर लगभग ३५ से ३६ लाख है. कई लाख गुना कीतम मात्र 10-12 साल में बढ़ गई. बैंक 8 से 10 साल में पैसे दुगना करते हैं. जोखिम है तो लाभ बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? भी बहुत ज्यादा है. अत सोच समझ कर ही इसमें पैसे लगाने चाहिए.

बिटकॉइन क्या है? Bitcoin Kya Hai

Bitcoin Kya Hai

बिटकॉइन एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है यानी बिटकॉइन को किसी बैंक के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है बिटकॉइन कंप्यूटर नेटवर्किंग आधारित मुद्रा है जिसे केवल कंप्यूटर के द्वारा ही संचालित किया जा सकता है बिटकॉइन को आप हाथ से नहीं छू सकते हैं और ना ही आप इसे किसी बैंक में जमा करवा सकते हैं इसे आप नोटों के रूप में भी नहीं देख सकते हैं बिटकॉइन एक डिजिटल रुपया है जो किसी सरकार या फिर किसी बैंक के अधिकारों में नहीं आता है।

Bitcoin Kya Hai

Bitcoin Kya Hai

बिटकॉइन क्या होता है? Bitcoin Kya Hota Hai

बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी होता है जिसे नहीं कोई देख सकता है और ना ही किसी बैंक में जमा कराया जा सकता है बिटकॉइन इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है जिसे आप खरीद तो सकते हैं लेकिन आप अपने घर में नहीं रख सकते हैं और ना ही आप इसे किसी को आसानी के साथ दे पाएंगे

अब इसे समझने हेतु इसके पहलू को समझना होगा । क्यों कि दुनिया में इसका मांग बहुत तेजी से बढ़ रहा है चुकी बिटकॉइन एक क्रिप्टो करेंसी है तो चलिए जानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी क्या होता है

क्रिप्टो करेंसी क्या होता है? Cryptocurrency Kya Hota Hai

क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी होता है इसका मतलब यह है कि इसको किसी अन्य रुपयों की तरह हम देख नहीं सकते हैं इसका कोई फिजिकल अस्तित्व नहीं है यह केवल कंप्यूटर के एल्गोरिथ्म पर काम करता है इसी के एल्गोरिथ्म पर बना हुआ करेंसी है जो केवल और केवल इंटरनेट पर ही मौजूद है जिसे ना कोई संस्था और ना ही कोई सरकार नियंत्रित कर सकता है।

Bitcoin Kya Hai

दुनिया में कितने प्रकार की क्रिप्टो करेंसी है Duniya Me Kitne Prakar Ki Cryptocurrency Hai

अभी पूरी दुनिया में लगभग 4000 के ऊपर क्रिप्टो करेंसी है जिनमें से कुछ जैसे कि बिटकॉइन, रेडकॉइन,एथरियम, रिप्पल आदि प्रमुख है।

बिटकॉइन कैसे बनता है? Bitcoin Kaise Banta Hai

इस प्रक्रिया को माइनिंग प्रक्रिया कहा जाता है आम भाषा में माइनिंग का मतलब होता है खनन यानी किसी वस्तु को जमीन के अंदर से खोदकर निकालना चुकी वस्तु का भौतिक रूप होता है लेकिन बिटकॉइन इसके विपरीत है बिटकॉइन का कोई भी भौतिक रूप नहीं होता है।

इसका निर्माण करना अर्थात खोज करना जो केवल और केवल माइनर कर सकते हैं इसका खोज कंप्यूटर के द्वारा ही किया जा सकता है माइनिंग का कार्य उच्च गुणवत्ता वाले लोग ही करते हैं जिनके पास उच्च कोटि का नेटवर्क और कंप्यूटर हो।

बिटकॉइन माइनर क्या होता है? bitcoin miner kya hota hai

दुनिया के जितने भी देश हैं उन सबको नोट छापने की तय सीमा के अनुसार चलना होता है कोई भी देश तय सीमा तक ही नोट छाप सकता है उसी प्रकार क्रिप्टोकरंसी बनाने का भी सीमा होता है पूरी दुनिया बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? में 2.1 मिलीयन ही क्रिप्टो करेंसी है जिसमें से 1 पॉइंट 9 मिलियन अभी तक खोजे जा चुके हैं और बाकी खोजने का काम चल रहा है।

माइनर उन लोगों को कहते हैं जो लोग बिटकॉइन की भेजने की प्रक्रिया को वेरीफाई करते हैं उन लोगों के पास उच्च शक्ति वाला कंप्यूटर होता है जिस कंप्यूटर से बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन को वेरीफाई करते हैं।

बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया? bitcoin banane ki prakiriya kya hai

जिस प्रकार सौ पैसे जोड़ने के बाद ही 1 रुपया बनता है उसी प्रकार बिटकॉइन भी होता है एक बिटकॉइन को बनाने में एक करोड़ सतोषी की जरूरत होती है जैसे 1रूपया का सबसे छोटा इकाई एक पैसा होता है उसी प्रकार बिटकॉइन का सबसे छोटा इकाई सतोषी होता है।

बिटकॉइन खोजने का तरीका क्या है? bitcoin khojane ka tarika kya hai

बिटकॉइन खोजने का तरीका यह है कि अगर आपके पास हाई स्पीड वाला कंप्यूटर है तो आप बिटकॉइन के माइनिंग का काम कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन को वेरीफाई करने का काम माइनर करते हैं और इसके उपहार के रूप में कुछ बिटकॉइन मिलता है इसी प्रकार नए बिटकॉइन जन्म होता है।

Bitcoin Kya Hai

Bitcoin Kya Hai

बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है ?bitcoin ka istemal kaise kiya jata hai

इसका उपयोग हम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन यानी लेन-देन में कर सकते हैं बिटकॉइन पियर टू पियर नेटवर्क कंप्यूटर पर काम करता है इसका मतलब यह है कि हम बिना किसी बैंक अकाउंट और बिना किसी एटीएम कार्ड के भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं इसका प्रक्रिया बहुत ही जटिल है इसका उदाहरण यह है कि जब हम किसी के साथ पैसे का लेन देन करते है तो उसका विवरण देख सकते हैं लेकिन बिटकॉइन में ऐसा नहीं है इसका मेन कारण यह है कि इसका कोई भी मालिक नहीं है इसलिए लेनदेन की प्रक्रिया एक पब्लिक लेजर के जरिए होता है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है जिसे कोई नहीं देख सकता है।

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