इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है

डिजिटल ब्रोकरों की बढ़ी बाजार हिस्सेदारी
इस साल जुलाई के अंत तक जीरोधा, अपस्टॉक्स, ऐंजल वन (पहले ऐंजल ब्रोकिंग), 5 पैसा और ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 53 फीसदी से अधिक हो गई है और उनके कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या 1.26 करोड़ तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2019 के अंत में इन फर्मों की हिस्सेदारी 17 फीसदी थी। पांच शीर्ष पारंपरिक ब्रोकरों की कुल हिस्सेदारी इस दौरान 33 फीसदी से घटकर 22 फीसदी ही रह गई। कोविड महामारी डिजिटल ब्रोकरों के लिए अच्छा अवसर साबित हुई। महामारी के बाद ही करीब 70 फीसदी ग्राहक इनके पास आए हैं। 20 से 30 साल की युवा पीढ़ी को सहजता, एकसमान शुल्क और खाता खोलने की प्रक्रिया आसान होने की वजह से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खूब रास आता है।
रतन टाटा और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों की वाली कंपनी अपस्टॉक्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार ने कहा, 'छोटे-मझोले शहरों से सक्रिय ट्रेडरों की संख्या बढ़ी है। इनमें से ज्यादातर शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले ग्राहक हैं। महामारी के बाद इस रुझान में खासी तेजी आई है क्योंकि लोग और परिवार पारंपरिक निवेश साधन के इतर अतिरिक्त आय तलाश रहे हैं।' 5पैसा डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी और कार्यकारी निदेशक प्रकाश गगदानी ने कहा, 'महामारी के बाद हमारे ग्राहकों की संख्या 180 फीसदी बढ़ी है। चालू वित्त वर्ष में हम इससे भी ज्यादा ग्राहक जोडऩे की उम्मीद कर रहे हैं।' पिछले 16 महीनों में कंपनी ने 6,55,792 सक्रिय ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है।
कुछ साल पहले जीरोधा जैसे ब्रोकरों ने अपनी छूट देने की रणनीति के तहत उद्योग में भारी उथल-पुथल मचाई थी और अब ये मुख्य धारा के डिजिटल ब्रोकर बन गए हैं। अधिकांश डिजिटल ब्रोकर इंट्राडे और वायदा एवं विकल्प कारोबार के लिए 20 रुपये प्रति ट्रेड के हिसाब से ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं। पारंपरिक ब्रोकरों ने भी ब्रोकरेज घटाई है और दोनों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है।
जीरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा, 'डिजिटल और पारंपरिक ब्रोकरों के बीच ब्रोकरेज का अंतर काफी कम हो गया है। लेकिन बेहतर उत्पाद अनुभव के कारण ग्राहक डिजिटल को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।' जीरोधा को हाल ही में बाजार नियामक से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी खोलने की भी मंजूरी मिली है। इसने पिछले दो साल के दौरान इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है एक्विटी एसआईपी, जीटीटी ऑर्डर, बास्केट ऑर्डर और स्टॉक गिफ्टिंग जैसे फीचर शुरू किए थे और अपने मोाबइल ऐप काइट को कम से कम दो बार अपग्रेड किया है। इस साल इसने अलर्ट सेवा के लिए 'नज' शुरू की, जिससे ग्राहकों को ट्रेडिंग के दौरान बेहतर अनुपात तलाशने में मदद मिलती है। जीरोधा अपने प्लेटफॉर्म पर एनपीएस भी शुरू करने की योजना बना रही है और परामर्श सेवा के क्षेत्र में भी जल्द ही उतर सकती है।
5पैसा और ग्रो अपने प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी शेयर, डिजिटल गोल्ड तथा म्युचुअल फंड मुहैया कराती हैं। ऐंजल वन ने अपने प्लेटाफॉर्म पर तीसरे पक्ष के उत्पादों जैसे स्मॉलकेस, सेंसिबल और वेस्टेड आदि को जोड़ा है। 2019 में रिटेल ब्रोकरों ने अपने कारोबारी मॉडल में बदलाव लाते हुए ब्रोकिंग शाखाओं को बंद कर परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र में उतरने की योजना बनाई थी।
