म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार

गजब का म्यूचुअल फंड: ₹10,000 मासिक SIP को बना दिया ₹9.39 करोड़, ₹46800 टैक्स बचत भी कराता है
टैक्स-बचत विकल्प इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक प्रकार का इक्विटी फंड है और यह एकमात्र म्यूचुअल फंड है, जिसमें आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
Mutual Fund: टैक्स-बचत विकल्प इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक प्रकार का इक्विटी फंड है और यह एकमात्र म्यूचुअल फंड है, जिसमें आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार है। इसके अलावा ईएलएसएस फंड विविध इक्विटी फंड हैं जो लार्ज, मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों सहित कई मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। यही वजह है कि इस फंड को काफी पंसद किया जाता है।
फाइनेंस एक्सपर्ट इस फंड में लंबे समय तक निवेश को बनाए रखने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि लाॅन्ग टर्म में यह फंड हाई रिटर्न देने की क्षमता रखता है। आपको बता दें कि ईएलएसएस फंड (equity-linked savings scheme (ELSS)) से टैक्सपेयर्स सालाना 46,800 रुपये तक की बचत कर सकते हैं। यहां, हमने एचडीएफसी टैक्ससेवर फंड को एक उदाहरण के रूप में इस्तेमाल किया है, जिसने अपनी स्थापना के 26 साल पूरे कर लिए हैं और इसके निवेशक करोड़पति बन गए हैं।
एचडीएफसी टैक्ससेवर फंड
HDFC Taxsaver Fund को 31 मार्च, 1996 को लॉन्च किया गया। यानी एचडीएफसी टैक्ससेवर फंड रेगुलर प्लान-ग्रोथ ऑप्शन को अब म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार लगभग 26 साल हो गए हैं। 31 मार्च, 2022 तक, फंड ने 21.27% के एसआईपी रिटर्न दिया है। फंड की स्थापना के बाद से एचडीएफसी टैक्ससेवर में किए गए ₹10,000 के मासिक निवेश यानी ₹31.20 लाख का कुल निवेश 31 मार्च, 2022 तक ₹9.म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार 39 करोड़ बन गया।
निवेशकों को तगड़ा रिटर्न
फंड ने 31 मार्च, 2022 तक 26.05% का 1 साल का रिटर्न दिया है, जो 22.म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार 29% के बेंचमार्क परफार्मेंस से अधिक है। पिछले तीन सालों में 11.64% का रिटर्न और पिछले पांच वर्षों में 9.44% का रिटर्न दिया है। फंड की स्थापना के बाद से, इसने 22.24% का वार्षिक रिटर्न दिया है, जो 14.25% के बेंचमार्क प्रदर्शन से अधिक है, इसलिए फंड के शुरुआती चरण से किए गए 10,000 रुपये का निवेश इस समय ₹1,857,705 होता।
आपका म्यूच्यूअल फण्ड गाइड
म्यूचुअल फंड ने पिछले कुछ वर्षों में काफी लोकप्रियता हासिल की है और विकास दर में भी काफी वृद्धि देखी गई है। जिस आसानी से एक छोटा निवेशक अपने पैसे को विविध सिक्योरिटीज के पूल में निवेश कर सकता है, यही कारण है कि म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए पसंदीदा गो-टू-इनवेस्टमेंट विकल्पों में से एक बन गया है।
विकसित म्यूचुअल फंड उद्योग के साथ, इन फंडों की विशेषताओं, संचालन और प्रकृति के बारे में कई प्रश्न भी विकसित हुए हैं। यह कोर्स छात्रों को म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल कॉन्सेप्ट्स और नेचर को समझने में मदद करेगा |
About the Trainer
Kredent Academy is a pioneer of financial market education in India and has been at the forefront of the spreading financial education in India since its inception in 2008. Starting from basic finance to advanced concepts like stock market investing, fundamental and technical analysis, and options trading, we have courses that will teach you to save and invest money responsibly and grow your wealth steadily. These courses are taught by some of the best instructors and market experts and are highly practical focused to give the students a holistic understanding of the subjects.
