क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है

इस कारोबारी मॉडल में पाठक नियमित तौर पर एक निश्चित रकम, सामान्य तौर पर महीने या साल में एक बार चुकाते हैं. इस तरह से आप पाठक से सदस्यता शुल्क लेकर बार-बार कमाई कर सकते हैं. इस तरह की कमाई का अनुमान लगाया जा सकता है और इस कमाई के ज़्यादा स्थिर और सटीक होने की संभावना होती है.
ब्लॉग से पैसे कैसे कमाएं
किसी ब्लॉग से कमाई करने के कई तरीके हैं. अपने ब्लॉग से पैसे कमाने के अलग-अलग ऑनलाइन मॉडल और लोकप्रिय रणनीतियां खोजें.
अगर आपके पास ब्लॉग या साइट है – या आप इनमें से किसी एक को शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं – तो इससे कमाई शुरू करने में अभी देर नहीं हुई है. किसी ब्लॉग से कमाई करने के कई तरीके हैं. इस लेख में डिजिटल कॉन्टेंट से कमाई करने के कई ऑनलाइन मॉडल और लोकप्रिय तरीके दिए गए हैं.
आइए बुनियादी चीज़ों से शुरू करते हैं. AdSense से कमाई करने का क्या मतलब है? आसान भाषा में कहें तो AdSense से कमाई करने का मतलब है अपनी साइट से पैसे कमाना. आपको अपने ब्लॉग के ऑनलाइन कॉन्टेंट से जो आय होती है, वह कमाई है.
अपने ब्लॉग से पैसे कमाना शुरू करने के लिए ऑनलाइन कारोबार के कई मॉडल हैं:
- विज्ञापन
- एफ़िलिएट मार्केटिंग
- उत्पाद या डिजिटल उत्पाद बेचना
- सदस्यताएं
- कोचिंग
विज्ञापनों से कमाई: कमाई के लिए अपने ब्लॉग पर विज्ञापन दिखाएं
अगर आप ब्लॉग प्रकाशक हैं, तो विज्ञापन दिखाना ऑनलाइन कॉन्टेंट से पैसे कमाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है. विज्ञापन देने वाले आपके दर्शकों तक पहुंचने के लिए पैसे चुकाने को तैयार रहते हैं. जिस तरह ज़्यादा प्रतियां बेचने वाला अखबार, विज्ञापन देने वालों से ज़्यादा पैसा ले सकता है, ठीक उसी तरह आपकी साइट और कॉन्टेंट जितना लोकप्रिय होगा, आप उतनी ज़्यादा कमाई करेंगे.
आप उस कारोबार को सीधे अपनी साइट पर विज्ञापन की जगह दे सकते हैं जो आपके कॉन्टेंट के साथ अपना विज्ञापन दिखाना चाहता है. इसे सीधे तौर पर होने वाली डील कहा जाता है. आप विज्ञापन की जगह खुद बेचने के लिए Google AdSense जैसे विज्ञापन नेटवर्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
आपके ब्लॉग के किसी खास पेज पर, उसी कॉन्टेंट से जुड़े विज्ञापन दिखाना ही AdSense के काम करने का तरीका है. उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपका ब्लॉग साहसिक यात्राओं के बारे में है और आपने रेकयोविक की यात्रा के बारे में कुछ पोस्ट किया है. ऐसे में, AdSense यात्रा बीमा, आइसलैंड या गर्म कपड़ों के बारे में विज्ञापन दिखा सकता है. जहां विज्ञापन दिखाई दे रहा है, उस साइट के मालिक के तौर पर आपको AdSense उस समय पैसे चुकाता है जब कोई उपयोगकर्ता विज्ञापन देखता है या उससे इंटरैक्शन करता है.
एफ़िलिएट मार्केटिंग: उत्पाद के सुझाव देकर पैसे कमाएं
एफ़िलिएट मार्केटिंग वह है जिसमें आप किसी दूसरी साइट पर बिक रहे उत्पाद या सेवा का लिंक अपने कॉन्टेंट में डाल देते हैं. यह कुछ ऐसे काम करता है: जब कोई व्यक्ति आपकी साइट पर दिए गए लिंक पर क्लिक करके एफ़िलिएट साइट पर पहुंचता है और जिस उत्पाद का आपने प्रचार किया है उसे खरीदता है, तो बिक्री पर आपको कमीशन मिलता है.
ऐसे ब्लॉग के लिए एफ़िलिएट मार्केटिंग कमाई का अच्छा मॉडल साबित हो सकता है जिसके दर्शक क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है उत्पाद के सुझावों में रुचि रखते हैं जानकारी देने वाले, 'कैसे करें' और जीवनशैली पर आधारित लेख इनसे जुड़े क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है उत्पादों के प्रचार के कई मौके देते हैं.
