उपयोगी लेख

टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है?

टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है?
हमारे दैनिक जीवन में चीजों को घटित करने के लिए इंटरनेट जिम्मेदार है।इसने दुनिया को छोटा करने में बहुत मदद की है। भारत में इंटरनेट की जरूरत पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ गई है। हमने पिछले दो वर्षों में स्मार्ट फोन और इंटरनेट के उपयोग में भारी उछाल देखा है। यह उस स्तर तक भी पहुंच गया है जहां अधिकांश भारतीयों के पास स्मार्ट फोन, डेटा और संचार(कम्युनिकेशन) सेवाओं की बढ़ती मांग के साथ, बेहतर और अधिक सुरक्षित वायरलेस नेटवर्क की आवश्यकता कभी अधिक नहीं रही है। दो टेक्नोलॉजी के बीच सहसंबंध (को-रिलेशन) के कई लाभ हैं, जो इसे भारत में IoT के विकास के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। यदि उपयोग बढ़ता रहता है, तो निश्चित रूप से यह टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? पूरे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। उदाहरण के लिए, हमारी कारों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया है।लेकिन यह केवल स्वचालन(ऑटोमेशन) और टेक्नोलॉजी के बारे में नहीं है बल्कि सेंसर के माध्यम से फूड चेन मैनेजमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके क्रॉप फोरकास्टिंग भी करना हैं।

Healthy Life

टेक्नोलॉजी के नुकसान निबंध | Technology ke nuksan in hindi

टेक्नोलॉजी यानि ऐसी तकनीक जिससे हमारा जीवन सरल, सुगम बनता है। वैसे तो टेक्नोलॉजी का प्रभाव सभी जगह है लेकिन शहरो में रहने वाले व्यक्ति के जीवन में टेक्नोलॉजी का अधिक असर होता है। Technology ने मनुष्य को दिमागी स्तर पर अति संवेदनशील बना दिया है लेकिन भावुकता कम हो गयी है।

टेक्नोलॉजी की वजह से शहरी जीवन घड़ी की सुइयों पर भागने लगा है। हर आदमी घड़ी के हिसाब से चलता है। टाइम में ट्रेन चलती है, टाइम टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? से ऑफिस शुरू होता है, टाइम पर पानी आता है। Time का गुलाम है बन गया है आदमी। इस भागदौड़ ने व्यक्ति को भावनाशून्य सा बना दिया है।

गाँव में भी लोग समय के पाबंद होते है पर समय सुबह, दोपहर, शाम, रात मुख्यतः इन चार भागो में बटा होता है। गाँव की व्यवस्था पर टेक्नोलॉजी ने इतना गहरा असर नही डाला है, जितना कि शहरों में।

शहरों में समय पर बिल न जमा करने पर बिजली चले जाने का डर, पानी चले जाने का डर, ट्रैफिक में फँसने से समय पर गंतव्य न पहुँच पाने का डर। ऐसे कई बातें आदमी का ध्यान घेरे रहती है। इन सब के बीच खुद के लिए समय नही निकाल पा रहा है, उसके पास ये जानने का समय भी नहीं कि उसके पड़ोस में कौन रहता है ?। टेक्नोलॉजी ने मनुष्य की मानसिक स्थिति को बहुत प्रभावित किया है।

Essay on Disadvantages of technology in hindi –

हम टेक्नोलॉजी के मालिक है और टेक्नोलॉजी हमारी गुलाम। हम इनपर इतना अधिक आश्रित हो गए हैं कि टेक्नोलॉजी हमें कंट्रोल करने लगा है। क्या हो अगर मालिक नौकर की गुलामी करने लगे तो ? वो उस से चिपका बैठा रहे बस उसकी सुने तो ? व्यवस्था गडबडा जाएगी। टेक्नोलॉजी से बस काम भर लो, रिश्ता मत जोड़ो ये ऐसे गुलाम है। क्योंकि हम जीते जागते इंसान है रोबोट नहीं।

हम इन सब के इतना अभ्यस्त हो गए हैं कि इनके बिना हमें खालीपन लगता है। किताबें पढना ,खेलना, शौक पूरे करना इत्यादि लोग टीवी, इन्टरनेट से पहले किया करते थे। लोग अब भी करते है पर संख्या कम हो गयी है। पढना, खेलना ये सब कार्य आदमी अपनी शारीरिक शक्ति और इच्छाशक्ति जितना करता है। मोबाइल में क्या है बस उँगलियाँ घुमाते रहो, खेलते रहो दिन रात।

Life balance image

आईटी सेक्टर के शेयर कर रहे हैं अच्छा प्रदर्शन, जानिए- क्या इस टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? वक्त पैसा लगाना ठीक रहेगा?

