मासिक लाभ गणना

1.शिक्षा उपकर-देय आयकर का 2%
2.माध्यमिक और उच्च शिक्षा उपकर-देय आयकर का 1%
3. सभी बचत 1,00,000 रु. तक करमुक्त है।
केंद्रीय क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यमों (सीपीएसई) में कर पूर्व लाभ (पीबीटी) की गणना और निष्पाीदन संबद्ध वेतन (पीआरपी) का संवितरण करने के प्रयोजन से अक्रिय नकदी/बैंक में बकाया राशियोंपर ब्याज की कटौती
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मासिक लाभ गणना
वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी टावर्स वाटसन द्वारा कराए गए ग्लोबल बेनीफिट्ïस एटीट्ïयूड्ïस सर्वे के अनुसार न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा लाभ और उपयुक्त सेवानिवृति बचत योजनाओं के बारे में अपर्याप्त जागरूकता की वजह से भारत में कर्मचारी मासिक लाभ गणना नियोक्ता-आधारित सेवानिवृति लाभ को अधिक महत्त्व देते हैं।
नागपुर निवासी आरपी त्रिवेदी का उदाहरण लेते हैं। उनके सेवानिवृत होने में छह वर्ष हैं और वह मासिक लाभ गणना इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि अब उनकी कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) की रकम का उनकी पेंशन में अधिक योगदान होगा। इस वजह से उन्हें अपनी सेवानिवृति के बाद के वर्षों के लिए अधिक बचत में मदद मिलेगी, क्योंकि वह विभिन्न पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से अभी तक अधिक बचत में सक्षम नहीं रहे हैं।
सितंबर से पेंशन की गणना के लिए मूल वेतन की सीमा संशोधित कर 15,000 रुपये प्रति महीने की गई है जो पहले 6,500 रुपये थी। हर महीने 12 फीसदी वेतन ईपीएफ खाते में जाता है और इतनी ही रकम का योगदान नियोक्ता करता है। नियोक्ता के योगदान में से 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जाता है जिसके तहत 58 साल की उम्र से पेंशन दी जाती है।
पेंशन गणना के लिए सीमा बढ़ाए जाने से कर्मचारी अब पहले की तुलना में दोगुना से भी अधिक बचत कर सकता है। कई वेतनभोगियों के लिए इससे सेवानिवृति बचत से जुड़ी अपनी चिंता को कुछ हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही ईपीएफ संगठन इस रकम पर 8.5 फीसदी का ब्याज देता है और यह पूरी तरह कर-मुक्त होता है।
संचय
मान लीजिए कि एक 35 वर्षीय कर्मचारी 25,000 रुपये के मूल वेतन के साथ 50,000 रुपये की सकल मासिक आय हासिल करता है। उसकी औसतन सालाना वेतन वृद्घि 10 फीसदी है और औसतन महंगाई 7 फीसदी होगी। उसका मासिक खर्च 30,000 रुपये है और वह 60 साल की उम्र में सेवानिवृत होगा। प्रमाणित वित्तीय योजनाकार (सीएफपी) मल्हार मजूमदार की गणना के अनुसार व्यक्ति को सेवानिवृति के बाद अपने जीवनयापन के लिए 3.67 करोड़ रुपये (सेवानिवृति के बाद 20 साल की अवधि को कवर किया गया है) की जरूरत होगी। यदि उसका नियोक्ता 15,000 रुपये की नई वेतन सीमा की गणना के तहत ईपीएफ के लिए 12 फीसदी की कटौती करता है तो व्यक्ति को सेवानिवृत्ति के बाद अगले 25 साल में 24.35 लाख रुपये की बचत करने में मदद मिलेगी। वह ईपीएस के तहत 5,355 रुपये की मासिक पेंशन के लिए भी सक्षम होगा। वहीं इसके विपरीत यदि उसके नियोक्ता ने 6,500 रुपये की पुरानी सीमा के तहत 12 फीसदी की कटौती की है तो उसे सिर्फ 10.55 लाख रुपये मिलेंगे और 2,320 रुपये की मासिक पेंशन हासिल होगी।
इसी तरह एक 40 वर्षीय व्यक्ति, या जिसकी सेवानिवृति में 20 साल बाकी हैं, के लिए नई वेतन सीमा की गणना के तहत 15.08 लाख रुपये मिलेंगे। उसे 4,284 रुपये की मासिक पेंशन हासिल होगी। तुलनात्मक रूप से, यदि वह पहले की गणना के दायरे में आता है तो उसे 6.50 लाख रुपये ही मिलेंगे और उसकी पेंशन महज 1850 रुपये प्रति महीने होगी।
