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एक अच्छा विदेशी मुद्रा व्यापारी कैसे बन सकता है

एक अच्छा विदेशी मुद्रा व्यापारी कैसे बन सकता है
कर्क राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार में उतार-चढ़ाव रहेगा और व्यर्थ के कामों में अधिक समय खराब हो सकता है। बुजुर्गों की सलाह लेकर काम करेंगे, तो सफलता के साथ ज्यादा लाभ के अवसर मिलेंगे। प्रलोभन के चक्कर में न पड़ें तो बेहतर रहेगा। सहकर्मियों का पूरा सहयोग नहीं मिल पाएगा, जिससे कार्यक्षेत्र में निराशा का सामना करना पड़ सकता है। परिजनों के साथ कहीं घूमने जाने की योजना बनाते हैं तो अच्छा होगा। लेन-देन से बचना होगा। परिवार में शांति का माहौल रहेगा।

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By: ABP Live | Updated at : 09 Nov 2022 05:01 PM (IST)

"यह सबसे अच्छा समय था, यह सबसे बुरा समय था" चार्ल्‍स डिकेंस के अ टेल ऑफ टू सिटीज की यह शुरुआती पंक्ति है और यह संभवत: बाजार के मौजूदा परिदृश्‍य को सटीक तरीके से बताती है. हमारे सामने तरक्‍की का लंबा रास्‍ता है, लेकिन वैश्‍विक सुस्‍ती, भू-राजनीतिक मसलों, ऊंची ब्‍याज दरों जैसे तमाम मसलों का शोर भी है. भारतीय बाजारों में करीब 18 महीने तक की तेजी के बाद पिछले एक साल में मिलाजुला रुख देखा गया. बाजार उतार-चढ़ाव वाला रहा है, लेकिन इसके लिए यह कोई असामान्‍य बात नहीं है. एक एसेट क्‍लास के रूप में देखें तो इक्विटीज यानी शेयरों में ऊंचा जोख‍िम रहता है और इसलिए उतार-चढ़ाव तो इक्विटी निवेश का एक हिस्‍सा है. लेकिन इसमें एक अच्‍छी बात यह है कि जितनी लंबी अवध‍ि तक निवेश बनाए रहें, उतार-चढ़ाव का तत्‍व सीमित होता जाता है. इसलिए दीर्घकालिक रूप में इक्विटी सर्वश्रेष्‍ठ एसेट क्‍लास हैं और लॉन्‍ग टर्म के लिए हम भारतीय बाजारों के लिए सकारात्‍मक बने हुए हैं.

विकसित देशों में कम रहेगा आर्थिक मंदी या सुस्‍ती का असर

अब इस पर बहस की जा सकती है कि खासकर विकसित देशों में मंदी या सुस्‍ती का असर कम रहेगा या व्‍यापक रहेगा, या महंगाई टिकने वाला होगा या कुछ समय के लिए. लेकिन कमोडिटीज और एनर्जी की कीमतों (ऊर्जा आयात का हिस्‍सा जीडीपी के 4 फीसद तक होता है) में कमी आई है जो कुछ राहत की बात है. हम पूरे भरोसे से यह नहीं कह सकते कि मार्जिन का दबाव कम हुआ है, लेकिन यह जरूर कह सकते हैं कि अब चीजें सही दिशा में जा रही हैं, कम से कम कमोडिटी उपभोग के मामले में.

हालांकि, कई ऐसे जोख‍िम हैं जिनका हमें ध्‍यान रखना होगा. पहला, अनिश्चित भू-राजनीतिक परिदृश्‍य और सप्‍लाई चेन की निरंतरता के मसले लंबे समय तक बने रहने वाले हैं. दूसरा, अब करीब एक दशक के कम ब्‍याज दरों और आसान नकदी के माहौल से ऊंची ब्‍याज दरों और नकदी में सख्‍ती वाले माहौल की तरफ बढ़ा जा रहा है. पहले जोख‍िम की वजह से महंगाई न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता है और हमने यह देखा है कि केंद्रीय बैंक सख्‍त मौद्रिक नीतियों से इस पर अंकुश के लिए कोशिश में लगे हुए हैं.

भारत की आर्थिक स्थिति

भारत में हमें कुछ और समस्‍याओं के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं- विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आ रही है, व्‍यापार घाटा ऊंचाई पर है और रुपए में काफी कमजोरी है. महंगाई लगातार ऊंचाई पर बनी हुई है और पिछले करीब तीन तिमाहियों से यह रिजर्व बैंक के 6% के सुविधाजनक स्‍तर से ऊपर है. कई दूसरे देशों के मुकाबले हमने बेहतर प्रदर्शन किया है और हमारी ग्रोथ रेट भी बहुत अच्‍छी है, लेकिन अर्थव्‍यवस्‍था की इस अलग राह या बेहतरीन प्रदर्शन से जरूरी नहीं कि बाजार एक-दूसरे से जुड़े नहीं हों, भले ही प्रदर्शन कितना ही बढ़ि‍या हो. इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि शॉर्ट टर्म में हमारे बाजार भी दूसरे बाजारों के साथ ही चलेंगे.

