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संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए

संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए

सरकारी बैंकों पर करें विचार

हालांकि हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के (बैंक) पीएसबी शेयरों पर ज्यादातर सलाह इसे लेकर दी गई कि ये शेयर निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, लेकिन ताजा आंकड़े बताते हैं कि फंड प्रबंधक इस राय से पीछे हट सकते हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि वे सितंबर 2016 से पीएसबी शेयरों के खरीदार रहे हैं। उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी), बैंक संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और केनरा बैंक जैसे शेयरों में फंड प्रबंधकों ने इस अवधि में अपनी हिस्सेदारी 0.5-1.17 फीसदी तक बढ़ाई। हालांकि इससे पता चलता है कि शायद फंड प्रबंधक परिसंपत्ति गुणवत्ता दबाव कम होने के शुरुआती संकेत देख रहे हैं, वहीं केनरा बैंक, यूनियन बैंक और इंडियन बैंक के मार्च तिमाही के प्रदर्शन से संकेत मिलता है कि दबाव में तेजी का सिलसिला थम रहा है।

मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के रिटेल शोध प्रमुख धर्मेश कांत कहते हैं कि धातु, बिजली और इन्फ्रास्ट्रक्चर (मुख्य रूप से सड़क निर्माण) जैसे क्षेत्रों के साथ बदलाव का संकेत दिख रहा है और इससे बैंकों को इन मोर्चों पर सुधार दर्ज करने में मदद मिलनी चाहिए। ऐंटीक स्टॉक ब्रोकिंग के नितिन अग्रवाल उन कुछ विश्लेषकों में से एक हैं जो पीएसबी पर तटस्थ से लेकर सकारात्मक नजरिये पर कायम हैं। वह कहते हैं कि वित्त वर्ष 2017 आय पर दबाव का आखिरी वर्ष हो सकता है और एसबीआई, पीएनबी, बीओबी, यूनियन बैंक और केनरा बैंक जैसे शीर्ष पांच पीएसबी वित्त वर्ष 2018 में मजबूत अय वृद्घि दर्ज कर सकते हैं। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी से जुड़े एक और शोध प्रमुख भी अग्रवाल के विचारों से सहमत हैं। वह कहते हैं, 'हमने तीसरी तिमाही से ही पीएसवी पर नजर रखी है और खासकर प्रमुख पीएसबी के लिए ज्यादातर खराब खबरों का असर कीमतों में दिख चुका है।' कांत कहते हैं, 'भविष्य में, मुझे प्रावधान के पुनरांकन की उम्मीद है और इससे पीएसबी के लिए मुनाफे की स्थिति मजबूत होगी।' पीएनबी और केनरा बैंक जैसे कुछ बैंक दिसंबर और मार्च तिमाहियों में पिछले प्रावधानों के बदलाव पर जोर दे चुके हैं। यह रुझान बरकरार रहने की संभावना है, क्योंकि आरबीआई द्वारा हाल में किए गए प्रयासों की वजह से ऋण रिकवरी पर ध्यान तेजी से केंद्रित किया गया है।

