रणनीति कैसे लागू करें

Nykaa Bonus Issue: इनवेस्टर्स के लिए क्या हैं नायका के बोनस शेयरों के मायने?
बड़ी गिरावट के बाद बोनस इश्यू ने शेयरों की कीमतों को और गिरने से बचा लिया है। 9 नवंबर को यह शेयर 8 फीसदी गिरा था। बीते एक महीने में यह शेयर करीब 20 फीसदी गिर चुका है
Nykaa ने शेयरों में बड़ी बिकवाली रोकने के लिए दो-तरफा रणनीति अपनाई। कंपनी की यह रणनीति सफल साबित हुई है। लॉक-इन पीरियड खत्म होने पर शेयरों में बड़ी बिकवाली नहीं हुई।
Nykaa Bonus Issue: Nykaa ने बोनस शेयरों (Bonus shares) के लिए रिकॉर्ड डेट उस दिन रखी, जिस दिन उसके शेयरों के लिए लॉक-इन पीरियड (Lock-In period) खत्म हो रहा था। कंपनी ने शेयरों में बड़ी बिकवाली रोकने के लिए यह दो-तरफा रणनीति अपनाई। कंपनी की यह रणनीति सफल साबित हुई है। लॉक-इन पीरियड खत्म होने पर शेयरों में बड़ी बिकवाली नहीं हुई। सवाल है कि आगे क्या होगा?
नायका की यह रणनीति भले ही अभी शानदार दिख रही है, लेकिन इसकी कीमत कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों और प्री-आईपीओ शेयरहोल्डर्स के एक खास वर्ग को चुकानी पड़ी है। प्रमोटर और शुरुआती शेयरहोल्डर्स अब बहुत कम कैपिटल गेंस टैक्स के साथ इस शेयर से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन, मैनेजमेंट रणनीति कैसे लागू करें ने शेयरों से बाहर निकलने की चाहत रखने वाले दूसरे शेयरहोल्डर्स के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रूप में एक बाधा खड़ी कर दी है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस का रेट सिर्फ 10 फीसदी है, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर इनकमट टैक्स का मार्जिनल रेट लागू होता है।
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बड़ी गिरावट के बाद बोनस इश्यू ने शेयरों की कीमतों को और गिरने से बचा लिया है। 9 नवंबर को यह शेयर 8 फीसदी गिरा था। बीते एक महीने में यह शेयर करीब 20 फीसदी गिर चुका है। एक्स-बोनस होने के बाद यह शेयर 171 रुपये पर खुला। फिर, करीब 173 रुपये तक आने से पहले चढ़कर 184 रुपये पर गया। यह 9 नवंबर के बंद स्तर के बराबर बैठता है।
ऐसा लगता है कि जोमैटो के शेयरों में लॉक-इन खत्म होने पर बड़ी गिरावट देखने के बाद नायका ने अपने शेयरों में बड़ी गिरावट रोकने के लिए बोनस इश्यू का दांव चला। जोमैटो के शेयर दो दिन में 30 फीसदी गिर गए थे, जिससे बाजार में अफरातफरी मच गई थी।
बोनस इश्यू ने 10 नवंबर को नायका के शेयरों को बड़ी गिरावट से बचा लिया है। लेकिन, शेयरों के डीमैट अकाउंट में आने के बाद बड़ी गिरावट से इनकार नहीं किया जा सकता। अभी इस बार में तस्वीर साफ नहीं है कि बोनस शेयर कब तक इनवेस्टर्स के डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होंगे। ब्रोकर्स को उम्मीद है कि करीब दो हफ्ते में ये शेयर डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे। कुछ सूत्रों ने 14 नवंबर तक शेयरों के क्रेडिट होने की उम्मीद जताई। लेकिन, यह सिर्फ उपलब्धता का मामला नहीं है।
अब टैक्स के मसले की होगी बड़ी भूमिका
अब टैक्स के मसले की बड़ी भूमिका होगी। शेयर नहीं बेच पाने से नुकसान में रहने वाले निवेशकों को टैक्स के मोर्चे पर फायदा होगा, जबकि ऐसे निवेशक जो अपने कुछ शेयर बेच पाएंगे उन्हें टैक्स के मामले में राहत मिलेगी। यह कैसे होगा? आम तौर पर बोनस से आपके शेयर की वैल्यू घटती या बढ़ती नहीं है। मान लीजिए आप 100 रुपये के प्राइस पर एक शेयर खरीदते हैं। इसका करेंट मार्केट प्राइस भी 100 रुपये है। कंपनी हर एक शेयर पर 5 बोनस शेयर का ऐलान करती है। इससे आपके शेयर की कीमत 16 रुपये (Rs रणनीति कैसे लागू करें 16X6=100) रुपये पर आ जाती है।
