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शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें

शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें
इन्वेस्मेंट टिप्स

SIP शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे अनुशासित तरीका, मार्केट के Up-Down से निवेशकों को नहीं लगता झटका

शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा तो है लेकिन सही जानकारी होने पर लोग अपनी लाखों की बचत को करोड़ों में बदल सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश के लिए विशेषज्ञों की राय जानना जरूरी है। पत्रिका ने शेयर बाजार में निवेश को लेकर मालू इंवेस्टवाइस प्रा. लि. के डायरेक्टर डॉ. रमेश मालू ने बातचीत की। उन्होंने शेयर बाजार में निवेश का सही तरीका बताया।

Updated: May 28, 2022 12:28:37 pm

मौजूदा समय में बड़ी संख्या में लोग अपनी बचत को शेयर बाजार में निवेश करते हैं। लेकिन शेयर बाजार के अप-डाउन से कई बार लोगों को लाखों का झटका भी लगता है। ऐसे में शेयर बाजार से सही फायदा उठाने के लिए जरूरी है कि निवेश का सही तरीका पता हो। इसके लिए कई बार लोग विशेषज्ञ की सलाह भी लेते हैं। पत्रिका ने शेयर बाजार में निवेश के मसले पर मालू इंवेस्टवाइस प्रा.लि. के डायरेक्टर डॉ. रमेश मालू से विशेष बातचीत की। डॉ. रमेश ने निवेश को लेकर कई अहम बातें बताई। यहां पढ़िए डॉ. रमेश मालू से हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

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नेचर से तुलना करते हुए डॉ. मालू ने शेयर मार्केंट के बारे में बताया-

डॉ. रमेश मालू ने शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव की मौसम से तुलना करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रकृति ने तीन मौसम सर्दी, गर्मी और बारिश बनाए हैं वैसे ही शेयर बाजार में भी तीन मौसम होते हैं- तेजी, मन्दी और सुस्ती। सुस्ती का मतलब है कि जब लम्बे समय तक शेयर बाजार एक दायरे में रहता हैं और शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता है।

डॉ. मालू ने कहा कि प्रकृति में मौसम बदलने का नियम समयानुसार है और इसकी भविष्यवाणी काफी सटीकता से की जा सकती है, लेकिन शेयर बाजार में ऐसा नहीं होता। यहां तेजी, मन्दी या सुस्ती की समयावधि का अंदाजा लगाना मुश्किल है, इसलिए निवेश पूर्व शेयर बाजार की समझ होना जरूरी है।

डॉ. मालू बोले- नये निवेशक छोटे बच्चे की तरह-
डॉ. मालू ने शेयर बाजार के नए निवेशकों की तुलना एक छोटे बच्चे से की। उन्होंने कहा कि जैसे एक छोटे बच्चे को यह समझ नहीं आता है कि सर्दी/गर्मी/वर्षा ऋतु हमेशा बदलती रहेगी और वह सर्दी के शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें मौसम में ऐसा मान लेता है कि हमेशा सर्दी ही बनी रहेगी और जब ऋतु परिवर्तन होता है तो शरीर अभ्यस्त न होने के कारण वह बीमार पड़ जाता है।

वैसे ही शेयर बाजार शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें में नया निवेशक भी बाजार के इस परिवर्तन के स्वभाव से अन्जान होने के कारण तेजी में यह मान लेता है कि हमेशा तेजी ही बनी रहेगी और शेयर बाजार में मंदी आने पर अपना नुकसान कर बैठता है।

एसआईपी- एक निश्चित रकम को हर माह म्यूचुअल फंड में निवेश करना-डॉ. मालू ने कहा कि शेयर बाजार में होने वाले इन सब उतार-चढ़ाव और परिवर्तन से निपटने का शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें एक सुगम और सरल उपाय है- म्यूचुअल फंड और एसआईपी।

हर महीने एक निश्चित तारीख को एक निश्चित रकम को म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने को एसआईपी कहते है। इसमें मार्केट में हो रहे उतार-चढ़ाव के हिसाब से कम या ज्यादा यूनिट्स मिलने से खरीदने की औसत कीमत कम हो जाती है।