ब्रोकिंग के इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण सभी ब्रोकर लगातार मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं। 5 पैसा ने वित्त वर्ष 2021 में 14.7 करोड़ रुपये का शुद्घ मुनाफा कमाया था मगर इससे पहले के वित्त वर्ष में उसे 8.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। अपस्टॉक्स और ग्रो का ताजा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। खबरों के अनुसार वित्त वर्ष 2020 में अपस्टॉक्स को 38 करोड़ रुपये और ग्रो को 7.92 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
ऐंजल वन और जीरोधा मुनाफा कमाने में आगे रही हैं। वित्त वर्ष 2021 में ऐंजल वन को 290.4 करोड़ रुपये और जीरोधा को करीब 1,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। गगदानी ने कहा, 'हमें घाटा हो रहा था क्योंकि हम अपना कारोबार बढ़ा रहे थे और ग्राहकों को अपने साथ जोड़ रहे थे। लेकिन 15 लाख ग्राहक होने के बाद हमारी लगात कम हो गई और हम मुनाफे में आ गए।'
बाजार के जानकारों का कहना है कि परिचालन लीवरेज प्राप्त करने तक ग्राहकों को जोडऩे पर ज्यादा ध्यान देने से मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ सकता है। दुनिया भर में स्टार्टअप इसी तरह की रणनीति अपनाते हैं।
हालांकि डिजिटल ब्रोकर की प्रति ग्राहक औसत आय पारंपरिक ब्रोकरों की तुलना में कम है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, 'बड़े डिजिटल ब्रोकरों के ग्राहकों की संख्या भले ही 20 से 25 फीसदी बढ़ी हो लेकिन ब्रोकरेज में हिस्सेदारी 5-6 फीसदी ही बढ़ी है।' डिजिटल ब्रोकरों इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है की आलोचना इस बात पर भी की जाती रही है कि ऐसे ब्रोकर ग्राहकों को जोडऩे के लिए सोशल मीडिया के प्रेरक लोगों का भी सहारा लेते हैं और ग्राहकों को मुफ्त एक्सचेंज ट्रेडेड फंड देते हैं जबकि जरूरी नहीं है कि वे सक्रिय ग्राहक हों।
इक्विटी डिलीवरी और इंट्राडे में लगने वाले शुल्क।
जब भी आप किसी शेयर की खरीद- बिक्री करते हैं तब इस खरीद- बिक्री में बहुत सारे पार्टिसिपेंट भाग लेते हैं ।जिनमें आपका ब्रोकर,डिपॉजिटरी, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन आदि शामिल है। यह सभी इनटीटी, आपको शेयर खरीदने या बेचने में काफी मदद करते हैं। आपको पता भी नहीं होता कि इनके पीछे क्या-क्या प्रक्रियाएं हो रही होती हैं। इन सब कार्य को करने के लिए ये पार्टिसिपेंट्स कुछ शुल्क लगाते हैं।
Broker Contract Note
शेयर की खरीद बिक्री पर लगने वाली ये शुल्क आपके ब्रोकर द्वारा आपके कॉन्ट्रैक्ट नोट में दिया जाता है।
आइए जानते हैं कि इक्विटी डिलीवरी और इक्विटी इंट्राडे में कौन-कौन से शुल्क लगते हैं।
भारत में अभी डिस्काउंट ब्रोकर्स काफी संख्या में आ चुके हैं ।ये डिस्काउंट ब्रोकर डिलीवरी पर कोई ब्रोकरेज शुल्क नहीं लगाते हैं।
परंतु इंट्राडे में किए गए ट्रेड्स के लिए यह प्रति आर्डर कुछ शुल्क लगाते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है
Hello! Hi! Hire. फिर अचानक से किया फायर! ये लाइन आज के समय में एक कर्मचारी जो किसी प्राइवेट कंपनी में काम कर रहा है उसे आए दिन सुनने को मिल जाती है। ऐसे में कहीं ये लाइन आपके साथ ना रिपीट हो उससे पहले आप ये जान लें कि नौकरी आसानी से कैसे ढूँढें।
'दुनिया के दूसरे वॉरेन बफेट' हुए कंगाल, एक रात में गंवाया 14.6 अरब डॉलर, ये ट्वीट पड़ा भारी
एक रात, एक ट्वीट, एक व्यक्ति, एक कहानी और एक कंपनी. ये सारे एक पल में अपने वजूद को खो बैठे। FTX के सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड जिन्हें दुनिया का दूसरा वॉरेन बफेट कहा जाता था उन्होनें अपनी 90% से अधिक संपत्ति एक झटके में गवां दी।
भड़क गई सोना और चांदी की कीमतें, कहीं सस्ता सोना खरीदने से चूक तो नहीं गए आप?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 294 रुपये मजबूत होकर 52,663 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
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अगर आप भी 5G फोन खरीदना चाह रहे हैं तो आपको इसके लिए अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। अब 10000 से भी कम कीमत में फोन लॉन्च किया जा रहे हैं।
गूगल क्रोम का अगर आप भी करते हैं प्रयोग तो जानिए अब क्यों इसे अपडेट करना है जरूरी