अब इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, आपने जिस कीमत पर शेयर खरीदा है, उसे ऑरिजिनल कॉस्ट के रूप में लिया जाएगा। यह यहां 100 रुपये है। लेकिन, अब एक शेयर की वैल्यू 1/6 रह गई है। इससे आपकी बुक्स में 84 रुपये का लॉस दिखाई देगा। अतिरिक्त सभी शेयरों बोनस शेयरों के इश्यू के लिए कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन जीरो हो जाता है, क्यों उन्हें फ्री शेयर माना जाता है।
अब, मान लीजिए आपका एक्विजिशन कॉस्ट 100 रुपये की जगह 10 रुपये था। बोनस इश्यू ऊपर दिए गए उदाहरण जितना ही रहता है। शेयर का करेंट मार्केट प्राइस 100 रुपये था। अब आपको पहले शेयर के लिए 6 रुपये (Rs 16 ex-bonus price minus the cost of acquisition of Rs 10) का कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा। न कि 90 रुपये ( prevailing price of Rs 100 minus cost of acquisition of Rs 10) का।
आपको यह ध्यान में रखना होगा कि यह सिर्फ पहला या ऑरिजनल शेयर है, जिसे आप अपने पास रखते हैं। अगर आप बोनस शेयर सहित सभी शेयरों को बेचने का फैसला करते हैं टैक्स लायबिलिटी में कोई अंतर नहीं पड़ेगा, क्योंकि तीन बोनस शेयरों (कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन जीरो मानने पर) पर आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें पूरी तरह से कैपिटल गेंस माना जाएगा।
नायका के मामले में ज्यादातर प्री-इनवेस्टर्स अपने ऑरिजिनल इनवेस्टमेंट पर बहुत अच्छे मुनाफे पर बैठे हैं। प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स का मुनाफा 5 गुना से लेकर 10 गुना तक है। इसका मतलब है कि कुछ इनवेस्टर्स जिनकी एवरेज कॉस्ट एक्स-बोनस प्राइस के मुकाबले बहुत कम है, वे अगर इस साल अपने सिर्फ कुछ शेयर बेचना चाहते हैं तो उनकी टैक्स सेविंग्स बहुत अच्छी रहेगी। अपने बाकी शेयरों को अगर वे बेचते हैं तो उन्हें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होगा, जो एक सरप्राइज की तरह है।
लेकिन, शुरुआती इनवेस्टर्स के प्रोफाइल को देखते हुए जो ज्यादातर नायर फैमिली के दोस्त या करीब सहयोगी है, अगर वे कुछ शेयर बेचकर कुछ पैसा बनाना चाहते हैं तो यह बहुत अच्छी डील होगी। फिर वे अपने बाकी शेयरों को लंबे रणनीति कैसे लागू करें समय तक अपने पास रख सकते हैं।
जहां तक प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स का मामला है तो उनका एक्विजिशन प्राइस एक्स-बोनस प्राइस के मुकाबले ज्यादा है। उन्हें बोनस स्ट्रिपिंग के रूप में कुछ फायदा हो सकता है। इसमें एक्स-बोनस शेयर प्राटइस कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन से कम होने पर उन्हें कैपिल लॉस बुक करने में मदद मिलेगी और वे इसे दूसरी जगह ऑफ-सेट कर सकते हैं। लेकिन, ओवरऑल इन प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स और दूसरे शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा, क्योंकि बोनस शेयरों के एक्विजिशन कॉस्ट को जीरो माना जाएगा। पहले इन इनवेस्टर्स को 10 फीसदी का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस रणनीति कैसे लागू करें चुकाना होता। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर 15 फीसदी टैक्स लगता है।
Panchayat Aaj Tak Gujarat: गुजरात चुनाव पर बोले अमित शाह- हमारा सीधा मुकाबला कांग्रेस से, हर सीट को जिताना मेरा दायित्व
पंचायत आजतक गुजरात में अमित शाह ने कहा, भारतीय जनता पार्टी अपने विचारों के विस्तार में यकीन रखती है. भाजपा में कई ऐसे कार्यकर्ता हैं जो चुनाव लड़ने के लिए काम नहीं करते हैं. वे पार्टी की आडियोलॉजी के लिए काम करते हैं.