एसआईपी पर नहीं पड़ता तेजी और मंदी का प्रभाव
मालू इंवेस्टवाइस प्रा.लि. के डायरेक्टर ने कहा कि एसआईपी शेयर बाजार में निवेश करने का एक अनुशासित तरीका है जो निवेशक को तेजी और मंदी में होने वाले भावनात्मक उतार-चढ़ाव से भी बचाता है, शेयर बाजार में अपना निवेश लंबे समय तक बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है, जिससे एक आम निवेशक को लंबे समय में एक बहुत बड़ी रकम तैयार करने में मदद मिलती है।

500 रुपए से भी शुरू किया जा सकता है एसआईपी
म्यूचुअल फंड में एसआईपी किसी भी व्यक्ति की फाईनेंशियल गोल प्लानिंग का एक मजबूत आधार स्तंभ है, जो 500 रुपए जैसी छोटी रकम से भी शुरू कर सकते हैं। एसआईपी के द्वारा जुटाई गई रकम परिवार में होने वाले बड़े खर्चों जैसे बच्चों की शिक्षा, विवाह, इत्यादि में बड़ी मददगार साबित होती है। साथ ही साथ रिटायरमेंट के बाद पेंशन का भी काम करती हैं।

उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति पांच साल की एसआईपी करता है तो हो सकता है कि तेजी और सुस्ती के 40 महीनों में खरीद पर निवेशक को कोई खास लाभ नहीं हो रहा हो, लेकिन इस बीच मंदी के 20 महीनों की खरीद पूरे निवेश को बेहतर फायदे में परिवर्तित कर देती है।

हौसला और अनुशासन आपके जीवन को बनाएगा बेहतर
डॉ. मालू ने अंत में कहा कि इसलिए शेयर बाजार में अच्छा लाभ कमाने के लिए तीनों मौसम, तेजी, मंदी और सुस्ती में हौसला बनाए रखें और निवेश करते रहें। जीवन में यह निवेश का अनुशासन ही आपको और आपके परिवार को आर्थिक रूप से स्वस्थ और सुदृढ़ बनाए रखेगा। आपके फाइनेंशियल उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेगा और आपके परिवार के लिए वैल्थ क्रिएशन करेगा।

इक्विटी मार्केट में निवेश से जुड़े इन मंत्रो का रखें ध्यान, मुनाफे में रहेंगे.

जब बाजार बुल रन में हो तब कभी भी अपना पैसा एक मुस्त एक ही जगह पर न लगाएं।

इक्विटी बाजार जोरदार बुल रन के दौर में है। जिसमें निवेशकों की वेल्थ में जबरदस्त बढ़ोतरी की है। कंपनियों के मजबूत नतीजे, टीकाकरण की बढ़ती गति और जोरदार लिक्विडिटी ने बाजार में जोश भर दिया है।

इस बीच बाजार जानकारों के बीच इस बात को लेकर बहस हो रही है कि बाजार कुछ जरूरत से ज्यादा ही गर्म हो गया है। ऐसे में अब कभी भी बाजार में करेक्शन मुमकिन है। यहां हम आपको इक्विटी बाजार से जुड़े ऐसे मंत्र दे रहे हैं, जिससे आप अपना जोखिम कम करते हुए ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

लंबे नजरिए से करें निवेश

इक्विटी बाजार में प्रवेश से पहले यह बात दिमाग में रखने की जरूरत है कि लंबी अवधि का निवेश ही हमें अच्छा मुनाफा दे सकता है। शार्ट टर्म के नजरिए से इक्विटीज काफी वोलेटइल होती हैं। शार्ट टर्म के निवेश में इक्विटी में आने वाला भारी उतार-चढ़ाव आपको डरा सकता है। वहीं जब आप अपने निवेश में लंबे समय तक बने रहते हैं तो बाजार के तार-चढ़ाव से होने वाला जोखिम काफी कम हो जाता है। यहां लंबी अवधि के निवेश से हमारा मतलब 8-10 साल के निवेश के नजरिए से हैं। लॉन्ग टर्म के निवेश में आपको बीच-बीच में आने वाली रैलियों से काफी फायदा मिलता है।

