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पर जमा और निकासी के तरीके

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बीएसबीडी खाते से डिजिटल भुगतान पर निकासी की सीमा हटाई जाए : रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को डिजिटल भुगतान को ‘जीरो-बैलेंस बेसिक बचत खाता जमा’ (बीएसबीडी) पर निकासी पाबंदी के दायरे से बाहर रखना चाहिए। भारती प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे की एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स लेनदेन पर ‘मर्चेंट डिकाउंट दर (एमडीआर)’ के बदले में एकसमान 0.3 फीसदी का शुल्क लगाने की इजाजत भी सरकार को दी जानी चाहिए।

रिपोर्ट कहती है कि ई-कॉमर्स मंचों पर इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से होने वाले सभी भुगतान पर 0.3 फीसदी के एकसमान शुल्क के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकेंगे। इस राशि का उपयोग यूपीआई ढांचे को मजबूत करने और उसकी देखरेख के लिए किया जा सकेगा।

बीएसबीडी पर निकासी पाबंदी के बारे में रिपोर्ट कहती है कि डिजिटल भुगतान के मौजूदा चरण में आरबीआई को डिजिटल भुगतान को बचत जमा में निकासी प्रतिबंधों की पुरानी परिभाषा से बाहर रखने के तरीके और साधन तलाशने होंगे।

कुछ बैंकों ने बीएसबीडी खातों से लेनदेन की संख्या पर पाबंदी लगाई हुई है। मसलन, मुंबई के एक बैंक ने बीएसबीडी खाते से हर महीने दस बार निकासी की ही सीमा तय की हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि खाते की भिन्न श्रेणी के लिए सेवा शुल्क भी भिन्न हो सकता है लेकिन बचत खाते के लिए लेनदेन को कहीं पर सीमित करना और कहीं पर न करना भेदभावपूर्ण है और यह समानता के अधिकार का विरोधाभासी है।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

20 लाख रुपये या अधिक नकदी के जमा-निकासी पर पैन अनिवार्य

अगर आपका कोई परिचित बैंक अथवा डाकघर में अपने जमा खाते में कई बार नकदी जमा करता और निकालता था मगर स्थायी खाता संख्या (पैन) की जरूरत वाले नियम को चकमा देने के लिए एक बार में 50,000 रुपये से कम की जमा या निकासी करता था तो अब उसे परेशानी हो सकती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 10 मई को एक अधिसूचना जारी कर लेनदेन के लिए पैन या आधार को अनिवार्य बना दिया है। इसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 20 लाख रुपये या अधिक की नकद जमा अथवा निकासी करता है तो उसे पैन या आधार देना ही होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अगर तीन तरह के लेनदेन करता है तब पर जमा और निकासी के तरीके उसके लिए पैन की पूरी जानकारी देना जरूरी है। ये लेनदेन इस प्रकार हैं:

अधिक नकदी जमा करना

किसी व्यक्ति के बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में खुले एक या अधिक खातों में किसी भी वित्त वर्ष के दौरान कुल 20 लाख रुपये या उससे अधिक नकदी जमा करने पर पैन का उल्लेख करना होगा।

अधिक नकदी की निकासी

यदि कोई व्यक्ति किसी एक वित्त वर्ष के दौरान बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में मौजूद अपने एक या अधिक खातों से कुल 20 लाख रुपये या उससे अधिक की नकदी निकालता है तो भी उसे पैन देना ही होगा।

टैक्समैन में प्रबंधक राहुल सिंह कहते हैं, 'ध्यान दें कि 20 लाख रुपये नकदी की सीमा जमा के लिए भी है और निकासी के लिए भी। लेकिन जमा और निकासी को इसके लिए एक साथ नहीं मिलाया जाएगा।' दूसरे शब्दों में कहें तो 20 लाख रुपये नकद निकासी और 20 लाख रुपये नकद जमा की सीमा अलग-अलग है। सिंह आगे कहते हैं, 'अगर किसी व्यक्ति ने किसी बैंक में एक या अधिक खाते खोले हैं पर जमा और निकासी के तरीके तो 20 लाख रुपये की सीमा का हिसाब लगाते समय उसके प्रत्येक खाते में की गई जमा या उससे की गई निकासी देखी जाएगी।'

पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स में मैनेजिंग पार्टनर समीर जैन कहते हैं, 'इस तरह के लेनदेन के लिए पैन या आधार कार्ड का ब्योरा अनिवार्य किए जाने से सुनिश्चित होगा कि कर विभाग को इस बारे में जानकारी रहेगी और कोई भी कर चोरी नहीं कर सकेगा।' एनए शाह एसोसिएट्स के पार्टनर धवल सेलवाडिया कहते हैं, 'इस तरीके से पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकार नकद लेनदेन पर नजर रख सकेगी और उस पर अंकुश भी लगा सकेगी।'