सीएलएसए के क्रिस्टोफर वुड ने 11 मई की अपनी ग्रीड ऐंड फीयर रिपोर्ट में लिखा, 'यदि आलोचक गलत साबित हुए हैं और फंसे कर्ज की समस्या में सुधार शुरू हो गया है तो यह भारतीय शेयर बाजार में प्रमुख 'वैल्यू' सेक्टर के लिए सकारात्मक होगा।' दूसरी तरफ, समाधान प्रक्रिया में बैंकों को ऋणों के लिए अपने जोखिम में कमी लानी पड़ सकती है। सीएलएसए का अनुमान है कि भारत में फंसे कर्ज कुल ऋण (लगभग 160 अरब डॉलर) का लगभग 17 प्रतिशत हो सकते हैं। शोध प्रमुख का कहना है, 'इन फंसे कर्ज से लगभग 30-40 फीसदी बट्टïेखाते के प्रभाव का असर दिख चुका है।' हालांकि इसमें किसी तरह की नई बढ़ोतरी (जैसे वीडियोकॉन, जिसे हाल में एनपीए के तौर पर वर्गीकृत किया गया) बट्टïेखाते के संदर्भ में अनिश्चितताएं बढ़ा सकती है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी पर्याप्तता प्रभावित हो कसती है। हालांकि कई पीएसबी ने अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड (एटी-1) जारी कर अपनी पूंजीगत स्थिति मजबूत बनाई है जिससे उन्हें भविष्य में कुछ मदद मिलेगी। पीएसबी ने अप्रैल 2016 से दिसंबर 2016 तक एटी-1 बॉन्डों से लगभग 19,530 करोड़ रुपये जुटाए। लेकिन अभी भी सरकार द्वारा लगाई जाने वाली रकम इनमें से कुछ पीएसबी के लिए जरूरी हो सकती है, खासकर एनपीए समस्या के समाधान के समय में बड़े हेयरकट की वजह से भी इस तरह की जरूरत महसूस संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए की जा सकती है।

पीएनबी, एसबीआई, केनरा बैंक और यूनियन बैंक जैसे बैंकों के लिए जीवन बीमा, आवास वित्त और पूंजी बाजार जैसे गैर-प्रमुख व्यवसायों में संभावित हिस्सेदारी बिक्री पूरक पूंजी साबित हो सकती है। इस साल अब तक 20-60 फीसदी की वृद्घि के बावजूद मूल्यांकन नरम बना हुआ है और यह निवेश के लिहाज से मददगार भी है। आय में तेजी आने के साथ भविष्य में ये शेयर आकर्षक बने रह सकते हैं। हालांकि विश्लेषक सर्वसम्मति से निवेशकों को यह सलाह दे रहे हैं कि वे सिर्फ एसबीआई, पीएनबी, बीओबी, केनरा बैंक और यूनियन बैंक जैसे प्रमुख नामों के साथ ही निवेश में बने रहें। छोटे बैंकों में इंडियन बैंक पसंदीदा बना हुआ है। आईआईएफएल में मार्केट ऐंड कॉरपोरेट अफेयर्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष संजीव भसीन का कहना है, 'बाजार में काफी हद तक बुलबुले जैसी स्थिति दिख रही है। हालांकि परिसंपत्ति गुणवत्ता में कमजोरी का असर पीएसबी की कीमतों में दिख चुका है, लेकिन निवेशक किसी तरह की गिरावट का इस्तेमाल इन शेयरों को खरीदने के लिए कर सकते हैं।' येस बैंक द्वारा 2015-16 में एनपीए में अंडर-रिपोर्टिंग की ताजा खबरों ने बाजार को आश्चर्यचकित किया है और बैंक के शेयर में इससे निकट भविष्य में और गिरावट आ सकती है जिससे निवेशकों को अवसर मिलेंगे।

बड़ी गिरावट के बाद भी इस शेयर पर क्यों दांव खेल रहे हैं MF?

म्यूचुअल फंड्स की बड़ी कंपनियों ने मार्च में आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में काफी निवेश किया.

बड़ी गिरावट के बाद भी इस शेयर पर क्यों दांव खेल रहे हैं MF?

एटीआईजी के अनुसार, मार्च में म्यूचुअल फंड्स कंपनियों ने आईसीआईसीआई बैंक के करीब 4.2 करोड़ शेयर खरीदे. इनमें से 80.8 लाख संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए शेयर आईसीआईसीआई प्रू एएमसी ने ही खरीदे.

अन्य खरीदारों में एचडीएफसी एएमसी, रिलायंस निपॉन एएमसी, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी और एसबीआई फंड्स मैनेजेमैंट शामिल रहे. इससे पता चलता है कि म्यूचुअल फंड कंपनियां आईसीआईसीआई बैंक के भविष्य को लेकर चिंतित नहीं है. इसके उलट उन्हें इस शेयर के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.

