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बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ?

बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ?
इसमें आगे कहा गया है कि साइबर एक्सपर्ट्स द्वारा प्रकरण की जांच के बाद जिम्मेदारों बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.

Paise ka itihaas aur avishkar

Bitcoin founder | Satoshi Nakamoto Bitcoin in hindi

कहा जाता है की बिटकॉइन बनाने की शुरुआत सन 2007 में की गयी थी। और इसे बनाने श्रेय सतोशी नाकामोतो को जाता है। मगर इसको 2008 में इसका व्हाइट पेपर metzdowd.com नामक वेबसाइट पर क्रिप्टोग्राफी मेलिंग लिस्ट के जरिये प्रकाशित किया गया था। सतोशी नाकामोतो का लक्ष्य अपने साथ और भी डेवलपर को जोड़ना था। लेकिन इसके लिए उन्होंने 09 जनवरी को 2009 में अपना पहला सॉफ्टवेयर लॉन्च किया था। जो सोर्सफारगे नमक वेबसाइट पर अपलोड किया गया था। इसका वर्जन 0.1 था एवं इसकी पहली क्रिप्टो कर्रेंसी पर क्रिप्टोग्राफिक मेलिंग लिस्ट के जरिये प्रकाशित किया गया था। इसकी इकाई को ही bitcoin नाम दिया गया था।

सतोशी नाकामोतो को एक अज्ञात व्यक्ति माना जाता है। जिसका नाम तो बिटकॉइन की दुनिया में है, पर शायद अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि वो कौन है । इतना ही नहीं लोगो का ये तक दावा है की इस नाम का उपयोग किसी अन्य व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के द्वारा बिटकॉइन की दुनिया में अपनी पहचान छुपाने के लिए किया गया है। जिसका असली नाम किसी को भी ज्ञात ही नहीं है। फ़िलहाल 5 अप्रेल 1975 को सतोशी नकामोतो का जन्म हुआ ऐसा माना जाता है। जिसका जन्मस्थली जापान है। इन्होने न केवल बिटकॉइन बल्कि क्रीफ्टोग्राफी के क्षेत्र में कई खोज की है। कहा जा रहा है की वे वर्तमान वे अमेरिका में रह रहे है। और 2010 से ही बिटकॉइन को विकसीत करने में लगे है। इसी कारण से जो नाम बिटकॉइन अविष्कारक (Bitcoin founder) के रूप में सामने आया है वो उसे ही सतोशी नाकामोतो के नाम से जाना जाता है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय का ट्विटर हैंडल हैक

बताया जा रहा है कि हैकर्स ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के ट्विटर अकाउंट में लगी प्रोफाइल फोटो को कार्टून से बदल दिया था. इससे पहले बीते फरवरी माह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का ट्विटर अकाउंट हैक किया गया था और पिछले वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकांउट भी हैक कर उससे बिटक्वाइन संबंधी ट्वीट किया गया था. The post उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय का ट्विटर हैंडल हैक appeared first on The Wire - Hindi.

बताया जा रहा है कि हैकर्स ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के ट्विटर अकाउंट में लगी प्रोफाइल फोटो को कार्टून से बदल दिया था. इससे पहले बीते फरवरी माह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का ट्विटर अकाउंट हैक किया गया था और पिछले बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकांउट भी हैक कर उससे बिटक्वाइन संबंधी ट्वीट किया गया था.

उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट, जिसे हैक किया गया. (फोटो साभार: ट्विटर)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय का आधिकारिक ट्विटर हैंडल शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को हैक कर लिया गया. इस पर प्रक्रिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ की जाएगी.

क्रिसमस को लेकर लोगों में उत्साह, प्रभु येशु के आगमन की खुशियां मनाने में जुटा मसीही समुदाय