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 17 Jul 2020 12:48 PM (IST)

कोरोना वायरस संक्रमण से इकनॉमी को लगे गहरे धक्के ने लगभग हर सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसलिए शेयर बाजार में निवेशकों की गतिविधियां सीमित हो गई हैं. संकट के इस दौर में सिर्फ टेक्नोलॉजी शेयरों में उम्मीद की किरण दिख रही है. शुक्रवार को इन्फोसिस के नेतृत्व में टेक्नोलॉजी शेयरों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया. इन्फोसिसस 9.6 फीसदी बढ़ कर एनएसई में 910 रुपये पर बंद हुआ.

आईटी सेक्टर के शेयरों में निवेशकों का भरोसा बढ़ा

दरअसल अनिश्चित आर्थिक माहौल में निवेशक भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों की क्षमता के प्रति आशावान हैं. उन्हें लग रहा है कि इस दौर में उनकी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट क्षमता बरकरार रहेगी और वे लागत को भी काबू में रख सकेंगी. सॉफ्टवेयर कंपनियों के शेयरों में निवेशकों के भरोसे का ही नतीजा है कि शुक्रवार को निफ्टी आईटी इंडेक्स फरवरी 2003 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर बंद हुआ. आईटी इंडेक्स में 2.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 16,926.05 पर पहुंच गया. टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस के शेयर थोड़े चढ़ कर 2,233 रुपये पर पहुंच गए. वहीं एलएंडटी इन्फोटेक, माइंड ट्री और एम्फेसिस के शेयरों में 3 से 5 फीसदी की बढ़ोतर दर्जकी गई. एचसीएल टेक्नोलॉजिज के शेयर तीन फीसदी चढ़ कर 634 रुपये पहुंच गए. हालांकि विप्रो में 0.6 फीसदी में गिरावट आई और यह 261.25 पर बंद हुआ.

टेक्नोलॉजी से अपने व्यवसाय को कैसे बनाए सफल

Nitika Ahluwalia

टेक्नोलॉजी एम्पलोयी के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, जो की इनोवेशन को बढ़ावा देती है। टेक्नोलॉजी समय की शुरुआत से ही आसपास रही है। इसने लोगों को उन टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? समस्याओं को हल करने में मदद की जिन्हें हल करना बहुत ही मुश्किल होता था। इनमें से कुछ समस्याएं आज भी हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं, और हम अभी भी उन्हें हल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।हालाँकि, टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ समस्या यह है कि उनमें से कई आपको अपनी समस्या को ठीक करने के लिए जरूरी सर्विस को नहीं देती हैं। वे बस खुद को "एकमात्र समाधान" के रूप में अपने आपको बनाते हैं और यदि आप उन्हें वास्तविक समाधान देने में सक्षम टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? होते हैं, तो आप ऊंचाइयों को छू सकते है।

Paytm के शेयर 6 महीने के हाई पर लेकिन मैनेजमेंट की बात पर बाजार को भरोसा नहीं

घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को भी कंपनी के अगले 5 तिमाहियों में मुनाफे में आने के ऐलान पर भरोसा नहीं है। हालांकि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस स्टॉक को Buy रेटिंग दिया है

भारत का सबसे बड़ा फाइनेशियल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप और पेटीएम ब्रैंड नेम से कारोबार करने वाला One 97 Communications पटरी पर आता नजर आ रहा है। 5 अगस्त को आए कंपनी के नतीजे कुछ ऐसे ही संकेत दे रहे हैं। 2022 में ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में आई गिरावट के चलते तमाम स्टार्टअप आलोचकों के रडार पर आ गए और लोगों का ध्यान इस बात की तरफ चला गया कि टेक्नोलॉजी आधारित नए जमाने की कंपनियां मुनाफे में आने के लिए क्या कर रही हैं। टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? ऐसा लगता है कि पेटीएम बाजार के इस नजरिए को समझ गया है।

05 अगस्त को आए कंपनी के पहले तिमाही के नतीजे लगभग सभी मोर्चों पर उम्मीद से बेहतर रहे हैं। इस अवधि में कंपनी के पूरे कारोबार में फाइनेंशियल सर्विसेज कारोबार का हिस्सा बढ़ता नजर आया है। ये तिमाही आधार पर 12 फीसदी से बढ़कर 16 फीसदी पर पहुंच गया है।

वार्षिक रिपोर्ट: यह किसी कंपनी के मूल्यांकन को कैसे प्रभावित करती है

कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट कंपनी से जुड़े आंतरिक कारकों की जानकारी देती है। लेकिन सिर्फ टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? यही कारक कंपनी के मूल्य को प्रभावित नहीं करते। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट और आंतरिक पहलुओं के बाहर भी एक दुनिया है, या यूँ कहें, कि इनके अलावा भी कई अहम कारक हैं। और इस अध्याय में हम उन्ही के बारे में पढ़ेंगे। हम बहुत से बाहरी कारकों के बारे में ध्यान से पढ़ेंगे और ये समझने की कोशिश करेंगे कि वे कंपनी के मूल्यांकन को कैसे प्रभावित करते हैं। तो चलिए, शुरू करते हैं।