Amit Shah
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 15 नवंबर 2022,
- (Updated 15 नवंबर 2022, 10:22 PM IST)
गुजरात में बनने जा रही भाजपा की सरकार
भाजपा पार्टी की आडियोलॉजी के लिए काम करती है.
पंचायत आजतक में गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कई मुद्दों पर विस्तार से बात की है. उन्होंने कहा, राज्य में फिर बीजेपी की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ बनने वाली है. इस बार गुजरात में भाजपा अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ेगी. सबसे ज्यादा मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड और सबसे ज्यादा सीटें लाने का रिकॉर्ड भाजपा के पास होगा. चुनाव में सभी पार्टियों को अपने विचार रखने चाहिए.
अगले 10 साल का रोडमैप भी हमारे पास
चुनाव में आपकी लड़ाई किससे है सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, हम सकारात्मक मुद्दे लेकर चुनाव में जा रहे हैं. हम किसी को हराने की मंशा नहीं रखते. 27 साल में हमने बहुत परिवर्तन किया है. अगले 10 साल का रोडमैप भी हमारे पास है. मैं गुजरात की जनता से कहना चाहता हूं कि गुजरात के भविष्य के लिए भाजपा को वोट दें. पहले विकास सिर्फ अहमदाबाद तक सीमित रह गया था. जब कांग्रेस की सरकार थी, तब विकास सिर्फ अहमदाबाद तक होता था. लेकिन अब हमने विकास को हर तरफ पहुंचाया है. शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले 16 साल से गुजरात को 24 घंटा बिजली मिल रही है. इतने हाइवे बन चुके हैं कि यात्रा करना सुगम हो गया है.
पीएम मोदी ने देश का गौरव बढ़ाया
पंचायत आजतक में अमित शाह ने कहा, भारतीय जनता पार्टी की सरकार गुजरात को नंबर एक राज्य बनाएंगे. हमने गुजरात के अंदर 11 हाईवे बनाए. हर पोर्ट को रोड से जोड़ा है. पीएम मोदी ने यहां कई सारे शैक्षणिक संस्थान खोले हैं, जहां पढ़ने के लिए देशभर से युवा आ रहे हैं. 90 के दशक के बाद हम हर चुनाव जीते हैं. बीजेपी की पुरानी परंपरा है, नए लोगों को मौका दिया जाता है. हमें हर बार गुजरात की जनता ने आशीर्वाद दिया है.
हमारी लड़ाई कांग्रेस से है
गुजरात में त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर अमित शाह ने कहा, नतीजों के बाद ही त्रिकोणीय मुकाबला है या नहीं ये साबित होगा. इस बार भी लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है. आम आदमी पार्टी पर अटैक करने के सवाल पर शाह ने कहा, सार्वजनिक जीवन में आरोप का जवाब देना हमारा काम है. जो सीट कमजोर होगी उसपर जोर लगाएंगे. उन्होंने कहा, चुनाव जीतने के लिए ही लड़ा जाता है. हिमाचल में भी भाजपा की सरकार बनने जा रही है. भूपेंद्र पटेल ही बीजेपी के आगे भी सीएम उम्मीदवार रहने वाले हैं. अमित शाह ने कहा है कि उनका काम काफी शानदार रहा है, कम समय में उन्होंने सही दिशा में काम किया है और आगे भी काम करते रहेंगे.
