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निवेश रणनीति

निवेश रणनीति
इंडेक्स फण्ड में जैसे ही निवेश होता है लोगों का उस सेक्टर की सभी अच्छी कंपनियों में एक साथ निवेश हो जाता है। कई बार निवेश रणनीति कम पैसे में यह संभव नहीं होता है, लेकिन इंडेक्स फण्ड ऐसा मौका देते हैं। ऐसी गिरावट इस तरह के फण्ड में निवेश की शुरूआत के लिए अच्छा समय है। कुछ पैसा एक साथ निवेश करके धीरे-धीरे इस निवेश को बढ़ाते रहना चाहिए। क्योंकि लम्बे समय में इंडेक्स आगे बढ़ता ही है ऐसे में फण्ड का प्रदर्शन भी सुधरता जाता है। जिससे बाद में अच्छा रिटर्न मिलता है।

कोविड हाहाकार के बीच शेयर बाजार मालामाल?अब क्या हो निवेश की रणनीति

दूरगामी-परिभाषित रणनीति के साथ करें निवेश

एक निवेशक के तौर पर आप एक जादू की छड़ी चाहेंगे, जो आपके निवेश से उस तरह के लाभ दिलवा सके, जो आप चाहते हैं। चूंकि यह संभव नहीं है, इसलिए दूसरा बढि़या माध्यम निवेश रणनीति है सफल निवेशकों की नकल करना या उनके निवेश को देख कर अपने निवेश करना। पर निवेश की दुनिया में यह अनिवार्य नहीं है कि जो निवेश विकल्प किसी व्यक्ति विशेष के लिए सही साबित हुए हैं, वही आपके लिए भी उसी प्रकार सफल साबित होंगे। ऐसा इसलिए है, क्योंकि निवेश से अर्जित रिटर्न विभिन्न कारकों जैसे जोखिम लेने की क्षमता, आपके प्रारंभिक प्रवेश मूल्य, निवेश की गई राशि, दीर्घकालिक या अल्पकालिक दृष्टिकोण और आपकी निवेश योग्य राशि पर निवेश रणनीति निर्भर करता है।

लेखक : करुणेश देव

निवेशकों की कुछ आदतें, जिन्हें अपनाकर कोई भी पा सकता है अच्छा लाभ

अपनी अलग शैली : सफल निवेशक एक दूरगामी, सोची-समझी एवं परिभाषित निवेश रणनीति रणनीति के अनुसार चलते हैं। इनके निवेश तथा वित्त प्रबंधन के तौर तरीके अलग हो सकते हैं, किंतु इन सफल और प्रतिष्ठित निवेशकों में कुछ लक्षण हैं, जो समान हैं। आइए देखते हैं कि ये कौन सी आदतें हैं, जिन्हें आप भी अपना सकते हैं।

छोटी अवधि की निवेश की रणनीति

मॉट वेल्थ एडवायजर्स के चीफ एग्जेक्यूटिव ऑफिसर और फाउंडर अभिषेक गुप्ता कहते हैं, 'कम आमदनी वालों के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों की सावधि जमा योजनाएं बेहतर निवेश विकल्प हैं। खासकर, कम आमदनी वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए।' बैंकों के एफडी से तीन महीने से अधिक लेकिन एक साल से कम निवेश रणनीति अवधि पर 7-9 फीसदी का प्री-टैक्स रिटर्न मिल सकता है। अगर आपने किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में एफडी करा रखा है, तो यह सॉवेरन गांरटी की तरह है। ऐसे में अगर आप दिमागी शांति बनाए रखते हुए थोड़ा रिटर्न चाहते हैं तो आप इस विकल्प पर विचार कर सकते हैं।

निवेशक कंपनियों के छह महीने निवेश रणनीति के एफडी पर भी विचार कर सकते हैं, जिनमें अच्छा यील्ड मिलता है। हालांकि, अधिकतर जानकारों का कहना है कि कंपनियां ऐसे डिपॉजिट पर सालाना 10 फीसदी ब्याज इसलिए दे रही होती हैं क्योंकि उनके निवेश रणनीति पास नकदी की किल्लत होती है। इसके अलावा, बिना रेटिंग वाली कंपनी में निवेश पर जोखिम ज्यादा होता है। अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हों तो म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहतर होगा।

