अपसारी त्रिभुज

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अपसारी त्रिभुज
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पक्षी के पंख और कीट के पंख .
Updated On: 27-06-2022
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समजातिये संरचनाये है और अपसारी विकास को दर्शाती है। अनुरूप संरचनाएँ है और संतृप्त विकास को दर्शाती है वंशावली संरचनाये है और अपसारी विकास को दर्शाती है समजातिये संरचनाएँ है अपसारी त्रिभुज और संतृप्त विकास को दर्शाती है ।
Solution : पक्षी के पंख और कीट के पंख अनुरूप संरचनाएँ हैं और संतृप्त विकास को दर्शाती है। अनुरूप अंग कार्य करने में समान होते हैं, लेकिन मूलभूत संरचना और भ्रूणीय उत्पत्ति में बिल्कुल भिन्न होते हैं। अनुरूपता संसृत विकास पर आधारित होती है।
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अपसारी त्रिभुज
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गोलीय अपसारी त्रिभुज पृष्ठों और लेन्सों पर अपवर्तन
एक अपसारी लेन्स, वास्तविक वस्त .
एक अपसारी लेन्स, वास्तविक वस्तु का सदा एक आभासी प्रतिबिम्ब बनाता है। प्रतिबिम्ब के अभिविन्यास और आवर्धन के लिए क्या सामान्य कथन कहे जा सकते हैं?
Updated On: 27-06-2022
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Aap ko kya acha nahi laga
हेलो दोस्तों मेरा प्रश्न है एक अपचारी लेंस वास्तविक वस्तु अपसारी त्रिभुज का सदा एक आभासी प्रतिबिंब बनाता है प्रतिदिन के अभिविन्यास और आवर्धन के लिए क्या सामान कथन सामान्य कथन कहे जा सकते हैं हमें बताना ठीक है तो क्या है आपका अभिसारी लेंस की बात की जा रही है तो अब साड़ी लेस आपका कौन सा लेंस होता है अवतल लेंस होता है ठीक है जो क्या करता है कि दलों को अपहृत करता है तो इसके लिए हम किरण आरेख देखो किरण आरेख में क्या आप देख रहे हैं कि आपका अगर इस तरह से बना प्रतिबिंब होता है यहां पर क्या है आपका एक वस्तु को रखा हुआ है ठीक है और यहां पर यह कह दिया आप के लेंस को अपसारी लेंस अवतल लेंस है उसका करूंगा ठीक है यहां पर क्या हो रहा है कि आप देखो एक क्या हो रही है लेकिन किसी वस्तु है उसके समर्थन में कब से अपसारी त्रिभुज समानता जा रही है जो अपवर्तन के पश्चात अवतरित होती है करने लेकिन उसे जवाब मिल आओगे तो यह लेंस के प्रथम फोकस में क्या होगी मिलती हुई आपका भाषा रूप में प्रतीत होगी और एक किरण क्या होगी इसलिए ग्रुप से निकल जाएगी इन दोनों किरणों का जहां पर कटा रहा है वहीं पर आप का प्रतिबिंब का निर्माण होगा आई जो प्रतिबिंब की अगर आप प्रकृति देखो किनारे
अपसारी त्रिभुज
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गोलीय सतहों पर अपवर्तन
एक अपसारी लेंस जिसकी फोकस - दू .
एक अपसारी लेंस जिसकी फोकस - दूरी 20 cm हैं तथा एक अभिसारी दर्पण जिसकी फोकस - दूरी पर रखे गए हैं । एक वस्तु को कहाँ रखा जाए ताकि उसका प्रतिबिंब वास्तविक हो तथा वस्तु पर ही बनें ।
किस तरह के प्रश्न पूछकर बच्चों में गहन चिंतन को बढ़ावा दिया जा सकता है?
Key Points -
- गहन चिंतन विभिन्न वर्गीकरण करके विचार प्रक्रिया को विभाजित करता है, इसलिए यह किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के संभावित तरीकों की संख्या बताता है।
- यह स्व-निर्देशित है जो उच्चतम स्तर पर गुणवत्ता के निष्पक्ष तरीके से तर्क करने का प्रयास करता है। यह विचारों के अपसारी त्रिभुज बीच तार्किक संबंध को समझने के लिए स्पष्ट और तर्कसंगत रूप से सोचने की अनुमति देता है।
- बच्चों में गहन चिंतन को ऐसे प्रश्न पूछकर बढ़ावा दिया जा सकता है जिसमें बच्चे अपसारी चिंतन करना शुरू करते हैं और अलग-अलग उत्तर खोजने की कोशिश करते हैं और सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं का आकलन करते हैं।
- बच्चों में गहन चिंतन को बीजों को अंकुरण के लिए हवा की आवश्यकता होती है, सिद्ध करने के लिए एक प्रयोग की रुपरेखा तैयार कीजिए, जैसे प्रश्न पूछकर बढ़ावा दिया जा सकता है क्योंकि अपसारी त्रिभुज इस प्रश्न में बच्चा इसे सिद्ध करने के लिए कई प्रयोगों के बारे में सोचेंगे।
त्रिकोण संख्या
त्रिकोण संख्या अथवा त्रिकोणीय संख्या दायीं ओर अपसारी त्रिभुज प्रदर्शित चित्र की तरह समबाहु त्रिभुज की रचना करने वाली वस्तुओं की गणना है। nवीं त्रिकोण संख्या, n बिन्दुओं से निर्मित भुजा वाले समबाहु त्रिभुज के कुल बिन्दुओं की संख्या है तथा इसका मान 1 से n तक की सभी n प्राकृत संख्याओं के योग के तुल्य है। त्रिकोणीय संख्याओं का अनुक्रम ०वीं त्रिकोण संख्या से आरम्भ होता है: त्रिकोण संख्यायें निम्न सुस्पष्ट सूत्र द्वारा दी जाती हैं: T_n.
