ADR क्या है?

क्या है ADR
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) एक गैर-सरकारी संगठन है जो चुनावी और राजनीतिक सुधारों के क्षेत्र में काम करता है। नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) के साथ, ADR भारतीय राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने और चुनावों में धन और मांसपेशियों की शक्ति के प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहा है।
वैकल्पिक विवाद समाधान (Alternative Dispute Redressal: ADR)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में संसद में मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2018 को लागू करने की स्वीकृति प्रदान की है जो संस्थागत मध्यस्थता को सुगम बनाएगी और भारत को सुदृढ़ वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) तंत्र का केंद्र बनाने में सहायक होगा।
- जैसा कि नाम से पता चलता है, ADR असहमत पक्षों को मुकदमेबाजी की प्रक्रिया में पड़े बिना किसी विवाद के समाधान हेतु स्थापित तंत्र है।
- ADR प्रक्रिया केवल दीवानी विवादों के मामले में स्वीकार्य है, जिसे कानून द्वारा स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाता है। ADR के तरीकों को न्यायालय और औपचारिक कानून प्रणाली का विकल्प घोषित किया गया है तथा इसे विवाद को शीघ्रता से और सौहाद्रपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए अपनाए जाने वाले सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना गया है।
वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) के विविध प्रकार
- पंचाट (Arbitration): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक तटस्थ तृतीय पक्षकार या पक्षकारों का समूह मामले के गुण-दोषों के आधार पर निर्णय प्रस्तुत करता है। विवाचन की प्रक्रिया केवल तब ही आरंभ की जा सकती है जब विवाद के उद्भव के पहले ही दोनों पक्षों के बीच एक विधिमान्य पंचाट समझौता किया गया हो।
- मध्यस्थता (Mediation): मध्यस्थता की प्रक्रिया का लक्ष्य विवादित पक्षों को आपसी सहमति के माध्यम से समाधान तक पहुँचने में सहायता करना है। मध्यस्थता की प्रक्रिया ADR क्या है? का निरीक्षण एक निष्पक्ष तृतीय पक्ष अर्थात् एक मध्यस्थ द्वारा किया जाता ADR क्या है? है। मध्यस्थ का प्राधिकार दोनों पक्षों की आपसी सहमति में निहित होता है।
- सुलह (Conciliation): यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विवादों का समाधान समझौते या स्वैच्छिक करार द्वारा प्राप्त किया जाता है। पंचाट के विपरीत, सुलह की प्रक्रिया में बाध्यकारी निर्णय नहीं दिए जाते हैं। दोनों पक्ष इस प्रक्रिया से प्राप्त | निर्णय को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
- लोक अदालत: इनका गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत किया जाता है। यह सार्वजनिक सुलह का एक रूप है। इसकी अध्यक्षता 2 या 3 लोगों के द्वारा की जाती है जो न्यायाधीश या अनुभवी अधिवक्ता होते हैं। उन्हें सीमित रूप में सिविल न्यायालय की शक्तियाँ प्रदान की गई है।
- न्याय पंचायत: ये ग्रामीण न्यायालय ग्रामीण समुदाय की स्थानीय परंपराओं, संस्कृति और व्यवहार प्रतिरूप द्वारा निर्देशित होते हैं और इस प्रकार ये न्याय के प्रशासन में लोगों के विश्वास को स्थापित करते हैं। इनमें 200 रुपये तक के मौद्रिक दावे विचारण हेतु लिए जा सकते हैं। इसका आपराधिक क्षेत्राधिकार लापरवाही, अनधिकृत प्रवेश, उपद्रव आदि के साधारण मामलों तक विस्तृत है। इन पंचायतों में सुलह पर बल दिया जाता है।
ADR के विभिन्न प्रावधान
- ऐतिहासिक दृष्टिकोण: भारत में पंचायत सर्वाधिक प्राचीन ज्ञात ADR तंत्र हैं। निर्णय तक पहुँचने हेतु निष्पक्ष तृतीय पक्ष की | सहायता लेना दीर्घ काल से ही भारतीय संस्कृति का अंग रहा है।
- संवैधानिक प्रावधान: तंत्र को अपना आधार अनुच्छेद 14 (विधि के समक्ष समता), अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचार का अधिकार) के अंतर्गत प्राप्त होता है जो लोगों को न्याय पाने का अधिकार प्रदान करते हैं। इसे अनुच्छेद 39A के तहत समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता के लिए DPSP से भी संबंधित किया जा सकता है।
