अगर ट्रेडिंग करे या न करें?

फीचर आर्टिकल: भारत और 130 देशों का लोकप्रिय FTT प्लेटफार्म है बिनोमो, ट्रेडिंग के साथ प्राप्त करे आकर्षक बोनस और ढेरों शानदार पुरस्कार
भारत में FTT प्लेटफार्म के बीच बिनोमो ने अपनी अलग पहचान बनाई है। इस ग्लोबल प्लेटफार्म पर लोगों का भरोसा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। बिनोमो के एपीएसी मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड क्लार्क बता रहे हैं कि आखिर किस प्रकार यह प्लेटफार्म दूसरे प्लेटफार्म से अलग है और कैसे यह ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित है। इसके साथ ही ट्रेडर्स इस पर ट्रेडिंग के साथ ही अन्य पुरस्कार भी प्राप्त कर सकते हैं।
1. बिनोमो भारत में लोकप्रिय FTT प्लेटफार्म है और कई ट्रेडर्स खुद को बिनोमिस्ट कहते हैं। इस प्लेटफार्म की लोकप्रियता का क्या राज़ है?
बिनोमो निश्चित रूप से भारत में एक लोकप्रिय FTT प्लेटफार्म है लेकिन इसका पीला और काला बिनोमो लोगो भारत के अलावा 130 देशों में भी पहचाना अगर ट्रेडिंग करे या न करें? जाता है। इस प्लेटफार्म पर ट्रेडर्स गोल्ड, कमोडिटी, करेंसी पेयर्स, ओटीसी और अन्य एसेट में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। बिनोमो हर किसी के लिए एक सुविधाजनक प्लेटफार्म है, चाहे वे निवेश की शुरुआत करने वाले लोग हों या फिर प्रोफेशनल्स। यह मॉडर्न और हाई-टेक प्लेटफार्म होने के साथ ही काफी आसान है।
भारतीय निवेशक महज 5 डॉलर से निवेश शुरू कर सकते हैं और ट्रेड ओपनिंग 1 डॉलर से शुरू होती है। साथ ही इसमें सभी ट्रेडर्स के लिए ढेरों इनाम हैं। बिनोमों में ट्रेडिंग, डिपॉजिट और विड्रॉल के लिए कोई फीस चार्ज नहीं की जाती। बिनोमो एप की सहायता से आप कहीं भी कभी भी ट्रेड कर सकते हैं। इसे गूगल प्ले या एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। कोई कठिनाई होने पर www.binomo.com पर जाकर APK वर्जन डाउनलोड कर सकते हैं।
2. आजकल ऑनलाइन ट्रेडिंग में धोखाधड़ी का जोखिम होता है, ट्रेडर्स बिनोमो पर कैसे भरोसा कर सकते हैं?
बिनोमो को 2018 से इंटरनेशनल फाइनेंशियल कमीशन (IFC) रेगुलेट कर रही है और इसके पास “A” मेंबर का स्टेटस है। IFC सर्टिफिकेट ट्रेडर्स के साथ रिलेशन में पारदर्शिता की पुष्टि करता है। इसके अलावा इस Verify My Trade के ट्रेड क्वालिटी सर्टिफिकेट द्वारा प्लेटफार्म की सिक्योरिटी की गारंटी दी गई है।
3. एफटीटी प्लेटफार्म क्या होते हैं? इसमें पारंपरिक इक्विटी ट्रेडिंग से क्या अलग है?
एफटीटी का अर्थ होता है फिक्स्ड टाइम ट्रेडिंग। एफटीटी ट्रेडर्स के बीच में काफी लोकप्रिय है क्योंकि इसमें ट्रेड एक्सपायरेशन टाइम काफी कम होता है। आप सही पूर्वानुमान के साथ एक मिनट में अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। लेकिन पारंपरिक इक्विटी ट्रेडिंग में ऐसी कोई लिमिट नहीं होती।
4. बिनोमो बोनस प्रोग्राम क्या है?
