Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है?

किसी भी Shares का Fundamental Analysis कैसे करे Fundamental Analysis in Hindi
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Fundamental Analysis in Hindi – किसी भी कंपनी का शेयर्स का मौलिक विश्लेषण (Stock Fundamental Analysis) उसके भविष्य में होने वाली गतिविधिओ को तय करता है और बताता है की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है।
आज हम आपको बताते है की किसी भी स्टॉक का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis in Hindi) किस प्रकार से किया जाता है इसके बारे में पूरी जानकारी के साथ सीखेगे ताकि हम भविष्य में किसी भी Fundamental Analysis of Stock आसानी से कर सके।
कोई भी इन्वेस्टर Fundamental Analysis in Hindi जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यही उम्मीद करता है की ये कंपनी आने वाले कुछ सालों के अंदर एक अच्छा Profit कमा कर दे शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी पर संपूर्ण रिसर्च करनी होती है और ये रिसर्च किस प्रकार की जाती है इसकी पूरी जानकारी आप इस लेख के जरिये पढ़ सकते है।
Fundamental Analysis क्या होता है?
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Share Market में Investment करने के लिए जिस प्रकार हम अपने अच्छे शेयर को ढूढ़ते है उस शेयर्स को ढूढ़ने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है।
ज्यादा रिटर्न्स कमाने के लिए निवेशक शेयर मार्किट में निवेश करते है और वो वही शेयर को खरीदते है जिनकी भविष्य में कीमतों में तेजी की उम्मीद होती है।
Fundamental Analysis किसी भी शेयर को खरीदने से पहले किया जाता है ताकि किसी भी शेयर की स्थिति को समझ सके की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है और भविष्य में कितनी तरक्की करने वाली है।
इन सभी बातो की जानकारी हमे कंपनी के मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) करने से मिलती है।
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मौलिक विश्लेषण क्यों करना चाहिए?
Fundamental Analysis in Hindi- जैसा की हम सबको पता है की शेयर्स मार्किट में Risk बहुत ज्यादा होता है और उस रिस्क से बचने के लिए शेयर मार्किट में निवेशों दुवारा मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) किया जाता है।
शेयर मार्किट में कभी भी शेयर को उसके कीमत के हिसाब से नहीं खरीदना चाहिए क्योकि हर शेयर्स की कीमत हर दिन कभी बढ़ जाती है कभी घट जाती है लेकिन शेयर का मौलिक विश्लेषण ही उसके बारे में सही जानकारी देता है।
जिसके कारण शेयर मार्किट ने निवेश करने से पहले मौलिक विश्लेषण करना जरूरी है।
Fundamental Analysis किस प्रकार किया जाता है?
मौलिक विश्लेषण करने के लिए हमको सबसे पहले एक बड़ी सी कंपनी चुननी होती है जिसका Market-Cap काफी बड़ा हो मतलब उस कंपनी की कीमत ज्यादा हो।
Fundamental Analysis in Hindi- उसके बाद कंपनी का मौलिक विश्लेषण दो प्रकार से किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस
Technical Analysis क्या होता है?
टेक्निकल एनालिसिस कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है।
How To Do Technical Analysis
1. Company के चार्ट (Chart) का उपयोग करना जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है कंपनी की तरक्की भी उसका Share Market Graph (Chart) ही दर्शाता है।
2. Chart-Pattern को समझना की कंपनी का शेयर किस प्रकार निचे आता है और किस प्रकार ऊपर जाता है Chart-Pattern का Technical Analysis में काफी बड़ा रोल होता है।
3. Price-Range का Technical Analysis में भी काफी बड़ा रोल होता है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस में आपको शेयर के मूलय का भी विश्लेषण करना चाहिए।
4. इतिहास (Past) किसी कंपनी का इतिहास देखना की वो पीछे से कैसे परफॉर्म करती आ रही ये भी काफी जरूरी होता है।
Fundamental Analysis क्या होता है?
फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग हमेशा Long Time Frame में किया जाता है इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने Portfolio को एक सही Rate of Return पर Compounding करने पर ध्यान दिया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस Fundamental Analysis in Hindi करने के लिए कंपनी के अन्दर की चीज़ो को परखा जाता है की कंपनी किस प्रकार का बिज़नेस करती है कंपनी की फाइनेंसियल स्टेटमेंट क्या है कंपनी से जुड़े लोग कौन कौन से है, उन लोगो कि PERSONAL BUSINESS EXPERIENCE और BACKGROUND क्या है इन सब की जानकारी हमे फंडामेंटल एनालिसिस दुवारा मिलती है।
How To Do Fundamental Analysis
Fundamental Analysis करने के लिए हमे कंपनी के डाक्यूमेंट्स (Documents) की जांच करनी होती है जैसे:-
Fundamental Analysis Kaise Kare
- Balance Sheet पर नज़र डालना
- P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
- Cash Flow Statements को चेक करना
- Annual Report को देखना
- Financial Ratio को देखना
- PE Ratio नज़र डालना
- EPS Earning Per Share नज़र डालना
- Book Value को चेक करना
- Management Analysis नज़र डालना
- Profit And Sales Growth को देखना
- Opponent Company की जांच करना
- जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)
इस तरह हम फंडामेंटल एनालिसिस Fundamental Analysis in Hindi में हम ये चेक करते है कि – हम जिस कंपनी का स्टॉक खरीदना चाहते है, वह कंपनी आर्थिक रूप से कितना STRONG है, और वो कंपनी फ्यूचर में कितना ग्रोथ कर सकती है।
मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) के फायदे
Benefits of Fundamental Analysis in Hindi, What is fundamental analysis and its objectives?
- Risk कम हो जाता है।
- Profit की उम्मीद ज्यादा होती है।
- Company की स्थिति पता चलती है।
- Company के प्रोडक्ट के बारे में पता चलता है।
- Loss-Profit के बारे में पता चलता है।
- Stock Market Experience बढ़ता है।
फंडामेंटल एनालिसिस इस बात पर आधारित है कि – अगर कंपनी लाभ कमाती है, तो उस कंपनी के शेयर के भाव निश्चित रूप से बढ़ेंगे, और इसलिए फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट की जांच की जाती है।
What are the Tools of Fundamental Analysis?
Top 10 Best Tools of Fundamental Analysis? Fundamental Analysis in Hindi
- Zerodha Demat Account
- Upstox Demat Account
- Angel Broking Demat Account
- India Infoline (IIFL) Demat Account
- Sharekhan Demat Account
- Motilal Oswal Demat Account
- ICICI Direct Demat Account
- HDFC Securities Demat Account
- Kotak Securities Demat Account
- Groww Demat Account
हम उम्मीद करते है आपको Fundamental Analysis in Hindi से जुडी जानकारी पसद आयी होगी धन्यवाद्।
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शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त ध्यान रखें ये बातें, मुनाफा होने का चांस हो जाएगा डबल
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त कंपनी का चुनाव और पैसे लगाने का समय बहुत अहम होता है. इसके अलावा भी कई चीजें होती हैं, जिनसे तय होता है कि आपको फायदा होगा या नुकसान.
कोरोना काल के दौरान बहुत सारे लोगों ने अपने डीमैट अकाउंट खुलवाए और शेयर बाजार (Investing in Share Market) में पैसे लगाए. कुछ ने फायदा भी कमाया और कुछ को तगड़ा नुकसान भी हुआ. शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान किसे फायदा होगा और किसे नुकसान, यह बहुत हद तक आपके चुनाव और आपके फैसलों पर निर्भर करता है. अगर आप शेयर बाजार से तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा.
1- शेयरों का चुनाव सबसे अहम
शेयर बाजार में निवेश करने में सबसे अहम होता है शेयरों का चुनाव. आपको जिस भी कंपनी का शेयर खरीदना है सबसे पहले उसके बारे में पूरी एनालिसिस करें. देखें कि कंपनी का बिजनस क्या है और कैसा चल रहा है. चेक करें कि कंपनी को फायदा हो रहा है या नुकसान. ये भी देखें कि कंपनी भविष्य को लेकर क्या प्लान बना रही है. इतना ही नहीं, कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में भी जरूर स्टडी करें, क्योंकि अगर मैनेजमेंट में ही गड़बड़ होगी तो तगड़ा मुनाफा देने वाली कंपनी भी भारी नुकसान का सबब बन सकती है.