दिसंबर 2017 के अंत तक म्यूचुअल फंड्स के पास आईसीआईसीआई बैंक में 22.7 फीसदी की हिस्सेदारी थी. इस शेयर में निवेश करने वाले एक घरेलू फंड के मैनेजर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि वैल्यूएशन काफी कम है. वीडियोकॉम का मामला सिस्टमेटिक मसला नही है. आईसीआईसीआई की ब्रांड वैल्यू अब भी वैसे ही बरकरार है.

ईटीआईजी के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 1.82 गुना के प्राइस टु बुक वैल्यू पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसके प्रतिद्वंद्वी बैंक मसलन एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए बैंक का यह आंकड़ा 2.14 से 5.45 गुना के बीच है.

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मार्च में इस बैंक के शेयरों ने 11 फीसदी का गोता लगाया, जबकि अप्रैल के पहले दो सप्ताह में बैंक का शेयर 3.5 फीसदी चढ़ा. हालांकि, यह साल 2018 के अपने सर्वोच्च स्तर 365.65 रुपये से अब भी 21 फीसदी कमजोर है. शुक्रवार को यह शेयर 288.20 रुपये पर बंद हुआ.

लोन विवाद ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के आईपीओ संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए पर भी असर डाला, जिसे 26 मार्च तक महज 78 फीसदी तक ही सब्सक्राइब किया गया था. दिग्गजों का मानना है कि बाजार आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन समूह विवाद से आगे बढ़ चुका है.

मैक्वेरी के वित्तीय संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए सेवा रिसर्च प्रमुख सुरेश गणपति ने कहा, "वैल्यूएशन आकर्षक है और मौजूदा विवाद ने निवेशकों को अच्छे लार्जकैप शेयर में खरीदारी का मौका दिया है. वीडियोकॉन पहले से ही नॉन-परफॉर्मिंग लोन की श्रेणी में है. इसे खरीदने का यह शानदार मौका है."

उन्होंने कहा, "यदि कोई मानता है कि इस शेयर में कमजोरी आ सकती है और अभी और गड़े मुर्दे निकलेंगे, तो वह इस शेयर में निवेश न करें. हमारे अनुसार, वीडियोकॉन मसले का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा." गणपति ने इसके शानदार प्रदर्शन को लेकर विश्वास जताया.

आईआईएफएल के मार्केट और कॉर्पोरेट अफेयर्स के कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट संजीव भसीन ने भी इसे निवेश के मुफीद बताया. उन्होंने कहा, "बाजार में अस्थिरता भू-राजनैतिक दबाव के चलते है. इस वजह से यह शेयर 250-270 रुपये तक भी पहुंच सकता है."

हालांकि, वीडियोकॉन विवाद गहराने से जोखिम बढ़ भी सकता है. रेटिंग एजेंसी फिच ने पिछले सप्ताह कहा, "जांच के चलते निवेशकों के भरोसे में कमी आ सकती है. इसकी वजह से बैंक की फंडिंग कॉस्ट और लिक्विडिटी भी प्रभावित हो सकती है."


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Paras Defence IPO: लिस्टिंग के बाद क्या हो रणनीति? शेयर बाजार के 8 बड़े एक्सपर्ट से जानिए

इस कंपनी के IPO ने इतिहास रचते हुए 304 गुना सब्सक्राइब होकर 24 सितंबर को बंद हुआ. रिटेल निवेशकों की बात करें तो 112 गुना सब्सक्राइब हुआ. निवेशकों को शेयर्स का अलॉटमेंट 28 सितंबर हो किया जाएगा और एक्सचेंज में कंपनी के शेयर की लिस्टिंग 1 अक्टूबर को की जाएगी.

