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पीपीएफ खाता क्या है

पीपीएफ खाता क्या है
पीपीएफ में कैसे पा सकते हैं अधिकतम ब्‍याज दर (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

Post Office की PPF योजना क्या है, कौन इसका लाभ ले सकता है और नियम व शर्तें क्या हैं? सब कुछ जानें

PPF Saving Scheme पीपीएफ यानी सार्वजनिक भविष्य निधि योजना यह एक बचत योजना है। पीपीएफ खाते पर 7.1% वार्षिक (चक्रवृद्धि वार्षिक) ब्याज दर मिलती है। जमाकर्ता आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के पात्र होते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अलग-अलग व्यक्ति अपनी समझ के आधार अपनी इच्छा से बचत करने का तरीका चुनते हैं। तमाम तरह की बचत योजनाएं पीपीएफ खाता क्या है हैं, जिनमें लोग निवेश करते हैं। ऐसी ही एक बचत योजना है, सार्वजनिक भविष्य निधि। पोस्ट ऑफिस में सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (पीपीएफ)​​ खोला जा सकता है। इसपर काफी अच्छा ब्याज मिलता है। ऐसे में अगर आप पोस्ट ऑफिस में सार्वजनिक भविष्य निधि खाता खोलना चाहते हैं, आपको जरूरत है कि आपको इसके बारे में विस्तार पता हो। तो चलिए, Post Office की PPF योजना क्या है, कौन इसका लाभ ले सकता है और क्या नियम व शर्तें हैं, इनके बारे में जानते हैं।

PPF योजना क्या है और कौन इसका लाभ ले सकता है?

पीपीएफ यानी सार्वजनिक भविष्य निधि योजना, यह एक बचत योजना है। एक एकल बालिग (जो भारतीय नागरिक हो) और नाबालिग/मांसिक रूप से बीमार व्यक्ति की ओर से अभिभावक, सार्वजनिक भविष्य निधि खाता खोल सकते हैं। पूरे देश में डाकघर या किसी भी बैंक में एक व्यक्ति द्वारा सिर्फ एक ही खाता खोला जा सकता है।

PPF खाते पर कितना ब्याज मिलता है?

पीपीएफ खाते पर 7.1% वार्षिक (चक्रवृद्धि वार्षिक) ब्याज दर मिलती है। ब्याज की गणना कैलेंडर माह के लिए पांचवें दिन की समाप्ति और महीने के अंत के बीच के दौरान खाते की सबसे कम शेष राशि पर की जाती है। हर वित्तीय वर्ष के अंत में ब्याज को खाते में जमा किया जाता है। अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के तहत कर मुक्त होता है।

जमा करने के नियम

एक वित्तीय वर्ष में न्युनत्तम 500 रुपये और अधिकत्तम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं। इन्हें एक मुस्त या किस्तों में जमा किया जा सकता है। वित्त वर्ष के दौरान कितनी भी संख्या में किस्तों में पैसे जमा किए जा सकते हैं लेकिन जमा किए जाने वाली रकम 50 रुपये के गुणक में होनी चाहिए। जमाकर्ता आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती के पात्र होते हैं।

वहीं, अगर अगर किसी वित्तीय वर्ष में 500 रुपये की न्युनत्तम राशि जमा नहीं की जाती है, तो उक्त पीपीएफ खाता बंद कर दिया जाता है। बंद खातों पर ऋण/निकासी की सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।

पीपीएफ अकाउंट कैसे काम करता है, आपको इससे क्या फायदा है?

मिलती है टैक्स छूट

पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ अकाउंट निवेश का विकल्प है. इस खाते में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. ब्याज आय पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है. मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स के दायरे में नहीं आती है. इतने सारे टैक्स बेनिफिट को देखते हुए लोग अपने बैंक/पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ खाता खुलवाते हैं. इसकी मदद से लोग काफी रकम जोड़ लेते हैं.

​कितने समय में मैच्योर होती है रकम?

​कितने समय में मैच्योर होती है रकम?

पीपीएफ खाते में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है. यानी इसमें 15 साल से पहले पैसा नहीं निकाल सकते हैं. मैच्योरिटी पर निवेशक को दो विकल्प मिलते हैं: 1. खाते से पैसे को निकाल ले और खाता बंद कर दे. 2. पांच साल के ब्लॉक में खाते को चालू रखे.

​अकाउंट बंद करने की प्रक्रिया क्या है?

​अकाउंट बंद करने की प्रक्रिया क्या है?

