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पैसिव इनकम क्या है, कैसे होती है ये इनकम, यहां जानिए इसे कमाने के 9 विकल्प के बारे में

पैसिव इनकम के लिए आपको शुरुआत में परिश्रम करना पड़ सकता है, लेकिन बाद में बडा फायदा होता है.

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - September 25, 2021 / 09:09 AM IST

पैसिव इनकम क्या है, कैसे होती है ये इनकम, यहां जानिए इसे कमाने के 9 विकल्प के बारे में

Passive Income Ideas: हर कोई चाहता हैं कि उसे एक्टिव इनकम के साथ साथ पैसिव इनकम भी मिलती रहे. पैसिव इनकम कमाने के कई तरीके हो सकते हैं. आपकी स्किल और इन्वेस्टमेंट के जोर पर आप कई तरीके से अपनी पैसिव इनकम चालू कर सकते है. आपको इसके लिए शुरुआत में परिश्रम करना पड़ सकता है. इन्टरनेट के कारण पैसिव इनकम के विकल्प बढ़ गए है. आप इ-बुक (e-book) सेल करके, किताब लिख के, प्रॉफेशनल फोटोग्राफ बेचके, एप्लीकेशन या वेबसाइट बनाके, अपना फर्निचर या इक्विपमेंट या मटीरियल किराए पर देकर, कार रेंट पर देकर पैसिव इनकम के सोर्स बना सकते हैं.

पैसिव इनकम क्या है

पैसिव इनकम यानि की वो इनकम होती है, जिसके लिए आपको सक्रिय रूप शामिल (Actively involve) नहीं होना होता है. आप काम करे या न करे आपकी इनकम आती रहती है. इसमें उदाहरण के तौर पर देखे तो मकान किराये पर देना. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ काम करना नहीं होता है. आपके मकान का रेंट आपको हर महीने आता रहता है.

पैसिव इनकम क्यों जरूरी है?

शुरूवात में तो सब लोग एक्टिव इनकम करके ही पैसे कमाते है, मतलब नौकरी या कारोबार. लेकिन जिंदगी के सभी निष्क्रिय आय विकल्प दिन समान नहीं होते है. यदि कभी आपकी नौकरी चली जाए या आप एक्टिव्ली काम ना कर सके तो ऐसे वक्त में पैसिव इनकम आपके काम आ सकती हैं. बुढ़ापे में रिटायरमेंट के बाद आपकी एक्टिव इनकम कम या पूरी बंद होती है. लेकिन यदि आप कम आयु में ही पैसिव इनकम सोर्स बनाना चालू करते है तो यह कुछ साल बाद आपको एक्टिव इनकम से भी ज्यादा इनकम प्राप्त हो सकती है. यह आपके रिटायरमेंट के लिए अच्छा सहारा बन सकती है.

पैसिव इनकम की केटेगरी

पैसिव इनकम (निष्क्रिय आय) को मोटे तौर पर दो तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है:
(1) संपत्ति से आय – स्टॉक, FDs (उधार), रियल एस्टेट, विज्ञापन स्थान (आपकी संपत्ति, वेबसाइट में) आदि.
(2) विशेषज्ञता / रचनात्मकता / प्रभाव से इनकम प्राप्त करना – विज्ञापन आय (प्रायोजन), संबद्ध आय, पुस्तकों से रॉयल्टी, कला, संगीत से रॉयल्टी इनकम आदि.

पैसिव इनकम के उदाहरण

वैसे तो पैसिव इनकम कमाने के कई विकल्प हो सकते हैं, लेकिन यहां हम कुछ विशिष्ट उदाहरण देखेंगे. हम ऐसे कितने भी उदाहरण सूचीबद्ध कर सकते हैं. ध्यान दें कि पैसिव इनकम केवल “डिजिटल” तरीकों से नहीं मिलती हैं. इसके लिए आपका “ऑनलाइन” होना जरूरी नहीं है. लोगों में यह एक गलत धारणा है कि पैसिव इनकम सिर्फ ऑनलाइन या डिजिटल तरीकों से मिल सकती हैं. आप ग्राफिक डिजाइनर या वीडियो एडिटर बनके या पार्ट-टाईम फोटोग्राफर या मोडल बनकर भी अलग से अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं.

