अमेरिकन एक्सचेंज

वायर ट्रांसफ़र पेआउट
कुछ जगहों पर, Google Play से जुड़े व्यापारियों को Google की मदद से, वायर ट्रांसफ़र के ज़रिए पेआउट मिल सकते हैं. पेआउट पाने के लिए, व्यापारियों को Play Console में बैंक खाता जोड़ना होगा.
जगहों की सूची
इन जगहों के डेवलपर को वायर ट्रांसफ़र की मदद से पेआउट मिल सकते हैं:
अल्बानिया, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, अज़रबैजान, बहामा, बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, बलीज़, बेनिन, भूटान, बोलिविया, बोत्सवाना, बुरूंडी, कंबोडिया, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, चिली, चीन, कोलंबिया, कॉन्गो (डीआरसी), कोस्टा रिका, डॉमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, मिस्र, इक्वेटोरियल गिनी, एरिट्रिया, फ़िजी, फ़्रेंच गियाना, गांबिया, घाना, गुआडलूप, गुआम, ग्वाटेमाला, गिनी, गिनी-बिसाउ, हैती, होंडुरास, भारत, इंडोनेशिया, जमैका, जॉर्डन, कज़ाकिस्तान, केन्या, कुवैत, लेबनान, लिसोथो, लाइबेरिया, लीबिया, मलेशिया, मलावी, माली, मार्टिनीक, मॉरेटेनिया, मॉरीशस, मायोट, मोल्डोवा, मोज़ांबिक, म्यांमार, निकारागुआ, नाइजर, नाइजीरिया, उत्तरी मैसेडोनिया, ओमान, पाकिस्तान, पलाऊ, पनामा, पराग्वे, फ़िलिपींस, कतर, रीयूनियन, रूस, सऊदी अरब, सर्बिया, सिएरा लियॉन, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, श्रीलंका, ताइवान, तंज़ानिया, थाईलैंड, टोगो, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनीशिया, तुर्कमेनिस्तान, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, उरुग्वे, अमेरिकन वर्जिन द्वीप समूह, उज़्बेकिस्तान, वेनेज़ुएला, वियतनाम, यमन, ज़ांबिया, और ज़िंबाब्वे
वायर ट्रांसफ़र पेआउट की जानकारी
बैलेंस से जुड़ी शर्तें
अगर आपको पेमेंट साइकल के अंत में पेआउट चाहिए, तो यह ज़रूरी है कि आपकी कमाई कम से कम 100 डॉलर हुई हो. अगर आपके खाते में इससे जुड़ी कोई और जानकारी नहीं दी गई है, तो इसका मतलब है कि पेआउट रकम की कोई ज़्यादा से ज़्यादा सीमा तय नहीं की गई है.
पेआउट की मुद्रा
Google, वायर ट्रांसफ़र पेआउट को डॉलर में जारी करता है. हालांकि, आपका वित्तीय संस्थान, आपके बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए, इन फ़ंड को आपकी स्थानीय मुद्रा में बदल सकता है. एक्सचेंज रेट के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए, अपने वित्तीय संस्थान से संपर्क करें.
अगर आपका वित्तीय संस्थान डॉलर में खाते खोलने की सुविधा देता है, तो इस विकल्प को प्राथमिकता दी जाती है.
पेआउट शेड्यूल
वायर ट्रांसफ़र से जुड़ा शुल्क
वायर ट्रांसफ़र का शुल्क आपका वित्तीय संस्थान तय करता है. यह शुल्क 0 डॉलर से 50 डॉलर या उससे ज़्यादा भी हो सकता है. डॉलर में वायर पेमेंट से जुड़े किसी भी शुल्क के बारे में जानकरी पाने के लिए, अपने वित्तीय संस्थान से संपर्क करें.
अर्जेंटीना में रहने वाले जिन डेवलपर को वायर ट्रांसफ़र से पेमेंट मिलता है, हो सकता है कि उनके बैंक उन्हें पेमेंट के समय सहायक दस्तावेज़ पेश करने के लिए कहें.
Communication "A" 6037 में, एक्सचेंज टिकट के साथ भरे जाने वाले बैंक फ़ॉर्म की जानकारी से जुड़े निर्देश देखे जा सकते हैं. बैंक इन ज़रूरी शर्तों अमेरिकन एक्सचेंज का पालन करने के लिए कह सकता है, फिर चाहे कितना भी पेमेंट मिला हो.
ज़रूरी दस्तावेज़ों से जुड़ी जानकारी के लिए, अपने बैंक से संपर्क करें. आपसे अर्जेंटीना के स्थानीय टैक्स नियमों के मुताबिक, एक इनवॉइस जारी करने के लिए कहा जा सकता है. अगर ऐसा कहा जाता है, तो आपके पास इनवॉइस बनाने के लिए अपने टैक्स सलाहकार की मदद लेने का विकल्प होता है.