अगर आप खाते को बंद करने का विकल्प चुनते हैं तो आपको उस बैंक की ब्रांच/पोस्ट ऑफिस जाना पड़ेगा जहां खाता खुला है. खाते में जमा पैसे को निकालने और इसे बंद करने के लिए एक लिखित आवेदन देना होगा. इसके लिए ओरिजनल पासबुक की जरूरत होगी. उस बैंक खाते की डिटेल देनी होगी, जिसमें पैसे को ट्रांसफर कराना है. कैंसल किए हुए चेक के साथ पते और पहचान का प्रूफ अटैच करना होगा. खाते की लॉक-इन अवधि पूरी हो गई है कि नहीं, बैंक/पोस्ट ऑफिस इसे चेक करेगा. अगर ऐसा हो गया है तो खाते को बंद कर दिया जाएगा. मैच्योरिटी की रकम बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

​पांच साल के ब्लॉक में खाते को चालू रखने की प्रक्रिया क्या है?

​पांच साल के ब्लॉक में खाते को चालू रखने की प्रक्रिया क्या है?

इस मामले में आपको खाते के मैच्योर होने के एक साल के भीतर एक निर्धारित फॉर्म में बैंक/पोस्ट ऑफिस को लिखित में सूचना देने की जरूरत होती है. आप बिना किसी नए कॉन्ट्रिब्यूशन के जमा रकम के साथ खाते को चालू रख सकते हैं. दूसरा विकल्प यह है कि आप निवेश करते हुए ऐसे डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्शन का फायदा उठाते रहें. मैच्योरिटी के बाद पांच साल का एक ब्लॉक पूरा हो जाने पर खाते को और पांच वर्ष के लिए चालू रखा जा सकता है. इस क्रम को जब तक चाहें चला सकते हैं. अकाउंट जब तक बंद नहीं किया जाता है, तब तक इससे ब्याज आय होती रहेगी.

​किन बातों का रखें ध्यान

​किन बातों का रखें ध्यान

1-कर्ज वसूलने के लिए किसी व्यक्ति का पीपीएफ खाता जब्त नहीं किया जा सकता है. कोर्ट भी पीपीएफ खाते की रकम से कर्ज का भुगतान करने के लिए नहीं कह सकता है. 2-खाते के पहले 15 साल के दौरान 7वें साल से कुछ शर्तों के साथ आंशिक भुगतान संभव है.

(इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.)

Web Title : how does a ppf account work, how do you benefit from it?
Hindi News from Economic Times, TIL Network

ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने का क्या है प्रोसेस, जानिए

How to Open PPF Account: पीपीएफ़ खाते में जमा राशि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। इस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री है।

ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने का क्या है प्रोसेस, जानिए

पीपीएफ में कैसे पा सकते हैं अधिकतम ब्‍याज दर (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

How to Open PPF Account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) छोटे निवेशकों के लिए नियमित रूप से कम रक़म निवेश कर लॉन्ग टर्म निवेश का एक अच्छा विकल्प है।पीपीएफ़ ब्याज दर, सुरक्षा और टैक्स के मामले में एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें अकाउंट खुलवाने के कुछ सालों बाद लोन लेने और कुछ पैसे निकालने की भी सुविधा मिलती है। पीपीएफ अकाउंट को किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। पीपीएफ अकाउंट ऑनलाइन भी आसानी से खोला जा सकता है।

पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए क्या चाहिए: पीपीएफ खाता खोलने के लिए, आपको निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होगी। पहचान प्रमाण (मतदाता आईडी/पैन कार्ड/आधार कार्ड), निवास प्रमाण पत्र (वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पैन कार्ड), पासपोर्ट साइज फोटो, पे-इन-स्लिप (बैंक शाखा/डाकघर में उपलब्ध), नॉमिनेशन फॉर्म (फॉर्म E8)।

ऐसे खोलें पीपीएफ अकाउंट

ऑनलाइन पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिये कुछ चीजें जरूरी है। इसके लिये व्यक्ति का बैंक में सेविंग्स अकाउंट होना चाहिये। नेटबैंकिंग की सुविधा एक्टिवेट होनी जरूरी है। आपके सेविंग्स अकाउंट के साथ आधार नंबर लिंक होना चाहिये। व्यक्ति के मोबाइल नंबर का आधार के साथ लिंक होना भी जरूरी है।

