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क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है?

क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है?

Digital Rupee And Crypto Currency : जानिए डिजिटल रुपया और क्रिप्टो करेंसी में कितना अंतर है, यहाँ देखे

Digital Rupee And Crypto Currency : भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank Of India ) ने चार शहरों में डिजिटल रुपये का प्रयोग शुरू किया ! डिजिटल करेंसी का लक्ष्य धीरे-धीरे पेपर मनी को खत्म करना है ! इसका बिटकॉइन या ब्लॉकचेन तकनीक से कोई लेना-देना नहीं है ! यहां आपको डिजिटल रुपये ( Digital Rupees ) और क्रिप्टो करेंसी के बारे में बेहतर समझने के लिए विवरण दिए गए हैं !

Digital Rupee And Crypto Currency

Digital Rupee And Crypto Currency

Digital Rupee And Crypto Currency

डिजिटल करेंसी ( Digital Currency ) का सबसे बड़ा फायदा यह होगा ! कि दूसरे देशों में ट्रांजैक्शन ( Digital Transection ) करने और एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांजैक्शन करने में आसानी होगी ! यह काम बहुत तेज होगा ! डिजिटल करेंसी को समझने के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन और डिजिटल रुपये ( Digital Rupee ) के बीच के अंतर को समझना होगा ! डिजिटल ट्रांजैक्शन वह है ! जिसमें हम अपना पैसा डिजिटल माध्यम से किसी को देते हैं ! दुकानदार हो या किसी और को आपको पैसे देने हैं ! इसमें हम अपना पैसा डिजिटल तरीके से दूसरों को देते हैं ! इसे डिजिटल ट्रांजैक्शन कहते हैं जो डिजिटल करेंसी से बिल्कुल अलग है !

डिजिटल रुपया और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है

डिजिटल रुपया ( Digital Rupees ) और क्रिप्टोकरेंसी एक ही चीज नहीं है ! और इनका एक दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है ! जबकि क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्लॉकचेन पर बनी है ! डिजिटल रुपया नहीं है ! नए जारी किए गए डिजिटल रुपये को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( Central Bank Digital Currency ) के रूप में जाना जाता है ! और इसका प्रमुख लक्ष्य अंततः बाजार से नकदी के पैसे को खत्म करना है !

Digital Rupee And Crypto Currency

क्रिप्टो और डिजिटल रुपये ( Digital Rupee ) के बीच एक और अंतर मूल्य कारक है ! क्रिप्टोक्यूरेंसी एक जोखिम भरा बाजार है ! और इसके मूल्य में बाजार की स्थितियों के अनुसार उतार-चढ़ाव होता है ! डिजिटल रुपये के मामले में ऐसा नहीं है ! इसका मूल्य समय के साथ स्थिर रहता है ! नकद धन की तरह !

एकमात्र अंतर यह है कि डिजिटल रुपया ( Digital Rupee ) , जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, कागजी मुद्रा का “डिजिटल” प्रतिनिधित्व है ! हैरानी की बात है ! कि डिजिटल रुपये और पेपर मनी क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? का मूल्य समान है ! अंतर यह है कि डिजिटल रुपये को संभालना कहीं आसान और कम खर्चीला है !

इन शहरों में लॉन्च हुआ डिजिटल रुपया

भारतीय केंद्रीय बैंक ने चार शहरों में डिजिटल रुपये ( Digital Rupee ) का परीक्षण शुरू कर दिया है ! मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर ! प्रारंभिक परीक्षण के लिए RBI ( Reserve Bank Of India ) ने चार बैंकों के साथ सहयोग किया ! भारतीय स्टेट बैंक, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक !

Digital Rupee And Crypto Currency

जब परीक्षण चरण शुरू होता है! तो RBI ( Reserve Bank Of India ) चार और बैंकों को शामिल करने के लिए सहयोग का विस्तार करेगा ! बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ! आने वाले दिनों में सेवा का विस्तार नए शहरों में किया जाएगा ! अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला उन शहरों में शामिल है ! जिनकी दूसरे चरण में डिजिटल रुपये ( Digital Rupees ) तक पहुंच होगी !