Paras Defence IPO

सरबजीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2021,
  • (अपडेटेड 27 सितंबर 2021, 10:19 PM IST)
  • पारस डिफेंस के IPO को शानदार रिस्पॉन्स
  • रिकॉर्ड 304 गुना सब्सक्राइब हुआ पारस का IPO

पिछले दो साल से भारत में IPO ने निवेशकों के बीच एक अलग-सा उत्साह का माहौल बनाया हुआ है. इस साल 2021 को पूरा होने में बस कुछ ही महीने बाकी हैं. लेकिन अभी भी कई ऐसी कंपनियां हैं, जो अपना IPO बाजार में लेकर आ रही है. जिनमें से एक है पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजी लिमिटेड का IPO, जिसने सभी IPO के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

इस कंपनी के IPO ने इतिहास रचते हुए 304 गुना सब्सक्राइब होकर 24 सितंबर को बंद हुआ. रिटेल निवेशकों की बात करें तो 112 गुना सब्सक्राइब हुआ. निवेशकों को शेयर्स का अलॉटमेंट 28 सितंबर हो किया जाएगा और एक्सचेंज में कंपनी के शेयर की लिस्टिंग 1 अक्टूबर को की जाएगी. दमदार सब्सक्रिप्शन के बाद जिन्हें शेयर्स अलॉट होंगे उनके लिए देखना महत्वपूर्ण होगा की उन्हें क्या रणनीति तैयार करनी चाहिए.

साथ ही, जिनको शेयर्स अलॉट नहीं हुए उन्हें क्या आगे खरीदारी करनी चाहिए या नहीं? ऐसे में कई तरह के सवाल निवेशकों के मन में होंगे. हमने कई विशेषज्ञों से बात की और जानने की कोशिश की कि Paras Defence के IPO की लिस्टिंग कैसी हो सकती है और निवेशकों को क्या करना चाहिए?

पहले जानिए कि पारस डिफेंस का कारोबार क्या है?
पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज कंपनी रक्षा उत्पादों और रक्षा इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स प्रोटेक्शन से जुड़े समाधान और हेवी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करती है. भारत में पारस डिफेंस बड़ी मात्रा में इन्फ्रारेड ऑप्टिक्स की अकेली निर्माता कंपनी है. कंपनी अपने IPO फंड का इस्तेमाल मशीनरी और उपकरण की खरीदारी के अलावा कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने, कर्ज चुकाने के लिए और अपने सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य को पूरा करने के लिए करेगी.

हालांकि, रिटेल निवेशकों द्वारा पारस डिफेंस के IPO में अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. रिटेल निवेशकों का इस IPO में 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व था जिसमें से 112 गुना सब्सक्राइब हुआ. कंपनी का एक लॉट 85 शेयर्स का है. इस IPO के जरिए कंपनी 170.78 करोड़ रुपये जुटाएगी.

कंपनी के क्लाइंट्स:
कंपनी के क्लाइंट्स काफी अच्छे हैं. जिनमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, गोदरेज एंड बॉयसे, टीसीएस, ISRO, DRDO, भारत डायनामिक्स और कई विदेशी कंपनियां जैसे एडवांस मैकेनिकल एंड शामिल हैं. ऑपटिकल सिस्टम संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए ऑफ बेल्जियम, ग्रीन ऑप्टिक्स ऑफ साउथ कोरिया जैसी कंपनियां शामिल हैं.

ब्रोकरेज और विशेषज्ञों की राय:
हालांकि, IPO के ऐतिहासिक ओवर सब्सक्रिप्शन से ही पता लग रहा है कि लोगों में पारस डिफेंस के IPO को लेकर काफी उत्साह है. ऐसे में जिन्हें पारस IPO का लॉट मिलता है वो क्या करें और अगर लिस्टिंग अच्छी हुई तो नए निवेशकों को क्या करना चाहिए. इन सबके बारे जानिए हमारे द्वारा कुछ विशेषज्ञों की राय.