(1) प्रॉपर्टी को रेंट पर दे कर

पैसिव इनकम करने के लिए यह सबसे पुराना और पॉपुलर तरीका है. आप कही तरह की रियल एस्टेट प्रॉपर्टी जैसे की घर, जमीन, शॉप, ऑफिस, गोदाम को रेंट पर दे कर रेगुलर अच्छी खासी पैसिव इनकम चालू कर सकते है. लेकिन यदि आप अपने घर का कोई एक कमरा भी यूज़ नहि कर रहे तो आप एक कमरा भी पेइंग गेस्ट के तौर पे रेन्ट पर दे सकते है.

(2) केपिटल मार्केट में निवेश करके

आप SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं, या स्टॉक्स, बांड्स, सिक्योरिटीज में डायरेक्ट भी निवेश कर सकते है. कुछ कंपनियां आपको सालाना डिविडेंड भी देती रहती है.

(3) YouTube चेनल

आप अपना YouTube चेनल शुरु कर सकते हैं और फ्री वीडियो के साथ साथ मेम्बरशिप वाले वीडियो अपलोड कर सकते हैं. प्रीमियम कंटेन्ट के बदले में आप चैनल मेम्बरशिप से रिकरिंग इनकम प्राप्त कर सकते है. आप जिस भी सब्जेक्ट में टॉपिक में प्रोफेशनल हो उस पर आप विडियो के फॉर्मेट में छोटे छोटे कोर्सेज बनाके सेल कर सकते है.

(4) वित्तीय सलाहकार

एक वित्तीय सलाहकार के तौर पर आप फ्री गाइड बन सकते है और लोगों को “कैसे कर बचा सकते हैं, सही निवेश कर सकते हैं और चिंता मुक्त खर्च कर सकते हैं” ऐसे विषयो पर गाइडन्स दे सकते हैं. आप पेइड गाइड भी बन सकते हैं.

(5) पार्ट-टाईम काम से

आप अपनी नौकरी के साथ साथ पार्ट-टाईम काम करके भी अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं. दिन के 3-4 घंटे कहीं पर काम करने से या वर्क फ्रोम होम के जरिए काम करने से भी आप नया इनकम सोर्स बना सकते हैं.

(6) कंटेन्ट राइटिंग से

यदि आप लिखने के शौकीन हैं तो कई कंपनियों और ब्रान्ड के लिए कंटेन्ट जनरेट करने का काम कर सकते हैं.

(7) डिजाइनर बनके

कुछ कंपनियां आपको डिजाइन करने का मौका देती हैं. आप उन्हें अपनी डिजाइन बेच सकते हैं, जो बैग, एक्सेसरीज़, टी-शर्ट आदि में उपयोग में ली जाती हैं और बाद में उसे अन्य स्टोर्स को बेचा जाता हैं. इससे कोई बड़ी कमाई नहीं होती लेकिन हर महीने कुछ राशि अवश्य मिलती हैं.

(8) ब्लोगर बनके

आप किसी विषय पर ब्लोग के जरिए लोगों को माहिती और गाइडन्स प्रदान कर सकते हैं. जैसे आप अमेरिका में होलिडे के दौरान क्या ध्यान रखना चाहिए या शोपिंग सीजन में कैसे डिस्काउंट का फायदा उठाना चाहिए, ऐसे विभिन्न विषयो पर विशेष जानकारी प्रदान करने वाले आर्टिकल लिख सकते हैं. आपको प्रीमियम विज्ञापनदाता मिल जाएंगे और विज्ञापन से अच्छी इनकम होगी.

(9) एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) से

एफिलिएट मार्केटिंग यानि की आप किसी भी कंपनी का सामान या सर्विस ऑनलाइन अपने कंटेंट वेबसाइट के जरिये बेच सकते हैं. यदि आपके लिंक के जरिये कोई व्यक्ति कुछ भी खरीदता है तो आपको इसके बदले कमिशन मिलता है. इसे एफिलिएट कमिशन कहते है.

