एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है?

एक और अहम बदलाव है। अब तक किसी विक्रेता के साथ व्यवस्थित सौदे के जरिये खराब परिसंपत्ति के अधिग्रहण के लिए एआरसी को न्यूनतम 15 फीसदी निवेश करना होता है जबकि निवेशक 85 फीसदी के साथ प्रयास कर सकते हैं। नए मानकों में एआरसी की न्यूनतम निवेश आवश्यकता को 2.5 फीसदी कर दिया गया है। अब वे अधिक संकटग्रस्त परिसंपत्ति का अधिग्रहण कर सकेंगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2023-24 | नई सूची, Minimum Support Price एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? लॉगिन करें
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अनेक योजनाएं निकाली है । जिनका मकसद किसानों का विकास करना है, जिससे हमारे देश की जीडीपी तेजी से बढ़ पाए । केंद्र सरकार फसल की खरीद पर एक न्यूनतम मूल्य रखती है। किसानों को सरकार न्यूनतम एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? समर्थन मूल्य के माध्यम से फसलों का भुगतान करती है । इसे minimum support price भी कहा जाता है। किसानों ने कई बार एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023-24 को बढ़ाने के लिए धरने भी दिए हैं । इस लेख में हम जानेंगे कि एमएसपी जिसे की न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है, और इसकी विस्तृत जानकारी जैसे कि एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? इससे लोग होने वाले लाभ, इसकी विशेषताएं, इसकी सूची की जानकारी ले पाएंगे । Niyuntam Samarthan Mulye की विस्तृत जानकारी के लिए
न्यूनतम समर्थन मूल्य जिसे की अंग्रेजी में मिनिमम सपोर्ट प्राइस या एमएसपी कहा जाता है । इसका जैसे कि मतलब है कि सरकार किसान को उसकी फसल पर यदि उसे नुकसान होता है तो एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? उसे कम से कम के मूल्य में सरकार खरीदेगी । सरकार ने न्यूनतम मूल्य में फसल खरीदने के लिए विधेयक पास किया होता है । जैसे कि इस समय 23 प्रकार की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान निश्चित राशि में किया जाता है एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? । जैसे कि मुख्य अनाज जैसे मक्का, बाजरा, ज्वार, जो, रागी गेहूं, धान आदि और मुख्य पांच प्रकार की दालें जैसे कि मसूर, हर हर, उड़द चना और मूंग की दाल आदि भी इस योजना के अंतर्गत आते हैं । इसी प्रकार से कुछ व्यवसायिक फसल जैसे कि गन्ना खोपरा कच्चा दूध या कपास और तिलहन की फसलें जैसे कि सरसों सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी इत्यादि की एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? साथ फसलों को भी इसके अंतर्गत रखा गया है ।
न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए 25 प्रमुख कृषि फसलों किसानों को लाभ दिया जाएगा
सरकार ने पूरे देश में किसानों को सशक्त बनाने के लिए एमएसपी योजना को लागू किया है । इस योजना के तहत किसान की उत्पादन में लगने वाली लागत सरकार अपने अनुसार निकालकर उसका एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? लगभग 50% एमएसपी सुनिश्चित करती है। यदि किसान अपनी फसल गैर सरकारी लोगों को नहीं देख पाते और उनकी फसल अच्छे दामों में नहीं दिख पाती तो इस परिस्थिति में सरकार एमएसपी पर किसान से उसकी फसल खरीद लेगी । हमारे देश के स्वतंत्र होने के पश्चात सन 1966 में सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी । इसके अनुसार किसान अपनी फसल बेचने के लिए स्वतंत्र है और वह सरकार के अलावा गैर सरकारी संस्थानों को भी अपनी फसल भेज सकता है । हमारे देश में हर साल लगभग 25 मुख्य फसल जो कि कृषि में उपयोग होती है उनके लिए सरकार एमएसपी की घोषणा करती है । इसमें खरीफ और रबी सीजन की 14 और 7 फसलें शामिल हैं । हर साल से लगभग दो से तीन करोड़ किसान लाभान्वित होते हैं और अपनी फसल का सही दाम प्राप्त कर पाते हैं ।
परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के लिए नए नियम
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) को लेकर जो नए दिशानिर्देश दिए हैं वे बड़े बदलाव के वाहक बन सकते हैं। ये कंपनियां फंसे हुए कर्ज को खरीदने और उनकी वसूली करके धनार्जन का काम करती हैं। ऐसी कुल 29 बड़ी, मझोली और छोटी कंपनियां हैं।
नियामक का ध्यान मुख्य तौर पर संचालन और पारदर्शिता पर केंद्रित है। किसी एआरसी के बोर्ड की बैठकों में शामिल होने वाले कम से कम आधे निदेशकों का स्वतंत्र निदेशक होना जरूरी है। इससे भी अहम बात यह है कि एक एआरसी के चेयरमैन का स्वतंत्र निदेशक होना जरूरी है, न कि नामित निदेशक।
जबकि अधिकांश स्वामित्व आधारित एआरसी में इसका उलट होता है। इससे बोर्ड का प्रोफाइल बदल जाता है और कुछ एआरसी के संचालन को लेकर रिजर्व बैंक का सारगर्भित नजरिया बनता है। आश्चर्य नहीं कि उन्हें बोर्ड के अंकेक्षण, नामांकन और मेहनताना समिति का गठन करना पड़ता है और इनके संचालन के बाकायदा नियम हैं।
26 नवंबर को राजभवन घेरने आगरा से बड़ी संख्या में किसान कूच करेंगे लखनऊ
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर 26 नवंबर 2022 को इको गार्डन लखनऊ में महापंचायत को लेकर भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जनपद आगरा प्रभारी बुद्धा सिंह प्रधान व मंडल अध्यक्ष रणवीर सिंह चाहर, जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने आगरा जनपद के फतेहाबाद के निरीक्षण भवन में समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में मंडल, जिला, तहसील ब्लाक स्तर के पदाधिकारी मौजूद रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह प्रधान ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनने तक भारतीय किसान यूनियन संघर्ष करती रहेगी उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहे जितना ईडी व सीबीआई का डर दिखाती रहे लेकिन किसान डरने वाले नहीं हैं।
कॉल नीलामी
कॉल नीलामी के एक विशिष्ट परिदृश्य में, एक्सचेंज को एक विशेष समय सीमा निर्धारित करने के लिए जाना जाता है जो कुछ स्टॉक के व्यापार के लिए एकदम सही है। स्टॉक की सीमित उपलब्धता के प्रावधान के साथ छोटे पैमाने के एक्सचेंजों पर नीलामी बहुत आम है। शेयरों के खरीदारों से उच्चतम स्वीकार्य मूल्य निर्धारित करने की उम्मीद की जाती है। साथ ही, विक्रेताओं एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? से संबंधित न्यूनतम स्वीकार्य मूल्य निर्धारित करने की अपेक्षा की जाती है।
इच्छुक सभी व्यापारी एक ही समय पर उपस्थित रहें। इसकी समाप्ति पर, अगली कॉल आने तक सुरक्षा अतरल हो जाती है। सरकार कभी-कभी कॉल नीलामियों की भूमिका निभाने के लिए जानी जाती है जब वह बेचती हैबांड, बिल और ट्रेजरी नोट्स।
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है?
- किसी फसल की एमएसपी पूरे देश में एक ही होती है.
- अभी एमएसपी के तहत सरकार 23 फसलों को खरीदती है
- कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) एमएसपी की सिफारिश करता है.
- सरकार सीएसीपी की सिफारिश के आधार पर एमएसपी तय करती है.
हर साल सरकार पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर सबसे ज्यादा फसल किसानों से खरीदती है. इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. देश के दूसरे राज्यों में भी सरकार किसानों से फसल खरीदती एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था एक विकल्प का न्यूनतम मूल्य क्या है? में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है.