सप्ताहांत पर व्यापार क्यों?

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कृषि मार्केटिंग क्या है, यह महत्वपूर्ण क्यों और बाजारों का वर्गीकरण क्या है
मार्केटिंग क्या है?
मार्केटिंग/विपणन आपके उत्पादों और / या सेवाओं में दिलचस्प संभावित ग्राहकों और ग्राहकों की प्रक्रिया है। इस विपणन परिभाषा में मुख्य शब्द "प्रक्रिया" है; विपणन में अपने उत्पादों या सेवाओं का शोध, प्रचार, बिक्री और वितरण शामिल है। क्योंकि विपणन का उपयोग ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए किया जाता है, यह व्यवसाय प्रबंधन और वाणिज्य के प्राथमिक घटकों में से एक है।
कृषि मार्केटिंग क्या है?
कृषि मार्केटिंग का अर्थ उस आर्थिक प्रक्रिया से है जिसके सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? तहत कृषि वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता है।
कृषि मार्केटिंग की प्रक्रिया पैसे के मामले में कृषि उत्पादों के मूल्य को निर्धारित करती है और उन्हें उनके अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाती है।
कृषि मार्केटिंग की आवश्यकता क्यों है?
कृषि उत्पादन न केवल उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने में बल्कि आर्थिक विकास की गति को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में इसके गतिशील कार्यों का प्राथमिक महत्व है। इस कारण से, इसे कृषि विकास का सबसे महत्वपूर्ण गुणक बताया गया है। कृषि विपणन अलग-अलग हितधारकों द्वारा अलग-अलग समझा जाता है, अर्थात् किसान, उपभोक्ता, व्यापार खिलाड़ी और नियामक-सरकारी प्राधिकरण।
कृषि विपणन - स्थान के आधार पर वर्गीकरण
कृषि विपणन में खाद्य अनाज, वाणिज्यिक फसलों, वृक्षारोपण फसलों, बागवानी उत्पादों और अर्द्ध-प्रसंस्कृत उत्पादों का विपणन शामिल है।
अर्थशास्त्रियों ने अलग-अलग शिष्टाचार में बाजार को उस आवृत्ति के आधार पर विभाजित किया है जिसके साथ वे आयोजित किए जाते हैं, जिस प्रकार के उत्पादों का कारोबार किया जाता है, लेन-देन का पैमाना और जिस तरह का विपणन कार्य किया जाता है।
कृषि बाजारों का वर्गीकरण :
1.स्थानीय बाज़ार / गाँव का बाज़ार
स्थानिय बाज़ार:
यह बाजार एक विशेष गाँव तक ही सीमित है, जहाँ उत्पादक और मध्यस्थ या उपभोक्ता कृषि उत्पादों की खरीद और बिक्री के लिए मिलते हैं। उस गांव में उत्पादित उत्पादों को इन बाजारों में बिक्री के लिए लाया जाता है।
स्थानीय बाजार को उत्पादकों के बाजार के रूप में भी जाना जाता है और यह ग्रामीण क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध है। वे आम तौर पर छोटे शहरों और अपने सुविधाजनक स्थानों पर स्थित होते हैं, जहां ग्रामीण उत्पादक अपनी उपज लाते हैं और खरीदारों को बेचते हैं।
प्राथमिक बाजार:
प्राथमिक बाजार समय-समय पर स्थानीय बाजार होते हैं जिन्हें "शैंडीज़ या हाट" कहा जाता है। वे आम तौर पर सप्ताह में एक बार एक विशेष दिन पर आयोजित किए जाते हैं। वे आम तौर पर खुले स्थान पर या सड़क के किनारे ग्रोव्स में केंद्रीय रूप से स्थित क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं। आमतौर पर ये बाजार उत्पादक क्षेत्रों में स्थित होते हैं, आस-पास के क्षेत्रों में उत्पादित वस्तुओं को यहां लाया जाता है और इन बाजारों में बेचा जाता है। इन बाजारों में कुल विपणन अधिशेष का 50% से अधिक बेचा जाता है। इन बाजारों का आयोजन ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाता है जो कब्जे वाले स्थान के लिए दुकानदारों से कुछ किराया वसूलते हैं। हेग्लिंग और सौदेबाजी इन बाजारों की एक सामान्य विशेषता है। गांव बनिया इन बाजारों में एक बिचौलिए का काम करता है।