विश्वभर में गूगल क्रोम का इस्तेमाल किया जाता है। अब गूगल क्रोम में कई अपडेट किए गए हैं। गूगल क्रोम को अपडेट करना बहुत आसान है। आज हम आपको एक तरीका बताने वाले हैं जिसके मदद से आप एंड्राइड, विंडो और मैक में आसानी से अपडेट कर सकते हैं।
खराब Credit Score के कारण नहीं मिल रहा बैंक से लोन, फॉलो करें ये 5 तरीके झट से मिलेगा पैसा
सिबिल स्कोर आपके क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है, जिससे बैंक को ये पता लग पाता है कि आपको कितने रुपये तक का लोन दिया जा सकता है।
Facebook, Twitter, Microsoft, Snapchat फिर Amazon, जानिए अब तक इन कंपनियों ने कितनों को नौकरी से निकाला
दुनिया भर में जब भी मोटा इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है पैकेज पर नौकरी पाने की बात होती है तब उस लिस्ट में IT इंडस्ट्री का नाम सबसे पहले लिया जाता है। आज के समय में ये इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है। Facebook, Twitter, Microsoft, Snapchat के बाद अब Amazon ने भी अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को निकाल दिया है।
Facebook और Twitter के बाद अब Amazon ने की छंटनी, इसको लेकर एक इंजीनियर ने किया भावुक पोस्ट
Amazon layoffs: दुनिया में मंदी की आहट ने अब असर करना शुरु कर दिया है। फेसबुक, ट्विटर और स्नेपचैट जैसी बड़ी कंपनियों के द्वारा छंटनी करने के बाद अब दुनिया की सबसे बड़ी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने भी अपने यहां काम कर रहे लोगों को नौकरी से निकाल दिया है।
Prepaid Call History: जानना चाहते हैं प्रीपेड कॉल्स हिस्ट्री तो फॉलो करें ये ट्रिक्स
नंबर सेव नहीं कर पाने के कारण कई बार इंपोर्टेंट नंबर नहीं मिलता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप आसानी से मोबाइल नंबर की हिस्ट्री पता कर सकते हैं। आइए जानते हैं।
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जब मार्केट ऊपर चढ़े तो आप चादर तानकर सोइए, लेकिन जब मार्केट गिरना शुरू हो तब आप उठिए और अच्छे-अच्छे शेयर को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है GTT जैसे फीचर के जरिए पकड़िए।
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भारत में घटती सेल की वजह से टोयोटा ने अपनी इस कार को शोरूम से हटा लिया है। दरअसल इसका एक कारण मारुति द्वारा ब्रेजा में किया गया खास बदलाव भी माना जा रहा है।
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डिजिटल ब्रोकरों की बढ़ी बाजार हिस्सेदारी
इस साल जुलाई के अंत तक जीरोधा, अपस्टॉक्स, ऐंजल वन (पहले ऐंजल ब्रोकिंग), 5 पैसा और ग्रो की इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है बाजार हिस्सेदारी 53 फीसदी से अधिक हो गई है और उनके कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या 1.26 करोड़ तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2019 के अंत में इन फर्मों की हिस्सेदारी 17 फीसदी थी। पांच शीर्ष पारंपरिक ब्रोकरों की कुल हिस्सेदारी इस दौरान 33 फीसदी से घटकर 22 फीसदी ही रह गई। कोविड महामारी डिजिटल ब्रोकरों के लिए अच्छा अवसर साबित हुई। महामारी के बाद ही करीब 70 फीसदी ग्राहक इनके पास आए हैं। 20 से 30 साल की युवा पीढ़ी को सहजता, एकसमान शुल्क और खाता खोलने की प्रक्रिया आसान होने की वजह से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खूब रास आता है।
रतन टाटा और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों की वाली कंपनी अपस्टॉक्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार ने कहा, 'छोटे-मझोले शहरों से सक्रिय ट्रेडरों की संख्या बढ़ी है। इनमें से ज्यादातर शेयरों में पहली बार निवेश करने वाले ग्राहक हैं। महामारी के बाद इस रुझान में खासी तेजी आई है क्योंकि लोग और परिवार पारंपरिक निवेश साधन के इतर अतिरिक्त आय तलाश रहे हैं।' 5पैसा डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी और कार्यकारी निदेशक प्रकाश गगदानी ने कहा, 'महामारी के बाद हमारे ग्राहकों की संख्या 180 फीसदी बढ़ी है। चालू वित्त वर्ष में हम इससे भी ज्यादा ग्राहक जोडऩे की उम्मीद कर रहे हैं।' पिछले 16 महीनों में कंपनी ने 6,55,792 सक्रिय ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है।