Children’s Day 2022 : मम्मी का मोटापा और हाई फैमिली इनकम बढ़ा रहे हैं बच्चों में भी मोटापा

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार भारत भर में बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। जिससे वे गैर संक्रामक अथवा लाइफस्टाइल डिजीज की चपेट में आ रहे हैं।

high sugar & fatty foods bhi bachcho me obesity badha rahe hain

ज्यादा मीठा और जंक फूड खाने की आदत बच्चों में मोटाप और कुपोषण दोनों बढ़ा रहे हैं। चित्र: शटरस्टाॅक

एक समय में अधिक वजन और ओबेसिटी विकसित देशों के रोग माने जाते थे, परंतु अब यह बीमारी विकासशील देशों में भी तेजी से प्रचलित हो रही है। विशेष रुप से विकासशील देशों के महानगरों में अधिक वजन एवं ओबेसिटी का फैलाव ज्यादा तेजी से हो रहा है। बचपन में ओबेसिटी (childhood obesity) होना कई तरह की बीमारियों का एक संकेत है। जिसके कारण बड़े होने पर गैर-संचारी रोग (Non communicable disease) होने की संभावना रहती है, जिससे समय से पहले मृत्यु भी हो सकती है।

इसके साथ एक बड़ी सामाजिक पूंजी और आर्थिक लागत जुड़ी हुई है। ड्यूक ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट से फ़िंकेलस्टीन व अन्य लोगों ने यह समझाया है कि यदि बचपन में आपको ओबेसिटी है तो सामान्य वजन वाले बच्चे की तुलना में मेडिकल का खर्च लगभग $ 19,000 तक पहुंचने का अनुमान है।

बढ़ रही है मोटे बच्चों की संख्या

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National family health survey (एनएफएचएस)) के पिछले दो बार के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पांच साल से कम उम्र के अधिक वजन वाले बच्चों का अनुपात 2015-16 में 2.1% से बढ़कर 2019-21 में 3.4% हो गया है। सर्वेक्षण में शामिल 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 33 राज्यों में अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।

बचपन में अधिक वजन वाले शीर्ष पांच राज्य लद्दाख (13.4%), लक्षद्वीप (10.5%), मिजोरम (10%), अरुणाचल प्रदेश (9.7%) और जम्मू-कश्मीर (9.6%) हैं। सर्वेक्षण के अंतिम दो राउंड्स में जिन तीन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों ने बचपन में निष्क्रिय आय विकल्प अधिक वजन में गिरावट देखी है, वे हैं तमिलनाडु, गोवा, दादर और नगर हवेली तथा दमन और दीव।

sabse zyada mote ho rahe hain laddak ke bachche

शहरी बच्चे हैं ज्यादा माेटे

एनएफएचएस – 5 (2021) के डेटा से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में बच्चों में अधिक वजन का अनुपात ज्यादा है। ये बच्चे उन परिवारों से हैं, जहां पर उच्च आय है तथा जहां पर माताओं का भी अधिक वजन है। देखा जाए तो यह संख्या बहुत व्यापक नहीं है, परंतु फिर भी बच्चों के एक बड़े समूह में अधिक वजन होना भारत में स्वास्थ्य संबंधी विषय के लिए गंभीर स्थिति बन सकती है।

मुख्य रूप से खाने में अत्यधिक कैलोरी का सेवन परंतु इसके अनुपात में कम कैलोरी की खपत एक तरह का असंतुलन पैदा करता है, जिसके कारण ओबेसिटी होती है। पिछले कुछ सालों में ऐसे खाद्य पदार्थों में वृद्धि हुई है, जिनके अंदर फैट तथा शुगर के रूप में अत्यधिक ऊर्जा मौजूद होती है। साथ ही आलस्यपूर्ण जीवन शैली (Sedentery lifestyle) के कारण लोग निष्क्रिय अवस्था में ज्यादा रहते हैं, जिससे ओबेसिटी का बढ़ना तय है।

परिवहन के बदलते हुए तरीके तथा बढ़ते हुए शहरीकरण के कारण भी ओबेसिटी में वृद्धि देखी जा रही है। आसीन जीवन शैली को अपनाने से तथा संतुलित आहार (बैलेंस डाइट) न लेने के कारण मोटापा (Obesity) में वृद्धि देखी जा रही है और इसके साथ ही कई तरह के पर्यावरणीय तथा सामाजिक परिवर्तनों के कारण भी यह बीमारी अपने पैर पसार रही है।

देश में विशेष रूप से ऐसी नीतियों की कमी है जिससे इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है। जैसे कि स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा तथा प्रोसेसिंग, कृषि, परिवहन, शहरी प्लानिंग आदि नीतियों की कमी के कारण बच्चों में ओबेसिटी का प्रसार हो रहा है।