जियोजित बीएनपी पारिबा के गौरांग शाह का मानना है कि 'पारस डिफेंस का आला व्यापार है (Niche business). पारस की लिस्टिंग काफी अच्छी होने के उम्मीद है. कंपनी भारत की सुरक्षा पर खर्च करेगी जो एक अच्छा संकेत है. कंपनी का ऑर्डर बुक काफी अच्छा है. अगर आपने मन बनाया हुआ है कि मुनाफा लेकर निकलना है तो लिस्टिंग गेंस लेने में समझदारी है. नए निवेशकों को पारस के शेयर्स खरीदने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. लिस्टिंग के बाद थोड़ा इंतजार करें, उसके बाद ही कोई फैसला लें.'

एस्कॉर्ट्स सिक्योरिटी के हेड-रिचर्स, आसिफ इकबाल के मुताबिक 'आगे चलकर पारस डिफेंस में काफी अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है. हालांकि, पिछले जो साल में कोरोना महामारी के वजह से कंपनी में एक फ्लैट ग्रोथ देखने को मिला. लेकिन आगे पारस डिफेंस में तेजी से ग्रोथ होने की उम्मीद है, जिनके दो मुख्य कारण है- लो इक्विटी बेस और दूसरा है लो बेस ऑफ रेवेन्यू और फ्रॉफिबिलिटी.

सरकार की ओर से डिफेंस स्पेंडिंग बढ़ रही है. साथ ही प्राइवेट प्लेयर्स पार्टिसिपेशन भी डिफेंस सेक्टर में बढ़ रहा है, जिसका सकारात्मक असर पारस डिफेंस जैसी कंपनियों को होगा. मार्जिन्स में भी 1.5 फीसदी की बढ़त देखी गई है. निवेश के लिहाज से एक सही विकल्प है. साथ ही अगर आप छोटी अवधि के निवेशक हैं तो लिस्टिंग गेंस का फायदा लेकर फिर थोड़ी गिरावट पर और खरीदारी कर सकते हैं. लंबी अवधि के निवेशकों को होल्ड करने की सलाह है. नए निवेशकों को जल्दबाजी न करते हुए थोड़े इंतजार के बाद निवेश करें.

लर्नआरकेबी.इन के राकेश बंसल का मानना है कि 'पारस डिफेंस के IPO पर पूरा HNIs का पागलपन दिख रहा है. उनके मुताबिक पारस डिफेंस के IPO में बने रहना कोई समझदारी नहीं. बाजार में दूसरे निवेश विकल्प जैसे निफ्टी बैंक के इटीएफ और CPSE ETF में निवेश करना बेहतर विकल्प होगा.'

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के डायरेक्टर-रिसर्च, संजीव भसीन का मानना है कि पारस डिफेंस पर निवेशक का क्या आउटलुक है, उसपर निर्भर करेगा. साथ ही, सरकार द्वारा डिफेंस सेक्टर पर PLI के कारण एक सॉफ्ट रुझान देखने को मिल सकता है. निवेशकों को सलाह है कि वो कम से कम 75 फीसदी तक का मुनाफा जरूर लेकर निकलें. नए निवेशकों को लिस्टिंग के बाद पारस डिफेंस में निवेश करने से दूर रहने की सलाह है. निवेशकों को थोड़ा इंतजार करके अन्य सेक्टर जैसे ऑटो, बैंकिंग शेयरों में निवेश करना चाहिए.'

प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के हेड रिसर्च, अविनाश गोरक्षकर का मानना है कि पारस डिफेंस संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए के ओवर सब्सक्रिप्शन को देखते हुए 100 फीसदी अपसाइड लिस्टिंग की उम्मीद की जा सकती है. निवेशकों को लिस्टिंग गेंस का पूरा फायदा उठाना चाहिए. अगर निवेशक के पास काफी कम शेयर्स मौजूद होते हैं तो लिस्टिंग के बाद पहले मुनाफावसूली करने में ही फायदे का सौदा है. पारस डिफेंस की ग्रोथ की उम्मीद काफी मजबूत है.