साहसिक यात्रा के ब्लॉग के उदाहरण का एक बार फिर से इस्तेमाल करते हुए, मान लीजिए कि आपने वाइल्ड स्विमिंग की जगहों की यात्रा से जुड़ी कहानी पोस्ट की. आप अपनी यात्रा के लिए पैक की गई चीज़ें– जैसे स्विमसूट, तौलिया और चश्मे का सुझाव देने के लिए एफ़िलिएट मार्केटिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. जब ब्लॉग पढ़ने वाला व्यक्ति आपके सुझाए गए स्विमसूट के लिंक पर क्लिक क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है करके उसे खरीदता है तो आपको अपने ब्लॉग से कमाई होती है.
ITR Filing: 31 जुलाई की समय सीमा से पहले दाखिल करें इनकम टैक्स रिटर्न, जानें- क्या मिलेंगे फायदे?
Updated: July 12, 2022 10:14 AM IST
ITR Filing Last Date: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख धीरे-धीरे नजदीक आती जा रही है. किसी भी जुर्माने से बचने के लिए आयकरदाताओं को समय सीमा समाप्त होने से पहले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपना आईटीआर ऑनलाइन दाखिल कर देना चाहिए.
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बात दें, जिन व्यक्तियों और वेतनभोगी कर्मचारियों के खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है, उनके आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है.
जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट करना पड़ता है, उनके लिए समय सीमा 31 अक्टूबर है. आपको अंतिम तारीख से पहले ही आईटी रिटर्न दाखिल करना चाहिए, जिसके कई फायदे मिलते हैं.
पेनाल्टी नहीं देनी पड़ती है
नियत तारीख तक आईटीआर दाखिल नहीं करने पर आयकर नियमों के अनुसार 10,000 रुपये का जुर्माना के साथ अन्य परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. आईटीआर फाइलिंग में देरी से आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234ए के तहत देय कर पर ब्याज भी लग सकता है.
कानूनी कार्रवाई से बचें
देरी या चूक के मामले में, आयकर विभाग एक नोटिस भेज सकता है और आपकी कानूनी परेशानियों को बढ़ा सकता है. यदि I-T विभाग नोटिस के जवाब से असंतुष्ट रहता है और उचित आधार पाता है, तो कानूनी मामला भी चल सकता है.
आसानी से मिलता है लोन
आयकर रिटर्न दाखिल करने में एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड होने से लोन प्रदाता से लोन स्वीकृत कराना आसान हो जाता है. लोन के आवेदन के मामले में, बैंकों को उधारकर्ताओं को अपनी आय के प्रमाण के रूप में आईटीआर विवरण की एक प्रति प्रदान करना पड़ता है.
किसी भी औपचारिक लोन स्वीकृति के लिए आयकर रिटर्न एक अनिवार्य दस्तावेज है. जो व्यक्ति टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं, उन्हें संस्थागत उधारदाताओं से स्वीकृत लोन प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.
वीपीएन क्या हैं? | VPN Full Form In Hindi
VPN Full Form In Hindi :- आज हम एक ऐसे युग मे है जहाँ लगभग सभी लोग अपने मोबाइल फ़ोन या कंप्यूटर में इंटरनेट का use करते है। इंटरनेट का use बड़ी बड़ी कंपनियां, बिजनेसमैन ही नही बल्कि आम लोग भी बहुत अधिक करते हैं। online किसी भी वेबसाइट पर काम है। जिन्हें करने के लिए हमे काफी तेज इंटरनेट स्पीड की आवश्यकता होती है। और वेबसाइट पर विजिट करने के लिए हमे अपनी Personal information भी shear करनी पड़ती है।
आज के दौर में इंटरनेट पर अपनी पर्सनल इन्फॉर्मेशन शेयर करना खतरे से खाली नही है। Internet पर ऐसे बहुत से लोग है जो आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन को चुराकर लोगो को Black Mail कर सकते हैं। इसलिए इंटरनेट लोगो को आय दिन और अधिक सिक्योरिटी फीचर्स प्रदान किये जा रहे हैं। जिनमे से एक VPN भी है आपने VPN के बारे में जरूर सुना होगा।
आज ज्यादा से ज़्यादा लोग internet पर अपना Data secure रखने के लिए VPN App का use अपने मोबाइल या कंप्यूटर में करते हैं। लेकिन क्या आपको वीपीएन का पूरा नाम पता है? क्या आप जानते है वीपीएन काम कैसे करता है? अगर नही तो आज आप इस पोस्ट में VPN Full Form in Hindi के बारे में सारी जानकारी जानने वाले हैं। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक ध्यान से अवश्य पढ़ें।
वीपीएन क्या है? | What is VPN
