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दलालों पर भरोसा किया

दलालों पर भरोसा किया

भारत में संपत्ति दलालों के लिए संचार युक्तियाँ

यदि बिक्री पिच में किसी व्यवसाय सौदे को लाने की क्षमता है, तो रिवर्स भी सच हो सकता है। रियल एस्टेट एजेंटों को लंबे वादे सुनने के लिए खरीदारों के लिए यह काफी दलालों पर भरोसा किया सामान्य है। वे एजेंट से यह भी अपेक्षा करते हैं कि वह अपने प्रतिस्पर्धियों से खराब बोल सकता है। यह कुछ हद तक नकारात्मक है, फिर भी, सामान्य प्रवृत्ति, हालांकि, ब्रोकर के व्यवसाय में गंभीर रूप से सेंध लगाने की संभावना है। यही कारण है कि सचेत प्रयास रियल एस्टेट सलाहकारों द्वारा किए जाने चाहिए, जबकि बयान देते समय उनके शब्दों को चुनना और प्रतिक्रियाओं का चयन करना। आइए हम कुछ ओ को देखेंसामान्य संचार त्रुटियों के लिए जो दलाल बनाते हैं और उसी से कैसे बचें।

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दलाल ने कहा- अटका कर रखो भुगतान, आईएएस नीरज के. पवन बोले- ठीक है

पवनके घर पर दिनभर चली एसीबी की कार्रवाई के बाद भास्कर देर रात उनके घर पहुंचा और उनका पक्ष जाना। उन्होंने कहा-एसीबी अपना काम कर रही है। न्याय व्यवस्था और सीनियर अफसरों पर पूरा भरोसा है। एसीबी ने मुझे पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है, लेकिन मैं गुरुवार को एसीबी ऑफिस में अपना पक्ष रखने जाऊंगा। उनके परिवारजनों ने कहा- नीरज के पवन पर अजीत सोनी के जरिए रिश्वत का आरोप लगाया गया, वह गलत है। सोनी ने जिस सेठ को पैसे दिए वह उसी से उधार लिए हुए थे।

अित. निदेशक अग्रवाल : अजीत,जिस तरह से हम काम कर रहे हैं, फंस सकते हैं।

अग्रवाल: एककाम करो, तुम इन फर्मों से कंसलटेंसी एग्रीमेंट बना लो ,ताकि यह नहीं लगे कि तुमने रिश्वत ली है।

(इसकेबाद दलाल ने करीब 15 फर्मों से कंसलटेंसी एग्रीमेंट बनवा लिया।)

लेखाधिकारी दीपा : क्याहाल हैं साेनी जी

दलालसोनी : अरे, मरवाओगी क्या

दलाल: अपनाफोन सर्विलांस पर हो सकता है, नाम लेकर मत बोलो

दीपा: हाहा हा , ऐसा भी है क्या , अब ध्यान रखूंगी, वो चार बार चक्कर लगा चुका, भुगतान करना है या नहीं।

दलाल: दलालों पर भरोसा किया वोतीन किस्त तो दे चुका, पूरी आने दो, एक-दो दिन में चेक देगा।

नीरज के. पवन: अरेक्या हाल है भाई

नीरज: भरतपुरसे सेठजी आए हैं, इनका कर देते वो पैसे वाला काम

दलाल:सर मैंने पांच तो कर दिए, चार और आते ही दे दूंगा

नीरज: कबतक करवा देगा

दलाल: 15तक उसके खाते में करवा दूंगा

नीरज: वोभी आया था भुगतान के लिए

दलाल: रुकजाओ अभी उसका, अटकाए रखो, बात चल रही है।

नीरज: चलोठीक है। सेठजी का जल्द ही करवा देना

ऐसे तो हम फंस जाएंगे, एग्रीमेंट बनवा लो

फोन सर्विलांस पर हैं, नाम लेकर मत बोलो

दलाल ने पवन को दिए अफसर की तरह निर्देश

प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में किस तरह दलाल हावी हैं, यह ताजा उदाहरण है। इससे पहले खान विभाग में पांच करोड़ के घूस मामले और नगर निगम में फाइलों के निस्तारण के लिए ली गई घूस में भी दलाल अहम भूिमका में थे।

चौथे आईएएस पर एसीबी की कार्रवाई

क्राइम रिपोर्टर | जयपुर

एसीबीने 1.5 करोड़ के घूस मामले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एनआरएचएम आईईसी के तत्कालीन डायरेक्टर नीरज के. पवन, अतिरिक्त निदेशक अनिल अग्रवाल सहित चार अफसरों और एक दलाल के जयपुर स्थित 18 और भरतपुर स्थित एक ठिकाने पर छापे मारे। एसीबी ने दलाल अजीत सोनी के अलावा इस विभाग की लेखाधिकारी दीपा गुप्ता और स्टोर कीपर जोजी वर्गिस को गिरफ्तार कर लिया। दलाल अजीत भाजपा के मीडिया प्रकोष्ठ से जुड़ा हुआ है। पवन के घर एसीबी ने करीब 15 घंटे तक दलालों पर भरोसा किया कार्रवाई की। इसके बाद टीम सीएम हाउस गई और मुख्यमंत्री को जानकारी दी। पवन अग्रवाल को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी संबंधित फर्मों से टेंडर देने के लिए 5% और बिलों का भुगतान करने की एवज में 12% कमीशन वसूल लेते थे। मामला एनआरएचएम के तहत ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार-प्रसार करने वाली फर्म के मालिक से जुड़ा है। शेष| पेज 2

