मिड कैप फंड्स क्या हैं?

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड
लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड वे होते हैं जो बड़े बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में अपने कॉर्पस के एक बड़े हिस्से में निवेश करते हैं। विशाल कंपनियां वह हैं जो बाजार में एक प्रतिष्ठा रखती हैं और एक महान ट्रैक रिकॉर्ड रखती हैं। ऐसी कंपनियों में आमतौर पर स्थिर कॉर्पोरेट-गवर्नेंस प्रथाएं होती हैं और उन्होंने अपने निवेशकों के लिए लंबी अवधि में धीरे-धीरे और लगातार धन अर्जित किया है। ये कॉर्पोरेट घर सामान्य रूप से बाजार पर सबसे अधिक गहराई से पालन और अच्छी तरह से शोध के बीच हैं। म्यूचुअल फंड जो इन कंपनियों में अपने निवेश योग्य कॉर्पस का एक बड़ा हिस्सा निवेश करते हैं, उन्हें लार्ज-कैप फंड के रूप में लेबल किया जाता है।
अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते, लार्ज-कैप फंड के पोर्टफोलियो में अंतर्निहित कंपनियों को लगभग स्थिर कंपाउंडर और नियमित लाभांश दाता माना जा सकता है। रिस्क-रिटर्न स्पेक्ट्रम पर, लार्ज-कैप फंड लगभग कम जोखिम के साथ नियमित रिटर्न देते हैं, जो मिड-और स्मॉल-कैप फंड्स से जुड़ा होता है। वे कम जोखिम वाली भूख वाले निवेशकों के लिए एकदम सही हैं। इसलिए, दीर्घकालिक दृष्टिकोण चुनें, धैर्य रखें और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेशित रहें।
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (मिड कैप फंड्स क्या हैं? सेबी) ने निम्नलिखित दिशा-निर्देशों को परिचालित किया है कि कौन सी कंपनी किसी बड़े कैप कंपनी के रूप में योग्य है।
- पूर्ण बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में 1 -100 के भीतर रैंक
- लार्ज-कैप इक्विटी और इक्विटी उपकरणों में कम से कम 80% संपत्ति
- 20,000 करोड़ और उससे अधिक का मार्केट कैप।
लार्ज-कैप इक्विटी फंड के लिए पात्रता मानदंड
लार्ज-कैप इक्विटी फंड बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं। उनका लक्ष्य दीर्घकालिक रूप से बेहतर पूंजी की सराहना करना और नियमित रूप से लाभांश देना है। लार्ज-कैप उन लोगों के लिए एक एवेन्यू है, जो इक्विटी निवेश का लाभ लेना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं चाहते कि उनका रिटर्न बाजार से अधिक भिन्न हो। चूंकि वे आर्थिक रूप से स्थिर हैं, वे भालू बाजारों को समझने में सक्षम हैं, हालांकि एक जोखिम है कि लार्ज-कैप को मिड-कैप या स्मॉल-कैप इक्विटी फंड से अलग किया जा सकता है।
इसलिए, उद्देश्य यह है कि नुकसान के प्रभाव को अमान्य करने के लिए बाजार नीचे है। यह कहकर, ये फंड जोखिम-से-प्रभावित निवेशकों के लिए एकदम सही हैं, जो उच्च-गुणवत्ता वाले शेयरों में इक्विटी एक्सपोजर चाहते हैं और दीर्घकालिक निवेश का दृष्टिकोण रखते हैं। लार्ज-कैप फंड आपके निवेश क्षितिज और जोखिम / रिटर्न उद्देश्यों पर निर्भर करते हैं – 5-7 वर्षों के निवेश क्षितिज का सुझाव दिया जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि ये फंड किसी भी मंदी से मुक्त हैं, लेकिन मंदी का सामना करने की अधिक संभावना है। तो एनकैप्सुलेट करने के लिए, यदि आप मोचन क्षितिज के पास अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता चाहते हैं, तो लार्ज-कैप फंड फिट हैं।
लार्ज-कैप इक्विटी फंड कैसे काम करते हैं?