कई बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है मोटापा

अन्य बीमारियों की तरह ओबेसिटी भी शरीर तथा दिमाग को कई तरह से प्रभावित करती है जैसे कि भूख ना लगना, तृप्ति में कमी महसूस होना, उपापचय (मेटाबोलिज्म) बिगड़ना, बॉडी फैट बढ़ना तथा और हॉर्मोन संतुलन बिगड़ना आदि। शरीर निष्क्रिय आय विकल्प तथा दिमाग में होने वाले यह परिवर्तन वजन कम होने के बाद भी जल्दी से ठीक नहीं होते हैं, इसमें अत्यधिक समय लग सकता है।

मेंटल हेल्थ भी होती है प्रभावित

बच्चों एवं युवाओं में ओबेसिटी के कारण हीन भावना देखी जा रही है जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है जिसके कारण उन्हें शिक्षा एवं रोजगार के अवसरों को भी गवाना पड़ सकता है और ऐसा आगे की पीढ़ियों में भी हो सकता है। इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है की ओबेसिटी की रोकथाम के लिए उचित प्रबंधन तथा उपचार के लिए एक सिस्टम आधारित सोच होनी चाहिए और साथ ही व्यापक नीतियां बनाई जानी चाहिए जिससे इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।

Obesity mental health par bhi bura sar dalti hai

कुपाेषण भी है एक निष्क्रिय आय विकल्प समस्या

वर्तमान में हम पर कुपोषण (Malnutrition) का दोहरा बोझ है। जिसके कारण भोजन में पोषण (नुट्रिशन) की कमी तथा अधिक वजन होना या गैर-संचारी रोग आदि साथ में ही देखे जा रहे हैं। कुपोषण जैसी समस्या के लिए कई तरह के कारक जिम्मेदार हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए “डबल ड्यूटी एक्शन” पर कार्य करें।

डबल ड्यूटी एक्शन करेगी बच्चों में मोटापे को कंट्रोल

डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए “डबल ड्यूटी एक्शन” के जरिए ऐसे प्रोग्राम तथा नीतियां बनाई जा सकती हैं, जिससे अधिक वजन, कुपोषण तथा आहार से संबंधित गैर-संचारी रोग के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह प्रोग्राम हर तरह के कुपोषण को संबोधित करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करता है।

1 ईट राइट मूवमेंट

भारत सरकार मोटापे (ओबेसिटी) की बीमारी से निपटने के लिए कुछ अच्छी पहल लाने पर काम कर रही है जिनमें ईट-राइट मूवमेंट शामिल है जिसके जरिए बच्चों और युवाओं के बीच पोषण को लेकर जागरूकता पैदा की जा रही है।

2 एफओपीएल बनाएगा संवेदनशील

फ्रंट-ऑफ-पैकेट लेबलिंग (एफओपीएल) के माध्यम से उपभोक्ताओं को संवेदनशील बनाया जा रहा है।

3 बढ़ाए जाने चाहिए खेल के मैदान

शहरों में बच्चों के लिए उचित खुले स्थान बनाए जा रहे हैं ताकि शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके, ईट राइट मेला का आयोजन किया जा रहा है साथ ही स्कूल परिसर के आसपास किसी भी प्रकार के जंक-फूड की उपलब्धता को हटाया जा रहा है।

हालांकि ये सभी बहुत बड़ी पहल हैं, लेकिन इन्हें बहुत बड़े पैमाने तथा गुणवत्ता पर लागू करने की जरूरत है। प्राइवेट कंपनियां भी इसमें सरकार की सहायता कर रही हैं। वे अपने उत्पादों में पोषण के प्रति संवेदनशीलता लाने की कोशिश कर रही हैं और साथ ही वितरण तथा निष्क्रिय आय विकल्प विज्ञापन के जरिए भी लोगों में जागरुकता फैला रही हैं।

रखना होगा कुछ बातों पर ध्यान

जंक-फूड बेहद सुविधाजनक होता है और यही मुख्य कारण है जिसके कारण लोग स्वस्थ विकल्पों पर जाने से कतराते हैं। खासतौर पर ऐसे माता-पिता जिन्हें निष्क्रिय आय विकल्प दफ्तर जाना है और वह खानपान के स्वस्थ विकल्प पर समय नहीं दे पाते हैं। जिसके कारण जंक-फूड पर निर्भरता बढ़ती जाती है।
सभी माता-पिता एवं देखभाल करने वाले लोगों को यह समझने की जरूरत है कि अधिक वजन होना तथा ओबेसिटी होना आगे चलकर गंभीर परिणाम देता है।