कुछ साल पहले जीरोधा जैसे ब्रोकरों ने अपनी छूट देने की रणनीति के तहत उद्योग में भारी उथल-पुथल मचाई थी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है और अब ये मुख्य धारा के डिजिटल ब्रोकर बन गए हैं। अधिकांश डिजिटल ब्रोकर इंट्राडे और वायदा एवं विकल्प कारोबार के लिए 20 रुपये प्रति ट्रेड के हिसाब से ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं। पारंपरिक ब्रोकरों ने भी ब्रोकरेज घटाई है और दोनों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं रह गया है।
जीरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी नितिन कामत ने कहा, 'डिजिटल और पारंपरिक ब्रोकरों के बीच ब्रोकरेज का अंतर काफी कम हो गया है। लेकिन बेहतर उत्पाद अनुभव के कारण ग्राहक डिजिटल को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।' जीरोधा को हाल ही में बाजार नियामक से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी खोलने की भी मंजूरी मिली है। इसने पिछले दो साल के दौरान एक्विटी एसआईपी, जीटीटी ऑर्डर, बास्केट ऑर्डर और स्टॉक गिफ्टिंग जैसे फीचर शुरू किए थे और अपने मोाबइल ऐप काइट को कम से कम दो बार अपग्रेड किया है। इस साल इसने अलर्ट सेवा के लिए 'नज' शुरू की, जिससे ग्राहकों को ट्रेडिंग के दौरान बेहतर अनुपात तलाशने में मदद मिलती है। जीरोधा अपने प्लेटफॉर्म पर एनपीएस भी शुरू करने की योजना बना रही है और परामर्श सेवा के क्षेत्र में भी जल्द ही उतर सकती है।
5पैसा और ग्रो अपने प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी शेयर, डिजिटल गोल्ड तथा म्युचुअल फंड मुहैया कराती हैं। ऐंजल वन ने अपने प्लेटाफॉर्म पर तीसरे पक्ष के उत्पादों जैसे स्मॉलकेस, सेंसिबल और वेस्टेड आदि को जोड़ा है। 2019 में रिटेल ब्रोकरों ने अपने कारोबारी मॉडल में बदलाव लाते हुए ब्रोकिंग शाखाओं को बंद कर परिसंपत्ति प्रबंधन के क्षेत्र में उतरने की योजना बनाई थी।
ब्रोकिंग के क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण सभी ब्रोकर लगातार मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं। 5 पैसा ने वित्त वर्ष 2021 में 14.7 करोड़ रुपये का शुद्घ मुनाफा कमाया था मगर इससे पहले के वित्त वर्ष में उसे 8.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। अपस्टॉक्स और ग्रो का ताजा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। खबरों के अनुसार वित्त वर्ष 2020 में अपस्टॉक्स को 38 करोड़ रुपये और ग्रो को 7.92 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
ऐंजल वन और जीरोधा मुनाफा कमाने में आगे रही हैं। वित्त वर्ष 2021 में ऐंजल वन को 290.4 करोड़ रुपये और जीरोधा को करीब 1,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। गगदानी ने कहा, 'हमें घाटा हो रहा था क्योंकि हम अपना कारोबार बढ़ा रहे थे और ग्राहकों को अपने साथ जोड़ रहे थे। लेकिन 15 लाख ग्राहक होने के बाद हमारी लगात कम हो गई और हम मुनाफे में आ गए।'
बाजार के जानकारों का कहना है कि परिचालन लीवरेज प्राप्त करने तक ग्राहकों को जोडऩे पर ज्यादा ध्यान देने से मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ सकता है। दुनिया भर में स्टार्टअप इसी तरह की रणनीति अपनाते हैं।
हालांकि डिजिटल ब्रोकर की प्रति ग्राहक औसत आय पारंपरिक ब्रोकरों की तुलना में कम है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, 'बड़े डिजिटल ब्रोकरों के ग्राहकों की संख्या भले ही 20 से 25 फीसदी बढ़ी हो लेकिन ब्रोकरेज में हिस्सेदारी 5-6 फीसदी ही बढ़ी है।' डिजिटल ब्रोकरों की आलोचना इस बात पर भी की जाती रही है कि ऐसे ब्रोकर ग्राहकों को जोडऩे के लिए सोशल मीडिया के प्रेरक लोगों का भी सहारा लेते हैं और ग्राहकों को मुफ्त एक्सचेंज ट्रेडेड फंड देते हैं जबकि जरूरी नहीं है कि वे सक्रिय ग्राहक हों।
Groww ऐप में हर महीने या सालाना कितना चार्ज कटता है, अगर ट्रेडिंग करे या न करें?