2- सही समय पर करें निवेश
वैसे तो शेयर बाजार में निवेश करने का सही समय क्या है, ये कोई नहीं बता सकता, लेकिन आपको इसका अनुमान लगाना होगा. इसके लिए आपको खबरों को अच्छे से पढ़ना होगा, ताकि इस बात का अंदाजा लगाया जा सके कि शेयर बाजार में तेजी कब से शुरू हो सकती है या ये पता चल सके कि कब तक बाजार गिरेगा. कोरोना काल में जब बाजार गिरने लगा तो बहुत सारे लोगों ने पैसे निकालने शुरू कर दिए. वहीं जो लोग बाजार और खबरों को अच्छे से ट्रैक कर रहे थे, उन्होंने निचले स्तरों पर पैसा लगाया और चंद महीनों में ही दोगुना-तिगुना मुनाफा कमाया. उस सही समय को अगर आप पहचान लेते हैं तो आपको भी तगड़ा मुनाफा हो सकता है.
3- निवेश पर करें फोकस, ट्रेडिंग पर नहीं
शेयर बाजार में पैसा लगाने का मतलब अधिकतर लोग ये समझते हैं कि हर रोज सुबह से शाम तक शेयर बाजार ही देखते रहें. उन्हें लगता है कि जैसै ही दाम बढ़ेंगे, शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेंगे. कई लोग एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच देते हैं, जिसे इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है. वहीं कुछ लोग कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों में मुनाफा काट लेते हैं, जिसे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं. वहीं सबसे तगड़ा मुनाफा मिलता है निवेश से, जो लंबे वक्त के लिए किया जाता है. राकेश झुनझुनवाला से लेकर वॉरेन बफे तक सभी निवेश की सलाह देते हैं. कभी-कभी ट्रेडिंग बुरी बात नहीं, Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? लेकिन अधिकतर समय निवेश के बारे में सोचना चाहिए.
4- एक ही शेयर पर ना लगाएं सारे पैसे
शेयर बाजार में वह लोग अक्सर मुंह की खाते हैं, जो अपना सारा पैसा एक ही शेयर में झोंक देते हैं. शेयर बाजार में पैसा लगाते वक्त सारा पैसा एक ही शेयर में नहीं लगाना चाहिए, बल्कि एक पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. अगर आप एक ही शेयर में पैसे लगाएंगे और उसमें नुकसान होता है तो आपके सारे पैसे डूब सकते हैं. वहीं अगर आपने एक पोर्टफोलियो बनाया होगा और आप कई शेयरों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाते हैं तो एक के नुकसान की भरपाई दूसरे शेयर से हो जाएगी.
5- टिप्स के चक्कर में कभी ना फंसें
शेयर बाजार में जो निवेश की शुरुआत करता है, वह शुरू-शुरू में कुछ लोगों से ये जरूर पूछता है कि किस शेयर में पैसे लगाने चाहिए. अगर आपने भी ऐसा कुछ किया है या करने की सोच रहे हैं तो ये ख्याल अपने मन से अभी निकाल दीजिए. तमाम दिग्गज निवेशकों की भी हमेशा यही सलाह रहती है कि टिप्स के चक्कर में ना पड़ें. ना ही झुनझुनवाला या बफे जैसे निवेशकों के पैटर्न को फॉलो करें. अगर कुछ गड़बड़ दिखती है तो वो तो अपना पैसा मार्केट से निकाल लेंगे, लेकिन आप फंसे रह जाएंगे. कभी भी टिप्स के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए, बल्कि कंपनी के बारे में पूरी रिसर्च करने के बाद ही उसमें पैसे लगाने चाहिए.
6- ग्लोबल न्यूज को ट्रैक करें, मार्केट सेंटिमेंट का ध्यान रखें
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ग्लोबल न्यूज पर विशेष ध्यान रखें, खासकर अमेरिकन मार्केट पर. अगर विदेशी बाजार में उथल-पुथल होती है, तो उसका भारतीय शेयर बाजार पर असर दिखता ही है. जैसे ग्लोबल मंदी या अमेरिका में मंदी आने का असर भारत पर दिखता है. अगर फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं, तो उसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ता ही है. ऐसे में आपको ग्लोबल न्यूज और मार्केट सेंटिमेंट को ध्यान में रखते हुए ही शेयर बाजार में पैसे लगाने चाहिए.