चालू और नकद क्रेडिट खाते खोलना

यह अधिसूचना में बताया गया तीसरा लेनदेन है। इसके मुताबिक किसी बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में चालू खाता पर जमा और निकासी के तरीके या नकद क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी पैन या आधार की जरूरत पड़ेगी।

पैन के लिए आवेदन समय

इसके अलावा नियमों में एक अहम बदलाव और किया गया है। सीबीडीटी ने नियम 114 में संशोधन कर दिया है और यदि कोई व्यक्ति नियम 114बीए में उल्लिखित लेनदेन (अधिक रकम की नकद जमा, निकासी, या खाता खोलना) करना चाहता है तो उसके लिए पैन का आवेदन करने की समयसीमा तय कर दी गई है। सिंह कहते हैं, 'ऐसा व्यक्ति जिस तारीख को अधिक मूल्य की नकद निकासी अथवा जमा करना चाहता है या खाता खोलना चाहता है, उस तारीख से कम से कम सात दिन पहले उसे पैन के लिए आवेदन कर देना पड़ेगा।'

आयकर अधिनियम की धारा 139ए में कुछ ऐसे लेनदेन दिए गए हैं, जिनके लिए पैन का उल्लेख अनिवार्य है। नियम 114 पैन के आवंटन (उस व्यक्ति के लिए जिस पर धारा 139 ए लागू होती है) के लिए आवेदन करने का तरीका और समय-सीमा बताता है। अब सीबीडीटी दो नए नियम 114बीए और 114बीबी ले आया है। नियम 114बीए में वे तीन नए लेनदेन बताए गए हैं, जिनके लिए पैन की जरूरत होगी। नियम 114बीबी कहता है कि नियम 114बीए में बताए गए लेनदेन के लिए पैन जरूरी होगा। नियम 114बीए 25 मई 2022 से लागू होगा और नियम 114बीबी 9 जुलाई, 2022 से लागू होगा।

पर जमा और निकासी के तरीके

क्या भारत में परिमैच साइट लीगल , कैसे करें इससे जमा और निकासी

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भारत में परिमैच का उपयोग करना क्या लीगल हैं और जानिए कैसे करें जमा निकासी।

भारत के लोग क्रिकेट के साथ काफी सारे खेलों को देखना पसंद ही नहीं करते हैं बल्कि इन खेलों पर बेट लगाना भी काफी पसंद हैं। इतना ही नहीं आज के समय में ऑनलाइन सट्टेबाजी करना लोकप्रीय काम में से एक बन चुका हैं। क्रिकेट बैटिंग के लिए भी आप घर बैठे ही अपने पसंदीदा किसी खेल पर अपने फोन या लैपटॉप से ही सट्टा लगाकर अपनी किस्मत को आजमा सकते हैं। आज के समय में यह इतना आसान है कि इसके लिए आपको किसी भी स्थान पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही इसके कई साइटें हमारे सामने उपलब्ध हैं , आप उन पर सीधा जाकर सट्टा लगाकर घर बैठे ही अपने पैसे को डबल कर सकते हैं। भारत में कई पर जमा और निकासी के तरीके सारी साइट हैं , जिनपर सट्टेबाजी करना बेहद आसान है वहीं भारत में इसपर सट्टेबाजी को जाती है। इन्हीं प्रसिद्ध साइट में से एक परी मैच ऐप हैं। जो भारत में काफी लोकप्रिय और विश्वसनीय है। क्योंकि यह एक लीगल साइट में से एक हैं। परिमैच ऐप को एक गैंबलिंग के रूप में जाना जाता हैं। इससे पहले आप परीमैच पर बैटिंग करना आरंभ करें उससे पहले इस साइट के बारे में जान लें। तो चलिए आपको बताते हैं कि परीमैच ऐप क्या हैं और क्या यह भारत में लीगल हैं।

परिमैच तेजी से भारत में सबसे लोकप्रिय सट्टेबाजी साइटों में से एक बनती जा रही है , और अच्छे होने के बहुत से कारण भी हैं। यह काफी पुरानी साइट है और एक बेहतरीन स्पोर्ट्सबुक और विविध कैसीनो सेक्शन के साथ , परिमैच सभी प्रकार के पंटर्स के लिए एकदम सही जगह है। परिमैच डॉउनलोड करना काफी आसान है आपको अपने फोन में इसकी ऐप्स अपने फोन में डाल सकते हैं। साथ ही पहले आपको इसकी ऐपीके फाइल फोन में डालनी होती है। यदि आप परिमैच को डॉउनलोड करना चाहते है , तो सीधा इसकी साइट पर जाकर अपने फोन में डॉउनलोड कर सकते हैं। क्रिकेट से लेकर कई सारे अन्य खेलों और कैसीनो पर भी आप अपना दांव खेल सकते हैं। यह क्रिकेट सट्टेबाजी साइट के लिए प्रसिद्ध हैं।