द्वितीयक बाजार:
ये बाजार जिला मुख्यालय और अन्य शहरों में स्थित हैं। उन्हें 'मैंडिस' या 'गुंज' के रूप में भी जाना जाता है। ये नियमित थोक बाजार हैं और दैनिक लेनदेन के लिए एक स्थायी स्थान प्रदान करते हैं। संचित वस्तुओं की मात्रा थोक में है। बड़ी मात्रा में कमोडिटी दूसरे बाजारों से इन बाजारों में पहुंचती है।
इसलिए, बिचौलिये हैं, बाजार के एजेंट, वजन करने वाले और कमीशन एजेंट विपणन प्रणाली में शामिल हैं। इन बाजारों में ग्रेडिंग, पैकिंग, वेयरहाउसिंग, लोडिंग, परिवहन, टेलीफोन और बैंकिंग सुविधाएं भी हैं। Ets सेंट्रल मार्केट्स में उपलब्ध ये सुविधाएं बड़े पैमाने पर व्यापार को संभालना संभव बनाती हैं। भारत में लगभग 2,500 माध्यमिक बाजार हैं।
टर्मिनल बाजार:
ये टर्मिनल बाजार एक ऐसा बाजार है जहां उत्पादन या तो उपभोक्ता के लिए या प्रोसेसर से निपटारा किया जाता है या निर्यात के लिए इकट्ठा किया जाता है। इन बाजारों में, व्यापारी अच्छी तरह से संगठित होते हैं और विपणन के आधुनिक तरीकों का उपयोग करते हैं। इस बाजार में मूल्य का पता लगाने की गतिविधियां संचालित होती हैं और खरीदार और विक्रेता विभिन्न क्षेत्रों या राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कभी-कभी आपूर्ति और मांग को समायोजित करने के लिए मिलते हैं।
यह एकाग्रता, फैलाव और बराबरी जैसी विपणन की तीन प्रक्रियाओं का संयोजन है। ये बाजार बड़ी संख्या में खरीदारों और विक्रेताओं के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार को संभालते हैं और इन बाजारों में ग्रेडिंग, परिवहन, सूचना, पैकिंग, वजन, लोडिंग आदि जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो व्यापार की मात्रा को बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। टर्मिनल बाजार अत्यधिक आबादी वाले शहरों जैसे मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, बैंगलोर आदि में स्थित हैं।
कृषि में डिजिटल मार्केटिंग के विचार
डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म किसान, डीलर, स्टेकहोल्डर को सभी को एक ही पेज पर लाने में मदद करता है। नीचे कुछ विचार दिए गए हैं जो सहायक हो सकते हैं।
1.स्टॉकपाइल सोशल प्रूफ।
2.मोबाइल को प्राथमिकता दें।
3.1-से-कई-से 1-1-मार्केटिंग तक ले जाएं।
अगर आपने साइनअप नहीं किया है तो कृषक फसलों को ईमेल सेवा के माध्यम से जोड़ने के लिए अग्रोभूमि प्लेटफार्म पर साइनअप करें! साइनअप मुफ़्त है, कृपया आज ही प्रयास करें।
दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी की चेतावनी! बोलो- ‘मत खरीदें कार और रेफ्रीजेरेटर, आ रही है भयंकर मंदी’
नई दिल्ली। दुनिया में बढ़ती महंगाई (rising inflation) और तेजी से बड़ी कंपनियों द्वारा की जा रही छंटनी ने आम जनता को आगे की योजना को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है। हाल ही में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस ने कहा है कि आम जनता (General public) किसी भी बड़े फैसले खास कर गाड़ी या घर की जरूरत की किसी महंगे सामान खरीदने से पहले सोच समझ ले, क्योंकि भयंकर मंदी (severe recession) आने जा रही है।
क्या कहा बेजोस ने?