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Share Market For Beginners Full Details In Hindi
नया निवेशक शेयर बाजार में कैसे निवेश प्रारम्भ कर सकता है?
बहुत से लोग हैं जो निवेश करने के इच्छुक हैं, किन्तु शेयर बाजार में निवेश करना नहीं जानते हैं। Share Market For Beginners लेख के माध्यम से, वे शेयर बाजार में निवेश की प्रक्रिया को सीख सीखेंगे कि एक शुरुआत करने वाला शेयर बाजार में निवेश कैसे प्रारम्भ कर सकता है। यह पोस्ट थोड़ी लंबी हो सकती है क्योंकि हम उन सभी बुनियादी बातों को बताने की कोशिश कर रहे हैं जो एक शुरुआती निवेशक को निवेश करने से पहले पता होनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप लेख को अंत तक पढे। Share Market In Hindi के बारे में सभी ने सुना होगा मगर वहां क्या होता है इसका ज्ञान हर किसी को नहीं है। इसलिए मैं आज आपको शेयर बाजार क्या है और Share Market For Beginners In Hindi के बारे में बताने जा रहा हूँ।
Share Market में निवेश शुरू करने के लिए आवश्यक है-
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको जिन चीजों की आवश्यकता होगी, वे हैं:
- बैंक बचत खाता (Saving Account)
- ट्रेडिंग और डीमैट खाता (Demat Account)
- कंप्यूटर/लैपटॉप/मोबाइल (Computer/Laptop/Mobile)
- इंटरनेट कनेक्शन (Internet)
हम उम्मीद करते है कि आप सब के पास अपना Saving Account जरूर होगा और Computer, Laptop या Mobile में से एक चीज़ आप के पास जरूर होगी।
Demat खाता खोलने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरुरत होती है:
- पैन कार्ड ( Pancard)
- आधार कार्ड (Adhaar Card For Address Proof)
- रद्द चेक/बैंक स्टेटमेंट/पासबुक (Cheque/Bank Statement/Passbook)
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Photo)
आप अपना बचत खाता किसी भी निजी/सार्वजनिक भारतीय बैंक में खुलवा सकते हैं।
ये समस्त दस्तावेज आपके पास होने चाहिये अन्यथा आपको Demat Account को Open करने में बाधा आयेगी।
नए निवेशकों के लिए सलाह (Advice For The Beginners) :
जो अभी-अभी निवेश की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, उन्हें कुछ बातों में सावधान रहना चाहिए।
A) केवल अपने अतिरिक्त/सरप्लस फंड का निवेश करें :-
केवल उस राशि का निवेश करें जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित न करे। जितनी हानि उठाने की क्षमता हो उतना ही निवेश करें, खासकर जब आप नए हों और शेयर बाजार में निवेश करना सीख रहे हों।
B) कुछ नकदी (Cash) हाथ में रखें :-
अपना सारा पैसा निवेश करके, अपनी आजादी खोकर फंसें नहीं। वित्तीय स्वतंत्रता के नाम पर अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का त्याग न करें।
अब आप तैयार हैं, तो शेयर बाजार मे निवेश करना सीखने के लिए यहां सात चरण दिए गए हैं।
शेयर बाजार में निवेश कैसे करें? How To Invest In Share Market?
Step 1- अपने निवेश लक्ष्यों को स्पष्ट रखें :-
लक्ष्यों को ध्यान में रखकर शुरुआत करें। जानिए आप निवेश से क्या चाहते हैं?
क्या आप उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए अपने धन को बढ़ाना चाहते हैं? क्या आप किसी खास लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं? या क्या आप दौलत बनाने के साथ-साथ शेयर बाजार के बारे में सीखना चाहते हैं?