बाजार को टाइम करने की कोशिश न करें

बाजार में अच्छे रिटर्न के लिए बाजार को अपने हिसाब से टाइम करने की कोशिश न करें और यह संभव भी नहीं है। बाजार में अच्छे रिटर्न के लिए आपको ज्यादा समय तक रुकना होगा। यह बात भी ध्यान रखें कि दिग्गज से दिग्गज निवेशक इस बात की भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि बाजार कब और किस करवट बैठेगा।

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इस बात को ध्यान में रखते हुए क्वालिटी शेयरों का चुनाव करके लंबे समय तक बाजार में टिकें। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा और बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहेगी

3-किस्तों में करें निवेश

जब बाजार बुल रन में हो तब कभी भी अपना पैसा एक मुस्त एक ही जगह पर न लगाएं। बल्कि रुक-रुक कर किस्तों में निवेश करें। ऐसा करने पर बाजार में एकाएक आने वाली शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें बड़ी गिरावट या किसी शार्ट टर्म करेक्शन में आप बहुत बड़े घाटा होने से बच जाएंगे। इसके साथ ही पानी में कूदने से पहले उसकी गहराई का अंदाजा लगा लेना भी एक अच्छी शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें रणनीति है। इसको ध्यान में रखते हुए निवेशकों को सलाह है कि वो छोटी-छोटी राशि को SIP के जरिए म्यूचुअल फंडों में लगाएं। SIP में किसी गिरावट की स्थिति में आपको ज्यादा यूनिटें मिलती हैं और समय बीतने के साथ ही आपकी औसत खरीद कीमत घटती जाती है। इसके अलावा एसआईपी में निवेश करने से आपको अनुशासित तरीके से निवेश करने की आदत पड़ती है जो लंबी शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें अवधि में वेल्थ क्रिएशन अहम मंत्र है।

सारे अंडे एक ही टोकरी में ना रखें

निवेशकों के लिए एक सबसे बड़ा मंत्र ये है कि कभी भी एक ही सेक्टर या इक्विटी में अपना सारा पैसा न लगाएं। अपने पोर्टफोलियो में लार्ज, मिड और स्माल कैप में अलग-अलग पैसे का आवंटन करें। ध्यान रखने की बात है कि लार्ज कैप फंड आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता देते हैं। वहीं मिड और स्माल कैप में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है। इस चीज को ध्यान में रखके अलग-अलग सेक्टर और सेगमेंट में अपना पैसा बांटकर निवेश करें। डाइवर्सिफिकेशन से रिस्क रिवॉर्ड रेशियो बेहतर होता है।

भेड़ चाल से बचें

इक्विटी मार्केट में भेड़ चाल आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकती है। कभी भी किसी मित्र, जानपहचान वाले, बाजार के किसी तथा कथित जानकार के प्रभाव में आकर दूसरे की देखी देखा निवेश न करें। ऐसी कंपनियों में ही निवेश करें, जिनका फंडामेंटल अच्छा हो, जिनकी कॉर्रपोरेट गर्वनेंस अच्छी हो, जिनकी बैलेंस सीट मजबूत हो और जिनका आउटलुक अच्छा हो। इसके साथ ही समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहें। जिन फंडों या शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, जिनका आउटलुक अच्छा नजर नहीं आ रहा है, उनकी छंटनी करके बेहतर आउटलुक और प्रदर्शन वाले फंडों और शेयरों को पोर्टफोलियो में शामिल करें।

डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, समझें

कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा, समझें

Investment : कई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के डिविडेंड देती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आप कहीं एक जगह पर बड़े अमाउंट में पैसे निवेश करते हैं तो यही उम्मीद रखते हैं कि आपको अच्छा खासा मुनाफा होगा. मुनाफा एक की बजाय दो रास्तों से आए तो फिर बात ही क्या है. इसे कहते हैं डबल बेनिफिट वाली डील हासिल करना. कैपिटल मार्केट में ऐसे कई निवेश हैं जिनसे आप ऐसा फायदा उठा सकते हैं. कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने निवेशकों को अलग-अलग समय पर अपने मुनाफे में से डिविडेंड या लाभांश (Dividend) देती हैं. इनके शेयरों में निवेश कर निवेशक अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. उससे पहले ये समझ लेना जरूरी है कि डिविडेंड क्या होता है.