मोदी सरकार ने दृढ़ता से आतंकवाद का जवाब दिया
यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड का मुद्दा क्या 2024 के चुनाव के लिए रखा गया है. इसके जवाब में शाह ने कहा, यह शुरू से ही हमारा मुद्दा रहा है. हमने हर घोषणापत्र में इसकी बात की है. तीन राज्यों में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड जल्द लागू होगा. बाकी राज्यों में भी हम इसपर काम कर रहे हैं. अमित शाह ने कहा, हम देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हैं. देश के किसी भी नेता ने आतंकवाद का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया है. पीएम मोदी ने दुश्मनों को सिखाया कि भारत की सीमा पर नजर रखने वालों का अंजाम बुरा होगा.
क्या एजेंसियों को आपकी तरफ से निर्देश दिए जाते हैं? सवाल पर अमित शाह ने कहा कि सभी के पास कोर्ट में अपना पक्ष रखने की आजादी है. राम रहीम को पेरोल मिलता कानून के तहत है. अगर कोई नेता उनसे मिलता है तो ये उनका व्यक्तिगत मामला है. पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है. अमित शाह ने कहा, कांगेस को बनाने का काम उनका है. मेरा काम है देश की हर गली तक भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा पहुंचे. लोकतांत्रिक तरीके कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की हम सराहना करते हैं.
पेपरलीक मामले को लेकर अमित शाह ने कहा, कई राज्य सरकारों में पेपरलीक के मामले सामने आए हैं. इसपर राष्ट्रीय बहस की जरूरत है. इसे जल्द से जस्द हल किया जाना चाहिए. भाजपा ने जो वादे किए हैं उसे पूरा भी किया है. हमने देश को सुरक्षित बनाने का काम किया है. आजादी के बाद आज देश की सीमाएं सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं. गुजरात के पिछले 27 सालों में हमने जनता के लिए बहुत काम किया है. गुजरात की जनता के आशीर्वाद से भाजपा की सरकार ही बनेगी.
कांग्रेस का अब गुजरात पर फोकस, 15 दिन में 25 रैलियां, सोनिया और राहुल करेंगे प्रचार
नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस (Congress) ने अपना पूरा जोर मिशन गुजरात (Gujarat) पर फोकस कर दिया है। इसके तहत पार्टी आगामी 15 दिनों में कुल 25 मेगा रैली करेगी रणनीति कैसे लागू करें जो 125 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा। कांग्रेस की ये रैलियां (rallies) आक्रामक चुनावी रणनीति (election strategy) के तहत होंगी, जिसमें पार्टी के तमाम बड़े नेता शिरकत करेंगे।
कांग्रेस नेता के मुताबिक कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी गुजरात चुनाव में प्रचार करने आएंगे। राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर महाराष्ट्र में हैं। वह हिमाचल प्रदेश चुनावों में प्रचार करने नहीं पहुंचे थे लेकिन गुजरात में उनके आने की चर्चा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, दोनों मुख्यमंत्री – अशोक गहलोत और भूपेश बघेल; कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्रियों और ओबीसी-एससी-एसटी-अल्पसंख्यक वर्ग के बड़े नेता भी आगामी दिनों में गुजरात में रैलियां और चुनाव प्रचार करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस बार भी कांग्रेस ने आक्रामक चुनाव प्रचार की रणनीति बनाई है।
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बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में भी राहुल गांधी ने राज्य में आक्रामक चुनाव अभियान का नेतृत्व किया था। इस कारण कांग्रेस ने पिछले तीन दशकों में बीजेपी को डबल डिजिट (99 सीट) पर लाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।