एसीबीने परिवादी की शिकायत पर 6 माह तक सत्यापन करने के बाद मंगलवार शाम काे पांचों के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था। परिवादी ने 28 अक्टूबर 2015 को एसीबी को शिकायत दी थी। आरोपी दलाल अजीत सोनी का पिछले छह माह से मोबाइल सर्विलांस पर था। पूरी कार्रवाई की मॉनिटरिंग एडीजी भुपेन्द्र कुमार दक, आईजी वीके सिंह दिनेश एमएन ने की है।

एसीबी टीम सुबह 7 बजे जब नीरज के. पवन के घर पहुंची तो वे मॉर्निंग वॉक पर गए हुए थे।

प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में किस तरह दलाल अफसरों पर हावी हैं और उन्हें निर्देश देते हैं, पढ़िए पूरी बातचीत.

सचिवालय के गलियारे से

पवन पर एसीबी की कार्रवाई को लेकर सचिवालय के अफसरों में चर्चा थी कि इस कार्रवाई की तैयारी पहले से ही तय थी। इसलिए ही उनका नाम इजराइल दौरे पर जाने वाली कृषि विभाग की टीम से ऐनवक्त पर हटाकर पशुपालन सचिव कुंजीलाल मीना का नाम जोड़ा गया। कुछ अफसर इसे आईएएस और आईपीएस लॉबी के बीच छिड़ी अघोषित लड़ाई और मंत्रियों का भी हाथ बता रहे हैं। यह भी चर्चा थी कि पवन का हमेशा सुर्खियों में रहना भी उनके लिए भारी पड़ा।

कार्रवाई तय थी इसीलिए विदेश जाना रुकवा दिया

नीरज के. पवन के घर की तलाशी में 2.50 लाख रु. नकद, 4200 यूएस डाॅलर (करीब ढाई लाख रु.), 5.80 लाख रु. कीमत की ज्वैलरी मिली। कई बैंकों में खाते होने के दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा 9 मोबाइल, 5 लैपटॅाप, 14 पैन ड्राइव और 5 सिम कार्ड भी मिले हैं। अंग्रेजी शराब की देश और विदेश में बनी करीब 85 बोतलें मिली। इस मामले में प्रतापनगर थाना पुलिस ने शराब जब्त कर नीरज के पवन के केस दर्ज कर लिया।

दलालअजीत सोनी के घर ऑफिस से रिश्वत के लेन-देन के हिसाब की डायरी, तीन बैंक लॉकर की चाबी सीपीयू जब्त किया है। एसीबी दीपा गुप्ता, अनिल कुुमार अग्रवाल और स्टोर कीपर के घर से बरामद सामान का खुलासा नहीं हुआ।

दलाल स्ट्रीट की तेजी ने जगाया निवेशकों का भरोसा

लंबे समय से ठंडा पड़ा आइपीओ बाजार भी चालू वित्त वर्ष में गुलजार होता नजर आ रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक आए कम से कम चार आइपीओ ने लिस्टिंग पर निवेशकों को फायदा दिया है। दलाल स्ट्रीट की तगड़ी तेजी ने न सिर्फ निवेशकों में भरोसा जगाया है, बल्कि कंपनियों को प्राइमरी बाजार में उतरने के लिए प्रेरित भी किया है। एक विश्लेषण म

मुंबई। लंबे समय से ठंडा पड़ा आइपीओ बाजार भी चालू वित्त वर्ष में गुलजार होता नजर आ रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक आए कम से कम चार आइपीओ ने लिस्टिंग पर निवेशकों को फायदा दिया है। दलाल स्ट्रीट की तगड़ी तेजी ने न सिर्फ निवेशकों में भरोसा जगाया है, बल्कि कंपनियों को प्राइमरी बाजार में उतरने के लिए प्रेरित भी किया है। एक विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है।