जिस व्यक्ति के सेवानिवृत होने में अभी 15 वर्ष हैं, उसे 3.86 लाख रुपये की बचत करने में मदद मिलेगी और वह लगभग 1,300 रुपये की पेंशन का हकदार होगा। यह पुरानी वेतन गणना के तहत है। नई गणना के तहत उसे 8.92 लाख रुपये की बचत होगी और उसे 3,213 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। वहीं जिसकी सेवानिवृति में 10 साल बाकी हैं, उसे नई वेतन सीमा के तहत 4.82 लाख रुपये की बचत और 21 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। वहीं पुरानी गणना के तहत व्यक्ति 2.08 लाख रुपये की बचत करने और 1,000 रुपये प्रति महीने की पेंशन हासिल करने में सक्षम होगा।
वर्ष 2014 में मेलबर्न मर्सर ग्लोबल पेंशन इंडेक्स में भारत का स्कोर डी ग्रेड (35 और 50 के बीच) के साथ अपरिवर्तित बना हुआ है। इससे एक मजबूत व्यवस्था का संकेत मिलता है लेकिन इससे कुछ कमजोरियां भी जुड़ी हुई हैं। डी-ग्रेड वर्गीकरण अपेक्षाकृत भारत, चीन, इंडोनेशिया और कोरिया जैसे देश की सेवानिवृति आय प्रणाली के विकास के शुरुआती चरणों में भी देखा जा सकता है।
मजूमदार कहते हैं कि कई नियोक्ता वेतन के पूरे मूल हिस्से पर ईपीएफ के लिए 12 फीसदी काटते हैं। ऐसे मामले में, पहले की गणना की तुलना में, एकत्रित ईपीएफ काफी अधिक होगा। उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति सेवानिवृति से अभी 25 साल दूर है और 25,000 रुपये का मूल वेतन पाता है तो उसे 3.67 करोड़ रुपये की जरूरत की तुलना में 1.58 करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिलेगी और उसे 5,357 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। वहीं जिस व्यक्ति के सेवानिवृत होने में 20 साल शेष हैं उसे 1.35 करोड़ रुपये एकत्रित करने और 4,285 रुपये की मासिक पेंशन हासिल करने में मदद मिलेगी।
सेवानिवृति के बाद जरूरी रकम और बचत की गई रकम के बीच बड़ा अंतर मौजूद है। उदाहरण के लिए, जो कर्मचारी सेवानिवृति से 25 साल दूर हैं और नई पारिश्रमिक सीमा के तहत ईपीएफ में योगदान दे रहे हैं उन्हें 3.42 लाख रुपये की अन्य जरूरत होगी। यदि सेवानिवृति के वर्षों की संख्या कम हो तो यह अंतर और बढ़ जाता है।
प्रमुख वित्तीय योजनाकार सुरेश सदगोपन कहते हैं, 'कम ईपीएफ बचत इस समस्या की एक प्रमुख वजह है। दूसरी और बड़ी समस्या यह है कि ईपीएफ ग्राहक रकम निकालने का सिलसिला बरकरार रखते हैं। अध्ययन में पाया गया कि 80 फीसदी ईपीएफ खातों का बैलेंस सिर्फ 20,000 रुपये या इससे भी कम है।Ó
टावर्स वाटसन के वैश्विक सर्वे में कहा गया है कि भारत में ज्यादातर कर्मचारी 60 साल की उम्र में सेवानिवृत होते हैं, हालांकि वे सेवानिवृति की लंबी अवधि को सफलतापूर्वक पूरा करने को लेकर विश्वस्त नहीं होते हैं। इसके बावजूद विलंब से सेवानिवृति प्राथमिकता नहीं है, भले ही बचत में कमी महसूस की जा रही हो। सर्वे में शामिल ज्यादातर प्रतिभागियों का कहना है कि वे अधिक बचत को पसंद करेंगे। 40 साल से कम उम्र के प्रतिभागियों की वास्तविक बचत दर 16 फीसदी है जबकि उपयुक्त स्तर 24 फीसदी होना चाहिए। सर्वे में कहा गया है कि 40-49 वर्ष और 50 से अधिक के उम्र वर्ग में वास्तविक बचत दर 17 फीसदी पर है, लेकिन उपयुक्त स्तर 25 होना चाहिए।
जब 20-25 साल हों सेवानिवृति में