- बिनोमो अपने क्लाइंट्स को आकर्षक और अनूठे बोनस ऑफर करता है जो उन्हें किसी दूसरे प्लेटफार्म पर नहीं मिलते। अगर ट्रेडिंग करे या न करें? बिनोमो पर रजिस्ट्रेशन के बाद प्रत्येक यूजर को एक वैलकम बोनस मिलता है। यह 30 मिनट तक उपलब्ध रहता है और आपको अपना पहला डिपॉजिट 25% तक बढ़ाने का मौका मिलता है।
- डिपॉजिट बोनस आपके निवेश को स्टैंडर्ड अकाउंट में 100% तक, गोल्ड अकाउंट में 150% तक और वीआईपी अकाउंट में 200% बढ़ा सकता है। इसके अलावा भी बिनोमो के स्टैंडर्ड, गोल्ड और वीआईपी अकाउंट होल्डर्स को कई तरह के ऑफर, बोनस और इनाम हैं।
5. किसी ट्रेडर को बिनोमो प्लेटफार्म क्यों चुनना चाहिए?
इसके मुख्य रूप से 3 कारण हैं
- बिनोमो आपको निशुल्क मार्केट और ट्रेडिंग संबंधी जानकारी देता है। आप मार्केट एनालिसिस या इंडिकेटर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न टूल का इस्तेमाल और कब क्या रणनीति अपनानी चाहिए इस बारे में सीख सकते हैं।
- यदि आप हासिल की गई जानकारी का उपयोग सही तरीके से और समझदारी पूर्वक करते हैं तो बिनोमो पर ट्रेडिंग करके आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने और सपनों को सच बनाने में सफल हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप वित्तीय जोखिमों को समझें और अपने कौशल का सही उपयोग करें।
- बिनोमो के साथ जुड़कर आप बिनोमिस्ट के विशाल समुदाय के मेंबर बन सकते हैं। ये वे लोग हैं जो अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ने से नहीं हिचकते। आप महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना भी सीखेंगे।
ज्ञान और जानकारी के साथ ही एनालिसिस और प्रैक्टिस के बिना प्रभावी ट्रेडिंग संभव नहीं है। तो अगर आप भी एफटीटी प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग के साथ अतिरिक्त आमदनी अर्जित करना चाहते हैं यानी कि बिनोमिस्ट बनना चाहते हैं तो आज ही बिनोमो का एप डाउनलोड करें या www.binomo.com पर जाकर अधिक जानकारी हासिल करें।
डिस्क्लेमर: अगर आप रिस्क उठाने के लिए सक्षम नहीं हैं तो कमोडिटी या दूसरे वित्तीय साधनों में ट्रेडिंग न करें। यह सलाह दी जाती है कि आप उस पैसे का निवेश न करें जिसे आप खोने का जोखिम नहीं उठा सकते।
Intraday Trading कैसे work करता है :
इंट्राडे ट्रेडिंग उनके लिए है जो सौदा को एक ही दिन के लिए खरीद -बेच करते हैं उन्हें शेयर को होल्ड नहीं करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान वो सौदा को होल्ड नहीं करते है इन्हे जोखिम लेना पसंद होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट अगर ट्रेडिंग करे या न करें? की आवश्यकता होगी जो आप निचे दिए गए लिंक के सहारे ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
Intraday trading account खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें।
जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि यह “एक दिन का सौदा” है यानि को आपको एक दिन के पुरे ट्रेडिंग सेशन में शेयर को ख़रीदा व् बेचा जाता है उसे अगले दिन के लिए होल्ड नहीं किया जाता हैं। SEBI के द्वारा आपको intraday के लिए आपको मार्जिन दिया जाता हैं जिस शेयर आपको खरीदना या बेचना है उसके वैल्यू का आपके पास 25% का बैलेंस होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग का ब्रोकरेज डेलिवरी ट्रेडिंग के मुकाबले कम है
Intraday trading करते समय आपको MIS option सेलेक्ट करके ट्रेडिंग करना पड़ता है इस सेक्शन में आपके द्वारा खरीदा या बेचा गया माल आपको Square Off करना होता है। अर्थात आपके ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर की संख्या को शून्य करना होता हैं चाहे आप शेयर buy या sell किये हों नहीं तो आपका ब्रोकरेज हाउस मार्केट के क्लोज होने के कुछ समय पहले आपके शेयर को auto Square Off कर देता हैं यानी की आपके द्वारा बेचा या ख़रीदा गया शेयर को आपके ट्रेडिंग अकाउंट में quantity शून्य कर देता है शेयर को खरीद या बेच कर।