लेखक के बारे में
Dr. Antaryami Das

Dr. Antaryami Das is Deputy Director - Health and Nutrition, Save the Children, India

अफ्रीका में सर्वश्रेष्ठ द्विआधारी विकल्प दलाल 2022

अफ्रीका में सर्वश्रेष्ठ द्विआधारी विकल्प दलाल 2022

हमने सर्वोत्तम विनियमित द्विआधारी विकल्प दलालों और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की तुलना की है और इस शीर्ष सूची को बनाया है। शुरुआती और विशेषज्ञों दोनों के लिए सबसे अच्छा द्विआधारी विकल्प प्लेटफॉर्म खोजने में आपकी मदद करने के लिए प्रत्येक ब्रोकर और प्लेटफॉर्म की व्यक्तिगत रूप से हमारे द्वारा समीक्षा की गई है।

आप प्रत्येक ब्रोकर की पूरी समीक्षा पढ़ सकते हैं, जिससे आपको सबसे अच्छा विकल्प चुनने में मदद मिलती है।

अफ्रीका में सर्वश्रेष्ठ द्विआधारी विकल्प दलाल

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बाइनरी.कॉम

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द्विआधारी विकल्प क्या हैं?

द्विआधारी विकल्प वित्तीय विकल्प हैं जो दो भुगतान विकल्पों के साथ आते हैं: एक निश्चित राशि या कुछ भी नहीं। इसे बाइनरी कहा जाता है क्योंकि यह सही या गलत हो सकता है। आपको दो संभावित परिणामों के परिणाम की भविष्यवाणी करनी होगी। इसका सकारात्मक पहलू यह है कि जब आप निवेश करते हैं, तो आपको पता होता है कि आप कितनी राशि का जोखिम उठा रहे हैं।

बाइनरी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनते समय ध्यान देने योग्य बातें

ब्रोकर चुनते समय प्रतिष्ठा आवश्यक है। इसी तरह, सबसे अच्छा बाइनरी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म चुनते समय निकासी के तरीके और समय पर विचार करना चाहिए। एमटी4 और एमटी5 जैसे टर्मिनलों का उपयोग करते समय आपको किसी भी डिवाइस से काम करने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही, अपनी आय क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट्स पर विचार करें। आपको अधिक संपत्ति और विकल्पों के प्रकार वाले दलालों की आवश्यकता है। आप ब्रोकर द्वारा प्रदान किए गए एनालिटिक्स की गुणवत्ता और चार्ज किए गए शुल्क का भी आकलन कर सकते हैं। अंत में, ग्राहक सेवा, घंटों और दिनों की सेवा की पेशकश की जाती है, और भाषा समर्थन कर्मचारी संवाद कर सकते हैं।

कैसे द्विआधारी विकल्प दलाल पैसा कमाते हैं?

प्रत्येक द्विआधारी विकल्प दलाल का एक अनूठा व्यवसाय निष्क्रिय आय विकल्प मॉडल होता है। कुछ प्लेटफार्मों में ट्रेडिंग शुल्क होता है, जबकि अन्य अपने व्यापारियों द्वारा अर्जित राजस्व का प्रतिशत लेते हैं। अन्य साधनों में एक्सचेंज मॉडल पर काम करना और ट्रेडों को खोने पर लगाए गए पैसे को भुनाना शामिल है। ब्रोकर का चयन करते समय, ट्रेडों से जुड़े सभी शुल्कों पर शोध करना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने लिए सही प्लेटफॉर्म ढूंढ सकें।

क्या द्विआधारी विकल्प ट्रेडिंग सुरक्षित है?

द्विआधारी विकल्प बाजार में कई नुकसान और अप्रत्याशित परिस्थितियां हैं। पारदर्शिता के बावजूद वे कुछ जोखिम भरे हैं। उदाहरण के लिए, अधिकांश द्विआधारी विकल्प ट्रेडिंग दलाल अनियमित दलाल हैं। यदि आप अपने मूल्य पूर्वानुमान से चूक जाते हैं तो आप पैसे खो सकते हैं। यह अनुशंसा की जाती है कि निष्क्रिय आय विकल्प आप अपने द्विआधारी व्यापार के लिए एक विश्वसनीय मंच चुनें।