Objective
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को इंटरैक्टिवपारस्परिक तरीके से म्यूचुअल फंडों और इसके कार्यों की गहन जानकारी प्रदान करना है। यह कोर्स आपको म्यूचुअल फंड की मूल कॉन्सेप्ट्स और संचालन को समझने के लिए बनाया गया है ताकि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने में आसानी हो।
Benefits
इस कोर्स को पूरा करने के बाद, छात्रों को स्पष्ट रूप से समझ आ जाएगा कि म्यूचुअल फंड निवेश कैसे काम करता है और म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है । इस कोर्स में विभिन्न म्युचुअल फंड कॉन्सेप्ट्स को दिन-प्रतिदिन वास्तविक जीवन की तुलनाओं की मदद से समझाया गया है जो छात्रों के लिए इस प्रकार के निवेश के बेसिक नेचर को समझना में सहायता करेगी |
इस कोर्स के साथ आपको एक म्यूचुअल फंड गाइडबुक भी मिलेगा जो आपको नोट्स बनाने और रेफेरेंस मटेरियल के लिए काम आएगा |
Topics Covered
इस पाठ्यक्रम में निम्नलिखित अवधारणाओं पर चर्चा की गई है:
- म्यूच्यूअल फंड्स क्या होता है ?
- म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश के क्या फायदे है ?
- म्यूच्यूअल फंड्स के विभिन्न प्रकार
- विभिन्न प्रकार की निवेश योजनाए
- म्यूचुअल फंड में निवेश करने के तरीके
- एसेट्स अंडर मैनेजमेंट
- New Offer Fund (NFO)
- बेंचमार्क
- Exchange-traded fund (ETFs)
- Exit load
- Expense ratio
- Offer document
- Factsheet
- Net Asset Value (NAV)
- म्यूचुअल फंड स्कीम कैसे काम करती है?
- म्यूच्यूअल फंड और टैक्सेज
Intended Participants
यह पाठ्यक्रम किसी भी छात्र या कामकाजी पेशेवर के लिए है जो अपनी निवेश यात्रा शुरू करना चाहता है। कोई भी निवेशक जिसके पास निवेश प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है वह इस पाठ्यक्रम से लाभ उठा सकता है|
Mutual Fund क्या है? कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?
म्यूचुअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 04 अगस्त 2022, 6:53 PM म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार IST)
हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.
क्या हैं म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है.
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आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.
क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?
ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे.
किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?
म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है. आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए की आप कोई किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है. लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे-
1. म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है.
2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है. मान कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार में थोड़ा-सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.
3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.
म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?
- इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
-आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है. (नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
₹500 से एक करोड़ तक का सफर | What is Mutual Fund in Hindi | 3 मिनट में
लम्बे समय में, इक्विटी स्कीम में औसतन लगभग 12%, का रिटर्न (लाभ) मिलता है। अगर आप अगले 30 साल तक हर महीने ₹3000 म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करते हैं तो 12% रिटर्न (लाभ) की दर से आपका पैसा (₹1,00,00,000) 1 करोड़ रुपये हो जाएगा।
किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. से निवेश करना शुरू सकते हैं। आप अगले 30 साल तक हर महीने ₹500 म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो 12% रिटर्न की दर से आपका पैसा 17,64,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सही समय क्या है?
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि बाज़ार में निवेश करने के लिए सही समय का इंतेज़ार करने के बजाए बाज़ार में निवेश करना ज़्यादा बेहतर है। बाज़ार सुधार की प्रतीक्षा न करें क्योंकि इस प्रतीक्षा की कोई निश्चित अवधि नहीं है। आपका लक्ष्य क्या है और बिना देरी किए निवेश करें।
म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं ?
मुख्य रूप से म्यूच्यूअल फंड 3 प्रकार के होते हैं। 1- इक्विटी फंड, 2- डेट फंड, 3-हाइब्रिड फंड
म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कैसे करें
INDmoney एप्लीकेशन द्वारा, आजकल म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करने के लिए बाजार में बहुत सारे एप्लीकेशन हैं। लेकिन मेरा पर्सनल फेवरेट INDmoney एप्लीकेशन हैं, जो यूजर फ्रेंडली है और इस प्लेटफार्म पर 0% कमीशन फीस है। – मतलब सब कुछ फ्री।
आज आप ने क्या सीखा?