वैश्विक तरक्‍की में मौजूदा अनिश्चिचता के माहौल को देखते हुए बाजारों के लिए मौजूदा साल काफी चुनौतियों वाला हो सकता है. वैश्विक स्‍तर पर और भारत में ऊंची ब्‍याज दरों की वजह से शेयरों के वैल्‍युएशन में उस बढ़त पर जोख‍िम आ सकता है, जिसका हाल में भारतीय बाजारों को फायदा मिला है. इसके अलावा भारत के कई राज्‍यों में मानसून अनियमित रहने की वजह से खाद्य महंगाई भी ऊंचाई पर रहने की आशंका है.

किन सेक्‍टर्स में दिख रहे हैं मजबूती के संकेत?

किसी फंड हाउस में हर फंड मैनेजर अपने उत्‍पाद के मैंडेट के मुताबिक निवेश का तरीका अपनाता है. इसी तरह देखें तो हम आमतौर पर वित्‍तीय, औद्योगिक और कंज्‍यूमर डिस्क्रेशनेरी (जिसका नेतृत्‍व ऑटो करता है) सेगमेंट के लिए सकारात्‍मक नजरिया रखते हैं. वित्‍तीय सेगमेंट (खासकर बैंक) अब ऐसी स्थिति में हैं जहां कर्ज की मांग और उसकी उठाव बढ़ रही है और इसके साथ ही बैंकों का बहीखाता सुधरा है, बैंक के पास अच्‍छी पूंजी है. कंज्‍यूमर डिस्क्रेशनेरी सेक्‍टर में हम ऑटो जैसे कुछ सेगमेंट के लिए सकारात्‍मक हैं जहां मंदी के एक दौर के बाद अब सुधार देखा जा रहा है. इनमें कई अच्‍छी चीजें हुई हैं- कच्‍चे माल की कीमतों में नरमी आई है, सप्‍लाई चेन की समस्‍याएं कम हुई हैं और खासकर इलेक्ट्रिक/हाइब्रिड प्‍लेटफॉर्म पर कंपनियों ने नए उत्‍पाद लॉन्‍च किए हैं. हम इस सेक्‍टर को लेकर पॉजिटिव हैं, लेकिन आगे हम चुनींदा शेयरों पर ही भरोसा करेंगे और बॉटम-अप रवैया ज्‍यादा अपनाएंगे.
यह देखते हुए कि हाल के दिनों में इस सेक्‍टर ने बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. इंडस्ट्रियल सेक्‍टर की बात करें तो स्‍वदेशीकरण पर जोर देने, मेक इन इंडिया/प्रोडक्‍टशन लिंक्‍ड इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम जैसी अनुकूल नीतियों का फायदा मिलेगा. भारत मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए एक वातावरण तैयार कर रहा है और प्रतिस्‍पर्धी लागत ढांचे से भारत को अपने मैन्‍युफैक्‍चरिंग ताकत को विकसित करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, वैश्विक स्‍तर पर देखें तो मैन्‍यूफैक्‍चरिंग के लिए चीन पर अत्‍यध‍िक निर्भरता रही है, लेकिन हाल के भू-राजनीतिक घटनाओं की वजह से अब इसमें बदलाव आ सकता है. भारत इस संभावित बदलाव का फायदा उठाने के लिए कदम उठा रहा है.
जब बहस वैल्‍यू और ग्रोथ की होती है तो हम ग्रोथ ऐट रीजनेबल प्राइस (GARP) यानी वाजिब कीमत पर वृद्धि के मध्‍यम मार्ग को पसंद करते हैं. यह निवेश का एक सरल लेकिन प्रभावी सिद्धांत है और समय-समय पर इसका परीक्षण किया जा चुका है. जब हम ग्रोथ के लिए शेयरों में निवेश करते हैं, तो उतना ही अहम यह देखना होता है कि हम ग्रोथ के लिए क्‍या कीमत चुकाते हैं. GARP निवेश के इन दो सिद्धांतों के बीच संतुलन बनाता है और इसलिए आपको दोनों का फायदा मिलता है. बाजार आशावाद और निराशावाद के दो किनारों के बीच घूमता रहता है- जिसमें हम किसी कीमत में बढ़त और साथ में वैल्‍यू को लेकर बहुत ज्‍यादा सतर्कता भी देखते हैं. GARP से इस बात में मदद मिलती है कि हम अतिशय ओवरप्राइसिंग और वैल्‍यू के जाल में फंसने से बचें.

