शेयर बाजार के इतिहास

दूसरी ओर, यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र के दौरान तेजी दिखी. जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज 0.19 फीसदी के नुकसान पर बंद हुआ लेकिन फ्रांस के शेयर बाजार में 0.06 फीसदी की तेजी दिखी. लंदन शेयर बाजार के इतिहास का स्टॉक एक्सचेंज भी 0.51 फीसदी के उछाल पर बंद हुआ था.
History of Indian Stock Market – BSE भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास
History of Indian Stock Market – BSE भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास भारतीय शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट इसका इतिहास काफी पुराना है। हमें से ज्यादातर लोग जब भी स्टॉक एक्सचेंज की बात करते हैं तो कहीं ना कहीं हम शेयर बाजार के बारे में बात करते हैं। आज के हमारे इस लेख में हम यह जानेंगे कि, भारत में कौन-कौन से स्टॉक मार्केट है। और इनका इतिहास कितना पुराना है।
ऐसा तो मैं आपको यह बता दूं, कि भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज मार्केट है।
- Bombay Stock Exchange – BSE
- National Stock Exchange – NSE
History of Indian Stock Market – BSE भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange यानी कि BSE एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। जिसकी स्थापना वर्ष 1875 मे बनाया गया था। भारत आजाद होने के बाद में यह भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज मार्केट था।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange को बनाने के तहत Security Contract Agreement Act 1956 के नियम अनुसार मान्यता दी गई है। वर्तमान समय में BSE स्टॉक एक्सचेंज दुनिया की सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है। इसकी क्षमता के बारे में बात करें तो 6 microsecond है, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज देश का पहला और विश्व का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें ISO 9001-2000 सर्टिफिकेशन दिया गया है।
इस तरह से देखा जाए तो मुंबई स्टॉक एक्सचेंज समय के साथ आगे बढ़ता रहा है। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे ज्यादा ट्रैक किए जाने वाला benchmark index है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सर्विस के साथ-साथ अपनी सहायक कंपनी CDSL मे आप ने खरीदी वे शेयर dematerialised form मे रखती है।
शेयर बाजार दलाल स्ट्रीट और BSE (Bombay Stock Exchange) की स्थापना
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange – BSE की स्थापना साल 1875 में किया गया था। इसकी शुरुआत “The Native Stock Broker Association” के रूप में की गई थी। जिसका नाम बाद में बदल कर के “Bombay Stock Exchange” कर दिया गया था।
BSE की शुरुआत एक छोटे से बरगद के पेड़ के नीचे साल 1850 में शुरू किया गया था। आज के वर्तमान समय में वहां सर्कल गार्डन (Horniman Circle Garden) मौजूद है। इसी बरगद के पेड़ के नीचे में लोग इकट्ठा होकर के शेयर की सौदेबाजी करते थे। जैसे जैसे सौदा करने वाले लोगों की शेयर बाजार के इतिहास संख्या बढ़ती गई यहां लोग दलाल में रोज स्ट्रीट और महात्मा गांधी रोड के शेयर बाजार के इतिहास जंक्शन पर बरगद के पेड़ के नीचे झुकने लगे और फिर जैसे जैसे और लोग बढ़ते गए तो यह नई जगह की तलाश करते करते अंत में साल 1875 में एक अस्थाई जगह ढूंढा जाने लगा। बाद में यह दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाने लगा था।
BSE – Bombay Stock Exchange का भारत में महत्व
भारतीय पूंजी बाजार में अक्सर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। शेयर बाजार हो या पूंजी शेयर बाजार के इतिहास बाजार यह भारतीय अर्थव्यवस्था को किसी ना किसी तरीके से इंगित करता है। BSE (BOMBAY STOCK EXCHANGE) के अंतर्गत कई सारी कंपनियां सूचीबद्ध की गई है। कंपनी के शेयर बाजार के इतिहास शेयर में उतार-चढ़ाव भारतीय अर्थव्यवस्था को दर्शाने का काम करती है।
जैसा कि इसके बारे में हमने पहले ही जिक्र किया है कि अगर BSE SENSEX ऊपर की ओर चढ़ता है तो इसका मतलब यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर जा रही है। वहीं अगर BSE SENSEX नीचे की ओर गिरता है तो इसका अर्थ यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे की ओर गिर रही है।
सीधे तौर पर देखा जाए तो इससे हम भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन काफी आसानी से कर सकते हैं। आजादी से पहले वास्तविक कानून बनने से पहले ही Bombay Stock Exchange ने भारतीय पूंजी बाजार के लिए अपना व्यापक नियम और नियमन बना लिया था। भारत स्वतंत्र होने के बाद इस स्टॉक एक्सचेंज में भारतीय पूंजी बाजार के लिए श्रेष्ठ प्रथाएं स्थापित भी की है।