जानिए क्या है Shiba Inu कॉइन और भारत में इसे कैसे खरीदें?

जानिए क्या है Shiba Inu कॉइन और भारत में इसे कैसे खरीदें?

Ethereum और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी नई ऊँचाइयों पर पहुंचने के साथ, निवेशक हमेशा अगली बड़ी चीज़ की तलाश में रहते हैं। क्रिप्टो यूनिवर्स में लेटेस्ट आने वाला Shiba Inu कॉइन है, जो हाल ही में Dogecoin में से जुड़ने के बाद से सुर्खियां बटोर रहा है।

CoinMarketcap पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, Shiba Inu ने एक समय में, पिछले 24 घंटों में 120 प्रतिशत से अधिक और पिछले सात दिनों में 1,970.57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। Dogecoin के विकल्प के रूप में आने वाले इस कॉइन का टोकन $ 13 बिलियन से अधिक के बाजार पूंजीकरण तक पहुंच गया है। इसकी तुलना में, Dogecoin की वैल्युएशन $ 61 बिलियन से अधिक है।

क्या है Shiba Inu कॉइन?

अभी तक Shiba Inu के बारे में बहुत कम जानकारी है। ऐसा प्रतीत होता है कि Dogecoin को कुछ कंपीटिशन देने के लिए कॉइन बनाया गया है। इसकी वेबसाइट का दावा है कि Shiba Inu, decentralised spontaneous community बनाने के लिए एक प्रयोग है।

इस कॉइन में जापान के उसी शिकारी कुत्ते. Shiba Inu को फीचर किया गया है जिसने Dogecoin की बदौलत लोकप्रियता पाई है। वास्तव में, यहां तक ​​कि एलोन मस्क भी Shiba Inu puppy चाहते हैं।

shiba inu

Shiba Inu कॉइन को शॉर्ट में शिब (SHIB) कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्‍टोकरेंसी एक्सचेंज बिनांस (Binance) पर हाल ही में 10 मई 2021 को लिस्ट हुआ है। बिनांस पर लिस्ट होने के बाद कुछ मिनटों में ही इसकी कीमतें 60 फीसदी से ज्‍यादा उछल गईं। पहले दिन इस क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतों में 70 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है।

भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? कैसे खरीदें Shiba Inu?

जहां सरकार की ओर से प्रतिबंध लगाने का खतरा है, वहीं भारतीय सक्रिय रूप से क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कर रहे हैं। Ethereum और Dogecoin में हालिया उछाल ने भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX के सर्वर को भी क्रैश कर दिया। हालांकि, Shiba क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? Inu कॉइन WazirX पर कारोबार करने के लिए उपलब्ध नहीं है।

कॉइन खरीदने के लिए कोई भी CoinDCX, Binance, और Coinbase जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग कर सकता है। खरीदारों को समर्थित क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट को UniSwap से कनेक्ट करना होगा। कनेक्ट किए गए वॉलेट में समर्थित क्रिप्टोकरेंसी फंड होना चाहिए, जो ज्यादातर मामलों में Ethereum या Bitcoin है।

खरीदारों को फिर उस करेंसी को कॉन्फ़िगर करना होगा जिसे वे Shiba Inu के लिए एक्सचेंज करना चाहते हैं और स्लिपेज (मूल्य परिवर्तन) सहिष्णुता निर्धारित करते हैं और वांछित सेटिंग्स पर निष्पादित करने के लिए लेनदेन की प्रतीक्षा करने के लिए वे जितना समय चाहते हैं।

यदि समय अवधि में मूल्य मिलान होता है, तो यूजर्स को अपनी राशि के Shiba Inu कॉइंस मिलेंगे।

