इक्विटी फंड्स क्या हैं

Some equity funds are also divided into those pursuing income or इक्विटी फंड्स क्या हैं capital appreciation or both. Income funds seek stocks that will pay dividends, usually investing in equities of blue-chip companies. Other equity funds primarily seek capital appreciation, or the objective that the stocks in the portfolio will go up in share price.
Equity Fund: Definition, Types, Advantages
James Chen, CMT is an expert trader, investment adviser, and global market strategist. He has authored books इक्विटी फंड्स क्या हैं on technical analysis and foreign exchange trading published by John Wiley and Sons and served as a guest expert on CNBC, BloombergTV, Forbes, and Reuters among other financial media.
Gordon Scott has been an active investor and technical analyst of securities, futures, forex, and penny stocks for 20+ years. He is a member of the Investopedia Financial Review Board and the co-author of Investing to Win. Gordon is a Chartered Market Technician (CMT). He is also a member of CMT Association.
Ariel Courage is an experienced editor, researcher, and fact-checker. She has performed editing and fact-checking work for several leading finance publications, including The Motley Fool and Passport to Wall Street.
What is an Equity Fund
An equity fund is a mutual fund that invests principally in stocks. It can be actively or passively (index fund) managed. Equity funds are also known as stock funds.
Stock mutual funds are principally categorized according to company size, the investment style of the holdings in the portfolio and geography.
Equity Fund
BREAKING DOWN Equity Fund
The size of an equity fund is determined by a market capitalization, while the investment style, reflected in the fund's stock holdings, is also used to categorize equity mutual funds.इक्विटी फंड्स क्या हैं
Equity funds are also categorized by whether they are domestic (U.S.) or international. These can be broad market, regional or single-country funds.
Some specialty equity funds target business sectors, such as health care, commodities and real estate.
इक्विटी फंड्स क्या हैं?
अलावा इसके, बाजार पूंजीकरण के अनुसार भी इक्विटी विभाजित किये जाते हैं, अर्थात, पूंजी बाज़ार एक कंपनी के सम्पूर्ण इक्विटी का क्या मूल्यांकन आंकता है| फंड्स लार्ज कैप, मिड कैप, छोटे और सूक्ष्म हो सकते हैं|
इसके आगे भी वर्गीकरण हो सकते हैं जैसे विविध या क्षेत्रीय वर्गीकरण/विषयगत वर्गीकरण| पहले वर्ग में, सम्पूर्ण बाज़ार में उपलब्ध स्टॉक्स के विस्तार से स्कीम चुनकर निवेश होता है जबकि दूसरे वर्ग में एक वर्ग, क्षेत्र इक्विटी फंड्स क्या हैं या विषय विशेष के स्टॉक्स में निवेश होता है, जैसे इन्फोटेक या इंफ्रास्ट्रक्चर|
इस प्रकार, इक्विटी फंड तत्वतः/अनिवार्य रूप से कंपनी शेयर में निवेश करता है और एक आम निवेशक को पेशेवर प्रबंधन के फायदे मुहैय्या कराता है|
Equity Funds vs Debt Funds: जानें, कहां निवेश करना है बेहतर विकल्प
रिस्क फैक्टर्स
डेट फंड को इक्विटी फंड से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डेट फंड्स रिस्क फ्री गवर्नमेंट और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश किए जाते हैं। सरकारी बॉन्ड्स में अधिकांशतः कोई रिस्क नहीं होता लेकिन कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के लिए निवेशकों को चाहिए कि अलग-अलग रेटिंग एजेंसी से बॉन्ड की रेटिंग जान लें। इक्विटी सिक्योरिटीज आर्थिक कारकों के प्रति काफी सेंसिटिव होती हैं और मुद्रास्फीति, टैक्स रेट् और महंगाई इत्यादि से प्रभावित भी होती हैं। ऐसे में बाजार की अस्थिरता में सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीका एक अच्छी इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन करना है।
Mutual Fund: इक्विटी या डेट म्यूचुअल फंड में क्या है अंतर? आपके लिए क्या है बेहतर?
अगर आप अपने लाइफ के टार्गेट को लेकर स्पष्ट है तो आपके लिए निवेश स्कीम चुनना काफी आसान है.