Basant Munda / Tarun

Ranchi : कोरोना संक्रमण के दो साल (2020-2021) बाद राजधानी सहित पूरे प्रदेश में मसीही समुदाय में क्रिसमस के लेकर खासा उत्साह है. मसीही क्रिसमस की तैयारी में जुट गये हैं. गिरिजाघरों और घरों का रंगरोगन कर साज-सज्जा की जा रही है. क्रिसमस के लिए बाजार भी तैयार है. कोरोना को बाद यह पहला मौका है, जब बिना भय के क्रिसमस का त्योहार मनाया जायेगा. अभी से ही लोग क्रिसमस की साज सज्जा के सामान की खरीदारी में जुट गये हैं. राजधानी रांची सहित राज्य भर के गिरिजाघरों में भी तैयारियां शुरू हो गयी हैं. जगह-जगह क्रिसमस गैदरिंग की भी तैयारी की जा रही है. (पढ़ें, भाकपा माओवादी का स्थापना सप्ताह शुरू, पोस्टरबाजी कर दर्ज कराई उपस्थिति)

गैदरिंग पर तीन बैंगनी व एक पीले रंग का कैंडल जलाया जाता -सिस्टर लुसिया

उर्सुलाइन कॉन्वेंट स्कूल एंड इंटर कॉलेज की सिस्टर लुसिया मिंज ने बताया कि ख्रीस्त राजा के आगमन के दूसरे सप्ताह से गैदरिंग कर प्रभु का संदेश देना शुरू हो जाता है. साल का कैथोलिक कैलेंडर खत्म हो जाता है और नये वर्ष की तैयारी शुरू हो जाती है. गैदरिंग के अवसर पर उर्सुलाइन कॉलेज हॉस्टल में चार कैंडल जलाये जाते हैं. इसमें तीन बैंगनी और एक पीला रंग का कैंडल होता है. पीले रंग का कैंडल जलाकर प्रभु ईशु के आगमन की उम्मीद की जाती है. तीन बैंगनी रंग के कैंडल से प्यार-शांति, मनोरंजन और दया का संदेश दिया जाता है. इसके बाद प्रभु ईशु के जन्मदिन के लिए मसीही समुदाय द्वारा चरनी बनाया जाता है.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करेप्रभु के आगमन को लेकर चरनी सजायेंगेः सिस्टर जसिंता

संत अन्ना गर्ल्स हॉस्टल की सिस्टर मेरी जंसिता ने बताया कि ख्रीस्त राजा के आगमन की तैयारी के लेकर कैथेड्रल के मिशनरी समुदाय में काफी उत्साह रहता है. ख्रीस्त राजा के आगमन के पहले सप्ताह छोड़ दूसरे सप्ताह से प्रभु ईशु के आध्यात्मिक ज्ञान के साथ परमेश्वर के अगमन की उम्मीद की जाती है. दूसरे सप्ताह ईश्वर से शांति बनाये रखने के लिए प्रार्थना करते हैं. तीसरे सप्ताह में खुशी के साथ पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर नाचगान करते हैं. जबकि चौथे सप्ताह में पर्व मनाते हैं और प्रभु ईशु मसीह के जन्म को लेकर चरनी सजाते हैं.

संत मारिया महागिरजाघर के फादर अनंदन डेविड खलखो ने बताया कि ईसाइयों द्वारा दिसंबर माह के चार सप्ताह क्रिसमस की तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस समय को आगमन काल कहा जाता है. यह समय प्रभु येशु के स्वागत का होता है. अनंदन डेविड खलखो ने इस बार की तैयारियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमे हर साल बिशप हाउस से पत्र के माध्यम से दिशानिर्देश मिलता है कि इस बार क्रिसमस कैसे मनाना है. इस साल भी बिशप ने अपील की है कि लोग व्यर्थ पैसे न खर्च करें. पर्यावरण प्रदूषित न हो, इसे देखते हुए लाेगाें से प्रभु के अगमन के जश्न में पटाखे नहीं जलाने की अपील की गयी है.

मोबाइल पेमेंट और वर्चुअल करेंसी

21वीं सदी ने मुद्रा के दो नए रूपों को जन्म दिया: बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? मोबाइल भुगतान और Virtual मुद्रा। मोबाइल पेमेंट में एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे सेलफोन, स्मार्टफोन या टैबलेट डिवाइस के माध्यम से किसी वस्तु या सेवा के लिए पैसे का भुगतान किया जाने लगा।

दोस्तों या परिवार के सदस्यों को पैसे भेजने के लिए मोबाइल भुगतान तकनीक का खूब इस्तेमाल हुआ है। तेजी से, फोन पे और गूगल पे जैसी सेवाएं लोकप्रिय हो चुकी हैं।

आभासी मुद्रा (Virtual Currency)