साथ ही कंपनी का ऑर्डर बुक 300 करोड़ रुपये का है. कंपनी आगे ड्रोन्स बनाने का संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए कार्य भी शुरू करेगी. ऐसे में अगर लिस्टिंग के बाद गिरावट आती है तो निवेशकों को खरीदारी करने की सलाह है. वरना तेजी पर मुनाफावसूली करनी चाहिए. अगल अच्छा रिटर्न चाहिए तो कम से कम दो साल की अवधि के लिए कंपनी में निवेशित रहें.

वेंचुरा कैपिटल के रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक-IPO का प्राइस बैंड 175 रुपये प्रति शेयर हैं, जो (10.9X FY24 P/E) ज्यादा एक्सपेंसिव नहीं है. कंपनी के आने वाले समय में अच्छे विस्तार योजनाओं का प्लान है. जिसके जरिए आने वाले समय में टॉप लाइन परफॉर्मेंस में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है. साथ ही, वर्किंग कैपिटल को ध्यान में रखकर देखें तो थोड़ा रेवेन्यू में फिलहाल दबाव देखने को मिल सकता है, निवेशकों को अगर शेयर्स मिलते हैं तो उन्हें लिस्टिंग गेन्स का फायदा जरूर उठाने की सलाह है.

वहीं, मोतीलाल ओसवाल की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक पारस डिफेंस के आगे चलकर रेवेन्यू में बढ़त की उम्मीद है. साथ ही कपंनी कई नए प्रोडक्ट्स जैसे कि टर्नकी सबमैरीन पेरिस्कोप, ऑप्टिकल मल्टी/हाइपर स्पेक्ट्रल ड्रोन कैमरा, टेलिस्कोप, एंटीड्रोन जैसे सिस्टम इत्यादि को बढ़ावा देने पर काम कर रही है. जिससे कंपनी के कारोबार को फायदा होगा. मोतीलाल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा ड्रोन को लेकर आई PLI स्कीम से भी फायदा मिल सकता है. निवेशकों को लिस्टिंग गेंस का फायदा जरूर उठाना चाहिए.


मारवाड़ी शेयर्स एंड फाइनेंस लिमिटेड के रिसर्च एनालिस्ट-सौरभ जोशी के मुताबिक पारस डिफेंस की लिस्टिंग के बाद शेयर को होल्ड करना है या बेचना है वो इस बात पर निर्भर करता है कि लिस्टिंग गेन कितनी होती है? थोड़ी बहुत लिस्टिंग गेन के लालच में जल्दबाजी न करने की सलाह है. कंपनी एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ग्रेड में आती है और जब तक शेयर का वैल्यूएशन रिजनेबल है, हमें बिकवाली से दूर रहना चाहिए. नए निवेशकों को लिस्टिंग के बाद अगर खरीदारी करनी है तो वैल्यूएशन को ध्यान में रखने की जरूरत होगी. लंबी अवधि के लिए पारस डिफेंस में निवेशित रहना अच्छा विकल्प है.

डिसक्लेमर: किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने निवेश सलाहकार की सलाह जरूर लें.

जेपी एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) में फँसे हैं, और खरीद लें क्या?

मोहम्मद सोयेब, अहमदाबाद : मैंने जेपी एसोसिएट्स (Jaiprakash Associates) के 1,000 शेयर सितंबर 2018 में 11.10 रुपये के औसत भाव पर खरीदे थे। क्या मुझे इसमें और खरीदारी करनी चाहिए, जिससे मेरी औसत लागत कम हो जाये, या इसे छोड़ दें?