निवेश के लिए बनाएं फिर से रणनीति

निवेश के लिए बनाएं फिर से रणनीति

शेयर बाजार में गिरावट आते ही लोग निवेश की सलाह देने लगते हैं। अच्छे से निवेश रणनीति अच्छे शेयर गिरावट में जमीन पर आ जाते हैं। इस वक्त भी ऐसा ही हाल है। लेकिन निवेशकों की समस्या है कि कौन सा शेयर खरीदें जो बाजार सुधरते ही सबसे पहले ऊपर जाए। ऐसा बता पाना काफी कठिन काम है, लेकिन इंडेक्स फण्ड ऐसे समय में काम आ सकते हैं।

इंडेक्स फण्ड अपने इंडेक्स की कई अच्छी कंपनियों को लेकर बनाया जाता है। जैसे अगर किसी फण्ड का बैंचमार्क बैंक है तो यह बैंकिंग शेयरों में निवेश करेगा। इसी तरह ढेर सारे इंडेक्स फण्ड बाजार में हैं। बस निवेशकों को करना यह है कि वह अपनी पसंद का सेक्टर चुने फिर उस सेक्टर से संबंधित इंडेक्स फण्ड।

निवेश के लिए बनाएं फिर से रणनीति

निवेश के लिए बनाएं फिर से रणनीति

शेयर बाजार में गिरावट आते ही लोग निवेश की सलाह देने लगते हैं। अच्छे से अच्छे शेयर गिरावट में जमीन पर आ जाते हैं। इस वक्त भी ऐसा ही हाल है। लेकिन निवेशकों की समस्या है कि कौन सा शेयर खरीदें जो बाजार सुधरते ही सबसे पहले ऊपर जाए। ऐसा बता पाना काफी कठिन काम है, लेकिन इंडेक्स फण्ड ऐसे समय में काम आ सकते हैं।

इंडेक्स फण्ड अपने इंडेक्स की कई अच्छी कंपनियों को लेकर बनाया जाता है। जैसे अगर किसी फण्ड का बैंचमार्क बैंक है तो यह बैंकिंग शेयरों में निवेश करेगा। इसी तरह ढेर सारे इंडेक्स फण्ड बाजार में हैं। बस निवेशकों को करना यह है कि वह अपनी पसंद का सेक्टर चुने फिर उस सेक्टर से संबंधित इंडेक्स फण्ड।

शेयर बाजार की हालिया चाल:

देश में कुल कोविड मामले और मृत्यु का आंकड़ा अपने शिखर के करीब है. इसके बावजूद बीते 2 हफ्तों में शेयर बाजार चढ़ा है. 30 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में निफ्टी नेट आधार पर 2.02% मजबूत हुआ था. वहीं, 7 मई को समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते में भी NSE निफ्टी 1.31% चढ़ा. इन दोनों हफ्तों में सर्वाधिक चढ़ने वाले शेयरों ने करीब 17% और 14% तक का बड़ा मुनाफा भी बनाया था. बाजार में लगातार कई शेयर अपना नया निवेश रणनीति शिखर बना रहे हैं. मंगलवार 11 मई को टूटने से पहले बाजार में 4 दिनों की तेजी देखी निवेश रणनीति गई थी. आखिरी दो दिनों में बाजार के वैल्यूएशन में सुधार आया है.

बाजार के तेजी के निवेश रणनीति पीछे कुछ अहम वजहें हैं. मार्च तिमाही के वित्तीय रिजल्ट्स में ज्यादातर कंपनियों का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है. बीते हफ्ते RBI ने अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए कुछ अहम घोषणाएं भी की थी. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के निरंतर आगे बढ़ने से भी निवेशकों द्वारा मार्केट में अच्छी खरीदारी की जा रही है.

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