बाज़ार पर नज़र

गुझिया, 240 से 400
US Fed द्वारा ब्याज दर बढ़ाने से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों पर प्रभाव
अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होने के बाद फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में जल्द इज़ाफ़ा करने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जारी किये आंकड़ों में अनुमान से भी कम गिरावट देखी गई है। इस चिंता के कारण अमेरिका के साथ ही भारतीय शेयर बाज़ार में भी बड़ा उतार- चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
तो आखिर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से दुनिया भर के बाज़ारों पर क्यों प्रभाव पड़ता है। ख़ास तौर से भारत पर?
अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का सीधा असर विकासशील देशों के बाज़ारों पर पड़ता है जैसे की भारत । इससे अमेरिका में बॉन्ड यील्ड पर सकारात्मक प्रभाव होता है और निवेशक अपने ही देश बाज़ार पर नज़र में पूंजी लगाने के लिए प्रेरित होते हैं।
हम सभी जानते है कि किसी भी विकासशील देश में विकसित देशों की तुलना में विकास की असीमित संभावनाएं होती है। इसी कारण अमेरिका में ब्याज दरें भारत की तुलना में काफी कम है। जिसका फ़ायदा निवेशक उठाते है। वे अधिक रिटर्न के लिए बैंकों से पैसा निकलकर भारतीय बाज़ारों में निवेश करते हैं। लेकिन जब ब्याज दरें बढ़ती है तो यही निवेशक अपने देश में निवेश करने लगते है। नतीजतन भारतीय बाज़ार को घाटे का सामना करना पड़ता है।
अब दाल पर भी लगा 'महंगाई का तड़का'
- नई दिल्ली,
- 14 जुलाई 2012,
- (अपडेटेड 14 जुलाई 2012, 2:37 PM IST)
लगता है अब महंगाई से छुटकारा नहीं मिलने वाला. सब्जियों के भाव तो पहले से ही कमर तोड़ ही रहे हैं, अब दाल और मसालों के भाव भी बड़ा झटका देने वाले हैं. थोक बाजार में दाल और मसाले के भाव बढ़ चुके हैं और अब जल्द ही इसका असर खुदरा बाजार पर बाज़ार पर नज़र भी दिखेगा. उधर, चीनी भी आपके स्वाद को और कड़वा करने की तैयारी में है.
कभी कहा जाता था, 'दाल रोटी खाएंगे, प्रभु के गुण गाएंगे' लेकिन अब तो दाल और मसाले भी आम आदमी की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं. पिछले 15 दिनों में थोक बाजार में दाल बाज़ार पर नज़र और मसालों के भाव 5 से 10 फीसदी तक बढ़ गए हैं. पिछले 15 दिनों में चना थोक बाज़ार में 5 रुपए महंगा हो गया है. मूंग साबूत में करीब 10 रुपए का इज़ाफा देखने को मिला वहीं मसूर और राजमा 5-5 रुपए महंगे हो गए हैं.
Share Market Update: 1145 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुआ सेंसेक्स, निफ्टी भी गिरा
By: एबीपी न्यूज़, एजेंसी | Updated at : 22 Feb 2021 06:33 PM (IST)
नई दिल्ली: देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों का असर बाज़ार पर भी पड़ता नज़र आ रहा है. आज हफ्ते के कारोबार खुलने के पहले ही दिन बॉम्बे स्टॉक एक्सेंच का सेंसेक्स 1,145.44 अंक लुढ़क गया. बीएसई में लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज की गई है. सोमवार को कोरोना के बढ़ते मामलों का डर निवेशकों में साफ नज़र आया और उन्होंने जमकर शेयर बेचे. आज सुबह बाज़ार के इंडेक्स ने 50,986.03 के सबसे ऊंचे स्तर को भी छुआ. हालांकि शाम होते होते भारी गिरावट के साथ बाज़ार बंद हुआ. इसके अलावा निफ्टी बाज़ार पर नज़र भी 306.05 अंकों के नुकसान पर बंद हुआ.
कितनी फिसदी की है गिरावट
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,145.44 अंक यानी 2.25 प्रतिशत के नुकसान से 49,744.32 अंक पर आ गया. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 306.05 अंक यानी 2.04 प्रतिशत टूटकर 14,700 अंक से नीचे 14,675.70 अंक पर बंद हुआ. रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में गिरावट से सेंसेक्स में ये गिरावट दर्ज की गई. वैश्विक बाजारों के नकारात्मक रुख ने भी बाजार धारणा को प्रभावित किया.
होली पर गुझिया और मठरी की खुशबू से महक रहा बाज़ार, खरीदने से पहले एक बार रेट पर नज़र डाल लीजिए
होली पर बाज़ार में दुकानों पर सजी गुझिया पापड़ मठरी नमकीन की खुशबू की महक लोगों को आकर्षित कर रही है। लोग रेडीमेड आइटम की जमकर खरीदारी में जुट रहे हैं। अगर आप भी खरीदारी करने बाज़ार पर नज़र जा रहे है तो एक बार रेट पर नज़र डाल लीजिए।
जागरण टीम, हाथरस। होली पर बाजार गुझिया, मठरी व मावे बाज़ार पर नज़र की खुशबू से महक रहे हैं। इनके साथ ही दुकानों पर सजे चिप्स, पापड़ व नमकीन भी लोगों का ध्यान खींच रही हैं। बाजार में लोग रेडीमेड आइटमों की खूब खरीदारी कर रहे हैं।
होली पर्व भले ही 17 मार्च को मनाया जाएगा मगर इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। बाजारों में खरीदारी तेज हो गई है। इस बार बाजार में गुझिया, मठरी, पपड़ी की दुकानें सजी हुई हैं। मिठाइयों की दुकानों पर भी नमकीन वाले खाद्य पदार्थ उपलब्ध हैं। बाजारों में नमकीन की दुकानों पर इसके लिए एक माह पहले से तैयारी की गई थी। अब तैयार किए गए माल की दुकानों पर बिक्री की जा रही है। आकर्षक पैङ्क्षकग में यह खाद्य पदार्थ ग्राहकों को खूब पसंद आ रहे हैं। इनकी कीमत भी 150 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक में है।
एनालिटिक्स (विश्लेषिकी) के बारे में अधिक जानकारी
ट्रेडिंग एनालिटिक्स (विश्लेषिकी) लाभदायक ट्रेडिंग का सार है। बाजारों का विश्लेषण करने, चार्ट पढ़ने और वित्तीय डेटा को समझने का तरीका जानने से ट्रेडिंग के सर्वोत्तम क्षण की पहचान करने में ट्रेडर सक्षम बन जाता है। यह उन्हें यह समझने में भी मदद बाज़ार पर नज़र करता है कि वास्तव में कहाँ निवेश करना है, किन साधन का उपयोग करना है, डील को कब बंद करना है और किन दिशाओं पर नज़र रखना है। प्रारम्भ में, बाजार बाज़ार पर नज़र विश्लेषण मुश्किल लग सकता है, और यही कारण है कि Olymp Trade के विशेषज्ञ हालिया स्टॉक, क्रिप्टो और Forex ट्रेडिंग की खबरों पर अपनी राय और वस्तुगत प्रतिक्रिया साझा करने और मदद करने के लिए यहां उपस्थित हैं।
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