VPN एक ऐसी तकनीक है। जो सार्वजनिक इंटरनेट के network को Private Network में change करके हमे एक private network जैसे wifi प्रदान करता है। जिसका use mostly online काम करने वाले लोग जैसे Organization, Government agencies, corporation and Education institutes के द्वारा अधिक किया जाता है।
आम लोग VPN service का यूज़ ब्राउनिंग के लिए करते है। VPN का use करने से सभी तरह का जरूरी Data एक दम safe रहता है। VPN ही एक ऐसी सर्विस है। जिसकी मदद से आप Government regular Blocking की कई वेबसाइट, आदि कुछ भी आसानी से Download कर सकते हैं। इसमे आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन सुरक्षित रहती है। और आपको कई सारे Restrictions को Bypass करने में मदद प्रदान करता है।
वीपीएन का पूरा नाम क्या है? | VPN Full form in Hindi
VPN (Virtual Private Network)
जब हम अपने किसी डिवाइस जैसे mobile या कंप्यूटर में Access करते है तो VPN हमारे लिए एक Virtual Private Network बना देता है जिसकी मदद से हम internet के कई restrictions को आसानी से पास कर सकते हैं। इसके अलावा VPN हमे इंटरनेट की उन वेबसाइट पर भी access करने की permission देता है जो हमारे1 देश की सरकार ने ban कर दी है।
उन वेबसाइट पर आप VPN के द्वारा आसानी से विजिट कर सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि VPN से आप किसी भी देश का Network use कर सकते हैं और वो वेबसाइट दूसरे देश मे ब्लॉक नही है इसलिए आप उस वेबसाइट पर आसानी से Access कर सकते हैं। इससे आपकी identity भी सुरक्षित रहती है और सभी पर्सनल डेटा भी सुरक्षित रहता है। इसलिए VPN इंटरनेट use करने वाले लोगो की पहली पसन्द बन चुका है।
जानें ITR 1, ITR 2, ITR 3, और ITR 4 क्या है
- आईटीआर 1: यह आईटीआर फॉर्म उन निवासी व्यक्तियों के लिए है जिनकी वेतन/पेंशन, गृह संपत्ति और कृषि जैसे अन्य स्रोतों से 50 लाख से कम आय है।
- आईटीआर 2: वहीं, आईटीआर 2 की बात करें तो आईटीआर 1 में दर्ज लिमिट से लेकर 50 लाख रुपये से ज्यादा कमाई करने वाले लोग ITR 2 फॉर्म भर सकते हैं। इसमें वह लोग आते हैं जिन्हें कैपिटल गेन्स से कमाई होती हो, जो एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से पैसे कमाते हों, जिन्हें विदेशी कमाई या विदेशी संपत्ति से कमाई होती हो। वह आईटीआर फॉर्म 2 भरते हैं। वहीं, इसमें भी सैलरी और पेंशन वाले लोग आते हैं।
- आईटीआर 3: आईटीआर फॉर्म 3 उन व्यक्ति या हिंदू संगठित परिवार HUF के द्वारा भरा जाता है जिनकी इनकम अपने बिजनेस से हो या अपना क्या इंटरनेट पर ऑनलाइन आय है कोई पेशा करते हों। इसके साथ ही, सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी आदि से कमाई होती हो तो आईटीआर फॉर्म -3 भर सकते हैं।
- आईटीआर 4: आईटीआर 4 फॉर्म उन व्यक्ति विशेष और एचयूएफ के लिए होता है, पार्टनरशिप फर्म (एलएलपी नहीं) चलाने वाले लोग भी इसे भरते हैं। इनकम टैक्स की धारा 44एडी और 44एई के तहत इनकम होती है तो यह फॉर्म भरना होता है। इसके अलावा सैलरी या पेंशन से 50 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई होने पर ITR 4 फॉर्म भर सकते हैं।
कम आय वर्ग के बच्चे भी कर सकेंगे ऑनलाइन पढ़ाई, सॉल्यूशन पेश करेगा शिक्षा मंत्रालय
हाल में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने डिजिटल एजुकेशन से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं. प्रज्ञाता नाम के इस अभियान में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के साथ कम्युनिटी लर्निंग के माध्यम से छात्रों को पढ़ाई कराई जाएगी.
शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे उन बच्चों की मदद करने की कोशिश करें जिनके पास डिजिटल लर्निंग के लिए डिवाइस नहीं है. इसके साथ ही एनसीईआरटी द्वारा पेश किए गए वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर की मदद से उन बच्चों को स्वाध्याय के लिए प्रेरित करें.
इस बारे में शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, "हमने राज्यों से कहा है कि इस तरह के सभी छात्र की पहचान करें और उनके लिए कोरोनावायरस संकट के इस दौर में पढ़ाई में जरूरी मदद सुनिश्चित करें. हम उन छात्रों के लिए भी बहुत चिंतित हैं जिनके पास डिजिटल लर्निंग के लिए साधन नहीं हैं. जो बच्चे कमजोर वर्ग से आते हैं और जिनके पास पढ़ाई के लिए डिजिटल लर्निंग के साधन नहीं है उसको दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रयास कर रहे हैं."