मजूमदार कहते हैं, 'सेवानिवृति फंड में 80 फीसदी इक्विटी निवेश होना चाहिए। शेष 20 फीसदी का निवेश आवंटन लंबी अवधि के बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में किया जाना चाहिए। यह रणनीतिक नजरिया है और ब्याज दर में उतार-चढ़ाव को देखते हुए इसमें बदलाव किया जा सकता है। अल्पावधि या अन्य लक्ष्य के लिए अलग प्रावधान की जरूरत होगी।Ó 25 वर्षों में 3.42 करोड़ रुपये कमाने के लिए आपको 10 फीसदी के सालाना प्रतिफल की दर को ध्यान में रखते हुए इक्विटी म्युचुअल फंड में हर महीने एसआईपी के जरिये कम से कम 25,000 रुपये का निवेश करने की जरूरत होगी। म्युचुअल फंड रेटिंग एजेंसी वैल्यू रिसर्च के अनुसार, इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंडों ने पिछले पांच वर्षों में 13.5 फीसदी का सालाना प्रतिफल दिया।
जब 10-15 साल हों सेवानिवृति में
सदगोपन कहते हैं, 'यह लंबी अवधि है और आप इक्विटी और संबद्घ योजनाओं में निवेश का आसानी से लाभ उठा सकते हैं। ऐसे लोगों को अपनी निवेश योग्य रकम का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी एमएफ या इक्विटी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) में निवेश करना चाहिए। शेष रकम सावधि मासिक लाभ गणना जमाओं और डेट म्युचुअल फंडों में लगाई जा सकती है।Ó 15 वर्षों में 3.42 करोड़ रुपये हासिल करने के लिए आपको 10 फीसदी के सालाना प्रतिफल की दर को ध्यान में रखते हुए एसआईपी के जरिये हर महीने इक्विटी एमएफ में कम से कम 82,500 रुपये निवेश करने की जरूरत होगी। ऐसे निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें सेवानिवृति से कम से कम पांच साल पहले रकम को इक्विटी से निकाल कर सुरक्षित डेट योजनाओं में लगाने की जरूरत होगी।
मासिक लाभ गणना
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बैंकिंग एवं कराधान
नवीन का वित्तीय वर्ष 2013-14 म .
नवीन का वित्तीय वर्ष 2013-14 में वार्षिक वेतन 7,20,000 रु. है। वह सामान्य भविष्य निधि में 4,000 रु. मासिक जमा करता है। 30,000 रु. राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश करता है। 20 हजार रु. वार्षिक जीवन बीमा की किस्त जमा करता है। अनाथ आश्रम में 15,000 रु. दान करता है जिसका 50% करमुक्त है, तो उसके द्वारा वर्ष के अंत में देय आयकर की गणना कीजिए। आयकर दरें निम्नानुसार हैं-
1.शिक्षा उपकर-देय आयकर का 2%
2.माध्यमिक और उच्च शिक्षा उपकर-देय आयकर का 1%
3. सभी बचत 1,00,000 रु. तक करमुक्त है।
मासिक लाभ गणना
पंकज की वार्षिक आय (मकान किराय .
पंकज की वार्षिक आय (मकान किराया भत्ता छोड़कर) 1,80,000 रूपये है। वह सामान्य भविष्य निधि में प्रतिमाह 1,000 रूपये तथा 500 रु. प्रतिमाह जीवन बीमा में निवेश करता है। आयकर की गणना कीजिए।
(i)
(ii) शिक्षा उपकार :- देय आयकर की राशि पर 3 प्रतिशत की दर से देय होगा।
Updated On: 27-06-2022
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Aap ko kya acha nahi laga
दोस्तों मैं सामने प्रश्न है पंकज की वार्षिक आय मकान किराया भत्ता छोड़कर ₹180000 व सामान्य भविष्य निधि में प्रतिमाह ₹1000 तथा ₹500 प्रतिमाह जीवन बीमा में निवेश करता है तो आए करके हमें गणना करनी है तो इसके लिए हमें आयकर के लिए सीमा दी गई है और शिक्षा उपकर का 3% कुल आय का 3% शिक्षकों का लगता है तो हमें यहां बताना आयकर की गणना तो इस आयकर की घटना दोस्तों हम सबसे पहले क्या करेंगे तो सबसे पहले हम यहां पर वार्षिक आय की गणना करेंगे सबसे पहले क्या निकालेंगे हम वार्षिक आय वार्षिक आय निकालने के बाद हम क्या करेंगे दूसरा हम निकालेंगे वार्षिक बचत जो बचत करती है वह आयकर में छूट मिलता है उसका तो हम क्या करते हैं उसके बाद हम कर कर के कर योग्य आय कर योग्य आय कर योग्य आय कैसे निकलती है वार्षिक आय में से वार्षिक बचत घटाकर कर योग्य निकलेगी फिर कर योग्य आय निकलने के पश्चात उस कर योग्य आय मासिक लाभ गणना में जितना पति से