बता दें कि दुनिया भर में परीमैच का उपयोग काफी समय पहले से किया जा रहा है , लेकिन कुछ समय पहले ही में उन्होंने भारत के खिलाड़ियों को स्वीकार करना शुरू कर दिया। भारतीय पर जमा और निकासी के तरीके के लिए यहां सुविधा दी जाती है भारतीय पैसा स्वीकार करती है। इसपर निकासी और जमा करना आसान प्रकिया बन चुका हैं। साथ ही बुकमेकर के नियम के अनुसार इसपर दूसरा खाता खोलना संभव नहीं हैं। यदि यह निर्धारित किया जाता है कि कोई व्यक्ति कई Parimatch खातों का उपयोग कर रहा है , तो उन सभी खातों को स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा , उन्हें पुनर्प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं होगा। आप इस स्पोर्ट्सबुक के साथ एक और खाता पंजीकृत करने में भी असमर्थ होंगे , जो आपको इसकी सेवाओं का उपयोग करने से रोकेगा।

क्या भारत में परिमच खेलना पर जमा और निकासी के तरीके कानूनी है ?

1867 का सार्वजनिक जुआ अधिनियम , जो जुआ संस्थानों को काम करने से रोकता है और पर्यटकों को भारत में परिमैच में जाने से रोकता है , आपको पहचानने योग्य हो सकता है। दूसरी ओर , परिमैच , भारत के बाहर एक ऑनलाइन बुकमेकर प्लेटफॉर्म चलाकर कानून से बचकर चलता है , जिससे भारतीयों को कानूनी नतीजों के डर के बिना अपनी पसंदीदा साइट पर जुआ खेलने की अनुमति मिलती है। इंटरनेट पर दांव लगाने के लिए किसी भारतीय के खिलाफ कभी भी मामला दर्ज नहीं किया गया है।

वैसे तो भारत में सट्टेबाजी करना लीगल नहीं है लेकिन बाहर की साइट पर ऑनलाइन सट्टेबाजी पर कोई कानून नहीं बना है। इसलिए काफी सारे भारतीय बेटिंग साइट क्रिकेट के लिए परिमैच का इस्तेमाल करते हैं।

परिमैच पर पंजीकरण कैसे करें

  • वेबसाइट पर या मोबाइल एप्लिकेशन में संबंधित बटन को टैप करके , आप तुरंत पंजीकरण कर सकते हैं। फिर आपको पंजीकरण पृष्ठ पर भेज दिया जाएगा। खाता बनाने के लिए , आपको इन की आवश्यकता होगी :
  • एक पासवर्ड बनाएं और अपनी बुनियादी व्यक्तिगत जानकारी ( आयु , पता , ईमेल पता , आदि ) के साथ पेज फिल करें।
  • आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी की दोबारा जांच करके अपना खाता सत्यापित करें।
  • क्योंकि सेवा चौबीसों घंटे काम करती है और आने वाले सभी पंजीकरण अनुरोधों को तुरंत संसाधित करती है , पंजीकरण और सत्यापन प्रक्रिया त्वरित होगी।

परिमैच स्पोर्ट्स बेटिंग

परिमैच खेल आयोजनों , ई - स्पोर्ट्स और गैर - स्पोर्ट्स दांवों का एक विविध चयन प्रदान करता है। लगभग 40 खेल विषयों , साथ ही ई - स्पोर्ट्स , राजनीतिक दांव और मनोरंजन का प्रतिनिधित्व लाइन पर किया जाता है। दांव लगाने के लिए सभी प्रमुख खेल उपलब्ध हैं।

  • फ़ुटबॉल
  • क्रिकेट
  • टेबल टेनिस
  • क्रिकेट
  • वॉलीबॉल
  • टेनिस
  • यूएफसी
  • बास्केटबॉल और भी बहुत कुछ

Parimatch के आधिकारिक वेबपेज पर , 150 से अधिक बहु - स्तरीय टूर्नामेंट , जिनमें निम्न - लीग प्रतियोगिताएं शामिल हैं , सूचीबद्ध हैं। शीर्ष स्थिति टूर्नामेंट में 2500 तक बाजार उपलब्ध हैं।

पारिमैच ऑनलाइन कैसीनो

नए खिलाड़ी दुनिया में कहीं से भी कैसीनो मनोरंजन की आकर्षक दुनिया में खुद को विसर्जित करने के लिए कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं। प्रत्येक नए खिलाड़ी को कैसीनो विभाग में मौज - मस्ती करने और बड़ी जीत हासिल करने का एक तरीका मिलेगा , जिसे महान पैसे के एक सुंदर उत्सव के माहौल में बनाया गया है।