ताजा स्थिति : शुक्रवार 22 नवंबर 2019 का बंद भाव 2.12 रुपये (0.93% नीचे)
संजीव भसीन, ईवीपी, आईआईएफएल सिक्योरिटीज : सबको पता है कि अभी जयप्रकाश एसोसिएट्स में किस तरह की समस्याएँ चल रही हैं। मेरा यह सुझाव होगा कि इस शेयर में कोई तेजी आने पर आप इससे बाहर निकल जायें। लेकिन यदि आपको पैसा निकालने की हड़बड़ी नहीं हो तो इसमें बैठे रहें। देर-सबेर एनबीसीसी को जेपी इन्फ्रा की परियोजनाओं के लिए बिल्डर नियुक्त कर दिया जायेगा। उनको काफी रियायतें दी गयी हैं, तमाम शुल्क माफ कर दिये गये हैं, और ब्याज सबवेंशन की भी माफी मिल जायेगी। इसके बाद सम ऑफ द पार्ट्स में बैंकों को काफी पैसा वापस मिल जायेगा। इसलिए जब भी इसका समाधान होगा, तो जेपी एसोसिएट्स की बाजार पूँजी (मार्केट कैप) केवल 500 करोड़ रुपये की नहीं होनी चाहिए। मुझे लगता है कि तब इसका भाव 6-8 रुपये पर जा सकता है। इसलिए अगर आप इस निवेश को 1 साल के लिए रखे रह कर बैठ सकते हैं, तो इसमें बने रहें। अगर नहीं रुक सकते, तो इसमें से निकल कर आप वह पैसा फेडरल बैंक में लगा दें, तो आपका पैसा धीरे-धीरे वापस आ जायेगा। लेकिन अभी मैं जेपी एसोसिएट्स में आपको नयी खरीदारी करने की सलाह नहीं दूँगा, क्योंकि एक गिरते हुए शेयर में औसत लागत घटाने के लिए नीचे खरीदने की रणनीति कभी नहीं अपनानी चाहिए। यह आपका सिद्धांत होना चाहिए।
अस्वीकरण (Disclaimer): शेयरों में हमारे सौदे होते रहते हैं। अभी फेडरल बैंक में हमारा निवेश है और हम इसके बारे में लोगों को खरीदने की सलाह भी देते हैं। मैंने व्यक्तिगत रूप से निचले भावों पर जेपी एसोसिएट्स भी खरीद रखा है।
(शेयर मंथन, 22 नवंबर 2019)

(आप भी किसी शेयर, म्यूचुअल फंड, कमोडिटी आदि के बारे में जानकारों की सलाह पाना चाहते हैं, तो सवाल भेजने का तरीका बहुत आसान है! बस, हमारे व्हाट्सऐप्प नंबर +911147529834 पर अपने नाम और शहर के नाम के साथ अपना सवाल भेज दें।)

गेल तीन पीएसयू शेयरों में शामिल है जो कुछ हफ्तों में चढ़ सकता है

गेल तीन पीएसयू शेयरों में शामिल है जो कुछ हफ्तों में चढ़ सकता है

क्या निफ्टी के अब नई ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है?
बाजार आगे की ओर देख रहे हैं। कॉर्पोरेट परिणाम एक स्टैंडआउट रहे हैं। हम सिर्फ पेड़ों के लिए जंगल खो रहे हैं। कॉर्पोरेट भारत का लचीलापन और प्रदर्शन उत्कृष्ट है। इसलिए मैं आंकड़ों के हिसाब से जाऊंगा, बाजार इसी का सम्मान करता है। और देखो और देखो! मैंने आपको मई के अंत तक कहा था कि हम एक नई ऊंचाई की ओर देख रहे होंगे जो कि बहुत ही असंभव लग रहा था। मिडकैप का पांच साल का खराब प्रदर्शन अब आउटपरफॉर्मेंस में बदल रहा है। मिडकैप इंडेक्स अब तक के उच्चतम स्तर पर है और यह मुझे बता रहा है कि खुदरा पैसा यहां है और यही बाजार को चलाने वाला है।

एक लंबी कहानी को छोटा करने के लिए, निफ्टी का 200-300 अंक का अगला कदम वैश्विक संकेतों के कारण थोड़ा-बहुत हो सकता है। व्यापक बाजार में धातुएं काफी बेहतर प्रदर्शन करने की ओर अग्रसर हैं। मुझे लगता है कि यह 2021 के लिए स्टैंडआउट होने जा रहा है।