बाजार से जुड़े लोगों की मानें तो चालू साल के दौरान सूचीबद्ध (लिस्टेड) हुई अधिकांश कंपनियों के शेयर अपने इश्यू मूल्य से ऊपर चल रहे हैं। शुरुआत करते हैं वॉन्डरला हॉलिडेज के पब्लिक इश्यू से। इस कंपनी का आइपीओ चालू साल में सबसे सफल रहा है। अम्यूजमेंट पार्क ऑपरेटर इस कंपनी ने अप्रैल में आए अपने पब्लिक ऑफर की इश्यू कीमत 125 रुपये प्रति शेयर रखी थी। उस वक्त यह आइपीओ 38 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें लिस्टिंग के दिन 28 फीसद का उछाल आया। इसके बाद स्नोमैन लॉजिस्टिक्स ने अपना पब्लिक इश्यू 47 रुपये की कीमत पर उतारा। इस शेयर की बाजार में कारोबारी शुरुआत 84 फीसद से ज्यादा बढ़त पर हुई। प्राइमरी बाजार में उतरने वाली दो अन्य खिलाड़ी- शारदा क्रॉपकेम और शेमारू एंटरटेनमेंट हैं। शारदा का आइपीओ 23 सितंबर को शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुआ और उसी दिन यह 48 फीसद उछल गया। फिल्म और मनोरंजन कारोबार से जुड़ी कंपनी शेमारू का आइपीओ बीते बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हुआ। कंपनी का 170 रुपये की इश्यू कीमत वाला यह शेयर बाजार में पहले दिन आधा फीसद से ज्यादा की तेजी दर्ज करने में कामयाब रहा। उक्त चारों कंपनियों के आइपीओ के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए लवासा कॉर्प, एडलैब्स एंटरटेनमेंट, जीएमआर एनर्जी, मोंटे कार्लो फैशंस, वीडियोकॉन डी2एच भी कतार में हैं। इन कंपनियों ने बाजार नियामक सेबी के पास अपने आइपीओ से जुड़े दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं।

हुंडी दलाल दंपति की ठगी का खुलासा

30 lakhs cheated by businessman

ग्वालियर। हुंडी दलाल आशीष गुप्ता पत्नी के अंकिता के साथ मिलकर कारोबारियों का पैसा ठगता था। दंपति की करतूतों का एक और चिट्ठा खुला है। दोनों ने मिलकर कारोबारी दंपति का ३० लाख रू हड़पा है। रविवार को दलाल आशीष समेत उसकी पत्नी अंकिता पर एक और केस दर्ज हुआ है।

इससे पहले हुंडी के नाम ७० करोड़ गंवा चुके कारोबारी भी खुलासा कर चुके हैं, आशीष के साथ ठगी के धंधे में उसकी पत्नी अंकिता भी शामिल रहती थी। उसे हिरासत में लिया जाए तो ठगी के धंधे से पर्दा उठ सकता है। ठगे कारोबारियों की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आशीष के अलावा उसकी पत्नी अंकिता और पिता दलालों पर भरोसा किया पर एफआइआर तो दर्ज की। लेकिन दोनों को गिरफ्तार नहीं किया।
रविवार को दलाल अशीष और उसकी पत्नी अंकिता की ठगी का एक और राज खुलासा है।हनुमान चौराहा निवासी सुधा अग्रवाल ने बताया आशीष और उसकी पत्नी अंकिता ने प्लानिंग से उनसे 30 लाख रू ठगे हैं। सुधा के मुताबिक पति हरिओम अग्रवाल कारोबारी है।

बडे भाई गोपाल अग्रवल के पास आशीष का आना जाना था। इसलिए आशीष और अंकिता से उनकी पहचान हुई थी। ठग दंपति ने हुंडी का खानदानी कारोबार बताया था। दोनों ने उनसे कहा कि वह हुंडी पैसा लगाएं तो उन्हें भी मुनाफा होगा।
दंपति ने भरोसे में धोखा दिया
सुधा ने शिकायत में कहा, आशीष और अंकिता पर भरोसा कर 30 लाख रू दिया। 15 दिसंबर को आशीष और अंकिता के आईडीबीआई बैंक एकाउंट में ऑनलाइन टंसफर की। १४ दिन बाद पता चला आशीष और अंकिता दूसरे कारोबारियों का करोड़ों रू लेकर भाग गए हैं। सुनकर खुटका हुआ। इसलिए आशीष और अंकिता को फोन किए उनके फोन स्विच ऑफ थे।
पुलिस की लापरवाही
आशीष गुप्ता की बातों में आकर ७० करोड़ गवां चुके कारोबारियों का कहना है पुलिस ने आशीष गुप्ता को तो गिरफ्तार किया, लेकिन उसकी पत्नी अंकिता और नत्थूलाल पर कसावट में लापरवाही की। जबकि लगातार पुलिस को बताया है ठगी के धंधे ससुर और बहू भी शामिल हैं। पता नहीं पुलिस दोनों को क्यों रियायत दे रही है। जबकि अंकिता उसे भोपाल में मायके में मिल गई। उसके बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया। बल्कि पुलिस ने अंकिता की पैरवी में दलीलें दीं, वह तो आशीष से परेशान थी। उसके मायके की माली हालत खराब है। उसे गिरफ्तार करने से कोई फायदा नहीं होगा। यही रवैया आशीष के पिता पर कार्रवाई में रहा। इसका फायदा उठाकर नत्थू ने अग्रिम जमानत की कोशिश की, कोर्ट ने उसे खारिज किया नत्थू भाग गया।
सटोरिये पर चुप्पी
दलाल आशीष गुप्ता ने गिरफ्तार होने पर खुलासा किया उसने हुंडी के नाम पर वसूला पैसा ं कुख्यात सटोरिए मोनू उर्फ रीतेश गुप्ता निवासी डबरा के जरिए लगाया सट्टे में लगाया था। लेकिन उसे भी नहीं गिरफ्तार नहीं किया गया।

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