प्रसिद्ध आपूर्तिकर्ताओं के कई स्लॉट सेवा पर उपलब्ध हैं , हर एक अद्वितीय है और आपको यहां पर एक सुंदर और रंगीन डिजाइन , संगीत और भारी मात्रा में धन प्रदान होता है। स्लॉट एंड्रॉइड और आईओएस स्मार्टफोन पर खेलने के लिए हैं , लेकिन वे आपके डिवाइस की डिस्प्ले सेटिंग्स को समायोजित करते हुए अधिकांश समकालीन उपकरणों पर भी काम करेंगे।

परिमच में निकासी और जमा के तरीके

आप विभिन्न भुगतान विधियों का उपयोग करके परिमच से पैसे निकाल सकते हैं , जैसे आप जमा कर सकते हैं। हालांकि , यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आपको जमा और निकासी दोनों के लिए एक ही विधि का उपयोग करना चाहिए।

जल्दी और सुरक्षित रूप से जमा करने के लिए , निर्देशों का पालन करें :

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा, 20 लाख से ज्यादा जमा या निकासी पर 26 मई से लागू होगा ये नया नियम

टैक्स चोरी पर सरकार ने अपना पहरा बढ़ा दिया है. अब अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की जमा या निकासी करता है, तो उसके लिए ये काम करना अनिवार्य होगा.

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा (Photo : Getty)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • (अपडेटेड 11 मई 2022, 4:12 PM IST)
  • हर वित्त वर्ष के लिए तय हुई लिमिट
  • बैंक, सहकारी बैंक, डाकघर में भी लागू
  • नकद लेनदेन की टैक्स चोरी रोकना मकसद

टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब अपना पहरा बढ़ा दिया है. देशभर में नकद लेन-देन से होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक नया नियम बनाया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

अनिवार्य होगा PAN डिटेल देना

सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के हिसाब से अब यदि कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में पर जमा और निकासी के तरीके बैंक खाते से 20 लाख रुपये से ज्यादा की राशि की जमा या निकासी करता है, तो उसे PAN की जानकारी देना अनिवार्य होगा. बैंक काउंटर से भारी राशि के लेनदेन करने वालों के लिए सीबीडीटी ने आयकर कानून नियमों में संशोधन कर, पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. इसे लाने का मकसद नकद लेनदेन को हतोत्साहित करना और इसके माध्यम से होने वाली टैक्स चोरी को रोकना है.

26 मई से निया नियम लागू

सीबीडीटी ने अपने गजट नोटिफिकेशन में कहा है कि नया नियम 26 मई के बाद से लागू हो जाएगा. ये नियम बैंक, सहकारी बैंक और पोस्ट ऑफिस में चलने वाले खातों पर समान रूप से लागू होगा. वहीं चालू खाता (Current Account) खोलने के वक्त यही नियम मान्य होगा. इतना ही नहीं जिन लोगों के खाते पहले से PAN से लिंक हैं, उन्हें भी इस नियम का पालन करना होगा. ये सरकार पर जमा और निकासी के तरीके की नकदी के कम इस्तेमाल और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है.

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सारे खातों के लेनदेन होंगे शामिल

नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि लेनदेन से मतलब एक फाइनेंशियल इयर में एक खाते या अन्य खातों से किए जाने वाले 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा की जमा और निकासी से है. सरकार ने 2020 के बजट में 20 लाख रुपये की नकद निकासी पर टीडीएस का प्रावधान किया था. ये नियम तब कुछ विशेष तरह के लेनदेन के लिए बनाया गया था. अब जो पर जमा और निकासी के तरीके पर जमा और निकासी के तरीके नया नियम बनाया गया है, उसमें ग्राहक के साथ बैंक, सहकारी बैंक और डाकघरों को को लेनदेन की शुरुआत में ही PAN और Aadhaar की डिटेल देनी होगी. नया नियम एक अतिरिक्त फिल्टर की तरह काम करेगा जो बैंक खातों से 20 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन करने वालों के PAN Card इस्तेमाल करने को सुनिश्चित करेगा. सूत्रों ने जानकारी दी है कि सरकार बहुत जल्द PAN और Aadhaar के प्रमाणन से जुड़े मानक तौर-तरीके (SOPs) भी लेकर आएगी.

बैंकों को स्पष्टीकरण का इंतजार

हालांकि इस नियम को लेकर बैंको और अन्य वित्तीय संस्थानों को सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है, क्योंकि वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल से हो चुकी है, ऐसे में 26 मई से पहले हुए लेन-देन का आकलन कैसे किया जाएगा?

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