द्विआधारी विकल्प ब्रोकर का व्यापार कैसे करें

द्विआधारी विकल्प का व्यापार करते समय, आपको एक अंतर्निहित संपत्ति खरीदने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, आप यह अनुमान लगाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि कीमत खरीद दर से ऊपर या नीचे बढ़ेगी या नहीं। कीमत की भविष्यवाणी करने के बाद, आप परिसंपत्ति मूल्य आंदोलन के आधार पर कॉल या पुट विकल्प का चयन करते हैं। स्ट्राइक मूल्य उस मूल्य को संदर्भित करता है जिस पर व्यापारी अंतर्निहित परिसंपत्तियों का व्यापार कर रहे हैं। व्यापार समाप्त होने के समय तक बाजार मूल्य में वृद्धि या कमी होनी चाहिए। परिणाम या तो सभी या कुछ भी नहीं है, इसलिए व्यापारी समझते हैं कि वे प्रत्येक व्यापार के साथ कितना पैसा जोखिम में डाल रहे हैं।

बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग में कैसे सफल हों?

अनुभवी व्यापारी द्विआधारी विकल्प ट्रेडिंग के माध्यम से संभावित रूप से अपनी कमाई की क्षमता को बढ़ाने के लिए कई निष्क्रिय आय विकल्प दलालों को एक साथ जोड़ सकते हैं। यदि आप नए हैं, द्विआधारी विकल्प दलालों और व्यापार के बारे में सब कुछ सीखते हैं, तो आवश्यक व्यापारिक सुविधाओं की पेशकश करने वाले एक महान दलाल का चयन करें। इसके अलावा, एक ट्रेडिंग विधि खोजें और ऐतिहासिक बाजार डेटा पर इसका बैकटेस्ट करें। अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म आपको आरंभ करने में सहायता के लिए शैक्षिक वीडियो और लेख और डेमो खाते प्रदान करते हैं।

अंतिम विचार

द्विआधारी विकल्प का उपयोग करके, दलाल एक साथ कई निष्क्रिय आय विकल्प बाजारों को ब्राउज़ करने में आपकी सहायता कर सकते हैं और संभावित रूप से आपके भुगतान में वृद्धि कर सकते हैं। हमने नए और अनुभवी व्यापारियों दोनों के लिए उपलब्ध सर्वोत्तम प्लेटफार्मों को संकलित किया है। वाई इनमें से प्रत्येक प्लेटफॉर्म का एक निःशुल्क डेमो खाता है। न्यूनतम जमा राशि भी कम है, जिससे आप थोड़े से पैसे से शुरुआत कर सकते हैं और अपने निवेश को बढ़ा सकते हैं क्योंकि आप आत्मविश्वास और ज्ञान प्राप्त करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)

ज़रुरी नहीं; जबकि द्विआधारी विकल्प दांव के समान संरचित होते हैं, अधिकांश संगठन उन्हें जुए का एक रूप नहीं मानते हैं।

क्या बाइनरी ट्रेडिंग सुरक्षित है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने ट्रेड कैसे करते हैं और निवेश के मामले में आप कितना पैसा लगाते हैं, यह सुरक्षित हो सकता है।

सबसे अच्छा द्विआधारी विकल्प रणनीति क्या है?

सबसे आम द्विआधारी व्यापार रणनीतियों में दिशात्मक और प्रवृत्ति व्यापार शामिल है, जहां आप निर्णय लेने के लिए किसी परिसंपत्ति की कीमत की प्रवृत्ति को देखते हैं।

क्या द्विआधारी विकल्प विदेशी मुद्रा की तुलना में आसान हैं?

ज्यादातर लोगों को लगता है कि बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग की तुलना में आसान है क्योंकि यह ट्रेडर के लिए लचीला नहीं है।

क्या द्विआधारी विकल्प दलालों को विनियमित किया जाता है?

सभी विनियमित द्विआधारी विकल्प दलाल सैद्धांतिक रूप से एक वित्तीय सेवा बोर्ड या कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग कमिशन जैसे वित्तीय उद्योग नियामक प्राधिकरण द्वारा विनियमित होते हैं।

द्विआधारी विकल्प व्यापारी कितने सफल हैं

चूँकि वे जो कुछ भी डालते हैं उसका 100% से कम प्राप्त करते हैं, आपको सफल होने के लिए 50 प्रतिशत से अधिक समय जीतने की आवश्यकता है।
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और वित्तीय सलाह के लिए नहीं है। कृपया किसी पेशेवर वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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