अरबपति (Billionaire) ने उपभोक्ताओं (Consumers) को सलाह दी है कि वे अपनी नकदी को सुरक्षित रखें और छुट्टियों के मौसम में अनावश्यक खर्च से बचें। एक मीडिया बातचीत में बेजोस ने सिफारिश की कि आर्थिक स्थिति बिगड़ने के जोखिम को देखते हुए, अमेरिकी परिवारों को रेफ्रिजरेटर, या एक नई कार जैसी बड़ी-टिकट वाली वस्तुओं की खरीद से बचना चाहिए।
बेजोस ने कहा कि यदि आप एक बड़ी स्क्रीन टीवी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो शायद इसे फिलहाल के लिए रोक दें, उस नकदी को रख लें। यह आने वाले समय में काम आएगा। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे व्यवसाय के मालिक नए उपकरणों में निवेश पर रोक लगाने पर विचार करें।
यह भी पढ़ें | मंदी की आशंका के बावजूद बेहतर स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था: वित्त मंत्रालय
हाल ही में अमेजन ने की 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
अमेजन ने अभी हाल ही में कॉर्पोरेट और IT क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये छंटनी दुनिया भर में काम कर रहे कर्मचारियों में से की गई है।
क्यों हो रही छंटनी?
दुनिया में मंदी का असर देखा जाने लगा है। एक के बाद एक बड़ी कंपनियां छंटनी कर रही है। फेसबुक, ट्विटर और स्नेपचैट (Facebook, Twitter and Snapchat) जैसी बड़ी कंपनियों के बाद अब अमेजन ने भी अपने यहां काम करने वाले लोगों को नौकरी से निकालने जा रहा है। डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्विटर और मेटा के बाद अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपने कर्मचारियों की उन यूनिट्स में छंटनी की है जो नई है और इस साल प्रॉफिट कमाने में विफल रही है।
कंपनी पहले से ही कर रही थी समीक्षा
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने हाल ही में बताया था कि Amazon.com इंक अपने उन व्यवसायों की समीक्षा कर रहा है, जिससे उसे कमाई नहीं हो पा रही है। इसमें डिवाइस यूनिट और वॉयस असिस्टेंट एलेक्सा शामिल है। एक महीने की लंबी समीक्षा के बाद अमेजन ने अपने उन यूनिट्स के कर्मचारियों को कहीं और नौकरी की तलाश करने के लिए कहा है, जिससे कंपनी प्राफिट नहीं बना पा रही थी। जबकि कुछ टीमों से अधिक लाभदायक क्षेत्रों में कर्मचारियों को फिर से तैनात करने और रोबोटिक्स और खुदरा जैसे क्षेत्रों में टीमों को बंद करने के लिए कहा गया है। इन सभी बातों पर ध्यान देने के बाद कंपनी ने 1000 लोगों को नौकरी से निकाला था।
पुष्य नक्षत्र का महत्व, इस मुहूर्त में क्यों की जाती है खरीदारी
जीवन मंत्र डेस्क. ज्योतिष शास्त्र के अलावा वेदों और पुराणों में भी पुष्य नक्षत्र के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। जिनके कारण इस नक्षत्र को बहुत ही खास माना गया है। पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य मांगलिक और महत्वपूर्ण कामों की शुरुआत की जाती है। इसके साथ ही खरीदारी, निवेश और बड़े व्यापारिक लेन-देन इस नक्षत्र में करना शुभ माना जाता है। वहीं शरद ऋतु यानी कार्तिका माह में आने वाले पुष्य नक्षत्र को शुभ और कल्याणकारी माना गया है।
पाणिनी संहिता में लिखा है - पुष्य सिद्धौ नक्षत्रे सिध्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि सिध्यः। पुष्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि इति पुष्य।। अर्थात पुष्य नक्षत्र में शुरू किए गए सभी कार्य पुष्टि दायक, सर्वार्थसिद्ध होते ही हैं, निश्चय ही फलीभूत होते हैं।
पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ या मांगलिक तारा कहते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार गाय के थन को पुष्य नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है तथा ये प्रतीक चिन्ह भी हमें पुष्य नक्षत्र के स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताता है। गाय को भारतवर्ष में प्राचीन तथा वैदिक काल से ही पूज्या माना जाता है तथा गाय के दूध की तुलना वैदिक संस्कृति में अमृत के साथ की जाती थी। पुष्य नक्षत्र गाय के थन से निकले ताजे दूध जैसा पोषणकारी, लाभप्रद व देह और मन को प्रसन्नता देने वाला होता है। इसलिए ऋग्वेद में पुष्य नक्षत्र को मंगल कर्ता, वृद्धि कर्ता और सुख समृद्धि देने वाला भी कहा गया सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? है।
