बंद रहे बाजार

Heavy traffic jam on Sarhaul border at Delhi-Gurugram expressway as Delhi Police begins checking of vehicles in wake of #BharatBandh against #AgnipathScheme, called by some organisations. pic.twitter.com/1VCo5RcHAJ — ANI (@ANI) June 20, 2022
Udaipur Murder Case: उदयपुर की घटना का जयपुर में दिखा असर, विरोध में बाजार रहे बंद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगरानी
Udaipur Murder Case: उदयपुर की घटना के विरोध में आज जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में अधिकतर बाजार बंद रहे. बंद का आह्वान संयुक्त व्यापार महासंघ और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने किया था.
By: पीटीआई- भाषा | Updated at : 30 Jun 2022 05:01 PM (IST)
(उदयपुर की घटना के विरोध में जयपुर के बाजार बंद)
Udaipur Murder Case: उदयपुर की घटना के विरोध में आज जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में अधिकतर बाजार बंद रहे. बंद का आह्वान संयुक्त व्यापार महासंघ और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने किया था. उदयपुर में दर्जी की हत्या के विरोध में बुलाए बंद को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये थे. हालांकि, बंद से आपात सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं. विहिप के नेता ने कहा, ‘‘बंद सफल रहा है. सभी बाजार बंद हैं.’’
उदयपुर की घटना के विरोध में जयपुर के बााजर बंद
शहर में परकोटे के बाजार के अलावा अन्य हिस्सों खातीपुरा, वैशाली नगर, राजा पार्क, टोंक रोड, बजाज नगर, मालवीय नगर, मानसरोवर, सांगानेर में दुकानें बंद रहीं. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (उत्तर) धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि सभी अधिकारी बाजार में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुख्ता सुरक्षा प्रबंध किये गये हैं. बाजार बंद हैं और स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है.’’
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पुलिस शांति बनाए रखने के लिए कर रही है प्रयास
गौरतलब है कि उदयपुर के धानमंडी थाना क्षेत्र में मंगलवार को दर्जी कन्हैयालाल की दो मुस्लिम युवकों ने हत्या कर दी थी. घटना के बाद से ही शहर में तनाव बरकरार है. पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने के हरसंभव प्रयास कर रही है. सोशल मीडिया पोस्ट को भी निगरानी के दायरे में रखा गया है. पुलिस का कहना है कि असामाजिक तत्वों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. बता दें कि 28 जून की दोपहर दो आरोपी कपड़ा सिलाने के बहाने कन्हैया लाल की दुकान में घुसे थे. नाप लेने के दौरान आरोपियों ने दर्जी का गला रेत दिया.
Published at : 30 Jun 2022 05:01 PM (IST) Tags: Rajasthan Jaipur UDAIPUR हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बंद रहे बाजार बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
Deedwana: उदयपुर घटना के विरोध में बाजार बंद, आमजन से शांति बनाए रखने की अपील
उदयपुर में हुए घटनाक्रम और टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में प्रदेश भर में विरोध जारी है. आज हिन्दू संगठनों के आह्वान पर डीडवाना के सम्पूर्ण बाजार बंद है और विरोध में शामिल है. कुछेक दुकानों को छोड़कर सभी बाजार बंद है.
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Deedwana: उदयपुर में हुए घटनाक्रम और टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में प्रदेश भर में विरोध जारी है. आज हिन्दू संगठनों के आह्वान पर डीडवाना के सम्पूर्ण बाजार बंद है और विरोध में शामिल है. कुछेक दुकानों को छोड़कर सभी बाजार बंद है. वहीं, दोजराज गणेश मंदिर के पास मृतक कन्हैयालाल को श्रद्धांजलि देने के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया है.
दूसरी तरफ पुलिस द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर जगह-जगह पुलिसकर्मियों का जाब्ता भी तैनात किया गया है, और पुलिस की गाड़ियां शहर में गश्त कर आमजन से शांति व्यवस्था बनाने में सहयोग की अपील कर रही है. पुलिस द्वारा आमजन से सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेज और अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. साथ ही ऐसे मेसेज को फॉरवर्ड नहीं करने की भी अपील की गई है. वहीं शोक सभा के बाद हिन्दू संगठनों द्वारा उपखण्ड अधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.
शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए ऐतिहातन पूरे शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है.
Report- Hanuman Tanwar
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सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद, जयपुर में खुले बाजार तो प्रतापगढ़, बीकानेर में कुछ बाजार रहे बंद
राजस्थान में गोवंश में फैले बंद रहे बाजार लंपी संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद के (Rajasthan bandh 15 september) आह्वान से जुड़ा मैसेज वायरल होने के बाद गुरुवार को मिला जुला बंद रहे बाजार असर दिखाई दिया है. जयपुर में जहां इस वायरल मैसेज का जमीनी असर नजर नहीं आया. वहीं, प्रतापगढ़, बीकानेर में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. हालांकि कई जगह व्यापारियों ने बंद में कोई रूचि नहीं दिखाई.
जयपुर. लंपी वायरस को लेकर राजस्थान बंद के आह्वान का राजस्थान में मिला जुला असर बंद रहे बाजार नजर आया. जयपुर में जहां बंद का आह्वान सोशल मीडिया तक सीमित रहा. वहीं बीकानेर, प्रतापगढ़ के कछ जगह दुकानें बंद नजर आई. 2 दिन से सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा 15 सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान गुरुवार को पूरी तरीके से फेल नजर आया. सामान्य दिनों की तरह ही बाजार निर्धारित समय पर खुले. व्यापारियों का कहना था कि इस तरह का मैसेज सिर्फ सोशल मीडिया पर था, इसको लेकर न कोई संगठन, न कोई राजनीतिक दल खुले रूप से सामने आया. इसलिए इस बंद को व्यापारियों का समर्थन नहीं मिला है.
दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे राजस्थान बंद के मैसेज के बाद भी राजधानी जयपुर में इसका कोई असर नहीं (Rajasthan bandh 15 september) दिखा. एमआई रोड व्यापार मंडल के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि यह सही है कि पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान में गोवंश में फैली लंपी बीमारी से बचाने के लिए और उसके समर्थन में राजस्थान बंद करने का संदेश वायरल हो रहा है. हमारे पास भी यह संदेश आया. हमारे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने उस पर चर्चा की, उसमें यह निकला कि इस बंद को लेकर किसी भी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल का समर्थन नहीं है. साथ ही न ही कोई व्यापारी वर्ग से जुड़े हुए किसी संगठन ने इसका समर्थन किया है. ऐसे में हमने सामान्य दिनों की तरह ही अपने प्रतिष्ठान बंद रहे बाजार नियमित समय पर खोले हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से लंपी विकराल रूप ले चुकी है, हम भी चाहते है गोवंश को बचाया जाए. इसको लेकर (Rajasthan Bandh against lumpy Disease) व्यापार मंडल भी समर्थन करता है. लेकिन बंद का नहीं, गाय हमारी पूजनीय है , एक भी गाय की मौत नहीं हो इसके लेकर हमारी तरफ से जो भी मदद हो सकती है हम कर रहे हैं. एमआई रोड व्यापारी माधवदास और अशोक लालवानी ने कहा कि आज कोई व्यापारियों ने बंद का समर्थन नहीं किया है. किसी भी संगठन ने इसका आह्वान नहीं किया.
ये मैसेज हुआ था वायरलः सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज में लिखा था कि 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद किया जाए. गौ माता के लिए लंपी रोग का इलाज नहीं होने के कारण सभी भाइयों से विनती है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह स्टेटस लगाएं, जिससे गौ माता के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम बढ़ाया जाए. एक स्टेटस गौ माता के नाम अति आवश्यक है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज ने शासन और प्रशासन की भी नींद उड़ा दी थी. एक और सरकार पहले से ही लंपी बीमारी (Viral message of Rajasthan Bandh) को रोकथाम को लेकर लगातार मैराथन बैठकें कर रही है. वहीं पिछले 2 दिन में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे 15 सितंबर को राजस्थान बंद के मैसेज ने सरकार की चिंता बढ़ा दी. हालांकि प्रशासन भी लगातार व्यापार मंडलों और ऐसे संगठन जो गौवंश को लेकर काम करते हैं, उनसे संपर्क बनाए बंद रहे बाजार हुए था.
इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुआ था बंदः ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है जब किसी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल के बगैर बंद का आह्वान हुआ हो. इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में सामान्य वर्ग की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था. उस वक्त भी किसी भी सामाजिक संगठन ने भारत बंद के आह्वान की जिम्मेदारी नहीं ली थी. सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए भारत बंद हुआ था. इसी तरह से एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए ही राजस्थान बंद का आह्वान किया गया.
54 हजार से अधिक गायों की मौतः बता दें कि प्रदेश में लंपी वायरस का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में लंपी बीमारी से 12 लाख से अधिक गोवंश संक्रमित हो चुके हैं. वहीं अब तक 54 हजार से अधिक गोवंश की मौत हो चुकी है. लंपी के रोकथाम के लिए गायों को गोट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है. साथ ही अन्य गाइडलाइन भी जारी किए गए हैं.
प्रतापगढ़ में प्रतिष्ठान रहे बंदः गुरुवार को गो भक्तों की ओर से प्रतापगढ़ बंद का एलान किया गया है. स्वैच्छिक बंद के इस आह्वान पर शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. आवश्यक सेवाओं बंद रहे बाजार को बंद से मुक्त रखा गया है. गौ भक्त शहर में घूम घूम कर बंद की अपील कर रहे हैं. गौ रक्षा हिंदू दल के प्रदेश सचिव गोपाल मोदी ने बताया कि पूरे प्रदेश में लंपी स्किन संक्रमण का कहर जारी है. प्रतापगढ़ जिला भी अब इससे अछूता नहीं है. रोजाना सैकड़ों गोवंश लंपी के कारण दम तोड़ रहे हैं. सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं. प्रतापगढ़ में बंद का असर देखा जा रहा है. शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
बीकानेर में कुछ जगह बंद का पूरा बंद रहे बाजार असरः गायों में फैली लंपी बीमारी को लेकर राजस्थान बंद (Effects of Rajasthan Bandh in Bikaner) के आह्वान के बीच गुरुवार को बीकानेर में भी कुछ जगह बंद का असर दिखाई दिया. वहीं, कुछ जगह सामान्य दिनों की तरह दुकानें खुली नजर आई. खास बात यह रही कि बिना किसी के आह्वान के केवल सोशल मीडिया पर ही बंद की अपील का असर बीकानेर के लंबी से प्रभावित वाले क्षेत्रों खाजूवाला, दंतोर, पूगल, श्रीडूंगरगढ़ मोमासर कस्बों में बंद रहे बाजार दिखाई दिया और दुकानें बंद रहीं.
वहीं बीकानेर शहर के मुख्य बाजार कोटगेट चुनिंदा दुकानें ही बंद नजर आईं. इसके अलावा पूरा मार्केट आम दिनों की तरह खुला नजर आया. वहीं शहर के दूसरे हिस्सों में दुकाने बंद नजर आई. इस दौरान कुछ दुकानदारों ने बंद का समर्थन करते हुए प्रदेश व्यापी आह्वान पर अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर गायों में फैल रही लंपी बीमारी को लेकर राज्य सरकार के प्रति आक्रोश जताया. लंपी के रोकथाम की प्रभावी व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी दिखाई दी.
झुंझुनू में गौ माता बचाओ रैली : सिंघाना कस्बे में गुरुवार को गौरक्षा दल के युवाओं ने गायों में फैली लंपी वायरस की बीमारी को लेकर सरकार के विरोध में रैली निकाली. रैली के दौरान युवाओं ने बीमारी से बचाने के लिए आमजन से गौ माता को बचाने के लिए आगे आकर सहयोग करने की अपील की.
नागौर में नहीं दिखा बंद का असर: गो संगठनों की ओर से प्रदेशव्यापी स्वेच्छिक बंद का व्यापक असर नागौर शहर में दिखाई नहीं दिया है. यहां कुछ दुकानों को छोड़कर रोजाना की तरह दुकाने खुली. वहीं दूसरी ओर डीडवाना शहर के संपूर्ण बाजार पूरी तरह से बंद रहे. स्वेच्छिक बंद में कई गो संगठनों और सामाजिक संगठनों के साथ सभी व्यापार मंडलों ने भी समर्थन दिया.