(क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? अंग्रेजी से अनुवाद: रविकांत पारीक)

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भास्कर एक्सप्लेनर: कैसा होगा RBI का 'डिजिटल रुपया', क्या ये लेगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की जगह? जानिए सब कुछ

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा की है। यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यानी CBDC होगी। RBI इस डिजिटल करेंसी को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च करेगा। डिजिटल रुपया, या CBDC को डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही भारत इस तरह से आधिकारिक तरीके से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा।

ऐसे में आइए जानते हैं कि CBDC क्या है? सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? आम लोगों के लिए यह कितना सुरक्षित और फायदेमंद होगा?

सवाल : डिजिटल करेंसी CBDC को कौन लॉन्च करेगा?

जवाब : RBI, जानिए कैसे होगी इसकी लॉन्चिंग.

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, यानी RBI नए फाइनेंशियल ईयर में CBDC को लॉन्च करेगा। नई करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी।
  • RBI की ओर से डिजिटल फॉर्म में जारी CBDC एक लीगल टेंडर होगा। सेंट्रल बैंक से जारी करेंसी की तरह ही CBDC भी होगा, लेकिन इसे नोट की तरह आप अपने जेब में नहीं रख सकेंगे।
  • यह करेंसी की तरह ही काम करेगा। साथ ही CBDC को नोट के साथ बदला भी जा सकेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में आपके अकाउंट में दिखाई देगी।
  • RBI की रिपोर्ट में पहले बताया गया था कि CBDC से आप कैश के मुकाबले आसानी से और सुरक्षित तरीके से कहीं पर भी खरीदारी कर सकेंगे।

सवाल : क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी होगी?

जवाब : नहीं, तो फिर कैसी होगी, आइए जानते हैं…

  • CBDC क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर होगा।
  • इसे RBI जारी करेगा, इसलिए इसमें जोखिम नहीं होगा। इससे देश में आसानी से खरीदारी हो सकेगी।
  • ये प्राइवेट वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन से एकदम अलग होगी।
  • प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के साथ कई तरह की बाधाएं होती हैं और बिटकॉइन जैसी इन करेंसीज को सभी देशों में मान्यता नहीं मिली है।
  • साथ ही प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के किसी सरकार से नहीं जुड़े होने की वजह से इसमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है।
  • प्राइवेट वर्चुअल करेंसी कमोडिटी नहीं हैं। साथ ही इनका कोई आंतरिक मूल्य भी नहीं होता है।

सवाल : क्या बिटकॉइन की ही तरह यह भी जोखिम भरी करेंसी होगी?

जवाब : नहीं, जानिए CBDC कितनी सुरक्षित है।

इन्वेस्टोपीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य आम लोगों को एक लीगल और सुविधाजनक डिजिटल करेंसी मुहैया कराना है, ताकि उन्हें सुरक्षा संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

सरकार की बजट में डिजिटल करेंसी की घोषणा बिटकॉइन और ईथर जैसी अन्य क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी को लेकर मंशा को व्यक्त करती है। RBI कई मौकों पर बिटकॉइन को लेकर चिंता जता चुका है, क्योंकि बिटकॉइन, ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी जैसा खतरा बना रहता है।

ऐसे में इसका इस्तेमाल आतंकवादी संगठन भी कर सकते हैं। इसलिए RBI ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी CBDC लाने की योजना की घोषणा की है।

सवाल : क्या सीबीडीसी अन्य डिजिटल क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? पेमेंट्स से ज्यादा अच्छा है?

जवाब : हां, जानिए कैसे…

मान लीजिए आप एक यूपीआई सिस्टम से अपने बैंक अकाउंट के बजाय CBDC से क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? लेनदेन करते हैं। इसमें कैश को हैंड ओवर करते ही इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रह जाती। इससे पेमेंट्स सिस्टम से लेनदेन ज्यादा रियल टाइम में और कम लागत में होगा। इससे भारतीय आयातक बिना किसी बिचौलिए के अमेरिकी निर्यातक को रियल टाइम में डिजिटल डॉलर का भुगतान कर सकेंगे।

सवाल : क्या RBI इसे सीधे लॉन्च कर सकेगा?