सत्ताइस नक्षत्रों में पुष्य आठवां नक्षत्र है। इस नक्षत्र के उदय होने पर ज्योतिषी शुभ कार्य करने की सलाह देते हैं। सभी नक्षत्रों में इसे सबसे अच्छा माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के दौरान चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। बारह राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। इसके अलावा चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है। चंद्रमा धन का देवता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है। इसलिए सोना, चांदी और नए सामानों की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है। सूर्य जुलाई के तीसरे सप्ताह में पुष्य नक्षत्र में गोचर करता है। उस समय यह नक्षत्र पूर्व में उदय होता है। मार्च महीने में रात्रि 9 बजे से 11 बजे तक पुष्य नक्षत्र अपने शिरोबिन्दु पर होता है। पौष मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है।
- पोषण करने और ऊर्जा देने वाला पवित्र नक्षत्र
पुष्य शब्द का अर्थ है पोषण करना या पोषण करने वाला। पुष्य ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र है। इस शब्द के ही अनुसार ये नक्षत्र सौभाग्य, समृद्धि और सुख के साथ पोषण करने वाला माना गया है। कुछ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा पुष्य को तिष्य नक्षत्र भी कहा गया है। तिष्य शब्द का अर्थ है शुभ होना तथा यह अर्थ भी पुष्य नक्षत्र को शुभता ही प्रदान करता है। मतान्तर से पुष्य शब्द को पुष्प का बिगड़ा रूप मानते हैं। इस शब्द के कारण भी ये नक्षत्र सुंदरता और पवित्रता लिए हुए है।
- बृहस्पति और शनि ग्रह की तरह गुण
पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी कहते हैं। माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र की साक्षी से किए गए कार्य हमेशा सफल होते हैं। ज्योतिषाचार्य पं प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि व अधिष्ठाता बृहस्पति देव हैं। शनि के प्रभाव से इस नक्षत्र का स्वभाव स्थायी या लंबे समय तक होता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र में खरीदी हुई वस्तु शनि के प्रभाव के कारण स्थाई रूप से बनी रहती है और बृहस्पति देव के कारण वह समृद्धिदायी होती है। शास्त्रों में गुरु’ को पद-प्रतिष्ठा, सफलता और ऐश्वर्य का कारक माना गया है और शनि को वर्चस्व , न्याय एवं श्रम का कारक माना गया है, इसीलिए पुष्य नक्षत्र की उपस्थिति में महत्वपूर्ण कार्य करने को शुभ माना जाता है।
सप्ताह के आखिरी दिन बढ़ीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें
राज एक्सप्रेस। नए साल से जहां देश में कोरोना के बढ़ते मामलों में पहले की तुलना में कुछ कमी दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में 14 हजार के आसपास मामले दर्ज किए गए हैं। जहां, एक तरफ वैक्सीन अभियान शुरू होने से देश में ख़ुशी का माहौल है। वहीं, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से वाहन चालक परेशान भी हैं। इतना ही नहीं नए साल के पहले महीने में भी अब तक 5 से 6 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश में लॉकडाउन के बाद से पहले ही थोड़ा आर्थिक मंदी का माहौल है ऊपर से अब पेट्रोल-डीजल की कीमतें लोगों की परेशानी का कारण बन रही हैं।
पेट्रोल-डीजल हुआ महंगा :
बताते चलें, पेट्रोल-डीजल की कीमतें साल के पहले महीने में अब तक कई बार बढ़ चुकी है। बीच के कई दिन तो यह कीमतें लगातार बढ़ी हैं। वहीं, आज यानी शनिवार को एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिसमें पेट्रोल की कीमत में अधिकतम 25 पैसे की और डीजल की कीमत में अधिकतम 26 पैसे तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज देश के 4 महानगरों में पेट्रोल-डीजल की प्रति लीटर कीमत साथ भी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की कीमतें।
बड़े शहरों में पेट्रोल की कीमतें :
दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें - 85.70 रुपये प्रति लीटर
मुंबई में पेट्रोल की कीमतें - 92.28 रुपये रुपये प्रति लीटर
चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें - 88.29 रुपये प्रति लीटर
कोलकाता में पेट्रोल की कीमतें - 87.11रुपये प्रति लीटर
बड़े शहरों में डीजल की कीमतें :
दिल्ली में डीजल की कीमतें - 75.88 रुपये प्रति लीटर
मुंबई में डीजल की कीमतें - 82.66 रुपये प्रति लीटर
चेन्नई में डीजल की कीमतें - 81.14 रुपये प्रति लीटर
कोलकाता में डीजल की कीमतें - 79.48 रुपये प्रति लीटर
क्यों बढ़ती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें ?
