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क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है

क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है
हम आपको स्मरण करा रहे हैं कि Olymp Trade प्लेटफार्म के Forex मोड में ट्रेडिंग की स्थिति नकारात्मक शेष सुरक्षा (नेगेटिव बैलेंस प्रोटेक्शन) सुनिश्चित करती है।

ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है

ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है जानिए अगर कमाना है लाखों रूपये

शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ? इसे जानना आपके लिए जरूरी है यदि आप शेयर मार्केट से रेगुलर पैसा बनाना चाहते हैं। बहुत से लोगों का सवाल रहता है कि, क्या हम शेयर बाजार से रेगुलर इनकम कर सकते हैं जिससे हमारे घर का खर्चा चल सके?

तो हमेशा मेरा जबाव यही रहता है कि यदि आपको घर का खर्चा चलाने की जरूरत रहती है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।

स्पष्ट तरीके से कहें तो इसे आप इनकम का स्रोत तब तक नहीं बना सकते, जब तक आप इसमें करोड़ों रुपये निवेश न कर दें।

और यदि आपके पास इतना पैसा है, कि दैनिक खर्चों के बारे में नहीं सोंचना पड़ता है। तब आप उन पैसों को और बढ़ाने के लिए आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कर सकते हैं।

ट्रेडिंग कैसे किया जा सकता है इसे समझने के लिए आपका पहला कदम यह होना चाहिए कि, आप ट्रेडिंग को समझें और बेसिक जानें कि, ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है एवं शुरुआत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिसमें ट्रेडिंग की शुरुआत में नुकसान न उठाना पड़े।

यदि आप कोई शेयर खरीद कर उसी दिन बेंच देते हैं तो वह डे ट्रेडिंग कहलाती है।

यदि आप कोई शेयर खरीदकर उस दिन न बेचें उसके अगले दिन या बाद में बेचें तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

किसी एक बिजनेस में हम कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और उस पर थोड़ा सा प्रॉफिट लेकर उसे मँहगें में बेच देते हैं। हमारी दुनिया में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।

लेकिन शेयर बाजार की दुनिया थोड़ी सी अलग है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और यह साधारण बाजार से कैसे अलग है, इसे समझते हैं।

1 – शेयर बाजार में आप खरीदते तो अपनी मर्जी से हैं किन्तु बेंचने के लिए एक समय निर्धारित होता है। यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो अगर आपने बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेचें तो वह अपने आप बिक जाता है। चाहे आपका फायदा हो रहा हो या नुकसान।

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लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें समय का बंधन नहीं होता है।

शेयर बाजार के फायदे

1. कम समय में ज्यादा रिटर्न :- बांड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट्स जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट से तुलना की जाये तो शेयर बाजार निवेशकों को सही रूप से कम समय में अधिक रिटर्नदेता है। लेकिन आपको शेयर बाजार के नियमो को फॉलो करना पड़ेगा। और धैर्यवान होने से रिटर्न अच्छा मिलेगा।

2. कोई समय सीमा नहीं :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है। और आप अपनी मर्जी के हिसाब से निवेश कर सकते है। बस आपके पास अच्छा इन्टरनेट होना चाहिए।

3. लाभ में हिस्सा :- कंपनी जितना ज्यादा लाभ कमाती है। उसके शेयर धारक को उसी हिसाब में रिटर्न के रूप में लाभांश देती है। इस तरीके से एक निवेशक को शेयर से मिलने वाला सबसे बड़ा लाभ कंपनी के द्वारा लाभ में दिया जाने वाला हिस्सा है।

शेयर बाजार के नुकसान

1. शेयर बाजार ऊपर नीचे होना :- कभी शेयर बाजार ऊपर बढ़ता है, तो कभी अचानक नीचे गिरने लगता है। ऐसे में कितने दफा तो गिरावट की वजह से निवेशकों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है।

2. बिना सीखे निवेश करना :- शेयर बाजार में लोगो को नुकसान होने का पहला और सबसे बड़ा कारण है। जानकारी का अभाव कई बार लोग शेयर बाजार में निवेश से पहले शेयर बाजार के बारे में कुछ भी नहीं जानते, बिना ठीक से कुछ जाने निवेश कर देते है। और फिर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

3. निवेश का समय :- शेयर बाजार अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेश के बारे में जानना तो जरूरी है ही साथ ही किस समय पर निवेश करना है उसकी जानकारी भी होनी चाहिए। नही तो नुकसान का खतरा बना रहता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

( फायदे ) इंटरनेट के साथ साथ आनलाइन ट्रेडिंग की पहुंच बढ़ने से अब शेयर बाजार में घर बैठे पैसे लगाना और लाभ कमाना बहुत आसान हो गया है। आपको स्टॉक की भविष्यवाणी एक दिन के क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है लिए करनी होती है जो आपको बेहतर गुणवत्ता प्रदान करती है।