यदि आप लक्ष्य-आधारित निवेश की शुरुआत कर रहे हैं, तो विभिन्न निवेश लक्ष्यों के लिए समय सीमा अलग-अलग होगी। आपका लक्ष्य हो सकता है नया घर खरीदना, नई कार, अपनी उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग, बच्चों की शादी आदि। जब आप लक्ष्यों को जानते हैं, तो आप तय करते हैं कि आपको कितना मुनाफा चाहिए और आपको कितने समय तक निवेशित रहना है।
Step 2- योजना बनाएं :-
अब आप अपने लक्ष्यों को जानते हैं, तो आपको अपनी रणनीतियों को पर विचार करने की जरूरत है। आपको यह पता लगाने की आवश्यकता हो सकती है कि शेयर बाज़ार में आप एकमुश्त में निवेश करना चाहते हैं या एसआईपी (SIP) में निवेश करना चाहते हैं। यदि आप छोटे आवधिक निवेश की योजना बना रहे हैं, तो विश्लेषण करें कि आप मासिक कितना निवेश करना चाहते हैं।एक आम धारणा है कि निवेश आरंभ करने के लिए आपको बड़ी बचत की आवश्यकता होती है। आप छोटी मात्रा में धन से भी सुरूआत कर सकते हैं, यह निवेश की आदत बनाने के लिए पर्याप्त है।
Step 3- कुछ निवेश पुस्तकें पढ़े :-
शेयर बाजार में निवेश (Invest In Share Market For Beginners In Hindi) करने से पहले हर निवेशक को शेयर बाजार से सम्बंधित पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। ये निवेशक को जागरूक और सावधान करने में सहायक हैं।
Step 4- सही स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) चुनें :-
ब्रोकर चुनना सबसे बड़े कदमों में से एक है जिसे आपको लेने की आवश्यकता है। भारत में दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर हैं:
- पूर्ण-सेवा दलाल (Traditional Broker)
- डिस्काउंट दलाल (Discount Broker)
A) पूर्ण-सेवा दलाल (Traditional Broker)-
जो स्टॉक, वस्तुओं और मुद्रा के लिए व्यापार, रिसर्च और सलाह सुविधा प्रदान करते हैं। ये ब्रोकर अपने क्लाइंट द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक ट्रेड पर कमीशन लेते हैं। वे विदेशी मुद्रा,mutual fund, IPO, FD, BOND और बीमा में निवेश की सुविधा भी देते हैं।
Ex- Icici direct, Kotak Security, Hdfc, Motilal Oswal आदि हैं।
B) डिस्काउंट ब्रोकर्स (Discount Broker)-
डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ अपने ग्राहकों के लिए ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। वे सलाह नहीं देते। वे कम ब्रोकरेज, Quick Service और Stock, Commodity और Dervatives में व्यापार के लिए एक अच्छा मंच प्रदान करते हैं।
Ex- Zerodha, Upstox, Angel Broking, 5 Paisa, Paytm Money, Groww आदि हैं।
आजकल ज्यादातर लोग डिस्काउंट ब्रोकर चुनने की सलाह देते है क्योंकि यह आपको बहुत सारे ब्रोकरेज शुल्क से बचाता है।
यदि आप एक नया ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की योजना बना रहे हैं तो आप Zerodha में अकाउंट खोल सकते हैं।
Link : Invest and trade with Kite by Zerodha, India’s largest retail stockbroker.
