लाइटकॉइन ट्रेडिंग

यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती.
लाइटकॉइन ट्रेडिंग
ड्रीमफ़ोक्स अपने टेक्नॉलोजी-ड्रिवन प्लेटफॉर्म की सहायता से यात्रियों के लिए एक बेहतर एयरपोर्ट के अनुभव की सुविधा प्रदान करता है। ड्रीमफ़ोक्स अब अपना आईपीओ लेकर बाजार में उतरा है। ड्रीमफ़ोक्स हवाई अड्डे से संबंधित सेवाओं जैसे लाउंज, भोजन और पेय पदार्थ, स्पा, ट्रांजिट होटल या नैप रूम एक्सेस, और बैगेज ट्रांसफर जैसी सेवाओं के शानदार अनुभव देने के लिए जाना जाता है।
- Date : 8/24/2022
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शेयर का कमाल, 32000% का छप्परफाड़ मुनाफा दिया
अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड के शेयरों ने अपने निवेशकों को 32000 प्रतिशत का मुनाफा देकर उनकी झोली भर दी।
- Date : 8/24/2022
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राकेश झुनझुनवाला का अंतिम निवेश 20% चढ़ा
राकेश झुनझुनवाला के न रहने पर भी सबकी निगाहें उनके स्टॉक्स पर लगी हुई हैं, शेयरों के भावों में भी बदलाव जारी है।
- Date : 8/22/2022
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इस केमिकल और फार्मा कंपनी को जानकारों ने दी ‘बाय रेटिंग’
स्टॉक मार्केट से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार इस कंपनी को लेकर स्टॉक मार्केट के खिलाड़ी और ब्रोकर बहुत आशान्वित दिख रहे हैं। कंपनी के प्रदर्शन पर भरोसा जताते हुए लोकप्रिय स्टॉक-ब्रोकर आनंद राठी ने इस स्टॉक को बाय रेटिंग दी है।
- Date : 8/19/2022
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bitcoin में तेजी का दौर लाइटकॉइन ट्रेडिंग जारी, जानिये क्या है दिसंबर में आया उछाल
जानकारी के लिए बता दें कि क्वॉइनबेस एक्सचेंज क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग के सबसे बड़े एक्सचेंज में से एक लाइटकॉइन ट्रेडिंग है। इसमें बढ़त के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इसके खतरे के प्रति लोगों को तीन बार आगाह कर चुका है।
क्या है बिटकॉइन करंसी
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) जैसी है जिसे एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें इस साल 900 फीसद से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है। अगस्त 2011 में इसकी कीमत पहली बार 1000 डॉलर हुई थी इसके बाद 20 मई 2017 को यह 2000 डॉलर का हुआ था। उसके बाद से इसमें रैली जारी है।
क्रिप्टोकरेंसी क्यों खरीदें जब आप इसे खुद जारी कर सकते हैं
ट्यूलिप में बुलबुला नवंबर 1636 से मई 1637 तक चला. यह किसी प्रोडक्ट में बुलबुला बनने का ऐसा उदहारण है जो किताबों में शामिल हो गया है. इस समय बिटकॉइन के मामले में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.
बिटकॉइन के ब्लॉक चेन के महत्व से किसी को इनकार नहीं है. यह वाकई में बेहतरीन है. ब्लॉक चेन का इस्तेमाल कई तरीके से करेंसी के ट्रांजेक्शन के लिए किया जा सकता है.
इसकी स्टोर वैल्यू गोल्ड या किसी और चीज की तरह महत्वपूर्ण हो सकती है. इसमें कॉन्ट्रेक्ट भी किया जा सकता है. मुख्य रूप से इसकी वजह यह है कि कॉन्ट्रैक्ट्स के रिकॉर्ड कीपर की तरह ब्लॉक चेन तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है.
बिटकॉइन की कीमत में उछाल, तीन महीनों में पहली बार 50,000 डॉलर के पार हुआ
बिजनेस डेस्कः सोमवार को बिटकॉइन तीन महीने में पहली बार 50,000 डॉलर से पार चला गया। इसकी वजह निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में फिर से जागा विश्वास है। बिटकॉइन लगभग 2 फीसदी चढ़कर 50,249.15 डॉलर हो गया, जो मई के मध्य के बाद से सबसे अधिक लेवल है। मध्य मई के बाद बिटकॉइन कई मुद्दों के चलते नीचे आने लगा। इनमें क्रिप्टोकरेंसीज पर चीन की कार्रवाई और बिटकॉइन माइनिंग के पर्यावरण पर प्रभाव को देखते हुए टेस्ला के बॉस एलन मस्क द्वारा इसमें पेमेंट स्वीकार करना बंद करने का फैसला भी शामिल हैं।
बिटकॉइन जून में 29,000 डॉलर पर आ गया था, जो 6 माह का निचला स्तर था। अब यह इस स्तर से 70 प्रतिशत से अधिक चढ़ चुका है। ऐसी अटकलें हैं कि यह 100,000 डॉलर की ओर आगे बढ़ सकता है। बिटकॉइन अभी भी अपनी रिकॉर्ड कीमत से काफी दूर है, जो लगभग 65000 डॉलर थी। बिटकॉइन ने यह स्तर अप्रैल में छुआ था।
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लाइटकॉइन ट्रेडिंग
भारत में गिरा क्रिप्टो करेंसी कारोबार, बिटकॉइन के लेनदेन लाइटकॉइन ट्रेडिंग में 87 प्रतिशत की गिरावट
नई दिल्ली (New Delhi), 5 जुलाई . भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) लाइटकॉइन ट्रेडिंग के लेनदेन पर होने वाले मुनाफे पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने का असर भारतीय क्रिप्टो करेंसी बाजार में साफ साफ नजर आने लगा है. मुनाफे पर टैक्स देने की बाध्यता की वजह से जुलाई के महीने में क्रिप्टो करेंसी की लेन-देन में करीब 60 से लेकर 87 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई है.
उल्लेखनीय है कि इस साल 1 फरवरी को बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने और क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन पर टीडीएस डिडक्शन करने का ऐलान किया था. 1 जुलाई से देश में क्रिप्टो करेंसी के मुनाफे पर और ट्रांजेक्शन पर टीडीएस कटौती का नियम लागू कर दिया गया है, जिसकी वजह से विभिन्न क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन में भारी गिरावट दर्ज की गई है.