लार्ज-कैप इक्विटी फंड एक प्रकार का फंड है, जो अपने कॉरपस के एक बड़े हिस्से को विशाल बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करता है।
लार्ज-कैप कंपनियां उच्च ट्रैक रिकॉर्ड और विंटेज के साथ अच्छी तरह से स्थापित खिलाड़ी हैं, और उनके पास सामान्य रूप से स्थिर कॉर्पोरेट प्रशासन अभ्यास हैं। अपने निवेशकों के लिए लंबे समय तक धीरे-धीरे और नियमित रूप से धन का सृजन करने के बाद, ये कॉर्पोरेट घर हमेशा बाजार में सबसे उच्च पीछा के साथ होते हैं।
हाल ही में, सेबी के वर्गीकरण ने यह तय करने के लिए मानदंड बदल दिया है कि कोई कंपनी लार्ज-कैप, स्माल-कैप या मिड-कैप है या नहीं। लार्ज-कैप कंपनियां वे हैं जो दिए गए बेंचमार्क के शीर्ष 100 रैंक में आती हैं। जैसा कि स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंडों से जुड़ा हुआ है, ये फंड कम जोखिम वाले हैं और लगभग जोखिम वाले निवेशकों के लिए एकदम सही हो सकते हैं। धीरज रखने और दीर्घकालिक क्षितिज के लिए लार्ज-कैप फंड के लिए एक बेहतर निवेश रणनीति हो सकती है।
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Mutual Fund की इन मिड-कैप स्कीम्स ने दिया बंपर रिटर्न, 3 साल में डबल हो गया पैसा
Mutual Fund SIP Mid-Cap Return: म्यूचुअल फंड स्कीम्स में कई ऐसे मिड कैप फंड्स हैं, जिनमें निवेशकों का पैसा 3 साल में दोगुना से ज्यादा हो गया.
Mutual Fund SIP: म्यूचुअल फंड में कई ऐसी स्कीम्स हैं, जिन्होंने बीते कुछ सालों में ही निवेशकों का बंपर रिटर्न दिया है. इनमें इक्विटी मिड कैप फंड्स (Equity Mid-cap funds) भी हैं. म्यूचुअल फंड स्कीम्स में कई ऐसे मिड कैप फंड्स हैं, जिनमें निवेशकों का पैसा 3 साल में दोगुना से ज्यादा हो गया. मिड कैप फंड मिड साइज कंपनियों में निवेश करते हैं. ऐसी 5 स्कीम्स के बारे में जानते हैं, जिनमें निवेशकों के 1 लाख रुपये की वैल्यू महज तीन साल में 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा हो गई.
PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्च्युनिटीज फंड (PGIM India Midcap Opportunities Fund)
PGIM इंडिया मिडकैप अपॉच्युनिटीज फंड ने 3 साल में 40.30 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.76 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 7.76 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 1000 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.34 फीसदी है. यह स्कीम 2 दिसंबर 2013 को लॉन्च हुई थी.
क्वांट मिड कैप फंड (Quant Mid Cap Fund)
क्वांट मिड कैप फंड ने 3 साल में 32.59 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.33 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 7.03 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 1000 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.50 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
एडलवाइस मिड कैप फंड (Edelweiss Mid Cap Fund)
एडलवाइस मिड कैप फंड ने 3 साल में 31.16 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.26 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 6.64 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.64 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
एक्सिस मिडकैप फंड (Axis Midcap Fund)
एक्सिस मिडकैप फंड ने 3 साल में 31.56 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.28 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 6.30 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 0.49 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
SBI मैग्नम मिडकैप फंड (SBI Magnum Midcap Fund)
SBI मैग्नम मिडकैप फंड ने 3 साल में 29.46 फीसदी सालाना का रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख रुपये का निवेश बढ़कर 2.17 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 रुपये मंथली SIP की वैल्यू बढ़कर 6.47 लाख रुपये हो गई है. इसमें मिनिमम निवेश 5000 रुपये का है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें एक्सपेंश रेश्यो 1.09 फीसदी है. यह स्कीम 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुई थी.
(नोट: मिड कैप फंड्स के रिटर्न की जानकारी वैल्यू रिसर्च से ली गई है. यहां सिर्फ फंड्स की परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है. यह निवेश की सलाह नहीं है.)
मिडकैप म्यूचुअल फंड में जबरदस्त रिटर्न के लिए कर रहे हैं निवेश? बेशक करें, लेकिन इन बातों का रखें ध्यान
अपने कुल निवेश का केवल 20 फीसदी मिडकैप फंड्स में डालें.
मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों ने पिछले तीन वर्षों में क्रमश: 22% और 30% का रिटर्न दिया है. निवेशक इन्हीं रिटर्न से उत्साहि . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 31, 2022, 14:35 IST
हाइलाइट्स
मिडकैप स्टॉक अत्यधिक अस्थिर होते हैं लेकिन स्मॉलकैप की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं.
बाजार में बिकवाली होने पर लार्ज कैप के मुकाबले मिडकैप शेयरों में ज्यादा गिरावट होती है.
अगर निवेश थोड़े समय मिड कैप फंड्स क्या हैं? के लिए किया जा रहा है तो मिड-कैप फंडों में पैसा डालने से बचना चाहिए.
नई दिल्ली. देश में पिछले कुछ समय में निवेश के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. म्यूचुअल फंड निवेश के पसंदीदा विकल्प बनकर उभरे हैं. उसमें भी मिडकैप फंड्स ने निवेशकों अपनी ओर अधिक आकर्षित किया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी के बाद से अबतक मिड-कैप फंड्स में 16,025 करोड़ रुपये का निवेश आया है. जबकि इस दौरान लार्ज-कैप फंड्स में 14,565 करोड़ रुपये डाले गए हैं.
मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों ने पिछले तीन वर्षों में क्रमश: 22% और 30% का रिटर्न दिया है. निवेशक इन्हीं रिटर्न से उत्साहित होकर मिडकैप फंड्स की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. किसी भी कंपनी का वैल्युएशन उसके शेयरों की ग्रोथ में उससे संबंधित रिस्क में बड़ा अहम किरदार अदा करता है. मिडकैप में निवेश के समय लोगों को वैल्युएशन के अलावा इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उस फंड का लॉन्ग टर्म रिटर्न कैसा रहा है. क्योंकि मिडकैप का प्रदर्शन अधिक अस्थिर होता है इसलिए निवेशकों को किसी एक फंड पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कम से कम दो से तीन मिड-कैप फंड्स में पैसा लगाना चाहिए.
क्या है जोखिम?
मिड-कैप स्टॉक अत्यधिक अस्थिर होते हैं लेकिन वे स्मॉल-कैप शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं. मिडकैप फंड्स का कुछ हिस्सा लार्ज कैप शेयरों में लगाया जाता है लेकिन इसका ज्यादातार पैसा मिड व स्मॉलकैप शेयरों में जाता है. इसीलिए ये फंड अधिक अस्थिर हो सकते हैं. दूसरी ओर भू-राजनीति, मुद्रास्फीति, मिड कैप फंड्स क्या हैं? विश्व स्तर पर बढ़ती ब्याज दरों और केंद्रीय बैंकों द्वारा बाजार में लिक्विडिटी घटाने का प्रयास आदि मिलकर मौजूदा समय को निवेश के लिए काफी अनिश्चित बना रहे हैं. हाउस ऑफ अल्फा के सह-संस्थापक हरीश मेनन का कहना है कि जब इक्विटी बाजार में बिकवाली होती है तो लार्ज कैप के मुकाबले मिडकैप शेयरों को ज्यादा गिरावट का सामना करना पड़ता है. कई मिडकैप शेयरों के पास सेकेंडरी मार्केट में पर्याप्त फ्री-फ्लोट लिक्विडिटी नहीं होने के कारण उनके मूल्य में और तेज गिरावट होती है.
कौन न करें निवेश?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि अगर निवेश थोड़े समय के लिए किया जाना है तो मिड-कैप फंडों से बचना चाहिए. ये छोटी अवधि में बहुत अस्थिर हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, मिडकैप में कुल निवेश रकम का 20% हिस्सा रखा जा सकता है. निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि मिडकैप में निवेश लंबे समय के लिए ही हो तभी अच्छा रिटर्न पाने की उम्मीद की जा सकती है.