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Step 5- शेयरों पर रिसर्च करना शुरू करें और निवेश करें :-
यदि आप किसी कंपनी के उत्पाद या सेवाओं को पसंद करते हैं, तो उसकी मूल कंपनी के बारे में अधिक जानने के लिए रिसर्च करें, जैसे कि यह स्टॉक एक्सचेंज में Listed है या नहीं, इसकी वर्तमान शेयर कीमत क्या है, आदि। अधिकांश उत्पाद या सेवाएं जो आप दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं – साबुन, शैम्पू, सिगरेट, बैंक, पेट्रोल पंप, सिम या आपके वस्त्रों से, सभी के पीछे एक कंपनी है। उनके बारे में रिसर्च करना शुरू करे। भारत में सभी सूचीबद्ध कंपनियों की जानकारी सार्वजनिक रूप से इन्टरनेट पर उपलब्ध है।
लोकप्रिय Large-Cap कंपनियों से शुरुआत करें। और एक बार जब आप बाजार में सहज हों, तो Mid-Cap और Small-Cap Comapanies में निवेश करें।
Step 6- अपने प्रदर्शन का Analysis करें :-
आप अपने स्टॉक को ट्रैक करने के लिए Excel या Google का उपयोग कर सकते हैं। इन्टरनेट पर अनेक Paltform उपलब्ध है जो शेयर बाज़ार (Share Market For Beginners In Hindi) में आपका Stock Analysis का काम आसान कर सकते है। किंतु आपको अपने पसंदीदा स्टॉक का गहन अध्ययन करना चाहिए जिससे आप सही स्टॉक को चुनने में सफल हो। इस टॉपिक पर हम आपको अपने अगले आर्टिकल में और विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, कई वित्तीय वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी हैं जिनका उपयोग आप स्टॉक पर नज़र रखने के लिए कर सकते हैं।
Step 7- Exit Plan की योजना :-
स्टॉक से बाहर निकलने के दो तरीके हैं। या तो प्रॉफिट बुक करके या लॉस में कटौती करके। केवल चार परिस्थितियों में आपको अपने पोर्टफोलियो में एक अच्छा स्टॉक बेचना चाहिए:
- जब आपको पैसों की सख्त जरूरत हो ।
- जब स्टॉक के फंडामेंटल बदल गए हों ।
- जब आपको निवेश का बेहतर अवसर मिले।
- जब आप अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त कर लें।
अगर आपके निवेश लक्ष्य पूरे हो गए हैं, तो आप शेयरों से बाहर निकल सकते हैं। दूसरी ओर, यदि स्टॉक आपके जोखिम उठाने के स्तर के नीचे गिर गया है, तो स्टॉक से बाहर निकलें।
146 साल का हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज: कैसा रहा BSE का 1875 से लेकर अब तक का सफर?, जानिए सबकुछ
आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 146 साल का गया है। 9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी। यह एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है। करीब 41 साल पहले 100 के आधार अंक से शुरू हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 53,000 के पार पहुंच गया है। यानी सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे 318 लोगों ने 1 रुपये के एंट्री फीस के साथ की थी। 25 जनवरी, 2001 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डॉलेक्स-30 लॉन्च किया था। इसे BSE का डॉलर लिंक्ड वर्जन कहा जाता है।
सेंसेक्स की शुरुआत कहानी
1986 में जब सेंसेक्स की शुरुआत हुई तो इसका बेस इयर 1978-79 को रखा गया और बेस 100 पॉइंट बनाया गया। जुलाई 1990 में ये आंकड़ा 1,000 पॉइंट पर पहुंच गया। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद सरकार ने FDI के दरवाजे खोले और बिजनेस करने के कानून में बदलाव किया। मार्केट वैल्यू का डिरेगुलेशन किया गया और अर्थव्यवस्था को सर्विस ओरिएंटेड कर दिया। इसने सेंसेक्स में गति बढ़ाई।
जब सेंसेक्स पहली बार बना, तब क्या बदलाव हुए
सबसे पहले सर्विस इंडस्ट्री, यानी बैंकिंग, टेलीकॉम और आईटी सेक्टर्स की कंपनियों को शामिल किया गया। इसके बाद 90 के दशक के अंत और 2,000 की शुरुआत में आईटी कंपनियों में तेजी से हो रहे डेवलपमेंट को देखते हुए पुरानी कंपनियों की जगह टीसीएस और इंफोसिस को शामिल किया गया। उदारीकरण के बाद से ही भारत की बड़ी कंपनियां घरेलू बिक्री पर ज्यादा निर्भर नहीं हैं। ये सभी कंपनियां एक्सपोर्ट के जरिए बिजनेस बढ़ाती रही हैं। वहीं आईटी सेक्टर में आउटसोर्सिंग की वजह से इन्फोसिस जैसी कंपनियों को फायदा हुआ है। टाटा जैसी ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनी ने यूके जैसे विकसित बाजारों में कदम रखा है
हर्षद मेहता कांड:मार्च 1992 में सेंसेक्स पहली बार 4 हजार के स्तर पर बंद हुआ, लेकिन इसके बाद सेंसेक्स 2,900 से 4,900 के बीच झूलता रहा और इसे 5 हजार तक पहुंचने में सात साल से ज्यादा लग गया। इसका मुख्य कारण था कि इसी साल हर्षद मेहता के घोटाले का खुलासा होने से शेयर बाजार में भारी बिकवाली हुई थी।
2006 में 10 हजार पार
सेंसेक्स को 5 हजार से 10 हजार तक पहुंचने में 6 साल से ज्यादा समय लग गया। 7 फरवरी 2006 को सेंसेक्स 10,082.28 पर बंद हुआ, लेकिन अगले डेढ़ साल में ही सेंसेक्स 10 से 15 हजार के स्तर पर पहुंच गया।
सेंसेक्स के लिए 2007 सबसे बेहतरीन
9 जुलाई 2007 को सेंसेक्स 15,045.73 पर बंद हुआ। 2007 सेंसेक्स के लिए अब तक सबसे बेहतरीन साल रहा। अगले छह महीने में ही सेंसेक्स 20 हजार के स्तर पर पहुंच गया और दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने 20,000 का स्तर भी पार कर लिया था।
2008 की मंदी ने बाजार का खेल बिगाड़ा
8 जनवरी 2008 को सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान पहली बार 21 हजार का स्तर पार किया था, लेकिन इसी साल आई अंतरराष्ट्रीय मंदी ने पूरा खेल बिगाड़ दिया था। मंदी की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों के साथ ही भारतीय शेयर बाजार भी धड़ाम हो गए और 10 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 14,889.25 के स्तर पर बंद हुआ. इसी साल 16 जुलाई को सेंसेक्स 12,575.8 पर बंद हुआ। इतना ही नहीं नवंबर 2008 में सेंसेक्स 8,451.01 के स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद सेंसेक्स को फिर वापस 21 हजार के स्तर तक जाने में करीब 3 साल लगे थे।
2014 में बाजार ने नरेंद्र मोदी का शानदार स्वागत किया
साल 2013 में BSE सेंसेक्स ने पलटी मारी और 18 जनवरी 2013 को सेंसेक्स फिर 20,039.04 पर बंद हुआ। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। शेयर बाजार ने भी मोदी सरकार का जमकर स्वागत किया। 16 मई 2014 को ही सेंसेक्स 25,364 के स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद सेंसेक्स को 25 हजार से 30 हजार तक पहुंचने में तीन साल का समय लगा था।
साल 2017 में 30 हजार का स्तर
साल 2017 के अप्रैल महीने में सेंसेक्स 30,133 तक पहुंचा और अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के लेवल पर पहुंच गया। 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35,081 पर बंद हुआ। 30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स ने 40,051 के स्तर को छू लिया था।
कोरोना संकट में बड़ा झटका लगा
सेंसेक्स जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद साल 2020 का कोरोना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था। और यही कारण था कि सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद 25,981 तक पहुंच गया था, हालांकि अप्रैल के अंत और मई से सेंसेक्स में फिर से शानदार रिकवरी आने लगी।
15 महीने में 40 से 50 हजार का सफर
30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स पहली बार 40,000 के पार बंद हुआ। विदेशी और घरेलू निवेशकों के दम पर सेंसेक्स ने करीब एक साल में ही 40 से 45 हजार तक का सफर तय कर लिया। 4 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 45,079 पर बंद हुआ। इसके करीब डेढ़ महीने बाद ही सेंसेक्स ने 21 जनवरी 2021 को नया रिकॉर्ड बनाते हुए 50 हजार का आंकड़ा पार कर लिया।
किसने की थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 4 गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स ने की थी। 1850 के आसपास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या साल-दर-साल लगातार बढ़ती गई। 1875 में इन्होंने अपना 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ बना लिया, साथ ही, दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया। आज इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।
दैनिक भास्कर से खास बातचीत में BSE के MD & CEO आशीष चौहान ने कहा कि BSE अपनी स्थापना के बाद पिछले 146 सालों से भारत में इन्वेस्टमेंट और वेल्थ क्रिएशन के लिए काम कर रहा है। BSE की सफलता की कोशिश, 7.2 करोड़ से ज्यादा निवेशक खाते, 4,700 से ज्यादा रजिस्टर्ड कंपनियों और 231 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन से देखी जा सकती है। BSE आने वाले समय में भारत को डबल डिजिट एनुअल ग्रोथ हासिल करने में मदद करेगा।
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
क्या होता है डीमैट खाता
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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
जरूरी शर्तें
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.