बिटकॉइन को 2009 में ‘सातोशी नाकामोटो’ द्वारा लॉन्च किया गया था। Bitcoin, जल्दी ही आभासी मुद्राओं के लिए मानक बन गया।

ऐसी मुद्रा (Currency) जो ‘एन्क्रिप्टेड’ यानी कोडेड हो। Crypto करेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है, जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सिक्योर्ड होता है जिससे इसकी नकल या कोई गड़बड़ी असंभव हो जाता है। यह डिजिटल संपत्ति का एक रूप है और यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। Bitcoin, Ethereum और Litecoin क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है।

NFTs, Explained: आसान भाषा में जानें क्या है NFT और कैस करती है काम

NFTs, Explained: आसान भाषा में जानें क्या है NFT और कैस करती है काम

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NFTs, Explained:

दुनिया अब तेजी से डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। इसी सिलसिले में पिछले कुछ दिनों से NFT का नाम काफी सुना जा रहा है। यह एक नॉन-फंजिबल टोकन होता है। इसको क्रिप्टोग्राफिक टोकन कहा जा सकता है। कोई ऐसी तकनीकी आर्ट जिसके लिए यह दावा किया जाता है कि वो बिल्कुल यूनिक है। आजकल निवेशक इस तरह की चीजों पर काफी ध्यान दे रहे हैं जो कि सिर्फ ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं। और इसके साथ ही यूनिक भी हैं।

एनएफटी (NFT) क्या है?

एनएफटी, एक प्रकार का digital signature होता है। नाम नया और साथ ही काम भी नया। अभी तक तो आपने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी के बारे में सुना ही होगा। इसे रखने वाला इंसान कैसे रातोंरात काफी अमीर हो गया था। ठीक वैसे ही अब एक नए प्रकार के डिजिटल ‘अवतार’ (जो दिखता नहीं है) ने जन्म ले लिया है। इसको नॉन फंजीबल टोकन (NFT) के नाम से जाना जा रहा है।

आम भाषा में जानें तो एनएफटी बिटकॉइन के जैसे ही एक क्रिप्टो टोकन है जो कि डिजिटल संपत्ति जैसे ही डिजिटल आर्ट, म्यूजिक, फिल्म, गेम्स या आपको आपके किसी कलेक्शन को मिल बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? सकता है। NFT अब कलाकारों के लिए एक नए युग की शुरुआत के तौर पर बताया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि गैलरी में अपना आर्ट बेचना सबके बस की बात तो है नहीं। गैलरी चलाने वालों की मोनोपॉली इस प्रकार होती है कि वहां तक साधारण इंसान नहीं पहुंच सकता है। मगर आपमें अगर हुनर है तो डिजिटल दुनिया में आपके आर्ट की कद्र की जाएगी और उसमें अगर दम है तो लाखों-करोड़ों रुपये भी आपको मिल भी सकते हैं।

डिजिटल गेमिंग NFT का एक बड़ा मार्केट है

डिजिटल गेमिंग की दुनिया में इसको अहम माना जा सकता है। यहां पर कैरेक्टर्स या फिर किसी अन्य प्रॉपर्टी का उपयोग उन लोगों द्वारा नहीं किया जा सकता है जिन्होंने उसको खरीदा नहीं है। इसकी मदद से लोग पैसा भी बना सकते हैं। उदाहरण के लिए- अगर आपने कोई वर्चुअल रेस ट्रैक खरीद लिया है तो उसके बदले में दूसरे प्लेयर्स को इस्तेमाल करने के लिए पैसे देने होंगे। अब ऐसे में यह कहना तो गलत नहीं होगा कि गेमिंग की दुनिया में ये एक बड़ा मार्केट है।

NFT का इस्तेमाल डिजिटल असेट्स या सामानों के लिए किया जाता है जो की एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। इसकी मदद से उनकी कीमत और यूनिकनेस का पता चलता है। ये वर्चुअल गेम्स से आर्टवर्क तक के लिए हर चीज के लिए स्वीकृति प्रदान कर सकते हैं। NFT का स्टैंडर्ड और ट्रेडिशनल एक्सचेंजेज में ट्रेड नहीं हो सकता है। इसको डिजिटल मार्केटप्लेस में खरीदा या बेचा जा सकता है।

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