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लार्ज एंड मिड कैप फंड क्या होता है? बेहतर रिटर्न के साथ में मिलता है स्टैबिलिटी का भरोसा, जानिए एक्सपर्ट की राय
लार्ज एंड मिड कैप फंड में लार्ज कैप और मिड कैप का संगम होता है. यह एक ऐसा फंड है जो एक म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेशकों को ग्रोथ और स्टैबिलिटी दोनों देता है. वर्तमान में 26 म्यूचुअल फंड स्कीम्स लार्ज एंड मिडकैप सेगमेंट में आती हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Apr 06, 2022, 8:08 AM IST
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Fund Investment) करते हैं तो अलग-अलग तरह के फंड उपलब्ध हैं. लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स के बारे में आप पहले से जानते हैं. लार्ज कैप फंड में ब्लूचिप स्टॉक होते हैं और यह निवेशक के पोर्टफोलियो को स्टैबिलिटी देता है. वहीं, मिड कैप फंड्स ग्रोथ के लिहाज से महत्वपूर्ण होते हैं. एक नई कैटिगरी है जिसका नाम है लार्ज एंड मिडकैप फंड्स (Large and Mid Cap Equity Mutual Funds). इसमें लार्ज कैप और मिड कैप का संगम होता है. यह एक ऐसा फंड है जो एक म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेशकों को ग्रोथ और स्टैबिलिटी दोनों देता है. वर्तमान में 26 म्यूचुअल फंड स्कीम्स लार्ज एंड मिडकैप सेगमेंट में आती हैं.
SEBI की गाइडलाइन के मुताबिक, लार्ज एंड मिडकैप फंड्स में फंड मैनेजर को 35-35 फीसदी मिड कैप और लार्ज कैप में निवेश करना जरूरी है. बाकी का 30 फीसदी वह मिड कैप, लार्ज कैप या स्मॉल कैप में कहीं भी जरूरत के हिसाब से निवेश कर सकता है. इस फंड एलोकेशन की मदद से लार्ज एंड मिडकैप फंड्स स्टैबिलिटी के साथ-साथ अच्छा ग्रोथ भी देते हैं.
नियम के मुताबिक, मार्केट कैपिटल के हिसाब से टॉप-100 कंपनी लार्ज कैप के दायरे में आते हैं. मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-150 कंपनियां मिड कैप कैटिगरी में आती हैं. ईटी नाउ स्वदेश की रिपोर्ट के मुताबिक, लार्ज एंड मिडकैप फंड्स का असेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM 1 लाख करोड़ के करीब है. लार्ज एंड मिडकैप फंड्स का सबसे बड़ा फायदा ये है कि निवेशक एक साथ अपने पोर्टफोलियो में ग्रोथ और स्टैबिलिटी को कम्बाइंड कर सकता है.
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि लार्ज एंड मिडकैप फंड लॉन्ग टर्म मिड कैप फंड्स क्या हैं? निवेश के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है क्योंकि 35 फीसदी फंड मिडकैप में भी होता है. केवल मिडकैप फंड में रिटर्न बेहतर जरूर मिलता है, लेकिन वहां रिस्क बहुत ज्यादा होता है. प्योर मिडकैप फंड्स के मुकाबले लार्ज एंड मिडकैप फंड में रिस्क कम होता है. प्योर मिडकैप फंड्स में 65 फीसदी मिडकैप स्टॉक्स में निवेश किया जाता है.
लार्ड एंड मिडकैप फंड्स में फंड मैनेजर के पास यह अधिकार होता है कि वह बाकी का 30 फीसदी मिडकैप, लार्जकैप या स्मॉलकैप में निवेश करें. ऐसे में फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अग्रेसिव इन्वेस्टर हैं तभी इस फंड का चुनाव करें. अगर आपको रिस्क से डर लगता है तो इन फंड्स से दूर रहें और लार्ज कैप फंड का चुनाव करें.
म्यूचुअल फंड एडवाइजर का कहना है कि वर्तमान में लार्ज एंड मिडकैप फंड के अंतर्गत 26 स्कीम्स हैं. कई स्कीम्स का फोकस मिड कैप पर होता है तो की स्कीम्स का फोकस लार्ज कैप पर होता है. मतलब, कई स्कीम्स में मिड कैप एक्सपोजर ज्यादा होता है तो कई स्कीम्स में लार्ज कैप एक्सपोजर ज्यादा होता है. अगर रिस्क घटाना है तो ऐसी स्कीम का चुनाव करें जिसमें लार्ज कैप एक्सपोजर ज्यादा है.