हर किसी के दिमाग में यह सवाल जरूर उठता है कि, सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार क्यों बढ़ रही हैं। तो आपको बता दें, इसके दो मुख्य कारण हैं,
भारत में ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगने वाला टैक्स
डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी
आपको बता दें कि, भारत में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में एक्साइज ड्यूटी, वैट और डीलर कमीशन की कीमत शामिल रहती हैं। इस सबके आधार पर प्रतिदिन 6 बजे पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ती हैं। इसके अलावा ज्ञात हो कि, हर दिन पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें तय की जाती हैं। इस दौरान इन कीमतों में कमी या बढ़ोतरी दोनों हो सकती हैं।
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एशियन बिजनस एसोसिएशन में निक क्लेग का अभिभाषण
मुश्किल आर्थिक हालातों के बावजूद आपकी कंपनियों ने तरक्की करना, निवेश करना और भविष्य के लिए रोजगार सृजन करना जारी रखा है। ब्रिटेन में 3,00,000 प्रजातीय अल्पसंख्यकों द्वारा एसएमई के होने अनुमान है जो हर साल ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 30 अरब पाउंड का योगदान करते हैं।
दुनिया के किसी भी नजरिए से देखें तो आप संपदा के सर्जक हैं। मुझे पता है यह हमेशा उतना आसान नहीं होता। रास्ते में आपमें से कईयों ने बाधाओं और भेदभाव का सामना किया होगा। लेकिन आपने उन बाधाओं को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया, चाहे वे कितने भी कठिन क्यों न थे, और कभी भी नवप्रवर्तन को अपनाने या हमारी अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र के विशाल अवसरों का लाभ उठाने से वे बाधाएं आपको रोक न पाईं।
इसलिए मैनेजमेंट टुडे द्वारा जारी ब्रिटेन के सर्वोच्च 100 उद्यमियों की सूची में ब्रिटेन के एशियाई समुदाय को इतने सशक्त रूप से प्रतिनिधित्व करते देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं।
लिबरल डेमोक्रेट्स में, हम आपकी महत्वाकांक्षा, कड़ी मिहनत और उद्यम को ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के छलांग लगाने के लिए आवश्यक ‘रॉकेट इन्धन’ के रूप में देखते हैं।
आप उस सशक्त उद्यमी जज्बे का प्रतिनिधित्व करते हैं जो ब्रिटेन के एशियाई समुदाय में दिखाई पड़ती है और गठबंधन में हम क्यों शामिल हुए इसके सबसे बड़े कारणों में से एक यह था कि ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने हेतु आपको आवश्यक स्थिरता प्रदान की जा सके।
ब्रिटेन - एक खुली अर्थव्यवस्था
हम दिन-रात ब्रिटेन को एक आधुनिक, विविधतापूर्ण, बहिर्मुखी व्यापार वाले देश के रूप में कायम रखने का प्रयत्न करते रहेंगे जैसा कि यह हमेशा से रहा है- अपने यूरोपीय पड़ोसियों और शेष विश्व के देशों के साथ व्यापार करता हुआ।
इस देश में आप्रवासन एवं यूरोप के बारे में बहस जिस दिशा में आगे बढ़ रही है उस बारे में मैंने अपनी चिंताएं स्पष्ट कर दी हैं। दोनों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जाना चाहिए। यूरोप को सुधार की जरूरत है। लोगों को ऐसी आप्रवासन प्रणाली चाहिए जिसमें उन्हें यकीन हो सके।
लेकिन, जैसा कि कल मैंने सीबीआई (कॉनफेडेरेशन ऑफ ब्रिटिश इंडस्ट्री) में कहा, खुली अर्थव्यवस्था के रूप में ब्रिटेन की स्थिति बनाए रखने के लिए आज पहले की तुलना में जिम्मेदार राजनेताओं और व्यवसायियों की अधिक आवश्यकता है। आने वाले वर्षों के लिए यह सफलता का हमारा सर्वाधिक तेज गति वाला और सर्वाधिक सुनिश्चित मार्ग है।