- अन्य प्रावधान : न्यायालय के बाहर विवादों का निपटारा सिविल प्रक्रिया संहिता (धारा 89), ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2009, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 (लोक अदालत प्रणाली की स्थापना का आधार) का एक भाग है।
- जस्टिस मलिमथ समिति (1989-90) की रिपोर्ट ने भी ADR तंत्र को व्यवहार्य विकल्प के रूप में ADR क्या है? स्थापित करने की आवश्यकता का भी सुझाव दिया है।
ADR का दावा: 5 बड़ी पार्टियों की 80 फीसदी आय का जरिया है 'अज्ञात सोर्स'
नई दिल्ली. देश की 5 बड़ी राजनीतिक पार्टियों की 80 फीसदी आय 'अज्ञात सोर्स' से होती है। यह दावा किया है चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली रिसर्च एजेंसी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने। चुनाव आयोग में जमा किए गए इनकम टैक्स रिटर्न के मुताबिक सीपीएम, कांग्रेस, बीएसपी, एनसीपी और सीपीआई की कुल संपत्ति 844.71 करोड़ रुपए है। ADR क्या है? इन पार्टियों को अज्ञात सोर्स से 673.08 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है, जो घोषित संपत्ति की करीब 80 फीसदी है। नवंबर 2014 तक डेडलाइन के बावजूद बीजेपी ने रिटर्न फाइल नहीं किया है।
क्या है ADR की रिपोर्ट में
रिपोर्ट में बताया गया है कि पार्टियों को मिले कुल चंदे का 41 फीसदी ऐसे दान से मिला है, जो 20 हजार से ऊपर था। पार्टियों की आमदनी का करीब 57 फीसदी हिस्सा कूपॉन की सेल से ही मिला है। कूपॉन की सेल के जरिए कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 477.316 करोड़ रुपए जुटाए हैं। 2013-14 के दौरान ADR क्या है? राष्ट्रीय पार्टियों को 111.29 करोड़ रुपए (करीब 59 फीसदी) ऐसे लोगों ने दान दिया, जिनकी जानकारी पब्लिक डोमेन में मौजूद नहीं है। पांचों पार्टियों में कांग्रेस की आमदनी सबसे ज्यादा 598.06 करोड़ रुपए है। इसके बाद सीपीएम की आमदनी 121.87 करोड़ रुपए है।
गुजरात चुनावः पहले ADR क्या है? चरण में इतने उम्मीदवार करोड़पति, ADR रिपोर्ट देखकर चौंक जाएंगे आप
नेशनल डेस्कः गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर उतरे 788 उम्मीदवारों में से 211 ‘करोड़पति' हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ऐसे 79 उम्मीदवार हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार कुल उम्मीदवारों में से 27 प्रतिशत की संपत्ति एक करोड़ रुपये से ज्यादा है।
भाजपा ने इन सभी 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और उसके 79 ADR क्या है? प्रत्याशी या 89 प्रतिशत प्रत्याशी की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस के 65 और आम आदमी पार्टी (आप) के 33 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। आप ने 88 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये हैं।
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केजरीवाल सरकार का सबसे अमीर मंत्री कौन? जानें, क्या कहती है ADR की रिपोर्ट
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक आप सरकार में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) सबसे अमीर मंत्री हैं। एडीआर ने एक बयान में कहा है कि दिल्ली इलेक्शन वॉच और एडीआर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के सभी सात नेताओं के हलफनामों का विश्लेषण किया है। बयान के अनुसार इस घोषणा के अनुसार सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) हैं। उनकी संपत्ति 90.01 लाख रुपये है। बयान के मुताबिक सबसे धनी मंत्री कैलाश गहलोत हैं, जिसकी कुल संपप्ति 46.07 करोड़ रुपये है।
गहलौत ने जीत कर रचा इतिहास
गहलौत ने नजफगढ़ सीट से लगातार दूसरी बार जीतकर इतिहास रचा है। क्योंकि नजफगढ़ का इतिहास है कि आज तक कोई भी नेता नजफगढ़ को दूसरी बार नहीं जीत पाया था। केजरीवाल सरकार में दूसरी बार मंत्री बने गहलोत परिवहन मंत्री जैसे बड़े मंत्रालय के साथ कई अन्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।