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  • सबसे पहले अपने नेट बैंकिंग पोर्टल के जरिए अपने बैंक अकाउंट पीपीएफ खाता क्या है में लॉगिन करें।
  • अब होम पेज पर PPF Account खोलने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए।
  • यहां आपको दो ऑप्शन दिए होंगे, कुछ बैंक ये ऑप्शन नहीं भी देते हैं जिसमें ये पूछा जाता है कि आप खुद के लिए अकाउंट खोल रहे हैं या किसी माइनर के नाम पर अकाउंट खोलना चाहते हैं।
  • अब आप उस ऑप्शन पर क्लिक करिए जो आप चाहते हैं।
  • आवश्यक जानकारी देने के बाद नॉमिनी डिटेल्स, बैंक डिटेल्स जैसे विवरण डालिए।
  • अब आपके सामने आपका पर्मानेंट अकाउंट नंबर और सभी डिटेल्स आएंगे। सभी डिटेल्स को सही-सही वेरिफाई कीजिए।
  • सभी जानकारी भरने के बाद अप जितनी राशि पीपीएफ़ अकाउंट में डालना चाहते हैं उसे डालें।
  • आपके पास विकल्प होगा कि या तो किस्तों में राशि डालें या डिपोजिट के तौर पर।
  • इसके बाद अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी या ट्रांजैक्शन पासवर्ड डालें
  • सभी स्टेप्स पूरा होने के बाद पीपीएफ अकाउंट खुल जाएगा और भविष्य के लिए अपना PPF अकाउंट नंबर नोट कर लें।

पीपीएफ खाता ऑनलाइन कैसे बंद करें?

  • डिपार्टमेन्ट ऑफ पोस्ट (DOP) इंटरनेट बैंकिंग में लॉग इन करें और ‘जनरल सर्विस’ सेक्शन पर जाएं।
  • ‘सर्विस रिक्वेस्ट’ सेक्शन पर जाकर ‘न्यू रिक्वेस्ट पर क्लिक करें।
  • ‘पीपीएफ खातों को बंद करने’ के विकल्प का चयन करें और बंद किए जाने वाले पीपीएफ अकाउंट का चयन करें।
  • क्रेडिट खाते के रूप में अपना पीओ सेविंग अकाउंट चुनें और ‘ऑनलाइन सबमिट करें’ पर क्लिक करें।
  • ट्रांजेक्शन पासवर्ड रजिस्टर करें और आवेदन ऑनलाइन जमा करें।
  • आप क्लोजर रसीद देख या डाउनलोड कर सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस में PPF अकाउंट खोलने की प्रक्रिया

पोस्ट ऑफिस में PPF अकाउंट खोलने की प्रक्रिया वर्तमान में ऑफलाइन है और इसके लिए नज़दीकी पोस्ट ऑफिस में जाना पड़ता है।

  • सबसे पहले आपको आवेदन फॉर्म नज़दीकी इंडिया पोस्ट ऑफिस/ऑनलाइन से लेना होगा और इसे भरना होगा।
  • पूरी तरह से भरा हुआ फॉर्म आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों (आधार / पैन / वोटर आईडी), फोटो की सेल्फ अटेस्टड कॉपी के साथ पास के भारतीय डाकघर में जमा करना होता है। इसके लिए आपको अपना मूल केवाईसी दस्तावेज अपने साथ ले जाना होगा।
  • अकाउंट खोलने के लिए आपको ड्राफ्ट/चेक (न्यूनतम 100 रुपए) का उपयोग करके प्रारंभिक राशि भी जमा करनी होगी। योजना के लिए आवश्यक न्यूनतम वार्षिक योगदान 500 रुपये है। शुरू में अधिकतम 70,000 रुपये जमा करने की अनुमति है। हालांकि, एक वर्ष के भीतर अधिकतम जमा राशि 1.5 लाख रुपये है।
  • एक बार जब आपका डाकघर पीपीएफ खाता एक्टिव हो जाता है, तो खाते के लिए एक पासबुक जारी की जाती है। इसमें पीपीएफ खाता क्या है आपका PPF अकाउंट नम्बर, बैलेंस राशि आदि सहित प्रमुख अकाउंट जानकारी शामिल हैं।

पीपीएफ़ में आप एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं। केंद्र सरकार हर तिमाही से पहले पीपीएफ के लिए ब्याज दर तय करती है। अकाउंट की अवधि और बैलेंस के हिसाब से आपको लोन या विड्रॉल की अनुमति मिलती है। कुछ नियमों और शर्तों के अधीन, एक व्यक्ति PPF जमा पर कर्ज ले सकता है।

PPF खाते की 10 अहम बातें, जिनके बारे में आपको नहीं होगी जानकारी!

प्रोविडेंट फंड एक जरूरी रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है. यह खाता कंपनी की ओर से ही खोला जाता है. कंपनी इसमें हर महीने आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा काटकर जमा कराती है.

पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है. (Image- Pixabay)

आने वाले समय की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग सेविंग या इन्वेस्टमेंट (investment) करते हैं. बाजार की उठा-पटक के चलते लोग सुरक्षित निवेश का रास्ता अपनाते हैं, ताकि उनकी मेनहत की कमाई महफूज रहे और जरूरत के समय उनके काम आ सके. इसलिए काफी संख्या में लोग सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ (PPF) में इन्वेस्टमेंट (investment) करना पसंद करते हैं.

पीपीएफ अकाउंट (Public provident fund) होल्डर को भारत सरकार सुरक्षा की गारंटी देती है. सुरक्षा के साथ पीपीएफ (PPF) में टैक्स की बचत भी है. प्रोविडेंट फंड में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. और प्रोविडेंट फंड से मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है. इस तरह पीपीएफ खाते के बहुत सारे फायदे हैं. अभी प्रोविडेंट फंड (provident fund) पर सालाना ब्याज की दर 8.65 फीसदी है.

प्रोविडेंट फंड
प्रोविडेंट फंड एक जरूरी रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम (Retirement savings scheme) है. यह खाता कंपनी की ओर से ही पीपीएफ खाता क्या है खोला जाता है. कंपनी इसमें हर महीने आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा काटकर जमा कराती है और कंपनी खुद भी 12 फीसदी तक पैसा जमा करती है. इस पूरे पैसे पर सालाना ब्याज दिया जाता है.

पीपीएफ अकाउंट के बारे में ऐसी तमाम जानकारी हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है. हम यहां ऐसी ही बातों के बारे में आपको बता रहे हैं-

1- पीपीएफ खाता संयुक्त पीपीएफ खाता क्या है नामों में नहीं खोला जा सकता है. जिस तरह आप सेविंग या करंट अकाउंट में अपने किसी साथी का नाम शामिल कर लेते हैं, लेकिन पीपीएफ अकाउंट केवल एंप्लाई का ही खोला जाता है, उसमें किसी और का नाम शामिल नहीं कर सकते.

2- एक अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर पीपीएफ खाता खोल सकता है. लेकिन अगर अभिभावक के पास पहले से ही खुद का पीपीएफ खाता है, तो बच्चे के खाते सहित अभिभावक के खाते में सालाना केवल 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं.

3- यदि नाबालिग के PPF खाते में योगदान माता-पिता/अभिभावक की आय से है, तो माता-पिता/अभिभावक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.पीपीएफ खाता क्या है

4- जब नाबालिग 18 साल का हो जाए, तो नाबालिग से व्यस्क का स्टेटस बदलने के लिए एक एप्लिकेशन देनी होती है. व्यस्क हुए नाबालिग के हस्ताक्षर को उसके अभिभावक द्वारा अटेस्टेड करना होता है. इसके बाद पीपीएफ अकाउंट का ऑपरेशन व्यस्क करने लगता है.

5- एक एनआरआई (NRI) नया पीपीएफ खाता नहीं खोल सकता है. लेकिन एनआरआई अपने पहले से चल रहे पीपीएफ खातों को जारी रख सकते हैं. वे अपने मौजूदा पीपीएफ खाता क्या है PPF खातों में नया योगदान नहीं दे सकते हैं.

6- पीपीएफ खाते में ब्याज की गणना हर महीने की 5 तारीख और आखिरी तारीख के बीच के न्यूनतम बैलेंस पर होती है. इसलिए ब्याज को अधिकतम करने के लिए ग्राहक को प्रत्येक महीने की 5 तारीख से पहले अपना योगदान या एकमुश्त रकम जमा करनी चाहिए.

7- पीपीएफ खाते (PPF account) के 7 साल पूरे जाने पर आप उसमें से कुछ रकम निकाल सकते हैं. पीपीएफ से आंशिक निकासी भी कर-मुक्त (tax free) है.

8- पीपीएफ खाते के 15 साल के हो जाने पर भी कुछ पैसे निकाल सकते हैं. और खाते से निकाली गई रकम टैक्स फ्री होती है.

9- पीपीएफ खाते का पीरियड 15 साल का होता है. 15 साल बाद मैच्योरिटी होने के बाद भी आप अपने खाते को जारी रख सकते हैं. मैच्योर होने के बाद खाते में पैसा जमा करने की जरूरत नहीं होती है. आप चाहें तो 15 साल बाद भी खाते को बिना किसी योगदान के जारी रख सकते हैं.

10- यदि आप खाता मैच्योर होने (15 साल पूरे) के बाद भी उसमें अपना योगदान जारी रखना चाहते हैं तो खाता मैच्योर होने की तारीख से 1 साल के भीतर एक फॉर्म भरकर जमा करना होगा, जिसमें यह बात कही जाती है कि आप अपना योगदान जारी रखना चाहते हैं.

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