अमेरिका में ‘गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज’ पहल की शुरुआत, भारत-US के 20 उभरते युवा नागरिक नेताओं को लाएगी एक साथ
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ‘गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज’ पहल की शुरूआत की है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के इतिहास तथा विरासत को रेखांकित करेगी। अपनी तरह की यह पहली पहल मंगलवार को शुरू की गई। पहल नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समावेश …
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने ‘गांधी-किंग स्कॉलरली एक्सचेंज’ पहल की शुरूआत की है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के इतिहास तथा विरासत को रेखांकित करेगी। अपनी तरह की यह पहली पहल मंगलवार को शुरू की गई। पहल नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समावेश को आगे बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका के 20 उभरते युवा नागरिक नेताओं को एक साथ लाएगी।
विदेश मंत्रालय के ‘ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स’ के अनुसार, पहल के तहत बुधवार से एक सप्ताह का ऑनलाइन कार्यक्रम और ओरिएंटेशन होगा, जिसके बाद सभी 20 युवा नेता अलबामा एंड एम यूनिवर्सिटी, हिस्टोरिकल ब्लैक कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी (एचबीसीयू) में दो सप्ताह के एक शैक्षणिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
कक्षा में ज्ञान हासिल करने और चर्चा के अलावा, प्रतिभागी मोंटगोमरी, सेल्मा तथा अलबामा में बर्मिंघम, टेनिस में मेम्फिस और जॉर्जिया में अटलांटा में नागरिक अधिकार साइट का दौरा करेंगे। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जनवरी 2023 में भारतीय तथा अमेरिकी प्रतिभागी महत्वपूर्ण स्थलों और संगठनों का दौरा करने के लिए भारत में फिर से मिलेंगे।
Nasdaq (नैस्डैक) क्या है
हम अक्सर शेयर बाजार (Share Market), सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) आदि के बारें में समाचार पत्रों, टीवी न्यूज़, यहाँ तक कि लोगो को आपस में इस बारें में चर्चा करते हुए सुनते है | दरअसल शेयर बाजार एक ऐसा मार्केट है, जहाँ दुनियाभर के लोग पैसा लगाते है और मुनाफा कमाते है | हालाँकि शेयर बाजार में वही लोग पैसा लगाते है, जिन्हें शेयर मार्केट के बारें में अच्छी जानकारी होती है |
भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी का नाम सबसे पहले लिया जाता है, ठीक उसी प्रकार से अमेरिकी शेयर मार्केट में नैस्डैक (Nasdaq) का नाम लिया जाता है | आज हम आपको नैस्डैक के बारें में जानकारी दे रहे है? Nasdaq (नैस्डैक) क्या है, NASDAQ Full Form, Meaning in Hindi |
नैस्डैक (NASDAQ) का क्या मतलब होता है ?
Table of Contents
- अमेरिका में दुनिया के पहले इलेक्ट्रॉनिक शेयर बाजार नैस्डैक (Electronic Stock Market Nasdaq) की शुरूआत 8 फरवरी 1971 को नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स द्वारा की गयी थी, जो अमेरिका के वॉल स्ट्रीट में लगभग 5 दशक से फाइनेंसियल मार्केट का केन्द्र बना हुआ है। उस समय यह उस समय यह एक कंप्यूटर बुलेटिन बोर्ड-प्रकार प्रणाली थी |
- वर्ष 1975 में नैस्डैक नें आईपीओ अर्थात आरंभिक सार्वजनिक पेशकश का आविष्कार किया, और अपनें व्यवसाय को आगे बढानें के लिए पूंजी एकत्र करनें में सक्षम बनाया | इसके साथ ही वर्ष 1975 में नैस्डैक-100 (NASDAQ-100) का निर्माण किया और पहली एक्सचेंज वेबसाइट www.nasdaq.com लॉन्च किया |
- नैस्डैक एक अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज मार्केट है, जो निवेशकों को स्वचालित, पारदर्शी और तेज कंप्यूटर नेटवर्क पर स्टॉक खरीदने और बेचने की अनुमति प्रदान करता है | नैस्डेक का स्वामित्व OMX समूह के हाथों में है, और इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क, अमेरिका में है | मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है |
- नैस्डैक के शेयर की मांग बहुत अधिक है, क्योंकि मार्केट में इनके दाम जल्दी नही गिरते है | जिसके कारण लोग नैस्डैक के शेयर को अच्छे रिस्पांस देते है | दरअसल नैस्डैक फेमस स्टॉक एक्सचेंज में से एक है, इसमें दुनिया के एक दो देश नहीं बल्कि लगभग सभी देशों के लोग पैसा लगते है |
- इसकी सबसे खास बात यह है, कि इस स्टॉक एक्सचेंज में जिस प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती है, वह किसी अन्य स्टॉक एक्सचेंज में नहीं मिलती है, जिसके कारण इसे दुनिया का सबसे अच्छा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है |