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क्या होता है डिविडेंड?

शेयर मार्केट की दुनिया में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो अपने शेयरधारकों को समय-समय शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें पर अपने मुनाफे में से हिस्सा देती हैं. मुनाफे के रूप में मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है. ऐसी कंपनियों के शेयरों को डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स कहा जाता है. हालांकि ये डिविडेंड देना या न देना किसी भी कंपनी का खुद का फैसला होता है. ये अनिवार्य नियम नहीं है. पीएसयू सेक्टर की कंपनियां अधिकतर अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं.

कैसे मिलेगा डबल मुनाफा?

किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश कर मुनाफा कमाने के दो तरीके होते हैं. पहला फायदा आपको तब होगा जब शेयरों में तेजी आएगी. और दूसरा यह कि कंपनी को जो भी मुनाफा हो शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें रहा है, कंपनी उसी मुनाफे से आपको हिस्सा देगी. शेयरों में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है. जब बाजार गिरता है तो निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं, इससे शेयरों के दाम घट जाते हैं. ऐसे वक्त में अगर आपने किसी डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रखा है तो आप ऐसे नुकसान के बीच में भी संभले रह सकते हैं.

डिविडेंड को भी बाजार के लिए अच्छा माना जाता है. डिविडेंड मिलने से बाजार का सेंटीमेंट पॉजिटिव बना रहता है. अगर आप ऐसी किसी कंपनी में निवेश करते हैं जो ज्यादा डिविडेंड देती है तो, आप अपने शेयर बेचे बिना भी अच्छी खासी इनकम कमा सकते हैं.

डिविडेंड कब मिलता है?

यह कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. कुछ कंपनियां साल में एक बार तो कुछ दो-तीन बार भी डिविडेंड देती हैं. डिविडेंड प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है. वित्त वर्ष के अंत में कंपनी अपने मुनाफे में से टैक्स और दूसरे खर्चों का पैसा अलग करने के बाद जो शुद्ध मुनाफा बनता है, उसमें से लाभांश अपने शेयरहोल्डर्स को देती है.

(ध्यान रखें यह डिविडेंड पर महज सामान्य जानकारी है, कोई भी निवेश करने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

Video : टेस्ला ने 75 प्रतिशत बिटकॉइन को बेचा, पूरे मामले पर जानिए एक्सपर्ट्स की राय

इन्वेस्टमेंट के ये 6 फॉर्मूले हर किसी को जानना है जरूरी

अगर आपने अब तक निवेश शुरू नहीं किया है तो चिंता की कोई बात नहीं है. पढ़ने और सीखने की तरह निवेश की भी कोई उम्र नहीं होती. यद‍ि आप देर से निवेश करना शुरू करते हैं तो यह सुनिश्चित जरूर कीजिए कि निवेश के लिए ऐसे प्लान का चुनाव करें, जो आपके बर्बाद हुए समय की क्षतिपूर्ति करने में मदद कर सकते हों.

इन्वेस्मेंट टिप्स

इन्वेस्मेंट टिप्स

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2022,
  • (Updated 14 फरवरी 2022, 4:50 PM IST)

पढ़ने और सीखने की तरह निवेश की भी कोई उम्र नहीं होती

लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करें

हर कोई अपने भव‍िष्य को सुरक्ष‍ित करने के ल‍िए क‍िसी ना क‍िसी रूप में न‍िवेश (Investment) करता है. अगर आप अपने निवेश का सफर शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी शेयर बाजार में निवेश करते वक्त ध्यान रखने वाली बातें शुरुआत अभी से करें. जाने माने निवेशक वारेन बफेट (Warren Buffett) भी इसी सिद्धांत में यकीन करते हैं और इसी का पालन भी करते हैं.

