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ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?

ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?
ग्रे लिस्‍ट (Grey List) में उन देशों को शामिल किया जाता है जो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देते हैं. इस लिस्ट में उन देशों को ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? शामिल करने का मतलब है कि उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि ऐसे मामलों पर रोक लगाएं. ऐसा न करने पर उन्हें ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जा सकता है, जो बेहद गंभीर मानी जाती है. वर्तमान में ग्रे लिस्ट में पनामा, श्रीलंका, इथियोपिया, बाह्मास, बोत्‍सवाना, कम्‍बोडिया, घाना, पनामा, सीरिया, ट्यूनीशिया, यमन, त्र‍िनिनाद और तोबागो शामिल हैं.
ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है?

अब ब्लैक और ग्रे लिस्ट के अंतर को समझते हैं. ऐसे देश जो आतंकी गतिविधि को बढ़ावा देते हैं उन्हें या तो ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है ग्रे लिस्ट में. ब्‍लैक लिस्‍ट को ग्रे लिस्‍ट से ज्‍यादा गंभीर माना जाता है. पाकिस्‍तान फिलहाल ग्रे लिस्‍ट (Grey List) में शामिल था, एक लम्बे समय के बाद उसे इस लिस्ट से हटाया गया है.

ठाकुर अर्ल ग्रे टोमरुक तुर्की ब्लैक टी

"ठाकुर अर्ल ग्रे तोमरकुक तुर्की ब्लैक टी" सबसे स्वादिष्ट चाय में से एक है। प्राकृतिक bergamot गंध और ताजा अंकुरित पत्तियों के साथ तैयार। सम्मिश्रण के लिए विशेष रूप से तैयार। इसे सभी चायों के साथ मिश्रित किया जा सकता है। यदि आप चाय के शौकीन हैं, तो आप इसका स्वाद, गंध और आनंद नहीं छोड़ेंगे। यह 125g पौराणिक टिन और 200gr प्यारा सिलेंडर टिन पैकेज में बेचा जाता है।

चाय का 5000 साल का इतिहास है। ब्लैक टी तुर्की की एक संस्कृति है। भले ही 1878 के वर्ष में चाय तुर्की में आई है, लेकिन तुर्की संस्कृति में इसका एक महत्वपूर्ण और स्थिर स्थान है। इस संदर्भ में तुर्की में काली चाय एक संस्कृति है। यह दैनिक जीवन में अपरिहार्य है।

उदाहरण के लिए यह तुर्की संस्कृति में "चाय चैट" है। सबसे सुखद वार्तालाप चाय पीने के दौरान किए गए हैं।

और तुर्की में भटकते हुए आपके सामने आने वाले कारीगर भी आपको चाय परोस सकते हैं। यदि आप इन पारंपरिक कामों का सामना करते हैं, तो आप उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार कर सकते हैं।

बढ़ सकती है पाक की मुश्किल: ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान हो सकता है ब्लैक लिस्ट, इससे कितने बदतर हो जाएंगे हालात?

बढ़ सकती है पाक की मुश्किल: ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान हो सकता है ब्लैक लिस्ट, इससे कितने बदतर हो जाएंगे हालात?

पिछले कुछ समय से पाकिस्‍तान आतंकरोधी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्‍ट से खुद का नाम हटाने में जुटा हुआ है, लेकिन आतंकी गतिविधियों के कारण पाक (Pakistan) की योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है. जल्‍द ही फ्रांस (France) की संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक होने वाली है। इस बैठक में पाकिस्‍तान में जारी आतंकी गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी. वर्तमान में पाकिस्‍तान FATF ग्रे लिस्‍ट (Grey List) में शामिल है, लेकिन चर्चा है कि आतंकी गतिविधियां बढ़ने के कारण पाक को ब्‍लैक लिस्‍ट (Black List) में शामिल किया जा सकता है.

ग्रे और ब्‍लैक लिस्‍ट के क्‍या है मायने?

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) संस्‍था का गठन 1989 में पेरिस में हुई G7 समिट के दौरान किया गया था. इस संस्‍था का लक्ष्‍य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए पॉलिसी तैयार करना था. इसका मुख्‍यालय पेरिस में है. इसमें दुनिया के अलग-अलग देशों में 35 से अध‍िक मेम्‍बर हैं, इसमें भारत भी शामिल है. इस संस्‍था ने दो तरह की लिस्‍ट बनाई हुई है, पहली ग्रे और दूसरी ब्‍लैक.