10 साल के लिए कौन से स्टॉक अच्छे हैं? यहाँ बताया हैं!

कौन से स्टॉक बहुत लंबी अवधि के लिए होल्ड करने के लिए अच्छे हैं - 5,7 या 10 साल भी? यह मेरे लिए सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्नों में से एक है। इसलिए मैंने एक बार और सभी के लिए इसका उत्तर यहीं देने का फैसला किया। एक स्पॉइलर के रूप में, ऐसी कोई सिफारिश नहीं है जिसे मैं बाहर करने जा रहा हूं, लेकिन इस पर मेरा व्यक्तिगत विचार क्या है, इसके बारे में यहां अपने दिल की बात लिखूंगा।

इसलिए, इस प्रश्न का उत्तर केवल 3 शब्दों में देना है - मुझे नहीं पता :) मेरे लिए यह अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है कि कोई कंपनी अगले 10 वर्षों में कैसा प्रदर्शन करेगी। मैं यह अनुमान भी नहीं लगा सकता कि अगले घंटे क्या होने वाला है, 10 साल की समय सीमा तो दूर की बात है। इतने लंबे समय के लिए ऐसा बहुत कुछ है जो मनुष्य की क्षमता से परे है। उदाहरण के लिए, वहां कौन सी सरकार होगी, नई नीतियां, नियामक ढांचा, ब्याज दरें, तकनीकी प्रगति, कंपनी के शीर्ष प्रबंधन में बदलाव, उत्पाद की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त, देश की जीडीपी, भू-राजनीतिक परिदृश्य, मुद्रास्फीति दर और मैं कर सकता हूं आगे बढ़ते रहो…

रविवार का राशिफल

युगाब्ध-5124, विक्रम संवत 2079, राष्ट्रीय शक संवत-1944 सूर्योदय 06.26, सूर्यास्त 05.23, ऋतु – शीत

अगहन कृष्ण पक्ष पंचमी, रविवार, 13 नवम्बर 2022 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़ें आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कारोबार अच्छा चलेगा, लेकिन कार्यभार की अधिकता से तनाव भी बढ़ेगी। कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। क्रोध पर नियंत्रण और वाणी पर संयम रखें, अन्यथा वाद-विवाद में फंस सकते हैं। परिवार में कलह हो सकती है। निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। परिजनों और मित्रों को पूरा सहयोग मिलेगा। परिजनों के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा

विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है. The post भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, व्यापार घाटा 43 महीने के उच्चतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा appeared first on The Wire - Hindi.

विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. जून 2018 में व्यापार घाटा नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक रहा है.एक अच्छा विदेशी मुद्रा व्यापारी कैसे बन सकता है

Reserve Bank Reuters


मुंबई: देश का विदेशी मुद्रा भंडार छह जुलाई को समाप्त सप्ताह में 24.82 करोड़ डॉलर घटकर 405.81 अरब डॉलर रह गया. यह गिरावट विदेशी मुद्रा आस्तियों में बढ़ोतरी के बावजूद आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में इस बात की जानकारी दी गई है.

इससे पहले के सप्ताहांत में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.76 अरब डॉलर घटकर 406.06 अरब डॉलर रह गया था.

इससे पूर्व विदेशी मुद्रा भंडार 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था. आठ सितंबर 2017 को मुद्रा भंडार पहली बार 400 अरब डॉलर के स्तर को लांघ गया था लेकिन उसके बाद एक अच्छा विदेशी मुद्रा व्यापारी कैसे बन सकता है से उसमें उतार-चढ़ाव बना रहा.

रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते का क्या है मतलब?

भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA) के तहत रुपये में सीमा पार व्यापार लेनदेन के लिए व्यापक रूपरेखा का विस्तार किया है.

  1. इस व्यवस्था के तहत सभी निर्यात-आयात और चालान रुपये में किए जा सकते हैं.
  2. दो व्यापारिक भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दरें बाजार द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं.
  3. इस व्यवस्था के तहत व्यापार लेनदेन का निपटान रुपये में होना चाहिए.

आयात और निर्यात के लिए एक अच्छा विदेशी मुद्रा व्यापारी कैसे बन सकता है क्या है इसका मतलब?

  • इस तंत्र के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातकों को रुपये में भुगतान करने की आवश्यकता होगी, जिसे विदेशी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिए चालान के खिलाफ भागीदार देश के संवाददाता बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाना चाहिए.
  • इसी एक अच्छा विदेशी मुद्रा व्यापारी कैसे बन सकता है तरह, इस सिस्टम के जरिए वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के संपर्ककर्ता बैंक के निर्दिष्ट विशेष वोस्ट्रो खाते में शेष राशि से रुपये में निर्यात आय का भुगतान किया जाना चाहिए.
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