निवेश का सफर शुरू करने से पहले दो चीजों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. समय और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न यानी आरओआई (Return on Investment). जितने ज्यादा से ज्यादा समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगा. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करेंगे. आपको उस धनराशि को ध्यान में रखकर योजना बनानी होगी, जो आप निवेश के जर‍िये भविष्य में हासिल करना चाहते हैं. यहां निवेश के गणित के कुछ ऐसे शानदार टिप्स दिए जा रहे हैं, जिससे आपके लिए चीजें काफी साफ और आसान हो जाएंगी.

50-20-30 नियम
यह नियम उतना ही साफ है, जितना इसके नंबर. आपको अपनी रकम को तीन हिस्सों में बांटना होगा. टैक्स के बाद 50 फीसदी सैलरी को घरेलू खर्चों के लिए रखना होगा. 20 फीसदी को थोड़े-थोड़े समय पर पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा और 30 फीसदी का निवेश भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा.

15-15-15 नियम
ये नियम उनके लिए है, जो लंबी अवधि के निवेश में यकीन करते हैं. इसमें 15 हजार रुपए हर महीने ऐसे एसेट में 15 साल तक निवेश करने होते हैं, जो सालाना 15 फीसदी का रिटर्न दे. इक्विटी में किया गया निवेश इसके लिए उपयुक्त है. क्योंकि स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार ने हमेशा लंबी अवधि में 15 फीसदी रिटर्न देना सुनिश्चित किया है.

72 का नियम
यह नियम पैसे को दोगुना करने में लगने वाला समय बताता है. संभावित रिटर्न या ब्याज दर से 72 को भाग दें और देखें. एसआईपी (Systematic Investment Plan) में निवेश पर आपको 15% रिटर्न मिलता है, तो इसे डबल करने में लगने वाले समय को निकालने के लिए 72 को 15 से भाग दे सकते हैं, जो 4.8 साल के बराबर होगा.

114 का नियम
यह नियम रकम तिगुना करने में लगने वाले समय का हिसाब देता है. 114 को आप संभावित ब्याज दर से भाग देकर ये समय निकाल सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर निवेश से आपको सालाना 15 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 114 को 15 से भाग दीजिए, जो 7.6 साल के बराबर है.

144 का नियम
यह आपके निवेश को एक नए स्तर पर ले जाता है. यह रूल हमें रकम को चौगुना करने के समय के बारे में बताता है. 144 को संभावित आरओआई से भाग दीजिए. इसी उदाहरण से आप 144 को 15 से भाग दें. इससे आपको 9.6 वर्ष मिलेंगे. जी हां, आपके पैसे को चार गुणा करने में 9.6 साल का समय लगेगा.

100 माइनस उम्र
यह संपत्ति का आवंटन करने के संबंध में हैं. 100 में से अपनी उम्र को घटा दीजिए. जो नंबर आपको मिलेगा, वह प्रतिशत होगा, जिसका आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए. यह नियम इस पर आधारित है कि जितनी कम आपकी उम्र होगी, आपके जोखिम लेने की क्षमता उतनी ज्यादा होगी. इस अवधि में आपको जो घाटा होगा, आप उसकी भरपाई भी कर पाएंगे.

इन्वेस्टमेंट के ये 6 फॉर्मूले हर किसी को जानना है जरूरी

अगर आपने अब तक निवेश शुरू नहीं किया है तो चिंता की कोई बात नहीं है. पढ़ने और सीखने की तरह निवेश की भी कोई उम्र नहीं होती. यद‍ि आप देर से निवेश करना शुरू करते हैं तो यह सुनिश्चित जरूर कीजिए कि निवेश के लिए ऐसे प्लान का चुनाव करें, जो आपके बर्बाद हुए समय की क्षतिपूर्ति करने में मदद कर सकते हों.