17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:
- Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
- टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
- मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
- बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
- सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
- stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
- इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और अगर ट्रेडिंग करे या न करें? भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
- अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
- ग्राफ का स्टडी 15 ,10 अगर ट्रेडिंग करे या न करें? और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
- प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
- स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
- इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
- इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
- बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके पास पड़ा रहेगा।
- इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
- overbought/oversold जोन को देखकर buy और sell करें।
Disclaimer:
आपका निवेश जोखिम के अधीन हैं इस पृष्ठ में निहित जानकारी ,नियम ,शर्त ,टिप्स केवल आपको समझने के लिए हैं न कि आपको निवेश के लिए बाध्य करता है आपका निवेश आपकी समझ और आपकी अपनी जिम्मेदारी पे निर्भर है न की किसी दूसरे पर।
Intraday Trading कैसे work करता है :
इंट्राडे ट्रेडिंग उनके लिए है जो सौदा को एक ही दिन के लिए खरीद -बेच करते हैं उन्हें शेयर को होल्ड अगर ट्रेडिंग करे या न करें? नहीं करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान वो सौदा को होल्ड नहीं करते है इन्हे जोखिम लेना पसंद होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होगी जो आप निचे दिए गए लिंक के सहारे ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
Intraday trading account खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें।
जैसा कि नाम से ही मालूम होता है कि यह “एक दिन का सौदा” है यानि को आपको एक दिन के पुरे ट्रेडिंग सेशन में शेयर को ख़रीदा व् बेचा जाता है उसे अगले दिन के लिए होल्ड नहीं किया जाता हैं। SEBI के द्वारा आपको intraday के लिए आपको मार्जिन दिया जाता हैं जिस शेयर आपको खरीदना या बेचना है उसके वैल्यू का आपके पास 25% का बैलेंस होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग का ब्रोकरेज डेलिवरी ट्रेडिंग के मुकाबले कम है
Intraday trading करते समय आपको MIS option सेलेक्ट करके ट्रेडिंग करना पड़ता है इस सेक्शन में आपके द्वारा खरीदा या बेचा गया माल आपको Square Off करना होता है। अर्थात आपके ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर की संख्या को शून्य करना होता हैं चाहे आप शेयर buy या sell किये हों नहीं तो आपका ब्रोकरेज हाउस मार्केट के क्लोज होने के कुछ समय पहले आपके शेयर को auto Square Off कर देता हैं यानी की आपके द्वारा बेचा या ख़रीदा गया शेयर को आपके ट्रेडिंग अकाउंट में quantity शून्य कर देता है शेयर को खरीद या बेच कर। अगर ट्रेडिंग करे या न करें?
17 Intraday Trading Tips |17 इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला:
- Highly volatile स्टॉक में Intraday Trading नहीं करना चाहिए। .