बाज़ार की मौजूदा परिस्थियाँ

कंपनी जिस उद्योग के अंतर्गत काम करती है, उस उद्योग की बाज़ार परिस्थितियों का कंपनी के मूल्यांकन पर गहरा असर पड़ता है। बाज़ार की मौजूदा परिस्थितियों या करेंट मार्केट सिनारियो, में बहुत सारे कारक शामिल होते हैं, जैसे उद्योग की मांग ,बाज़ार का साइज़, उद्योग को नियंत्रित करने वाली नीतियाँ, और व्यापक ग्लोबल परिस्थितियाँ। चलिए एक-एक कर, इन कारकों के बारे में जानते हैं।

उद्योग की मांग

अगर एक कंपनी किसी ऐसे उद्योग के अंतर्गत काम करती है जो अभी ट्रेंड में चल रहा है या आमतौर पर बाज़ार में जिसकी डिमांड बनी रहती है, तो उसका मूल्यांकन, किसी टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? दूसरे उद्योग के अंतर्गत काम कर रही, उसी साइज़ की, बाकी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उस कंपनी को उद्योग के प्रोडक्ट की बढ़ती डिमांड और उस उद्योग में बढ़ते निवेश का फायदा मिलता है।

उद्योग में होने वाली अप्रत्याशित घटनाएँ

आमतौर पर, निवेशक अनिश्चित और अप्रत्याशित घटनाओं को पसंद नहीं करते है। इस तरह की घटनाएँ व्यवसाय को पटरी से उतार देती हैं और इससे बिज़नेस को नुकसान पहुँचता है, और इसी वजह से कंपनी का मूल्यांकन कम होता है। लेकिन यह भी सही नहीं है कि सभी अकस्मात घटनाओं से मूल्यांकन में हमेशा कमी ही आती है। एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, जिस घटना से किसी इंडस्ट्री को नुकसान होता है वही घटना किसी दूसरी इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद हो सकती है।

उदाहरण के लिए हम एयरलाइन इंडस्ट्री और मेडिकल इंडस्ट्री को लेते है। कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में, सभी एयरलाइनों की सभी उड़ानों पर अनिवार्य रूप से पहले हफ्तों और फिर महीनों के लिए रोक लगा दी गयी। इससे सभी एयरलाइंस को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि उन्हें तो अभी भी कर्मचारियों को सैलरी , हवाई जहाज़ों की लीज़, और हैंगर किराए जैसी स्थायी खर्च का भुगतान तो करना ही पड़ रहा है। ज़्यादातर एयरलाइंस ने अपने कई कर्मचरियों को कंपनी से निकाला है ताकि उनके खर्चों में कमी आ सके। इस अकेली अकस्मात घटना की वजह से टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? एयरलाइन कंपनी के मूल्यांकन में बहुत ज्यादा गिरावट आई है।

नए प्रतियोगियों का मार्केट में आना

एक और कारक जो किसी कंपनी की वैल्यूशन को प्रभावित करता है, वह है नए प्रतियोगियों का बाज़ार में आना। आमतौर पर, नए प्रतियोगियों के पास कुछ अहम फायदे तो होते ही है। उनके पास इंडस्ट्री और उपभोक्ताओं टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? का अच्छे से विश्लेषण करने का समय होता है। इसीलिए जब वह अपना बिज़नेस शुरू करते हैं तो वह सभी कारकों को ध्यान में रखकर बिलकुल सही तरीके से शुरुआत करते हैं। और जब भी कोई नया प्रतियोगी बाज़ार में कदम रखता है तो उसके पास लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का फायदा भी होता है जो उन्हें मौजूदा खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा अच्छे तरीके से काम करने में मदद करता है।

उदाहरण के लिए रिलायंस जियो लिमिटेड को लेते हैं, टेलिकॉम सेक्टर में उन्होंने बहुत देरी से एंट्री ली थी। पर फिर भी, अगर हम एक्टिव यूज़र-बेस को आधार रखकर देखें, तो वह पिछले कुछ ही वर्षो टेक्नोलॉजी ने बाजार को कैसे प्रभावित किया है? में नंबर एक पर पहुँच गई है। अच्छी खासी पूंजी वाले जियो ने, टेलीकॉम सेक्टर में काफी कम लागत वाली स्कीमों साथ-साथ, अत्याधुनिक 4जी टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया जिससे उनका कस्टमर बेस और मज़बूत हो गया।

रेटिंग: 4.21
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 314
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *