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म्युचुअल फंड के प्रकार

म्युचुअल फंड के प्रकार

Focused Fund- फोकस्ड फंड

क्या होता है फोकस्ड फंड?
फोकस्ड फंड (Focused Fund) म्यूचुअल फंड निवेश का एक वर्ग होता है, जिसमें स्टॉक के छोटे प्रकार शामिल होते हैं। इस निवेश स्कीम के साथ, फंड विभिन्न इक्विटी पोजिशनों के विविध मिक्स्चर की जगह केवल कुछ क्षेत्रों के सीमित वैरिएशन में केंद्रित होते हैं। ये फंड अधिकतर अपनी पोजिशन लगभग 20-30 कंपनियों में होल्ड करते हैं, जबकि अन्य फंड 100 से अधिक कंपनियों में अपनी पोजिशन होल्ड करते हैं। स्टॉक खरीदने के लिए सीमित संख्या में कंपनियों को चुनने के मैनडेट के कारण इन फंडों को ‘सर्वश्रेष्ठ आइडिया फंड' के नाम से भी जाना जाता है। फोकस्ड इक्विटी फंड निवेश आम तौर पर वरिष्ठ निवेशकों तथा उच्च जोखिम लेने वाले व्यक्तियों के लिए होते हैं।

फोकस्ड फंड का क्या उद्देश्य है?
साधारण म्युचुअल फंडों में निवेश करने के मुख्य लाभों में इक्विटी निवेशों में विविधता को बढ़ाना है। अधिकांश म्युचुअल फंड बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनमें प्रत्येक सिक्योरिटी को चुनने के झंझट से निवेशकों को बचाने के लिए पूर्व-निर्धारित भारांक होते हैं। अब जहां यह विविधीकरण जोखिमों और अस्थिरता को कम करने के जरिए निवेशकों को उनके रिटर्न को अधिकतम बनाने में सहायता करता है, वहीं वे कुछ कमियां भी प्रस्तुत कर सकते हैं। उदाहरण म्युचुअल फंड के प्रकार के लिए जब निवेश विभिन्न सेक्टरों और कंपनियों में फैला रहता है, उनसे प्राप्त रिटर्न भी सीमित हो सकता है क्योंकि सभी कंपनियों का प्रदर्शन एक ही समय बहुत अच्छा नहीं हो सकता। फोकस्ड म्यूचुअल फंडों का मुख्य उद्देश्य सावधानीपूर्वक शोध किए गिए गए इक्विटी और डेट फंडों की सीमित संख्या के बीच अपनी होल्डिंग्स को आवंटित करना है।

भले ही ये फंड वैसे लाभ प्रस्तुत नहीं करते जो फंडों के विविधीकरण के साथ आता है, वे उन लाभों पर भरोसा करते हैं जो सावधानीपूर्वक शोध किए गिए गए स्टॉक के साथ आते हैं। इस प्रकार, इन फंडों से रिटर्न को अधिक अस्थिर समझा जाता है। वे म्युचुअल फंडों की तुलना में अधिक जोखिम भरे होते हैं जो बड़ी संख्या में स्टॉक में निवेश करते हैं लेकिन वे उच्च रिटर्न भी प्रदान करते हैं। उन्हें ‘कंसंट्रेटेड फंड' या ‘अंडर-डायवर्सिफायड' फंड के नाम से भी जाना जाता है।

5 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले ये 5 म्यूचुअल फंड!

aajtak.in

अगर आप थोड़ा रिस्क लेने के लिए सक्षम हैं तो फिर म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. दरअसल, जिन लोगों को शेयर बाजार की जानकारी होती है, उन्हें म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह दी जाती है. लेकिन म्यूचुअल फंड्स में निवेश से पहले फंड का चयन बेहद अहम होता है.

म्यूचुअल फंड में निवेश

म्यूचुअल फंड की भीड़ में आप किस फंड में निवेश करें, इसके लिए वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. वैसे तमाम ऐसे म्यूचुअल फंड्स ने जिसने पिछले कुछ सालों में बेहतर रिटर्न दिया है. म्यूचुअल फंड्स को लार्ज-कैप फंड्स, मिड-कैप फंड्स, स्मॉल-कैप फंड्स, फ्लेक्सि-कैप फंड्स और ELSS की कैटेगरी में रखा जाता है. पिछले 5 वर्षों में शानदार रिटर्न देने वाले ये 5 म्यूचुअल फंड्स हैं. (Photo: Getty Images)

एक्सिस ब्लूचिप फंड (लार्ज-कैप)

1. एक्सिस ब्लूचिप फंड (लार्ज-कैप)
एक्सिस म्यूचुअल फंड का निवेश ब्लू चिप स्टॉक्स या बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स में जाता है. इस म्यूचुअल फंड ने पिछले 5 वर्षों में 23.45% सालाना के हिसाब से रिटर्न दिया है. इस फंड में आप 1000 रुपये SIP की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)

केनरा रोबेको ब्लूचिप इक्विटी फंड (लार्ज-कैप)

2. केनरा रोबेको ब्लूचिप इक्विटी फंड (लार्ज-कैप)
केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड आठ वर्ष पहले शुरू हुई थी. इसने भी पिछले 5 वर्षों में बेहतर रिटर्न दिया है. इसने SIP पर पिछले 5 साल में सालाना 22.14 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसका AUM 3,691.25 करोड़ रुपये है.

PGIM India Mid-Cap Opportunities Fund

3. PGIM India Mid-Cap Opportunities Fund
PGIM इंडिया मिड-कैप ऑर्प्च्यूनिटीज फंड ने पिछले 5 वर्षों में SIP पर 33.21% के हिसाब से रिटर्न दिया है. इसका AUM 2,383.38 करोड़ रुपये का है. (Photo: Getty Images)

एक्सिस मिड-कैप फंड

4. एक्सिस मिड-कैप फंड: यह म्यूचुअल फंड अधिक ग्रोथ की संभावना रखने वाली कंपनियों में म्युचुअल फंड के प्रकार निवेश करता है. इसका AUM 13,834.27 करोड़ रुपये का है. पिछले 5 वर्षों में SIP पर इस फंड 26.27 फीसदी के हिसाब से रिटर्न दिया है. (Photo: Getty Images)

 निप्पॉन इंडिया स्मॉल-कैप फंड

5. निप्पॉन इंडिया स्मॉल-कैप फंड
यह स्मॉल-कैप कंपनियों में इनवेस्ट करता है. अगर आप थोड़ा ज्यादा रिस्क लेने के लिए तैयार हैं तो फिर इस फंड में निवेश कर सकते हैं. पिछले म्युचुअल फंड के प्रकार पांच वर्षों में इस फंड ने SIP पर 28.22 फीसदी का रिटर्न दिया है. (नोट: निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें) (Photo: Getty Images)

Mutual Fund: कौन सा म्यूचुअल फंड देगा लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा, क्या आपको पता है

Mutual Fund: कौन सा म्यूचुअल फंड देगा लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा, क्या आपको पता है

डीएनए हिंदी: अगर आप निवेशक हैं तो कहां निवेश (Investment) करना है इस पर स्टडी करना बहुत जरूरी है. निवेश के क्षेत्र में म्यूचुअल फंड बेहतर ऑप्शन है. निवेशक कम उम्र से म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर म्युचुअल फंड के प्रकार सकता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सभी प्रकार के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छे निवेश साधनों में से एक है. हालांकि म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड है इसलिए यह थोड़ा असुरक्षित भी माना जाता है, लेकिन अगर आप म्यूचुअल फंड में तरीके से और लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करते हैं तो यह बेहतर मुनाफा भी देता है.

म्यूचुअल फंड में निवेशक शोर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं. इन लक्ष्यों के लिए एमएफ के पास अलग-अलग कैटेगरी के फंड होते हैं. आपके लिए भी हम सुझाव देंगे कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को परिभाषित करें और फिर उसी के मुताबिक निवेश करें. आप इस स्तर पर और अधिक पैसा बनाने को अपना लक्ष्य मान सकते हैं और बाद के चरण में विभिन्न लक्ष्यों के लिए संचित कोष का उपयोग करने की योजना बना सकते हैं.

पोर्टफोलियो बनाते वक्त एग्रेसिव एप्रोच जरूरी

जैसे ही आप नौकरी करना शुरू करते हैं आप अपने पोर्टफोलियो के निर्माण में थोड़ा एग्रेसिव एप्रोच अपना सकते हैं. आप मुख्य रूप से लार्ज, लार्ज (Large-Cap) और मिड कैप (Mid-Cap) और फ्लेक्सी कैप फंडों (Flexi Cap Fund) में अपने निवेश में विविधता ला सकते हैं. आप मिड कैप फंड (Mid-Cap Fund) में निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. हालांकि शुरुआत में आवंटन को 10% तक सीमित रखा जा सकता है. फंड और फंड हाउस में निवेश को अच्छी तरह से विविधतापूर्ण रखने के लिए, आप निवेश के समय (Time of Investment) एक फंड में 15-20% तक के आवंटन पर विचार म्युचुअल फंड के प्रकार कर सकते हैं.

इन म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं

यहां हम कुछ बेहतर फंड्स के बारे में बता रहे हैं जिनमें आप लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं - कोई भी निफ्टी इंडेक्स फंड (Nifty Index Fund) (18%), केनरा रोबेको ब्लूचिप फंड (Canara Robeco Bluechip Fund) (18%), पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड (Parag Parikh Flexi Cap Fund) (18%), मिरे इमर्जिंग ब्लूचिप फंड (Mirae Emerging Bluechip Fund) (18%), IIFL फोकस्ड इक्विटी फंड (IIFL Focused Equity Fund) (18%) और कोटक इमर्जिंग इक्विटी फंड )Kotak Emerging Equity Fund) (10%).

कई निवेशक हर साल अपने एसआईपी ( SIP) को आगे बढ़ाने की रणनीति का पालन करते हैं जो उन्हें अनुशासित रहने और अपने करियर में आगे बढ़ने के साथ-साथ एक अच्छा म्युचुअल फंड के प्रकार फंड बनाने में भी मदद करता है. आप भी इस रणनीति का पालन कर सकते हैं क्योंकि यह लंबे समय में बहुत मददगार है.


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Mutual Funds Investment: म्यूचुअल फंड में करना चाहते हैं निवेश, तो यहां जानिए कौन से फंड्स हैं निवेश के लिए बेहतर?

Mutual Funds Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो यहां पर दस शीर्ष योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई है, आप इससे मदद ले सकते हैं.

Published: August 20, 2021 12:56 PM IST

Mutual Fund Investment

Mutual Funds Investment: म्यूचुअल फंड एक प्रकार का वित्तीय साधन है जो कई निवेशकों से स्टॉक या बॉन्ड या किसी अन्य संपत्ति जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए एकत्र किए गए धन के एक पूल से बना होता है. म्युचुअल फंड्स प्रोफेशनल वेल्थ मैनेजर्स द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो आपको फंड की संपत्ति आवंटित करने में मदद करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं.

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अगर आप भी म्यूचुअल फंड्स में नया निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो यहां पर ‘शीर्ष 10 म्यूचुअल फंड’ के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिससे आप मदद ले सकते हैं. अगर आप एक नए म्यूचुअल फंड निवेशक हैं, तो आपके दिमाग में यह सवाल हमेशा आता होगा कि ‘कहां पर निवेश करें और ‘हमें कितना निवेश करना चाहिए?’

म्युचुअल फंड इक्विटी और बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों के प्रोफेशनल तरीके से प्रबंधित पोर्टफोलियो के लिए छोटी पहुंच प्रदान करते हैं. उन्हें कई प्रकार की म्युचुअल फंड के प्रकार श्रेणियों में विभाजित भी किया जाता है, जिसमें निवेश का उद्देश्य, रिटर्न के प्रकार और जोखिम और आपके द्वारा निवेश की जाने वाली प्रतिभूतियों के प्रकार शामिल होते हैं.

यहां पर 10 ऐसी योजनाओं की सूची दी गई है जहां पर आप निवेश करके अच्छा रिटर्न पा सकते हैं-

  • एसबीआई स्मॉल कैप फंड
  • एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड
  • एक्सिस स्मॉल कैप फंड
  • मिराए एसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड
  • डीएसपी मिडकैप फंड
  • एक्सिस मिडकैप फंड
  • मिराए एसेट लार्ज कैप फंड
  • एक्सिस ब्लूचिप फंड
  • पराग पारिख लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड
  • कोटक स्टैंडर्ड मल्टीकैप फंड

म्यूचुअल फंड के प्रकार

  • इक्विटी फंड
  • मनी मार्केट या लिक्विड फंड
  • निश्चित आय या डेट म्युचुअल फंड के प्रकार म्यूचुअल फंड
  • मासिक आय योजना

(डिस्क्लेमर: यहां पर निवेश को लेकर जो जानकारियां दी गई है, वे सभी निवेश के उपाय बाहरी स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित हैं. निवेशकों को निवेश करने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच कर लेनी चाहिए.)

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म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर कैसे लगता है टैक्स?

म्यूचुअल फंड से कैसे होती है इनकम?

म्‍यूचुअल फंड में निवेश से अच्छा रिटर्न मिल सकता है. लेकिन, इसमें टैक्स के पहलुओं को भी समझना महत्वपूर्ण है. म्यूचुअल फंड में निवेश से किसी को दो प्रकार की इनकम होती है. पहली है डिविडेंड और दूसरी है कैपिटल गेंस/लॉस. दोनों मामलों में टैक्स अलग-अलग तरह से लगता है. स्कीम के प्रकार पर भी टैक्स निर्भर करता है. इसमें देखा जाता है कि स्कीम इक्विटी है या नॉन-इक्विटी. इसके अलावा निवेश को होल्ड करने की अवधि से भी तय होता है कि टैक्स कितना लगेगा.

​डिविडेंड इनकम

​डिविडेंड इनकम

तमाम लोग डिविडेंड इनकम के लिए डिविडेंड ऑप्शन में निवेश करते हैं. यह इनकम टैक्स-फ्री होती है. हालांकि, इसमें डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन म्युचुअल फंड के प्रकार टैक्स (डीडीटी) लगता है. डिविडेंड का एलान करते वक्त फंड हाउस इसका भुगतान करता है. इक्विटी फंडों के मामले में डीडीटी 10 फीसदी प्लस सरचार्ज और सेस होता है. नॉन-इक्विटी स्कीमों के लिए लागू टैक्स करदाता पर निर्भर करता है.

​कैपिटल गेन- इक्विटी फंड

​कैपिटल गेन- इक्विटी फंड

म्यूचुअल फंड निवेश की बिक्री पर होने वाले मुनाफे को कैपिटल गेन कहा जाता है. इक्विटी स्कीमों के लिए अगर निवेश को 12 महीने या कम समय तक रखा जाता है तो उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं. इस पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. अगर निवेश को 12 महीनों से ज्यादा समय के लिए रखा जाता है तो उससे होने वाले मुनाफे को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) कहा जाता है. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. यह टैक्स एक साल में एक लाख रुपये से ज्यादा के एलटीसीजी पर लगता है.

​कैपिटल गेन - नॉन-इक्विटी

​कैपिटल गेन - नॉन-इक्विटी

नॉन-इक्विटी स्कीमों के मामले में अगर निवेश को 36 महीने या इससे कम समय के लिए रखा जाता है तो उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. अगर निवेश को 36 महीने से ज्यादा समय के लिए रखा जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है. इस पर उसी हिसाब से टैक्स लगता है कि जिस स्लैब में निवेशक आता है.

​इंडेक्सेशन बेनिफिट

​इंडेक्सेशन बेनिफिट

नॉन-इक्विटी स्कीमों के लिए एलटीसीजी के मामले में निवेशक इंडेक्सेशन का फायदा ले सकते हैं. इंडेक्सेशन का मतलब खरीद मूल्य को दोबारा कैलकुलेट करने से है. इस प्रक्रिया में खरीद मूल्य में इनफ्लेशन को अडजस्ट किया जाता है. इससे कैपिटल गेंस घट जाते हैं. इससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है.

किन बातों रखें ध्यान

किन बातों रखें ध्यान

1-नोटिफाइड इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीमों में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, इन स्कीमों में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है. 2-सिप के मामले में सिप की हर किस्त को अलग निवेश के तौर पर लिया जाता है. होल्डिंग पीरियड निवेश की तारीख से मानी जाती है.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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