उदयपुर घटना के विरोध मे कल जयपुर में बाजार बंद का आह्वान
जयपुर, 29 जून (भाषा) राजस्थान के उदयपुर में हुयी हत्याकांड के विरोध में बृहस्पतिवार को जयपुर के बाजार बंद रहेंगे। व्यापार महासंघ ने इसका आह्वान किया है । बंद का आह्वान संयुक्त व्यापार महासंघ द्वारा किया गया था, जिसे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदू समूहों का समर्थन प्राप्त है। विहिप के नेता ने बताया कि ‘‘घटना के विरोध में बृहस्पतिवार को बाजार बंद रहेंगे।’’ उन्होंने बताया कि हिंदू संगठन जयपुर में रविवार को विशाल प्रदर्शन की भी योजना बना रहे है।
बंद का आह्वान संयुक्त व्यापार महासंघ द्वारा किया गया था, जिसे विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदू समूहों का समर्थन प्राप्त है।
विहिप के नेता ने बताया कि ‘‘घटना के विरोध में बृहस्पतिवार को बाजार बंद रहेंगे।’’
उन्होंने बताया कि हिंदू संगठन जयपुर में रविवार को विशाल प्रदर्शन की भी योजना बना रहे है।
अग्निपथ स्कीम के विरोध में आज भारत बंद, लेकिन देशभर में खुले रहे बाजार और रोजाना की तरह चला कारोबार
ट्रेडर्स बॉडी CAIT ने कहा कि व्यापारियों ने अग्निपथ स्कीम के विरोध में भारत बंद में शामिल नहीं होने का फैसला किया. आज पूरे देश के बाजार खुले रहे. कैट ने हिंसात्मक प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jun 20, 2022 | 11:27 AM
पिछले दिनों सरकार की तरफ से शुरू की गई अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) का पूरे देश में विरोध जारी है. कई संगठनों की तरफ से इस योजना के विरोध में आज भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया गया है. व्यापारियों के संगठन CAIT ने कहा कि कोई भी व्यापारी संगठन इस बंद का समर्थन नहीं करता है. ऐसे में आज दिल्ली समेत देश के अन्य बाजार खुले रहे और रोजाना की तरह कामकाज चलता रहा. वर्तमान में जुलाई तक शादियों का सीजन चल रहा है जिससे व्यापार में गति भी हो रही है तथा व्यापार पटरी पर लौट रहा है. ऐसे बंद रहे बाजार में किसी भी तरह का बंद व्यापारियों के लिए लाभदायक नहीं है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की कोविड के बाद अब धीरे धीरे बाजारों में कारोबार शुरू हुआ है , ऐसे में व्यापारियों की प्राथमिकता केवल व्यापार करने में है. वर्तमान समय में किसी भी प्रकार का आंदोलन अथवा भारत बंद व्यापारियों के हित में कतई नहीं है. यदि बंद ही करना होगा तो व्यापारी अपनी उन अनेक समस्याओं पर बंद करेंगे जिनसे वो लगातार जूझ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा की यदि किन्ही लोगों को अग्निपथ योजना से विरोध है तो उन्हें इस मामले सरकार के सामने अपना पक्ष रखना चाहिए न की बिना सोचे समझे सीधे आंदोलन कर देना और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना चाहिए.
Heavy traffic jam on Sarhaul border at Delhi-Gurugram expressway as Delhi Police begins checking of vehicles in wake of #BharatBandh against #AgnipathScheme, called by some organisations. pic.twitter.com/1VCo5RcHAJ
— ANI (@ANI) June 20, 2022
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देश की संपत्ति को नुकसान ठीक नहीं
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा की लोकतंत्र पर भीड़तंत्र हावी नहीं हो सकता है. भारत के संविधान में हर समस्या को उचित फोरम पर उठाने के पर्याप्त प्रावधान है लेकिन फिर भी सीधे सड़क पर उतर आना देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का बड़े पैमाने पर ह्रास होगा जो देश की संप्रभुता के लिए उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि पहली नजर में यह दिखाई देता है की कुछ लोग अपने स्वार्थों को सिद्ध करने में इस तरह के बेबुनियाद आंदोलन को हवा दे रहे हैं. दूसरी तरफ ये लोग हमेशा लोकतंत्र की दुहाई भी देते हैं. ऐसे लोग देश का बड़ा नुकसान कर रहे हैं जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था और घरेलू व्यापार पर पड़ेगा.