नमस्कार दोस्त, आज के इस आर्टिकल में Gorww App के चार्ज के बारे में जानेंगे की, Groww ऐप में हर महीने या सालाना कितना चार्ज कटता है, यदि हम ट्रेडिंग करे या न करें तो?
यदि आप भी Gorww App Charges In Hindi में जानना चाहते हैं तो आज आप सही जगह पर आए है।
तो सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए बता दू की यदि आप यदि आपने Gorww App में अभी तक सिर्फ अकाउंट बनाया है तो उसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।
लेकिन यदि आप Groww App में अकाउंट बनाने के बाद कोई ट्रेडिंग करते है या इन्वेस्टमेंट करते है तो आपको चार्ज देना होगा।
Groww App ने खुद ही कहा है की, हम यूजर से तभी चार्ज लेते है जब यूजर बाजार से कोई खरीदी या बिक्री करता है। जो सबसे अच्छी बात है।
तो आइए अब आगे Gorww App के Charges के बारे में जानते है….
Groww App Cherges in Hindi ( ग्रो एप कितना चार्ज लेता है?)
दोस्तो जब भी आप शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग के लिए किसी ब्रोकर की मदद से जा रहे है तो वे आप से अलग अलग चार्ज लेते है। वैसे ही ऑनलाइन आज जितने भी ऐप है वो सभी इसी तरह काम करते है और आपसे चार्ज लेते है।
हरेक ब्रोकर आपसे 4 प्रकार के ब्रोकरेज फीस को लेता है, नीचे मैने ब्रोकरेज फीस के बारे में बताया है…
Groww App Account Opening Charges in Hindi
दोस्तो शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के लिए हमे ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। आप ट्रेडिंग अकाउंट को किसी ब्रोकर के पास खोल सकते है। मार्केट में दूसरे जो ऐप है या यू कहे की ब्रोकर है वे अकाउंट ओपनिंग का चार्ज लेते है। कई सारे ब्रोकर अकाउंट ओपनिंग के लिए ₹0-₹500 का चार्ज लेते है। लेकिन यदि आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट ग्रो ऐप में ओपन करवाते है तो उसके लिए आपको कोई चार्ज देने की जरूरत नही है। क्योंकि अकाउंट ओपनिंग के लिए groww app कोई चार्ज नहीं लेता है।
Groww App AMC(Annual Maintenance Charge) Charge in Hindi (एनुअल मेंटेनेंस चार्ज)
AMC यानी की Annual Maintenance Charge, आपने ब्रोकर के पास अकाउंट बनाया है तो आपको यह Annual Maintenance Charge देना होता है। कई सारे ब्रोकर है जो ₹300-₹1000 का हर साल या तिहाई को देना होता है। लेकिन Groww App अपने यूजर इन्वेस्टर से AMC(Annual Maintenance Charge) नही लेता है।
ये भी जरूर पढ़े:
Grow App Brokerage Charges के बारे में
दोस्तो जब भी कोई यूजर शेयर खरीदता है या बेचता है तो उस समय पर हरेक ब्रोकरेज एक चार्ज वसूल करता है जिसे Brokerage Charges कहा जाता है। ज्यादातर सभी ब्रोकर इसी चार्ज की वजह से कमाई करते है। जब भी हम कोई शेयर बाजार से खरीदते है या बेचते है तो हमे चार्ज देना होता है। Groww App में आपको हरेक buying या selling पर आपको ₹20 या 0.05% में से जो कम होगा उस चार्ज को देना होता है।
Groww App Brokerage Charges Overview
Account Opening Charge: ₹0
AMC Charge: ₹0
Brokrage Charge: 0.05% or ₹20, (जो सबसे कम होगा)
D.P Charge: ₹13.50+18%GST = ₹15.93
आज आपने क्या जाना: Gorww App Charges Details In Hindi
दोस्तो आज इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क क्या है के इस आर्टिकल में आपने Groww App Charges Details In Hindi में जाना की, Groww ऐप में हर महीने या सालाना कितना चार्ज कटता है, अगर ट्रेडिंग करे या न करें?
मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी हेल्पफुल लगी होगी, यदि आर्टिकल अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे और उन सभी लोगो के साथ यह आर्टिकल शेयर करे जो शेयर मार्केट में इंटरेस्टेड है।