इस बार, कांग्रेस ने बूथ प्रबंधन पर अधिक रणनीति कैसे लागू करें भरोसा करते हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में अपनी रणनीति बदली है। राहुल गांधी ने फरवरी 2022 में द्वारका में राज्य स्तरीय चिंतन शिविर में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी; जिसके बाद, पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए एक “मौन अभियान” योजना लागू की। इसके अलावा, कांग्रेस ने इस बार बड़े पैमाने पर घर-घर अभियान पर ध्यान केंद्रित करने का विकल्प चुना है।
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों (1 दिसंबर और 5 दिसंबर) में होंगे। चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। भाजपा और कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी की एंट्री से गुजरात में इस बार चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
IAS Ananya Singh: 22 साल की इस लड़की ने 1 साल की तैयारी में क्रैक की UPSC, ऐसे मिली सफलता
IAS Motivational Story: संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा कई परीक्षा कराई जाती हैं, जिसमें से सबसे ज्यादा कठिन सिविल सर्विस परीक्षा को माना जाता है. इस परीक्षा के लिए लाखों उम्मीदवार तैयारी करते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही लोगों को मिलती है. कई लोगों को आखिरी अटेम्प्ट में जाकर सक्सेस मिलती है तो कोई पहली-दूसरी बार में ही सभी राउंड पूरे कर लेता है. इस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार भी सोचते हैं कि हम भी पूरी तरीके से पढ़ाई में लगे हुए हैं, लेकिन हमें सफलता क्यों नहीं मिलती है. ये लोग कैसे पहली बार में एग्जाम क्रैक क देते हैं, जबकि कई लोगों को तो परीक्षा का पैटर्न समझने में ही महीनों लग जाते हैं, तो चलिए आज हम आपको बता रहे हैं आईएएस अनन्या सिंह के बारे में, जिन्होंने 22 साल की उम्र में इस परीक्षा को पास किया वो भी सिर्फ 1 साल की तैयारी में
बचपन का सपना था IAS बनना
उन्होंने प्लानिंग के साथ सिविल परीक्षा की तैयारी की. इसी का परिणाम था कि उनका सिलेक्शन पहले ही प्रयास में हो गया और उन्होंने ऑल इंडिया में 51वीं रैंक हासिल की. अनन्या सिंह कहती है कि मेहनत और प्लानिंग के साथ इस परीक्षा की तैयारी की जाए तो सिविल सर्विसेज जैसी परीक्षा को बहुत आसानी से पास कर सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वे बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनने का सपना देखा करती थी. इसी वजह से उन्होंने ग्रेजुएशन के आखिरी साल में इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी.
रिजल्ट आया तो चौंक गईं अनन्या
अनन्या ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब 2019 सिविल सर्विसेज परीक्षा का रिजल्ट आया और उनका सिलेक्शन हो गया तो वे पूरी तरह चौंक गईं क्योंकि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि वे पहली बार में सफलता हासिल कर लेंगी. इस सफलता पर उनका परिवार गौरवांवित हो उठा था.रणनीति कैसे लागू करें
अनन्या ने बताया अपना सक्सेस मंत्र
अनन्या कहती हैं कि सिविल सर्विस की तैयारी उम्मीदवारों को टाइम-टेबल बनाकर ही करनी चाहिए. इससे हर सब्जेक्ट के लिए टाइम दिया जा सकता है और इससे तैयारी बेहतर हो जाती है. इससे ही हम यह भी जान लेते हैं कि हमारी मजबूती और कमजोरी क्या है और फिर हम उस हिसाब से अपनी रणनीति बदल भी सकते हैं.
कैसे लिखें उत्तर
अनन्या कहती हैं कि उम्मीदवारों को पुराने पेपर ज्यादा से ज्यादा तैयार करना चाहिए. इससे कई बार कुछ प्रश्न रिपीट भी हो जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उत्तरों में इंट्रो, बॉडी, कॉन्क्लूजन फॉर्मूला लागू करते समय कॉन्क्लूजन हमेशा सॉल्यूशन के साथ देंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा.