( नुकसान ) लोग ऐसा मानते है कि इंट्राडे ट्रेड में खतरा अधिक होती है। जबकि खतरा सभी मे समन होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में समय न दे पाना इसे क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है ज्यादे रिस्की बनाती है। यदि आप अपने शेयर के साथ समय बिताते हैं तो खतरा कम रहता है।

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

( फायदे ) स्विंग ट्रेडर्स बहुत कम समय में मूल्य परिवर्तन से लाभ कमाने की कोशिश करते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के इस रूप में लगभग 5% से 10% तक का अच्छा रिटर्न मिलता है। दूसरी बात इसमें आपको पूरा दिन या लगातार अपने कंप्यूटर पर बैठने की आवश्यकता नहीं होती है।

( नुकसान ) स्विंग ट्रेडिंग मे यदि आप लोग अच्छे स्टॉक को नही चुन पाएंगे तो आपको लोस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बहुत जरूरी होता है। ताकी आप लोग ज्यादा दिन तक अच्छी तरह से शेयर मे निवेश कर सके।

Swing Trading क्या है?

Swing Trading कुछ ही दिन की लिए की गई होल्डिंग होती है.जैसे15 से 20 दिन के लिए. किसी स्टॉक को होल्ड करके रखना और प्रॉफ़िट होने पर बेच देना Swing Trading कहलाता है. Swing Trading एक सबसे लोकप्रिय strategy है. जिसमें simple Moving Average का इस्तेमाल 10 या फिर 20 दिनों के वैल्यू डेटा को समझने के लिए किया जाता है.साधारण भाषा में समझें तो Swing Trading डिलीवरी ट्रेडिंग का एक छोटा भाग है, जो कुछ ही टाइम पीरियड के लिए होल्ड किया जाता है.डे ट्रेडिंग और ज्यादा समय के बीच की ट्रेडिंग में Swing Trading की अपनी दुनिया है. स्विंग ट्रेड्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक कहीं भी ट्रेडिंग कर सकते है. Swing Trading करने वाले कई दिनों के चार्ट पैटर्न की तलाश में रहते हैं, जिससे की वो कम समय में अधिक प्रॉफिट कमा सकें. देखा जाए तो डे ट्रेडिंग से Swing Trading काफी बेहतर है.

Swing Trader कौन हैं?

Swing Trader एक ऐसे ट्रेडर हैं,जो कई दिन या फिर कई हफ्तों के अंदर ट्रेड करते हैं. और वो अक्सर चार घंटे या फिर एक दिन के चार्ट पर काम करते हैं. और इस ही पर एनालिसिस करते हैं.आपको बता दे की एक Swing Trader ज़्यादा टाइम के लिए बहुत कम ट्रेड करते हैं.साधारण भाषा में कहें तो Swing Trader कम समय और limit प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं.

Swing Trading करने के कईं फायदे खासकर नए ट्रेडर्स के लिए है. Swing Trading का मतलब मार्किट में ऊप्पर निचे होने के बाद भी आपको स्टॉक या फिर इंडेक्स की सही डायरेक्शन का पता लगवाने में मदद करना होता है.जब एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन कुछ ही मिनटो या कुछ घंटो तक ही रखता है, तो वहीं एक Swing Trader अपनी पोजीशन 24 घंटे से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड करके रख सकता है. और ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी बहुत कम हो जाती है. और प्रॉफिट होने की सम्भावना भी काफी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से अधिकतर लोग डे ट्रेडिंग की बजाय Swing Trading करना पसंद करते हैं. Swing Trading टेक्निकल इंडीकेटर्स पर डिपेंड होती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का ज्यादतर काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना होता है. और मार्किट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद आपको शेयर्स या इंडेक्स की सही दिशा दिखाना होता है.

Swing Trading से जुड़े कुछ आवश्यक नियम

Swing Trading में अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों में Entry Point, Exit Point, & Stoploss शामिल हैं. जिस जगह पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की मदद से Buy करते है,उसे एंट्री प्‍वाइंट कहते है.सदैव अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार रखें. बिज़नेस की कैपेसिटी को ज्यादा करने के लिए ट्रेडिंग को एक बिज़नेस की तरह समझे.नई टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा उठाएं. कंजर्वेटिव इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी का पालन करें.एक स्टूडेंट की तरह ही स्टॉक बाजार को सीखें और समझें. ट्रेडिंग करते हुए रिस्क पर ज़रूर ध्यान दे.एक सही ट्रेडिंग कार्य प्रणाली चुने.