भारत के मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज की सूचीशेयर बाज़ार एक शेयर बाजार के इतिहास ऐसा बाज़ार है जहाँ निवेशक कंपनियों द्वारा विभिन्न कंपनियों के शेयर, बांड और शेयर बाजार के इतिहास शेयर बाजार के इतिहास अन्य प्रतिभूतियों को ख़रीदा और बेचा जाता हैं। शेयर बाजार अनेक सुविधा प्रदान कर सकता है जैसे, मुद्दे और प्रतिभूतियों के मोचन और अन्य वित्तीय साधनों और पूंजी की घटनाओं आय और लाभांश का भुगतान। सन् 1875 में स्थापित मुंबई का शेयर बाजार (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एशिया का पहला शेयर बाजार है। स्टॉक मार्केट को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा प्रबंधित और विनियमित किया जाता है।
भारत में सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं। इनमें दो बीएसई और एनएसई के राष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज हैं। बाकी 21 रीजनल स्टॉक एक्सचेंज (RSE) हैं। सेबी द्वारा शुरू किए गए कड़े मानदंडों के कारण, देश में 20 आरएसई ने व्यापार से बाहर निकलने का विकल्प चुना। सेबी ने सुस्त कामकाज के कारण 09 जुलाई 2007 को सौराष्ट्र स्टॉक एक्सचेंज, राजकोट की मान्यता रद्द कर दी थी।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड :
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है। सेबी के वर्तमान चेयरमैन अजय त्यागी है। सेबी की स्थापना भारत सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर 12 अप्रैल 1992 में गई थी। सेबी का मुख्यालय मुंबई में हैं और क्रमश: नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी व पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
सेबी का प्रमुख उद्देश्य भारतीय स्टाक निवेशकों के हितों का उत्तम संरक्षण प्रदान करना और प्रतिभूति बाजार के विकास तथा नियमन को प्रवर्तित करना है। सेबी को एक गैर वैधानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया जिसे SEBI ACT1992 के अन्तर्गत वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। इसके निर्धारित कार्य निम्नलिखित हैं:-
अमेरिका और यूरोपीय बाजारों का हाल
अमेरिका में फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि शेयर बाजार के इतिहास पिछले व्यावसायिकी साल में अमेरिका के सभी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर गिरावट दिखाई दे शेयर बाजार के इतिहास रही है। S&P 500 0.16 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ तो DOW JONES 0.01 फीसदी की बढ़त मिली , जबकि NASDAQ पर 0.59 फीसदी की गिरावट दिखाई दे रही है।
दूसरी ओर, यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजारों में पिछले व्यावसायिकी सत्र के दौरान तेजी दिखी। जर्मनी का स्टॉक एक्सचेंज 0.19 फीसदी के नुकसान पर बंद हुआ लेकिन फ्रांस के शेयर बाजार में 0.06 फीसदी की तेजी दिखाई दी । लंदन का स्टॉक एक्सचेंज भी 0.51 फीसदी के तेजी पर बंद हुआ था।
एशियाई बाजारों का मिलाजुला रुख
एशिया के शेयर बाजारों में आज शेयर बाजार के इतिहास मिलाजुला रुख दिखाई दे रहा है। सिंगापुर के स्टॉक एक्सचेंज पर 0.11 फीसदी की गिरावट दिख रही तो जापान का निक्केई 0.74 फीसदी के नुकसान पर व्यवसाय कर रहा है।
हांगकांग के शेयर बाजार में भी 0.35 फीसदी का नुकसान दिखाई दे रहा है। वहीं, ताइवान का शेयर बाजार आज 0.12 फीसदी बढ़त बनाकर व्यवसाय कर रहा है, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी पर भी 0.51 फीसदी की तेजी दिखाई दे रही है।
ये शेयर दिलाएंगे मुनाफा
विशेषयज्ञओं की मानें तो आज के व्यवसाय में कई ऐसे शेयर हैं, जिन पर निवेशकों की निगाह वनि रहेगी। ऐसे स्टॉक को हाई डिलीवरी पर्सेंटेज वाले स्टॉक कहा जाता है। आज शेयर बाजार के इतिहास इस श्रेणी के स्टॉक में ICICI Bank, HDFC, HDFC Bank, HDFC Life Insurance Company और बोसच आदि जैसी कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के पैसे लगाने का सिलसिला जारी है और पिछले व्यवसायी सत्र में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,241.57 करोड़ रुपये के शेयर खरीद डाले । इसी दौरान भारतीय संस्थायों
Share Market Today : आज इतिहास रचेगा बाजार, सेंसेक्स जाएगा 63 हजार के पार!
News18 हिंदी 21 घंटे पहले News18 Hindi
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नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार (Share Market) इस सप्ताह लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में बढ़त बनाने की तैयारी में दिख रहा है. ग्लोबल मार्केट में गिरावट और दबाव के बावजूद भारतीय निवेशक उम्मीदों से भरे नजर आ रहे हैं और उनका पूरा जोर खरीदारी पर है. एक्सपर्ट का मानना है कि आज के कारोबार में भी शुरुआत में थोड़ा दबाव दिख सकता है, लेकिन निवेशकों का पॉजिटिव सेंटिमेंट बना रहा तो सेंसेक्स आज 63 हजार के ऐतिहासिक आंकड़े को भी पार कर जाएगा.