- टी ग्रुप (टी २ टी )NSE पर BE ग्रुप में इंट्राडे ट्रेड नहीं होता है इसमें कोई शेयर buy करने पर compulsory delivery लेना पड़ता है।
- मार्किट में अगर आप शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो उसे मार्केट क्लोज होने से पहले स्क्वायर ऑफ करना पड़ता है अगर आप square off नहीं कर पाते हैं तो आपको ऑक्शन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसमें आपको भारी penalty देना पड़ सकता हैं।
- बाजार के मूड के साथ ट्रेड लें अगर बाजार अपट्रेंड में हो तो long करें ,अगर downtrend में हो तो short करें।
- सही समय का इंतज़ार करे ,जल्दबाज़ी में शेयर न बेचें।
- stop loss का मजबूती के साथ पालन करें।
- इंट्राडे करने से पहले 10 लिक्विड शेयर्स का चयन कर उसपर ग्राफ,RSI ,और भी तकनीकी से स्टडी करें और अपनी योजना बनायें।
- अधिकांशतः लार्ज कैप के शेयर में ही इंट्राडे करें क्योकि उसने ट्रेडिंग जयादा होती हैं।
- ग्राफ का स्टडी 15 ,10 और 5 मिनट के टाइम फ्रेम के ऊपर स्टडी करें की आपका स्टॉक किस पैटर्न पर वर्क करता है ,कहाँ रेजिस्टेंस है कहाँ सपोर्ट लेवल है। स्टॉप लोस्स कहाँ लगाना है।
- प्रॉफिट किस लेवल पर लेना है या कितना प्रतिशत पर सौदा काटना है पलहे से ही निर्धारित करें ,लालच में न पड़ें।
- स्टॉक के खबरों पर विशेष नज़र रक्खे जैसे बोनस , स्प्लिट,डिविडेंट ,रिजल्ट।
- इंट्राडे करते समय योजना के अनुसार कार्य करें इमोशनल न हो धैर्य से काम लें।
- इंट्राडे करते समय सजग रहें और शेयर को वाच करते रहें अगर आपके अनुमान के उल्टा शेयर जा रहा हो तो तुरंत शेयर से निकल जाएँ।
- बाजार के तुरंत खुलने व् बंद होने से 30 मिंट पहले इंट्राडे न करें क्योकि उस समय वोलैटिलिटी बहुत ज्यादा होती है।
- अगर आपके पास होल्डिंग में शेयर पड़ा है तो उससे भी आप इंट्राडे कर सकते है केवल downtrend के समय आप अपना होल्डिंग शेयर बेंच दें और जब वह शेयर और भी निचे गिरकर चला जाये तो आप उसे buy के ले इस तरह आप को शेयर के खरीद व् बेच के बीच के अंतर का आपको फायदा हो जायेगा और शेयर भी आपके पास पड़ा रहेगा।
- इंट्राडे में छोटे प्रॉफिट पर धयान दें ज्यादा के लालच में न पड़े।
- overbought/oversold जोन को देखकर buy और sell करें।
Disclaimer:
आपका निवेश जोखिम के अधीन हैं इस पृष्ठ में निहित जानकारी ,नियम ,शर्त ,टिप्स केवल आपको समझने के लिए हैं न कि आपको निवेश के लिए बाध्य करता है आपका निवेश आपकी समझ और आपकी अपनी जिम्मेदारी पे निर्भर है न की किसी दूसरे पर। अगर ट्रेडिंग करे या न करें?
यह छोटा सा काम करके शेयर बाजार से कमा सकते हैं करोड़ों
नोएडा. हर शख्स की कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत होती है। अगर अगर ट्रेडिंग करे या न करें? आप भी कम समय में ज्यादा पैसा कामाना चाहते हैं तो आप की यह चाहत शेयर बाजार (Share market) से पूरी हो सकती है। अब सवाल पैदा होता है कि शेयर बेजार में काम कैसे शुरू की जाए। यानी शेयर बाजार में निवेश और ड्रेडिंग (Trading and Investment in stock market) के करने से पहले क्या करना पड़ता है। आइए आज हम आपके इन ही उलझनों को दूर कर ये बताएंगे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कैसे कर सकते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट (Financial expert) और ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रीपू दमन गॉड ने बताया कि शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड करने के लिए एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट किसी भी शेयर ब्रोकर के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। ये दोनों अकाउंट एक साथ खुल जाते हैं। आमतौर पर डीमैट अकाउंट को खुलवाने की औसतन फीस 500 रुपए तक होती है, लेकिन ज्यादातर ब्रोकर कंपनियां (Broakage houses in india) पहले एक साल के लिए यह अकाउंट