कभी भी स्टॉप लॉस को इगनोर न करें. जब भी आप अपनी पोजीशन को निकालना चाहते हैं तो उससे पहले मार्किट की डायरेक्शन ज़रूर देख लें.अगर अपने स्विंग ट्रेड ली है तो बिच बिच में उसके चार्ट की एनालिसिस ज़रूर करें. स्विंग ट्रेड करते वक़्त अपने इमोशंस को काबू में ज़रूर रखें

निष्कर्ष

स्विंग ट्रेडर्स कईं तरह की Strategies का इस्तेमाल करते हैं यह Strategies आपको एक मजबूत नींव रखने में हेल्प करेंगी।

अगर आप नई-नई Strategies या फिर Technical and Fundamental सीखना चाहते हैं. तो हमें CONTACT 9897563039 करें हम आपको बेसिक से लेकर पूरा टेक्निकल फंडामेंटल और डेटा एनालिसिस करना सीखाते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग: पेशेवरों के लिए एक ट्रेडिंग शैली

ट्रेडर का वर्गीकरण अधूरा लग सकता है। हालांकि, एक खुली पोजीशन रखने की अवधि के आधार पर उनके बीच एक स्पष्ट विभाजन होता है। यदि आपकी रणनीति में दो दिनों क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है से लेकर कई हफ्तों की अवधि तक ट्रेडों को रखना शामिल है, तो आप खुद को एक स्विंग ट्रेडर कह सकते हैं।

एक नियम के तौर पर, ट्रेडर कुछ अनुभव हासिल करने के बाद स्विंग ट्रेड करना शुरू करते हैं। उनमें से कई के लिए, लंबी अवधि के लिए ट्रेडों को बरकरार रखना, Olymp Trade पर ट्रेडिंग करते समय अपने कार्य असाइनमेंट (योजनाओं) को पूरा करने का एकमात्र तरीका है।

स्मार्ट और सचेत ट्रेडिंग शैली की मांग हमें स्विंग ट्रेडिंग पर ध्यान केंद्रित करवाती है। आइए दिवसीय ट्रेडिंग के ऊपर इसके फायदों को समझने की कोशिश करते हैं और अपनी खुद की ट्रेडिंग रणनीतियों को विकसित करने के लिए कुछ बुनियादी सिफारिशें देते हैं।

दिवसीय और स्विंग ट्रेडिंग के बीच अंतर

अधिकांश नौसिखिए निवेशक दिवसीय ट्रेडिंग से शुरू करते हैं। यह ट्रेडर की स्थिर दैनिक आय की इच्छा के कारण है, जिस तरह से श्रमिकों को उनके नियोक्ताओं द्वारा भुगतान किया जाता है।

यहां दिवसीय ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषताएं हैं:

  • ट्रेडर रात भर या सप्ताहांत तक पोजीशन को धरे नहीं रखते।
  • दिवसीय ट्रेडरों को ट्रेडिंग घंटे (अवधि) की अच्छी समझ होती है (वे जानते हैं कि ट्रेडिंग कब करना चाहिए और ट्रेडिंग से कब बचना चाहिए)। वे Stop Loss को अक्सर कम निर्धारित करते हैं और जब उनका ट्रेड खुला होता है तो वे अपने कार्यस्थल को नहीं छोड़ते हैं।
  • इसके अलावा, वे स्केलपर्स के लिए डिज़ाइन की गई ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग करते हैं और एक समाचार-प्रेरित अस्थिर बाजार में ट्रेड करते हैं।
  • वे शायद ही कभी 1-4 घंटे से अधिक समय-सीमा का विश्लेषण करते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए बुनियादी रणनीतियाँ

यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है, आपको लोकप्रिय ट्रेडिंग रणनीतियों की मूल विशेषताओं के बारे में सीखना चाहिए जो इस शैली से मेल खाती हैं। अब हम तकनीकी विश्लेषण के आधार पर एक प्रणाली का एक उदाहरण देंगे और स्विंग ट्रेडिंग में आधारभूत विश्लेषण का उपयोग करने के लिए बुनियादी सिफारिशों की रूपरेखा तैयार करेंगे।

प्रमुख स्तर

प्रत्येक परिसंपत्ति के अपने प्रमुख मूल्य स्तर होते हैं। सपोर्ट और रेज़िस्टेंस स्तरों, ट्रेंड लाइनों और अन्य की तुलना में प्रमुख (की) स्तर एक व्यापक अवधारणा है।

यहां हम अलग-अलग अवधि के मूविंग एवरेज, सबसे उल्लेखनीय ट्रेड वॉल्यूम स्तर, और ऐतिहासिक उतार और चढ़ाव से व्यवहार करते हैं। कई निवेशक कुछ स्तर के सापेक्ष परिसंपत्ति मूल्य की स्थिति के आधार पर अपने ट्रेडिंग निर्णय लेते हैं।

शेयर बाजार में टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें

टाइमफ्रेम क्या है


आज हम समझेंगे how to select chart time frame for trading के बारे में कि हम ट्रेडिंग के लिए चार्ट की टाइमफ्रेम कैसे सेलेक्ट करें दोस्तों यह सवाल बार-बार पूछा जाता है कि हम इंट्राडे के लिए या स्विंग ट्रेडिंग के लिए टाइम फ्रेम कैसे सेलेक्ट करें यह कौन सा टाइम फ्रेम बेस्ट रहेगा इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तो आज हम टाइमफ्रेम के विषय में सारी जानकारी को समझेंगे और इस पोस्ट को देखने के बाद टाइम फ्रेम सिलेक्ट करने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी

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