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DDC के VC जैस्मीन शाह को हटाने पर गरमाई राजनीति, सिसोदिया बोले- BJP प्रवक्ता संबित पात्रा भी ITDC चेयरमैन
दिल्ली डायलॉग एंड डेवलेपमेंट कमीशन के वाइस चेयरमैन के दफ्तर को एलजी के आदेश के बाद सील कर दिया गया है. इसको लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर जैस्मीन शाह पर आप प्रवक्ता का आरोप है तो आईटीडीसी चेयरमैन संबित पात्रा भी बीजेपी के प्रवक्ता हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 18 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 18 नवंबर 2022, 12:13 PM IST)
दिल्ली के उपराज्यपाल ने डायलॉग एंड डेवलेपमेंट कमीशन (DDC) के वाइस चेयरमैन जेस्मीन शाह के कार्यालय पर ताला लगवा दिया है. एलजी सक्सेना की ओर से कहा गया कि जैस्मीन शाह सीएम अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग कर रहे थे. अब इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी, एलजी और बीजेपी पर हमलावर हो गई है.
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी के इस एक्शन को लेकर बीजेपी पर पलटवार किया है. सिसोदिया ने लिखा, "उपराज्यपाल ने जैस्मीन के कार्यालय पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता होने का आरोप लगाकर ताला लगा दिया. फिर जो संबित पात्रा, जो आईटीडीसी के अध्यक्ष हैं, उनका कार्यालय भी सील कर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह बीजेपी के प्रवक्ता हैं."
आम आदमी पार्टी दिल्ली की ओर से एक ट्वीट किया गया है. इसमें लिखा है कि बीजेपी कार्यालय को सील कर सकती है, उम्मीदवारों का रणनीति कैसे लागू करें अपहरण कर सकती है, लेकिन लोगों ने आप का काम देखा है. इस ट्वीट में लिखा है, "दिल्ली एलजी ने दिल्ली डायलॉग और देव कॉमिसन के कार्यालय को सील कर दिया. BJP कार्यालयों को सील कर सकती है, उम्मीदवारों का अपहरण कर सकती है लेकिन लोगों ने AAP का अच्छा काम देखा है. ये रणनीति हमें भारत को नंबर 1 बनाने के लिए और अधिक मेहनत करने पर मजबूर करेगी."
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बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने ट्वीट कर बताया कि मेरी शिकायत याचिका के आधार पर एलजी साहब ने डीडीसीडी के वाइस चांसलर जैस्मिन शाह को हटाने का आदेश दिया है. उन्होंने लिखा, "मेरे द्वारा दर्ज की गई शिकायत याचिका के आधार पर आज LG साहब ने DDCD के VC जैस्मिन शाह को पद से हटाने का आदेश दिया है. यह मामला सरकारी पद के दुरुपयोग का है. अरविंद केजरीवाल जी सरकारी तंत्र का उपयोग अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए कर रहे हैं."
गिरने का हर स्तर पार कर रही बीजेपी: AAP विधायक
आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान ने डीडीसी कार्यालय को बंद कराने के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने लिखा, "LG विनय सेक्ससेना ने DDC जोकि दिल्ली सरकार के लिए नीति आयोग की तरह काम करती है, आज DDC ऑफिस में LG ने ताला लगवा दिया. DDC ने बस मार्शल, बसों में CCTV, दिल्ली के लिए इलेक्टिक व्हिकल पॉलिसी बनाई थी. गिरने के हर स्तर को मोदी–शाह पार कर रहे हैं. इन्हें बस दिल्ली का काम रोकना है."
बता दें कि डीडीसी उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को हटाने के आदेश दिया. सिविल लाइंस स्थित उनके दफ्तर को भी देर रात सील कर दिया गया. आयोग के सभी वाहनों और कर्मचारियों को वापस लिया जाएगा.
DDC ने दिल्ली के लिए बनाई थीं कई योजनाएं
जैस्मीन शाह के अधीन दिल्ली डायलॉग कमीशन ने सरकार के लिए कई रिफॉर्म योजनाएं तैयार कीं. दिल्ली सरकार द्वारा लागू किए गए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का मसौदा, बसों में मार्शल लगाए जाने, स्मार्ट क्लासरूम, स्कूलों में सीसीटीवी प्रोजेक्ट जैसे कई रिफॉर्म इसी कमीशन द्वारा तैयार किए गए. सरकार के मुताबिक, डीडीसी फिलहाल कई और बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी, जिसमें यमुना की सफाई और ड्रेनेज के नए ब्लूप्रिंट प्रोजेक्ट भी शामिल थे.