दुनिया में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले देशों को इन्‍हीं दोनों लिस्‍ट में शामिल किया गया है. ब्‍लैक लिस्‍ट को ग्रे लिस्‍ट से ज्‍यादा गंभीर माना जाता है. पाकिस्‍तान फिलहाल ग्रे लिस्‍ट में शामिल है, उसे लगता है कि कहीं ब्‍लैक लिस्‍ट में न शामिल कर दिया जाए.

क्‍या है ग्रे और ब्‍लैक लिस्‍ट के मायने और इनमें कौन-कौन से देश शामिल हैं?

ग्रे लिस्‍ट: जो देश टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देते हैं, उन्‍हें इस लिस्‍ट में शामिल किया जाता है. ग्रे लिस्‍ट का मतलब है कि इन देशों को ऐसा न करने की चेतावनी दी गई है. अगर ये देश चेतावनी के बाद भी टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देते हैं तो इन्‍हें ब्‍लैक लिस्‍ट में शामिल कर दिया जाता है. ग्रे लिस्‍ट में पाकिस्‍तान, पनामा, श्रीलंका, इथियोपिया, बाह्मास, बोत्‍सवाना, कम्‍बोडिया, घाना, पनामा, सीरिया, ट्यूनीशिया, यमन, त्र‍िनिनाद और तोबागो शामिल हैं.

ब्‍लैक लिस्‍ट: ऐसे देश जो आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग उपलब्‍ध कराते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देते ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? हैं, उन्‍हें इस लिस्‍ट में डाला जाता है. बिजनेस स्‍टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, टेरर फंडिंग के कारण नॉर्थ कोरिया और इरान को ब्‍लैक लिस्‍ट में शामिल किया गया है.

Pakistan FATF Grey List: पाकिस्तान का नाम FATF की ग्रे लिस्ट से हटा, जानिए क्या है इस लिस्ट का मतलब

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित गुप्ता

Updated on: Jun 17, 2022, 4:45 PM IST

Pakistan FATF Grey List: पाकिस्तान का नाम FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है. जर्मनी के बर्लिन में चली रही बैठक में यह फैसला लिया गया. लम्बे समय से पाकिस्तान (Pakistan) आतंकरोधी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्‍ट से खुद का नाम हटाने में जुटा हुआ था. लिस्ट से नाम हटने के बाद पाकिस्तान ने बड़ी राहत की सांस ली है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या है FATF, इसकी ब्लैक और ग्रे लिस्ट में शामिल होने का क्या मतलब है…

आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम

अगर आप स्टॉक मार्केट या आईपीओ में निवेश करते है तो आपने कभी न कभी आईपीओ ग्रे मार्केट और आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम का नाम जरुर सुना होगा। इसलिए आज हम आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है और कैसे काम करता है, विस्तार में समझते है।

ग्रे मार्केट एक समानांतर मार्केट है जहां स्टॉक्स में अनऔपचारिक तरीके से ट्रेड होता है। ये जब होता है जब कोई कंपनी अपना आईपीओ लेकर आती है।

चलिए आईपीओ ग्रे मार्केट और आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम के बारे में विस्तार से समझते है।

आईपीओ ग्रे मार्केट क्या है?

ग्रे मार्केट को समझने से पहले हम ये समझ लेते है कि मार्केट कौन–कौन से होते है। मार्केट को तीन वर्गों में बांटा जा सकता है।

  1. वाइट मार्केट (White Market):- यह एक ओपन मार्केट है, जहां सारी ट्रेडिंग गतिविधि रूल्स एंड रेगुलेशंस के अनुसार होती है। जैसे कि स्टॉक मार्केट, जिसे सेबी रेगुलेट करता है और सारी ट्रेडिंग गतिविधि नियम और कानून के अनुसार होती है।
  2. ब्लैक मार्केट (Black Market):- एक ब्लैक मार्केट उन सामानों से संबंधित है जो आमतौर पर आयात शुल्क और अन्य शुल्कों से बचने के लिए देश में तस्करी कर लाए जाते हैं। जो कि पूरी तरह से गैर कानूनी होता है। इसके बहुत से ऐसे काम है जो गैर कानूनी तरीके से किए जाते है वह ब्लैक मार्केट की श्रेणी में आते हैं।
  3. ग्रे मार्केट (Gray Market):- एक आईपीओ ग्रे मार्केट वह मार्केट है जहां किसी कंपनी के शेयरों की बोली लगाई जाती है और ट्रेडर्स द्वारा अनौपचारिक(Unofficial) रूप से शेयर प्राइस पेश किए जाते है। यह किसी कंपनी द्वारा आईपीओ में शेयर जारी किए जाने से पहले होता है।

ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या होता है?