इन्वेस्मेंट टिप्स

इन्वेस्मेंट टिप्स

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  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2022,
  • (Updated 14 फरवरी 2022, 4:50 PM IST)

पढ़ने और सीखने की तरह निवेश की भी कोई उम्र नहीं होती

लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करें

हर कोई अपने भव‍िष्य को सुरक्ष‍ित करने के ल‍िए क‍िसी ना क‍िसी रूप में न‍िवेश (Investment) करता है. अगर आप अपने निवेश का सफर शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी शुरुआत अभी से करें. जाने माने निवेशक वारेन बफेट (Warren Buffett) भी इसी सिद्धांत में यकीन करते हैं और इसी का पालन भी करते हैं.

निवेश का सफर शुरू करने से पहले दो चीजों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. समय और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न यानी आरओआई (Return on Investment). जितने ज्यादा से ज्यादा समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगा. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करेंगे. आपको उस धनराशि को ध्यान में रखकर योजना बनानी होगी, जो आप निवेश के जर‍िये भविष्य में हासिल करना चाहते हैं. यहां निवेश के गणित के कुछ ऐसे शानदार टिप्स दिए जा रहे हैं, जिससे आपके लिए चीजें काफी साफ और आसान हो जाएंगी.

50-20-30 नियम
यह नियम उतना ही साफ है, जितना इसके नंबर. आपको अपनी रकम को तीन हिस्सों में बांटना होगा. टैक्स के बाद 50 फीसदी सैलरी को घरेलू खर्चों के लिए रखना होगा. 20 फीसदी को थोड़े-थोड़े समय पर पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा और 30 फीसदी का निवेश भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा.

15-15-15 नियम
ये नियम उनके लिए है, जो लंबी अवधि के निवेश में यकीन करते हैं. इसमें 15 हजार रुपए हर महीने ऐसे एसेट में 15 साल तक निवेश करने होते हैं, जो सालाना 15 फीसदी का रिटर्न दे. इक्विटी में किया गया निवेश इसके लिए उपयुक्त है. क्योंकि स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार ने हमेशा लंबी अवधि में 15 फीसदी रिटर्न देना सुनिश्चित किया है.

72 का नियम
यह नियम पैसे को दोगुना करने में लगने वाला समय बताता है. संभावित रिटर्न या ब्याज दर से 72 को भाग दें और देखें. एसआईपी (Systematic Investment Plan) में निवेश पर आपको 15% रिटर्न मिलता है, तो इसे डबल करने में लगने वाले समय को निकालने के लिए 72 को 15 से भाग दे सकते हैं, जो 4.8 साल के बराबर होगा.

114 का नियम
यह नियम रकम तिगुना करने में लगने वाले समय का हिसाब देता है. 114 को आप संभावित ब्याज दर से भाग देकर ये समय निकाल सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर निवेश से आपको सालाना 15 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 114 को 15 से भाग दीजिए, जो 7.6 साल के बराबर है.

144 का नियम
यह आपके निवेश को एक नए स्तर पर ले जाता है. यह रूल हमें रकम को चौगुना करने के समय के बारे में बताता है. 144 को संभावित आरओआई से भाग दीजिए. इसी उदाहरण से आप 144 को 15 से भाग दें. इससे आपको 9.6 वर्ष मिलेंगे. जी हां, आपके पैसे को चार गुणा करने में 9.6 साल का समय लगेगा.

100 माइनस उम्र
यह संपत्ति का आवंटन करने के संबंध में हैं. 100 में से अपनी उम्र को घटा दीजिए. जो नंबर आपको मिलेगा, वह प्रतिशत होगा, जिसका आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए. यह नियम इस पर आधारित है कि जितनी कम आपकी उम्र होगी, आपके जोखिम लेने की क्षमता उतनी ज्यादा होगी. इस अवधि में आपको जो घाटा होगा, आप उसकी भरपाई भी कर पाएंगे.

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