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भविष्य अनुबंध

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शिमला ब्यूरो
Updated Mon, 31 May 2021 05:55 PM IST

Gwalior Municipal Corporation News: लोक मंत्रणा में महापौर ने सुनीं समस्याएं, पार्षद पति और इंजीनियर में हुआ विवाद

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भारत में फेसबुक के भविष्य का फैसला हम करेंगे : हाई कोर्ट

भारत में फेसबुक के भविष्य का फैसला हम करेंगे : हाई कोर्ट

नई दिल्ली। फेसबुक के संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग बुधवार को जहां आइआइटी दिल्ली में छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे, वहीं हाई कोर्ट में भविष्य अनुबंध केंद्र सरकार फेसबुक, यू-ट्यूब व ह्वाट्स एप आदि सोशल साइट्स से जुड़े मामले में धराशायी नजर आई। अदालत इन साइट्स पर कुछ भी सामग्री अपलोड होने के बाद वेबसाइट को बिना रॉयल्टी दिए उसका बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) मिल जाने संबंधी मामले में सुनवाई कर रही थी।

न्यायमूर्ति बीडी अहमद व संजीव सचदेव की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई शुरू होते ही फेसबुक ने केंद्र सरकार के साथ करार की प्रति अदालत को सौंपी। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि फेसबुक द्वारा पेश की गई भविष्य अनुबंध अनुबंध की प्रति व केंद्र सरकार द्वारा किए गए अनुबंध में काफी अंतर है। फेसबुक के वकील ने बताया कि सोशल साइट्स का अनुबंध समय-समय पर बदलता रहता है। उन्होंने नवीनतम अनुबंध जमा किया है, इसलिए यह अंतर है।

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अनुबंध कर्मचारी संयुक्त मंच ने नियमितीकरण की मांग उठाई

Shimla Bureau

शिमला ब्यूरो
Updated Mon, 31 May 2021 05:55 PM IST

Contract employees joint manch Nalagarh demands for regularisation of employees serving since two decades

नालागढ़ (सोलन)। स्वास्थ्य विभाग सोसायटी के तहत अनुबंध कर्मचारी संयुक्त मंच के प्रदेश अध्यक्ष ने दो दशक से विभाग में कार्य कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने की मांग उठाई है। उन्होंने भविष्य अनुबंध नालागढ़ एसडीएम के माध्यम से सरकार को पत्र भेजा है।
प्रदेश अध्यक्ष देशराज ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रदेश भर में 1600 कर्मचारी तैनात हैं। शिमला के आईजीएमसी, कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज स्थित प्रयोगशाला में मंच के ही कर्मचारी लगे हुए हैं। इन कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत लगे कर्मचारी सरकार ने नियमित कर दिए हैं लेकिन उनकी अनदेखी हो रही है जबकि वह भी उसी पैटर्न पर तैनात किए थे। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना संकट में कर्मचारी सरकार के साथ खड़े हैं लेकिन सरकार के साथ जो पत्राचार किया जाता है, उसका मंच को कोई भी उत्तर नहीं मिलता है।
कुछ कर्मचारियों ने अपने भविष्य को लेकर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है। हैरानी की बात है कि सरकार ने अनुबंध कर्मचारियों को अपना मानने से इंकार कर दिया है। अभी तक कोरोना कर्फ्यू के कारण मंच किसी भी आंदोलन में नहीं कर रहा है लेकिन 10 जून के बाद मंच अपनी बैठक कर जल्द ही रणनीति तैयार करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने हैरानी जताई की ऊना, मंडी, कांगड़ा व सिरमौर से अनुबंध कर्मचारी अपनी मांगे उठा रहे हैं लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। अनुबंध कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि उनकी नियमितीकरण की मांग को पूरा करे अन्यथा उन्हें संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

दो प्रमुख सचिव तय करेंगे ग्वालियर की थीम रोड का भविष्य

दो प्रमुख सचिव तय करेंगे ग्वालियर की थीम रोड का भविष्य

ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। थीम रोड पर बिजली कंपनी द्वारा लगाए जा रहे तमाम अड़ंगों के चलते निर्माण कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। ताजा मामला वार्षिक रखरखाव अनुबंध का है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के अफसरों ने इस पूरे मामले से भोपाल में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह को अवगत कराया है। वहीं नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने भी ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे से इस मामले में चर्चा कर निराकरण का आग्रह किया है। भविष्य अनुबंध ऐसे में अब दोनों प्रमुख सचिव मिलकर इस भविष्य अनुबंध मामले का हल निकालेंगे और थीम रोड का भविष्य तय करेंगे।

थीम रोड पर बिजली के तारों को अंडरग्राउंड ले जाने का मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया और अब बिजली कंपनी भविष्य अनुबंध ने वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) का पेंच लगा दिया है। कंपनी के अफसरों का कहना है कि भविष्य में इन लाइनों का संधारण उन्हें करना है। ऐसे में वार्षिक रखरखाव अनुबंध किया जाए और इसके लिए राशि तय कर कंपनी को दी जाए। इस पर स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अफसरों का कहना है कि रखरखाव के लिए राशि शासन द्वारा ही खर्च की जानी है। पिछले दिनों इस मामले का निराकरण करने के लिए नगर निगम आयुक्त, स्मार्ट सिटी सीईओ और बिजली कंपनी के अफसरों ने संयुक्त रूप से बैठक कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय अफसरों द्वारा अनुबंध की बात पर जोर देने के कारण अब इस मामले को दोबारा भोपाल स्तर पर भेजा गया है। वहां नगरीय विकास विभाग और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव स्तर पर बैठक कर निराकरण किया जाएगा। इस बैठक में स्मार्ट सिटी के अफसर भी शामिल होंगे और संभावना जताई जा रही है कि पूर्व में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने के भविष्य अनुबंध लिए कंपनी के एमडी द्वारा दी गई मौखिक भविष्य अनुबंध सहमति को लिखित में बदलने संबंधी निर्णय भी हो सकेगा।

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