ग्रे मार्केट प्रीमियम जिसे जीएमपी (GMP) के नाम से भी जाना जाता है, जीएमपी एक प्रीमियम राशि है जिस पर ग्रे मार्केट आईपीओ में शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से पहले कारोबार किया जाता है।

अगर आसान शब्दों में कहें तो IPO लाने वाली कंपनी का स्टॉक शेयर मार्केट के बाहर भी खरीदा और बेचा जाता है। ये खरीद-बिक्री ग्रे मार्केट में होती है।

ग्रे मार्केट जीएमपी दर्शाता है कि लिस्टिंग के दिन आईपीओ कैसे प्रतिक्रिया कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी आईपीओ ला रही है और वह अपने शेयर का प्राइस 100 रुपये पैश करती है और ग्रे मार्केट प्रीमियम लगभग 20 रुपये है तो उस आईपीओ की लिस्टिंग लगभग 120 रुपये पर होगी।

जीएमपी कोई पक्की गारंटी नही देता है लेकिन ज्यादातर मामलों में, जीएमपी सही से काम करता है और आईपीओ प्राइस प्रीमियम के आसपास सूचीबद्ध होता है।

निष्कर्ष

जैसा कि पहले बताया गया है, कि ग्रे मार्केट एक Unofficial Market है। जिसमें कि एक निवेशक के लिए, ग्रे मार्केट को एक इंडीकेटर के रूप में देखा जा सकता है कि स्टॉक सूचीबद्ध होने के बाद कैसा प्रदर्शन कर सकता है।

अगर ग्रे मार्केट प्रीमियम की वैल्यू ज़्यादा है तो उससे ये अनुमान लगाया जाता है की स्टॉक का लिस्टिंग प्राइस ज़्यादा होगा और दूसरी तरफ GMP की कम वैल्यू कम लिस्टिंग प्राइस और मुनाफा दर्शाती है ।

स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिमों से भरा होता है और इसलिए ज़रूरी है कि आप सही ज्ञान और समझ के साथ ही इसमें निवेश करे। तो अगर आप एक सही शुरुआत करना चाहते है तो अभी ऑनलाइन शेयर मार्केट कोर्स ले और सही स्टॉक में निवेश कर अपने मुनाफे और रिटर्न को बढ़ाये।

FATF and Pakistan: सरल भाषा में जानिए क्‍या है ग्रे लिस्‍ट और ब्‍लैक लिस्‍ट, आखिर इससे क्‍यों चिंतित है पाकिस्‍तान? एक्‍सपर्ट व्‍यू

सरल भाषा में जानिए क्‍या है ग्रे लिस्‍ट और ब्‍लैक लिस्‍ट, आखिर इससे क्‍यों चिंतित है पाकिस्‍तान। फाइल फोटो।

पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए फरवरी का महीना काफी चुनौतियों भरा है। इमरान के समक्ष एक ओर अव‍िश्‍वास प्रस्‍ताव का संकट है उधर दूसरी तरफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की तलवार लटक रही है। इस महीने विपक्ष इमरान ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है? सरकार के खिलाफ अविश्‍वास लाने पर अड़ा है।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए फरवरी का महीना काफी चुनौतियों भरा है। इमरान के समक्ष एक ओर अव‍िश्‍वास प्रस्‍ताव का संकट है, तो दूसरी तरफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की तलवार लटक रही है। इस महीने विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने पर अड़ा है। इससे इमरान सरकार को खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है। उधर, इस महीने फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की प्‍लेनरी और वर्किंग की बैठक से पहले पाकिस्‍तान के ब्‍लैक लिस्‍ट में खिसकने की संभावना बढ़ गई है। बता दें कि पाकिस्‍तान पहले से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में शामिल है। आइए जानते हैं कि ग्रे लिस्‍ट के बाद पाकिस्‍तान के ब्‍लैक लिस्‍ट की संभावना क्‍यों बढ़ गई। इसके पीछे क्‍या है बड़े कारण। एफएटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्‍तान के पास क्‍या है विकल्‍प।

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