दक्षिण सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? एशिया के साथ व्यापार
भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों के साथ हमारा व्यापारिक संबंध एक प्रमुख उदाहरण है।
ब्रिटिश व्यवसाय जगत के पास दक्षिण एशिया में सुनाने के लिए बहुत कुछ तो पहले से है।
इन उभरते बाजारों में अपना-अपना स्थान सुरक्षित करने वाले मार्क्स एंड स्पेंसर, यूनीलिवर, एयरबस, डिएगिओ, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन रेकिट, एचएसबीसी, नेक्स्ट, केयर्न एनर्जी तथा अन्य विविध प्रतिष्ठित ब्रिटिश नामों के साथ इन देशों में ब्रिटेन एक प्रमुख निवेशक है। लेकिन, जैसा कि मैं स्वयं भारत में देख रहा हूं कि हमारे लिए यहां करने को अभी और भी बहुत कुछ है।
विश्व बैंक के हालिया अनुमान के मुताबिक दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था के इस साल और अगले साल 6% की दर से विकास करने सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? की उम्मीद है, जिसे यह पूर्वी एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के बाद दुनिया में सबसे तेजी से विकास करने वाला दूसरा क्षेत्र होगा।
इस गतिशीलता का एक बड़ा भाग, जैसा कि विश्व बैंक बताता है- ‘मोदी’ कारक है। माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं में प्रेरक निवेश, रोजगार सृजन और संवृद्धि को प्रमुखता से शामिल किया है, जब मैं उनसे गर्मियों में मिला, तो हमने भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति में ब्रिटेन द्वारा निभाई जा सकने वाली महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर चर्चा की।
दुनिया के अग्रणी वित्तीय केन्द्र के रूप में ब्रिटेन भारत को वह पूंजी और निवेश मुहैया करा सकता है जिसकी आवश्यकता उसे अपनी आधारभूत संरचनाओं के आधुनिकीकरण के लिए है, तथा साथ ही सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? अपनी विशेषज्ञता, अनुभव और विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय की सहायता से यह भविष्य की इसकी जनसंख्या को दक्षता से लैस कर सकता है। और भारत में, ब्रिटेन द्वारा संपूर्ण दक्षिण एशिया में किए जाने वाले 22.3 अरब पाउंड के निवेश की तुलना में सर्वाधिक 17 अरब पाउंड का निवेश है।
लेकिन इससे अन्य प्रमुख दक्षिण एशियाई बाजारों में विशाल निवेश के अवसर कम नहीं हो जाते। एक उदाहरण पाकिस्तान है। यह 18.6 करोड़ युवा जनसंख्या वाला एक विकासशील सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? बाजार है। इसके पास एक उभरता हुआ मध्यवर्ग भी है जो हमारे दोनों देशों के बीच पुराने और स्थायी संबंधों के कारण ब्रिटिश उत्पादों और ब्रांडों पर भरोसा करता है और हमने 2015 तक अपने व्यापार को 3 अरब पाउंड तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
यही कहानी श्रीलंका के साथ है, युद्धविराम के आज पांच साल के बाद इसकी अर्थव्यवस्था इस क्षेत्र की सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक है। न केवल यहां हमारे लिए सभी क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने के विशाल अवसर मौजूद हैं बल्कि उच्च शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में श्रीलंका के साथ ब्रिटेन की रणनैतिक साझेदारी का निर्माण भी किया जा सकता है।
यही बात नेपाल और बांग्लादेश जैसे अन्य देशों पर भी लागू होती है जो आने वाले सालों में अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूत बनाना चाहते हैं। बहुतों के लिए, आधारभूत संरचना में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसके लिए संपूर्ण क्षेत्र में परिवहन, ऊर्जा और संचार पर बड़े निवेश किए जा रहे हैं।
कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ, खास तौर पर दूर-दराज के इलाकों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी काफी बल दिया जा रहा है। इन चुनौतियों के लिए ब्रिटेन के पास ज्ञान और व्यवसाय क्षमताएं सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? हैं, जिनका आज रात यहां व्यापक प्रतिनिधित्व किया जा रहा है।
या केवल उन सामान्य बड़े वैश्विक नामों के बारे में नहीं है जो और भी बड़े होने वाले हैं।
यहां प्रत्येक क्षेत्र में ब्रिटिश एसएमई के लिए सही जगह है और ब्रिटिश क्षेत्र इसमें शामिल होकर अपनी कुशलता का मुहर लगाना चाहता है। भारत, पाकिस्तान, बांगलादेश और श्रीलंका में जमीनी परिचालनों के साथ यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट कंपनियों को हर संभव जरूरी सहायता मुहैया करने को तत्पर है।
हमने निर्यात-वित्त सहायता का एक महत्वाकांक्षी पैकेज भी तैयार किया है। इसमें शामिल है छोटे निर्यातों पर ध्यान देना और साथ ही हमारे डाइरेक्ट लेंडिंग स्कीम को दुगुना कर 3 अरब पाउंड करना। भारतीय आधारभूत परियोजनाओं में निवेश करने को इच्छुक कंपनियों के लिए 1 अरब पाउंड का एक नया विस्तार भी किया है।
10 से 14 नवंबर तक निर्यात सप्ताह मनाया जा रहा है: यूकेटीआई के प्रस्ताव पर सहायता और सहयोग के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
वह ऊंची छलांग लगाने में आपकी बढ़त का अनुकरण करने के लिए हमें बस और अधिक लोगों की आवश्यकता है। यहीं हमें आपकी सहायता चाहिए। दक्षिण एशिया के साथ आपके रिश्ते चाहे वह पारिवारिक हो, व्यावसायिक अथवा शैक्षणिक हो, हमारे लिए बड़े मूल्यवान हैं।
दादाभाई नौरोजी अवार्ड्स
इसीलिए मैं इस साल प्रथम दादाभाई नौरोजी पुरस्कारों की शुरुआत करते हुए बहुत गौरवान्वित हुआ। इन पुरस्कारों की स्थापना एक एशियाई नायक, गर्वीले उदारवादी और ब्रिटेन के प्रथम एशियाई एमपी और व्यवसायी दादाभाई नौरोजी की विरासत को सम्मानित करने, तथा साथ ही भारत के साथ आज हमारे देश के रिश्ते को मजबूत बनाने में योगदान करने वाले लोगों के इस्तकबाल के लिए की गई है।
अगले साल में आपमें से बहुतों के नाम इन पुरस्कारों की चयन सूची और विजेता सूची में देखना चाहता हूं।
दादाभाई नौरोजी अवार्ड्स के विजेताओं के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
ये रिश्ते घनिष्ठता और ताकत पैदा करते हैं जिन्हें निर्मित नहीं किया जा सकता तथा इससे और भी ब्रिटिश व्यवसायों को दक्षिण एशिया में उत्पन्न होने वाले अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, 12 लाख ब्रिटिश नागरिकों का पाकिस्तान के साथ पारिवारिक संबंध हैं जबकि ब्रिटेन दुनिया में दूसरे सबसे भारतीय प्रवासी समुदाय का घर है।
इसलिए मैं आपसे तथा एबीए जैसे संगठनों से कहूंगा कि वे हमारे साथ काम करते रहें और अपनी विशेषज्ञता अन्य ब्रिटिश कंपनियों के साथ साझा करें।
आपके अनुभव और भी कंपनियों को विदेशों में फलने-फूलने हेतु प्रेरित करने में मददगार हो सकते हैं जिससे ब्रिटेन उस किस्म की मजबूत अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष समाज कायम रखने में सक्षम होगा जिसकी हमें भविष्य में आवश्यकता पड़ेगी।
निष्कर्ष
अंत में, कृपया अपने अनोखे काम को करना जारी रखें। आपके लिए सहायता उपलब्ध है, विशेषज्ञता उपलब्ध और नए रोजगारों के सृजन में, वाणिज्य को प्रोत्साहन में तथा ब्रिटेन एवं संपूर्ण दक्षिण एशिया में आने वाले दशकों तक हम आपकी हर प्रकार से मदद करने को तैयार हैं।