पीएसयू पैक में आपको कौन से नाम पसंद हैं?
उनमें से बहुत से पहले ही भाग चुके हैं। 3 स्टॉक ऐसे हैं जो मुझे लगता है कि अभी भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। पहला स्टॉक पीएफसी है। यह आरईसी के साथ सबसे बड़ा पावर लेंडर है।

7% की लाभांश उपज है। बिजली की खपत अब तक के उच्चतम स्तर पर है और आपके पास सबसे अच्छा मौसम था। अगले 3 महीनों में, गर्मी की लहर बढ़ेगी और एसी की खपत भी बढ़ेगी। इसलिए मुझे लगता है कि पावर लेंडर्स अपने बेस्ट पर हैं। मार्जिन अधिक है और पैसे की लागत कम है। रिकवरी बहुत तेज है। पीएफसी मेरे लिए कम से कम 135-140 रुपये के लिए तैयार है। यह एक लाभांश प्रतिफल भी है और मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा प्रदर्शन करने वाला है।

अन्य स्टॉक निस्संदेह गेल होगा। यह गैस मूल्य निर्धारण और मात्रा वृद्धि का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा, जो अभूतपूर्व रहा है। गेल 7.5% डिविडेंड यील्ड के साथ 85-88 रुपये के अंतराल में था। मुझे लगता है कि गेल 200 रुपये की ओर बढ़ रहा है।

मेरी तीसरी पसंद एनबीसीसी होगी, जो एक बड़ा अंडरपरफॉर्मर रहा है। यह देखते हुए कि अगले 6-9 महीनों में रियल एस्टेट और निर्माण गतिविधियां अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर होने जा रही हैं, 48 रुपये में इसके दोगुना होने की संभावना है। कंपनी के पास बड़ी मात्रा में ऑर्डर प्रवाह है। इसलिए ये तीनों पीएसयू मुझे बहुत अच्छे लगते हैं।

मिडकैप स्पेस में आपकी शीर्ष पसंद क्या हैं जिन पर निवेशक मध्यम अवधि के साथ-साथ लंबी अवधि के लिए विचार कर सकते हैं?
गोदरेज कंज्यूमर ने हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (एचयूएल) से सबसे अच्छा हाथ मिलाया है। इंडोनेशिया में सैनिटाइज़र और उनके अन्य विकास मानकों पर उनका मार्जिन उच्च दो अंकों की वृद्धि दिखा रहा है। यह एक सापेक्ष अंडरपरफॉर्मर रहा है लेकिन 3 अंकों की ओर अग्रसर है। मैं 1,100 रुपये का लक्ष्य देख रहा हूं।

गोदरेज प्रॉपर्टीज एक असाधारण नाटक होने जा रहा है। उन्होंने 6% पर पूंजी जुटाई है जो अन्यथा वे कभी नहीं करेंगे। उन्होंने 1,415 रुपये पर एक बहुत बड़ा क्यूआईपी भी किया। वे सबसे बड़े निष्पादक होने जा रहे हैं। उनके पास एक प्रबंधन वंशावली है। यह शेयर अगले एक साल में 2,250 रुपये की ओर बढ़ रहा है।

एक स्टॉक जो सभी समस्याओं से गुजरा है, वह है ज़ी संजीव भसीन के शेयर खरीदने के लिए लेकिन अब यह शानदार दिख रहा है। प्रबंधन हमेशा प्रमोटर की एकतरफा गतिविधियों से घिरा हुआ था। नई डील देखिए। एमेजॉन द्वारा एमजीएम का 9.5 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया जा रहा है। ज़ी के पास मूवी की तरफ सबसे बड़ा फ्री चैनल है। उनके डिजिटल प्रवाह और नए लॉन्च को बहुत पसंद किया जाता है। Zee विश्व स्तर पर सबसे सस्ता मीडिया स्टॉक है, इसलिए मैं 275 रुपये का लक्ष्य देख रहा हूं।

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