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने म्यूच्यूअल फंड क्या है यह कितने प्रकार का होता है और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने का सबसे बढ़िया माध्यम या एप्लीकेशन कौन सा है।
मुख्य रूप से इन चीजों के बारे में सीखा।
हमें उम्मीद है कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी।
अगर म्यूच्यूअल फण्ड की जानकारी से सम्बंधित कोई समस्या है या जानकारी चाहिए तो कमेंट बॉक्स में लिखें ताकि हम समय रहते आपकी मदद करने की कोशिश कर सकें।
म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर कैसे लगता है टैक्स?
म्यूचुअल फंड में निवेश से अच्छा रिटर्न मिल सकता है. लेकिन, इसमें टैक्स के पहलुओं को भी समझना महत्वपूर्ण है. म्यूचुअल फंड में निवेश से किसी को दो प्रकार की इनकम होती है. पहली म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार है डिविडेंड और दूसरी है कैपिटल गेंस/लॉस. दोनों मामलों में टैक्स अलग-अलग तरह से लगता है. स्कीम के प्रकार पर भी टैक्स निर्भर करता है. इसमें देखा जाता है कि स्कीम इक्विटी है या नॉन-इक्विटी. इसके अलावा निवेश को होल्ड करने की अवधि से भी तय होता है कि टैक्स कितना लगेगा.
डिविडेंड इनकम
तमाम लोग डिविडेंड इनकम के लिए डिविडेंड ऑप्शन में निवेश करते हैं. यह इनकम टैक्स-फ्री होती है. हालांकि, इसमें डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) लगता है. डिविडेंड का एलान करते वक्त फंड हाउस इसका भुगतान करता है. इक्विटी फंडों के मामले में डीडीटी 10 फीसदी प्लस सरचार्ज और सेस होता है. नॉन-इक्विटी स्कीमों के लिए लागू टैक्स करदाता पर निर्भर करता है.
कैपिटल गेन- इक्विटी फंड
म्यूचुअल फंड निवेश की बिक्री पर होने वाले मुनाफे को कैपिटल गेन कहा जाता है. इक्विटी स्कीमों के लिए अगर निवेश को 12 महीने या कम समय तक रखा जाता है तो उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं. इस पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. अगर निवेश को 12 महीनों से ज्यादा समय के लिए रखा जाता है तो उससे होने वाले मुनाफे को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) कहा जाता है. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. यह टैक्स एक साल में एक लाख रुपये से ज्यादा के एलटीसीजी पर लगता है.
कैपिटल गेन - नॉन-इक्विटी
नॉन-इक्विटी स्कीमों के मामले में अगर निवेश को 36 महीने या इससे कम समय के लिए रखा जाता है तो उसे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेंस कहते हैं. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. अगर निवेश को 36 महीने से ज्यादा म्यूचुअल फंड के निवेश प्रकार समय के लिए रखा जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है. इस पर उसी हिसाब से टैक्स लगता है कि जिस स्लैब में निवेशक आता है.
इंडेक्सेशन बेनिफिट
नॉन-इक्विटी स्कीमों के लिए एलटीसीजी के मामले में निवेशक इंडेक्सेशन का फायदा ले सकते हैं. इंडेक्सेशन का मतलब खरीद मूल्य को दोबारा कैलकुलेट करने से है. इस प्रक्रिया में खरीद मूल्य में इनफ्लेशन को अडजस्ट किया जाता है. इससे कैपिटल गेंस घट जाते हैं. इससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है.
किन बातों रखें ध्यान
1-नोटिफाइड इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीमों में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, इन स्कीमों में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है. 2-सिप के मामले में सिप की हर किस्त को अलग निवेश के तौर पर लिया जाता है. होल्डिंग पीरियड निवेश की तारीख से मानी जाती है.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.