हमें यहां पर दिया गैसीमा उसके हिसाब से हम निकाल लेंगे आयकर और आयकर के बाद हम अंतिम निकालेंगे कुल आयकर कूल आयकर कैसे निकलेगा कुल आयकर के लिए हमें शिक्षा उपकर को उस में आयकर का कितना प्रतिशत शिक्षकों का लगा उसे जोड़ना पड़ेगा कि हो जाएगा आयकर इन पांच बिंदुओं में हम इसे हल करेंगे तो सबसे पहला सबसे पहला जो वार्षिक आए हैं जो वार्षिक आय है पंकज कि वह कितनी है दिया गया है ₹180000 विकास की वार्षिक आय अब हमें क्यों निकाला दूसरा वार्षिक बचत हमें क्या चाहिए वार्षिक बचत मासिक बचत के लिए से हल करते हैं तो मासिक बचत पहला किस में बचत कर रहा है यह भविष्य निधि में सामान्य भविष्य निधि में वह ₹1000 प्रतिमाह तो भविष्य निधि में वार्षिक कितना हो जाएगा क्योंकि ₹1000 का प्रतिमा * 12
हो जाएगा ₹12000 वार्षिक ₹12000 क्या होगा वार्षिक भविष्य निधि में और जीवन बीमा में ₹500 प्रतिमाह जीवन बीमा में कितना हो जाएगा 500 गुणा 12 मी का 6000 तक कुल वार्षिक बचत कुल वार्षिक बचत कुल वार्षिक बचत कितनी आएगी मेरी भारताचे ₹18000 यह क्या हो गया मेरी वार्षिक बच्चे निकाला तीसरा कर योग्य आय ध्यान से देखें कर योग्य आय तो तीसरा निकाले थे कर योग्य आय यह कितना हो जाएगा हमारा हो जाएगा वार्षिक आय वार्षिक आयरन वार्षिक बचत वार्षिक आयरन वार्षिक बजट की क्या निकली कर योग्य तो देखे वार्षिक आय हमारी 180000 वार्षिक बजट कितने 18000n को घटाएं तो जाएगा एक लाख
₹62000 हो जाएंगे यह हो गया मारा कर योग्य आय तो अब कर योग्य आय मेरी राह में अब हमें करनी है तो आयकर की गणना करने के लिए देखिए दोस्तों जो हमारे पास कर ही होगे आए हैं उस कर योग्य आय में जो हमें छूट दी गई और सीमा दी गई है उसे हमें बढ़ाना होगा तो 162000 है इसकी आए तो यह कहा था ₹110000 तक पर छूट 162000 में 110000 पहले घटा देंगे 110000 उसके बाद जो हमें जो हमें बचेगा जो रुपए हमारे पास बचेंगे उन रुपयों में हम क्या करेंगे पहले 10% क्योंकि 110000 से 150000 तक कितने 10% उसके बाद 150000 से 150000 से क्या है ₹250000 तक 20% इस हिसाब से इसके करके गणना करेंगे तो दोस्तों 110000 से अगर यह कर योग्य आय कम होता तो हमें क्या होता है एक रूप
यहां पर कर नहीं देना पड़ता तो लेकिन हमारी आय कितनी 162000 जो एक लाख 150000 और 250000 के बीच में है तो इसमें जो 150000 से 200050 वर्ष तक तो 20% लगेगा लेकिन 110000 से 150000 तक 10% लगेगा तो देखिए कैसे हल करेंगे जो जगह 150000 से ₹110000 तक उसमें घटा देंगे इसको 150000 110000 बढ़ाएंगे उसमें क्या करेगा 10% धान अब कितना 162000 में 150000 घटाने पर जितना भी आएगा उसका 20% हो जाएगा 150000 - 40000 गुना 10 बटा सॉन्ग 2020 मासिक लाभ गणना कड़िया घर विदेशों में कट गया धान 162000 में 150000 घटाने के लिए 12000
* 20 बटा 100 का भी दोस्तों निकट जाएगा यहां पर कितना आ जाएगा इसे हल करेंगे तो यहां पर 400 * 10 सैनिक 4120 * 24 920 तो 24 तो कितना हो गए यह हो गया ₹4400 4000 से ₹6400 हो गए हमारा आएगा लेकिन यह आयकर होता लेकिन क्योंकि हमें भुला देंगे इस आयकर पर जितना भी आयकर उस पर एक शिक्षा उपकर भी लगता है तो पांचवा बिंदु हमारा क्या हो जाएगा शिक्षा उपकर शिक्षा उपकर शाम का निकाल लेंगे कुल आयकर तो कुल आयकर कूल आयकर क्या हो जाएगा हो जाएगा आयकर धन हाय कर धन आयकर का 3% कर का 3% शिक्षा उपकर है तो यह हो जाएगा आयकर कितना a6400 दर 6400 गुना 3 बटा 72 सिंह
खड़िया 64 को 3 से गुणा करेंगे तो कितना मिलेगा यह जाओ 6464 * 3 तो यह आएगा दोस्तों 192 तो कितना आ गया यह आगे 6592 रुपये यह हो जाएंगे हमारी कुल आयकर यही हमें ज्ञात करना था धन्यवाद