जवाब : नहीं, जानिए क्या कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी…

आरबीआई भले ही इसे लॉन्च करने को तैयार है। लेकिन यह तब तक नहीं हो सकेगा जबतक कि संसद में क्रिप्टो कानून पारित नहीं हो जाता। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत मौजूदा प्रावधान मुद्रा को भौतिक रूप से ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप सिक्का अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में भी संशोधन की आवश्यकता होगी।

सवाल : क्या सीबीडीसी के आने से बैंकों पर असर पड़ेगा?

जवाब :क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? हां, जानिए किस तरह का असर होगा…

सीबीडीसी के आने से बैंक में जमा के लिए लेनदेन की मांग कम होगी। साथ ही सेटलमेंट रिस्क भी कम होगा। रिस्क फ्री होने के चलते सीबीडीसी बैंक डिपॉजिट को कम करेगा। साथ ही जमा पर सरकारी गारंटी में कटौती करेगा। वहीं यदि बैंक जमा राशि खो देते हैं, तो क्रेडिट बनाने की उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी। क्योंकि केंद्रीय बैंक निजी क्षेत्र को लोन प्रदान नहीं कर सकते हैं।

सवाल : क्या अमेरिका, चीन और UK की अपनी डिजिटल करेंसी है

जवाब : नहीं, आइए जानते हैं किन देशों के पास अपनी खुद की डिजिटल करेंसी है।

CBDC किसी भी देश की आधिकारिक करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होगा। यह पैसों के लेनदेन, आवश्यक सामानों की खरीदारी के पेमेंट्स में भी काम आएगा।

दिसंबर 2021 तक 87 देश (जिनकी वैश्विक GDP में 90% से अधिक की हिस्सेदारी है) CBDC के बारे में रिसर्च कर जानकारी जुटा रहे थे। इनमें से 35 देश मई 2020 में CBDC लाने के प्रोजेक्ट पर विचार कर रहे थे।

इनमें से 9 देश पहले ही CBDC को पूरे तरीके से लॉन्च कर चुके हैं। इनमें बहामास, 7 इस्टर्न कैरिबियन और नाइजीरिया शामिल हैं। कैरिबियन देशों से बाहर नाइजीरिया ने भी हाल में अपनी CBDC ई-नायरा लॉन्च की है। हालांकि, 4 सबसे बड़े केंद्रीय बैंकों (अमेरिका, यूरोप, जापान और UK) वाले प्रमुख देश अपनी CBDC लॉन्च करने में सबसे पीछे हैं।

चीन और दक्षिण कोरिया सहित 14 देश ऐसे हैं जो अब अपने CBDC के साथ प्रायोगिक चरण में हैं और जल्द ही इसे लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।

सवाल : क्या डिजिटल करेंसी आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी?

जवाब : हां, जानिए कैसे।

डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। जैसे UAE में एक वर्कर को सैलरी का 50% हिस्सा डिजिटल मनी के रूप में मिलता है। इससे ये लोग अन्य देशों में मौजूद अपने रिश्तेदारों को आसानी से और बिना ज्यादा शुल्क दिए पैसे भेज सकते हैं।

वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7% से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इसमें 2% तक की कमी आएगी। इससे लो इनकम वाले देशों को हर साल 16 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा पैसे मिलेंगे।

Cryptocurrency vs Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग और क्या हैं इसके फायदे

Cryptocurrency vs Digital Currency

Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

बता दें कि देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन पेमेंट के ऑप्शन मौजूद है।ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी (Digital क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या है? Currency) और यह Cryptocurrency से कितनी अलग है।

सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य

क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन

सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

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