फ्री खोल देती है। हालांकि, इसके बाद हर साल कंपनी अकाउंट मेंटेनेंस के लिए 200 से 500 रुपए तक फीस चार्ज करती है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए पैन (PAN Card) , आधार कार्ड (Aadhar Card) या एक अन्य ID के अलावा बैंक अकाउंट (Bank Account) का डिटेल देना होता है। ये सभी दस्तावेज देने के बाद निवेशक का डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुल जाता है। अजकल ऑनलाइन डीमैट खाते खुलवाए जा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी ब्रोकिंग कंपनी की वेबसाइट पर जाकर खुद का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद मांगे गए सभी दस्तावेज आपको अपलोड करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको 24 घंटे के बाद आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आईडी और पासवर्ड दे दी जाएगी। इसके बाद अप अपने मोबाइल या डेस्क टॉप पर कंपनी का ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बाद दिए गए लॉगइन आईडी और पासवर्ड से लॉगइन कर ट्रेड और निवेश शुरू कर सकते हैं। यानी अकाउंट खोलने के 72 घंटे के भीतर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप कंपनी के कस्टोमर केयर नम्बर पर कॉल करके भी शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
देश में कई बड़े शेयर ब्रोकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख ब्रोकरों के वेबसाइट की यूआरएल नीचे दी गई है। इन में से किसी भी वेबसाइट पर जाकर आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। अकाउंट खुलवाने से पहले ब्रोकर हाउस से ब्रोकरेज की पूरी जानकारी ले लें, क्योंकि कुछ कंपनियां बहुत ज्यादा ब्रोकरेज चार्ज करती है, जिसकी वजह से आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा ब्रोकर के पास ही चला जाता है।
https://www.angelbroking.com
https://www.motilaloswal.com/
https://www.karvy.com/
https://www.sharekhan.com/
https://trade.indiabulls.com/
https://zerodha.com/
https://www.smctradeonline.com/
https://www.rkglobal.net/
https://www.tradeswift.net/
https://choicebroking.in
देश में डीमैट अकाउंट की सेवाएं NSDL और CDSL दो कंपनियां प्रदान करती है। देशभर के सभी ब्रोकर इन्हीं दोनों कंपनियों से मिलकर डीमैट अकाउंट की सेवाएं देते हैं। देशभर के सभी निवेशकों के शेयर इन्हीं दोनों कंपनियों NSDL और CDSL की डिपॉजिटरी में रखे जाते हैं। इन के शेयरों के साथ ब्रोकर्स भी छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। हालांकि, Trading Account ब्रोकर की कंपनी में खोला जाता है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयर की खरीद और बिक्री होती है। इसमें खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रहता है। इसमें यह सभी जानकारी दर्ज होती है कि किस दिन कितने बजे किस रेट पर शेयर खरीदा या बेचा गया। इसका पूरा रिकॉर्ड ब्रोकर्स के पास रहता है। इसके अलावा यह रिकॉर्ड स्टॉक एक्सचेंज के पास भी होता है। इसका लाभ यह है कि दो जगह पर रिकॉर्ड होने के चलते निवेशक या ट्रेडर के साथ धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती है।
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में जरूरी नहीं है कि लंबे समय के लिए निवेश करके ही कमाई हो। स्टॉक मार्केट (Stock Market) में हर दिन कमाई का मौका भी मिलता है। सिर्फ इसके लिए जरूरी है कि स्टॉक मार्केट खुलने के पहले ही कुछ तैयारी कर ली जाए और फिर बाजार खुलते ही पोजिशन ले ली जाए। ज्यादातर ब्रोकर डेली टिप्स जारी करते हैं, जो वह अपने कस्टमर्स को भेजती हैं। कई ब्रोकरेज कंपनियां इन टिप्स के लिए प्रीमियम सर्विस भी देती हैं। रोज कमाई के लिए जरूरी नहीं है कि लोगों के पास बहुत पैसा हो, कुछ हजार रुपए में भी स्टॉक मार्केट से कमाई शुरू की जा सकती है।