म्यूचुअल फंड्स एक तरह का फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट है. इसके जरिए स्टॉक, गवर्नमेंट और कार्पोरेट बॉन्ड, डेट इंस्ट्रूमेंट्स और गोल्ड स्कीम में निवेश किया जाता है. पूरी तैयारी के साथ म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश किया जाए तो बेहतर रिजल्ट देखने को मिलते हैं. हालांकि ये जरूरी नहीं कि सभी प्रकार के म्यूचुअल फंड सभी निवेशकों के लिए बेहतर हों. ऐसे में म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट से पहले निवेशकों को उसके बारे में जरूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए. साथ ही निवेशकों को अपनी रिस्क लेने की क्षमता, जरूरतों, टार्गेट और स्कीम की टेन्योर समेत तमाम पहलुओं को समझ लेना जरूरी है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या ग्रोथ ओरिएंटेड फंड्स एक बेहद खास स्कीम है. इस स्कीम के तहत स्टॉक एक्सचेंज मार्केट में लिस्टेड विभिन्न कंपनियों के शेयर में निवेशक के एसेट्स को इनवेस्ट किया जाता है. ये स्कीम निवेशकों को उनके पैसे अलग-अलग सेक्टर की कई कंपनियों के शेयर में निवेश का मौका देता है. यही स्ट्रेटेजी निवेशक को जोखिम से बचाता है और उसके कारोबार में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी करने में मददगार होता है.
मिसाल के तौर पर समझिए कि एक इक्विटी फंड्स क्या हैं निवेशक अपना 1000 रुपये इक्विटी म्यूचुअल फंड के माध्यम से 50 कंपनियों में निवेश किया. जिन कंपनियों के शेयर में निवेशक के एसेट्स इनवेस्ट किए गए उन सभी में उसका अनुपातिक लिहाज से मालिकाना हक हो जाता है. और सभी कंपनियां उसके पोर्टफोलियो में शामिल भी हो जाती हैं. जिन कंपनियों के शेयर में निवेशक के एसेट्स लगे हैं. अगर उनमें से कुछ स्टॉक अच्छा परफार्म नहीं कर पाए तो बाकी बचे निवेशक के पोर्टफोलियो में शामिल बेहतर परफार्मेंश वाले स्टॉक बुरे प्रभाव को कम करने या उस प्रभाव की भरपाई करके इनवेस्टमेंट वैल्यू को बेहतर बनाने का काम करते हैं. ऐसे में निवेशक को डावर्सिफाई पोर्टफोलियो और रिस्क एडजस्टेड रिटर्न के फायदे मिलते हैं.
डेट म्यूचुअल फंड्स
इक्विटी फंड के मुकाबले डेट म्यूचुअल फंड ज्यादा सुरक्षित और स्थायी है. हालांकि लंबी अवधि के निवेश में ये इक्विटी फंड के मुकाबले कम रिटर्न देते हैं. लेकिन बैंक के सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉडिट, पोस्ट ऑफिस स्कीम पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में डेट म्यूचुअल फंड के रिटर्न बेहतर होते हैं. इक्विटी फंड की तरह इनमें भी निवेशक के पास डावर्सिफाइड पोर्टफोलियो होता है. इसमें निवेशक का पैसा फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी (fixed-income securities), मसलन कार्पोरेट बॉन्ड (Corporate Bonds), गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ (Government Securities) और ट्रेजरी बिल (Treasury Bills) में निवेश किया जाता है. इस पर मिलने वाले रिटर्न का अनुमान कुछ हद तक पहले से लगाया जा सकता है.
टैक्स के लिहाज से देखा जाए तो डेट स्कीम पर तीन साल के भीतर मिलने वाले गेन को शार्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) कहते हैं. तीन साल के बाद के प्रॉफिट को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ( LTCG) कहते हैं, अगर आप डेट फंड की यूनिट्स को खरीदने के तीन साल के भीतर बेचते हैं, तो उस पर हासिल प्रॉफिट पर निवेशक के टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स देना पड़ता है. मिसाल के तौर पर अगर एक निवेशक की टैक्स के दायरे में आने वाली इनकम 6,00,000 रुपये है और उसका STCG 1,00,000 रुपये है तो उसे 7,00,000 रुपये पर टैक्स देना होगा. डेट म्यूचुअल फंड में तीन साल या उससे अधिक समय तक निवेश किया गया हो तो उस पर होने वाले कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20% टैक्स लगता है.
इक्विटी फंड का प्रदर्शन
इक्विटी फंड्स ने बीते 3 इक्विटी फंड्स क्या हैं से 5 साल में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. इसमें क्वांट स्मॉल कैप फंड ने 5 साल में करीब 42 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर 3 साल में फंड का रिटर्न देखने को यह 21 फीसदी है. जबकि इस दौरान बाजार ने कोरोना महामारी और जियो-पॉलिटिकल टेंशन को भी झेल रहा है. ABSL डिजिटल इंडिया फंड ग्रोथ ने निवेशकों को 3 इक्विटी फंड्स क्या हैं साल में 40 फीसदी तक का रिटर्न दिया है.
इक्विटी फंड को इक्विटी फंड्स क्या हैं स्टॉक फंड भी कहते हैं. यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो मुख्य रूप से स्टॉक या इक्विटी में निवेश करता है. इसमें आपके पैसे को फंड मैनेजर तय करता है कि रकम का निवेश किन-किन कंपनियों में लगाना है. इसमें फंड मैनेजर की मदद एक रिसर्च टीम करती है.