चतुष्फलकीय संख्या
चतुष्फलकीय संख्या अथवा त्रिकोणीय पिरामिड संख्या चित्र संख्या है जो त्रिभुजाकार आधार और तीन अन्य फलकों को जोड़ने पर अपसारी त्रिभुज बनने वाली चतुष्फलकी आकृति पिरामिड को निरूपित करती है। nवीं चतुष्फलकीय संख्या, प्रथम n त्रिकोण संख्याओं के योग के बराबर होती है। प्रथम 10 चतुष्फलकीय संख्यायें निम्न हैं: .
सभी प्राकृत संख्याओं का योग 1 + 2 + 3 + 4 + · · · एक अपसारी श्रेणी है। श्रेणी का nवाँ आंशिक योग त्रिकोण संख्या है जो जैसे ही n का मान अनन्त की ओर अग्रसर होता है वैसे बिना किसी सीमा के बढता है। यद्यपि पूर्ण श्रेणी को प्रथम दृष्टया देखने पर यह इस प्रकार लगता है जैसे यह अर्थहीन है, इसको गणितीय रूप से रोचक परिणाम वाली संख्या के रूप में प्रकलकलित किया जा सकता है, जिसके अनुप्रयोग अन्य क्षेत्रों जैसे सम्मिश्र विश्लेषण, क्वांटम क्षेत्र सिद्धांत और स्ट्रिंग सिद्धांत में होता है। .
१ − २ + ३ − ४ + · अपसारी त्रिभुज · ·
गणित में, 1 − 2 + 3 − 4 + ··· एक अनन्त श्रेणी है जिसके व्यंजक क्रमानुगत धनात्मक संख्याएं होती हैं जिसके एकांतर चिह्न होते हैं अर्थात प्रत्येक व्यंजक के चिह्न, इसके पूर्व व्यंजक से विपरीत होते हैं। श्रेणी के प्रथम m पदों अपसारी त्रिभुज का योग सिग्मा योग निरूपण की सहायता से निम्नवत् लिखा जा सकता है: अनन्त श्रेणी के अपसरण का मतलब यह है कि इसके आंशिक योग का अनुक्रम किसी परिमित मान की ओर अग्रसर नहीं होता है। बहरहाल, 18वीं शताब्दी के मध्य में लियोनार्ड आयलर अपसारी त्रिभुज ने विरोधाभासी समीकरण में लिखा: लेकिन इस समीकरण की सार्थकता बहुत समय बाद तक स्पष्ट नहीं हो पाई। 1980 के पूर्वार्द्ध में अर्नेस्टो सिसैरा, एमिल बोरेल तथा अन्य ने अपसारी श्रेणियों को व्यापक योग निर्दिष्ट करने के लिए सुपरिभाषित विधि प्रदान की— जिसमें नवीन आयलर विधियों का भी उल्लेख था। इनमें से विभिन्न संकलनीयता विधियों द्वारा का "योग" लिखा जा सकता है। सिसैरा-संकलन उन विधियों में से एक है जो का योग प्राप्त नहीं कर सकती, अतः श्रेणी अपसारी त्रिभुज एक ऐसा उदाहरण है जिसमें थोड़ी प्रबल विधि यथा एबल संकलन विधि की आवश्यकता होती है। श्रेणी, ग्रांडी श्रेणी से अतिसम्बद्ध है। आयलर ने इन दोनों श्रेणियों को श्रेणी जहाँ (n यदृच्छ है), की विशेष अवस्था के रूप में अध्ययन किया और अपने शोध कार्य को बेसल समस्या तक विस्तारित किया। बाद में उनका ये कार्य फलनिक समीकरण के रूप में परिणत हुआ जिसे अब डीरिख्ले ईटा फलन और रीमान जीटा फलन के नाम से जाना जाता है। .