नैस्डैक फुल फार्म (NASDAQ Full Form)
Nasdaq (नैस्डैक)का फुल फार्म “National Association of Securities Dealers Automated Quotations (नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड कोटशन्स)” है | नैस्डैक दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक मार्केट है |
नैस्डैक का इतिहास (History Of NASDAQ)
नैस्डैक की स्थापना नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स द्वारा 8 फरवरी 1971 को हुई थी | उस समय यह उस समय यह एक कंप्यूटर बुलेटिन बोर्ड-प्रकार प्रणाली थी | वर्ष 1975 में नैस्डैक नें आईपीओ अर्थात आरंभिक सार्वजनिक पेशकश का आविष्कार किया, और अपनें व्यवसाय को आगे बढानें के लिए पूंजी एकत्र करनें में सक्षम बनाया | इसके साथ ही वर्ष 1975 में नैस्डैक-100 (NASDAQ-100) का निर्माण किया और पहली एक्सचेंज वेबसाइट www.nasdaq.com लॉन्च किया |
वर्ष 1998 में नैस्डैक अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज के साथ मिलकर नासाडाक-एमेक्स मार्केट ग्रुप गठित किया | इसी प्रकार सफलता की ओर अग्रसर नासाडाक नें वर्ष 2007 में ओएमएक्स (Swedish-Finnish Financial Company) का अधिग्रहण कर इसका नाम संशोधित कर नासाडाक ओएमएक्स समूह रख दिया | वर्ष 2008 में नासाडाक ओएमएक्स नें संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे पुरानें स्टॉक एक्सचेंज जिसका नाम फिलाडेल्फिया स्टॉक एक्सचेंज था, उसका अधिग्रहण किया | इसके बाद वर्ष 2009 में नासाडाक ओएमएक्स नें अपना मोबाइल वेब संस्करण nasdaq.com लॉन्च किया |
नैस्डैक में सूचीबद्ध कम्पनियां (Companies Listed On NASDAQ)
नैस्डैक पर लगभग 3 हजार से अधिक कंपनियों का विशाल बहुमत शामिल है, जिसे प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अन्दर से संचालित किया जाता है | इसमें दुनिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी ब्रांड जैसे- माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, फेसबुक, इंटेल आदि कम्पनियां सूचीबद्ध है | हालाँकि नैस्डैक एक्सचेंज कंपनियों को सूचीबद्ध करनें के साथ ही वायदा, विकल्प और ईटीएफ (Exchange Traded Fund) जैसे अन्य वित्तीय साधनों की एक पूरी श्रृंखला भी सूचीबद्ध करते हैं। नैस्डैक में सूचीबद्ध कम्पनियों के नाम इस प्रकार है-
- Apple / AAPL
- Microsoft / MSFT
- Amazon / AMZN
- Alphabet (Google) / GOOG
- Facebook / FB
- Tesla / TSLA
- NVIDIA
- PayPal
- Comcast Corp
- Adobe / ADBE
नैस्डैक टाइमिंग की जानकारी (NASDAQ Timing Information)
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अमेरिकन एक्सचेंज
- प्री-मार्केट सत्र- यह प्रातः 4 बजे से शुरू होकर 9:30 बजे समाप्त होता है |
- सामान्य व्यापार सत्र- यह सुबह 9:30 बजे से शुरू होता है, और शाम 4 बजे समाप्त होता है |
- बाजार के बाद का सत्र- यह शाम 4 बजे से शुरू होता है, और रात 8:00 बजे समाप्त होता है |
नैस्डैक 100 इंडेक्स क्या है (What Is NASDAQ 100) ?
नैस्डैक 100 दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स पर 100 से अधिक सार्वजनिक रूप से गैर-वित्तीय व्यवसायों की विशेषता वाला एक प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक है। यह प्रौद्योगिकी में 54 प्रतिशत, उपभोक्ता सेवाएँ 25 प्रतिशत और स्वास्थ्य सेवा 21 प्रतिशत जैसे शीर्ष प्रदर्शन करने वाले उद्योगों पर केंद्रित है। नैस्डैक 100 दुनिया की सबसे नवीन कम्पनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, जिसमें टेस्ला, इंटेल और गूगल आदि शामिल हैं |
करेंसी एक्सचेंज कंपनी से विदेशी युवक-युवती ने 2300 अमेरिकी डॉलर उड़ाए
हजरतगंज स्थित फॉरेन करेंसी एक्सचेंज करने वाली कंपनी थॉमस कुक से विदेशी युवक-युवती ने 100 अमेरिकी डॉलर के 23 नोट उड़ा दिए। कंपनी के प्रबंधक मुकुल अग्रवाल ने ठग युवक-युवती व उनके साथ आए एक बच्चे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। गायब अमेरिकी डॉलर की कीमत 163300 रुपये है। कंपनी के ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से विदेशी ठगों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है।
प्रभारी निरीक्षक राधारमण सिंह ने बताया कि घटना शनिवार शाम साढ़े चार बजे की है। गांधी आश्रम के सामने प्रथम तल पर स्थित थॉमस कुक कंपनी के ऑफिस में पहुंचे विदेशी युवक, युवती ने 100 अमेरिकी डॉलर के बदले भारतीय करेंसी की मांग की। प्रबंधक का कहना है कि विदेशी युवक-युवती के साथ एक बच्चा भी था। उन्होंने विदेशी नागरिकों से उनकी आईडी के रूप में पासपोर्ट मांगा। ठगों ने पासपोर्ट पास में न होने की बात कही, जिस पर प्रबंधक ने डॉलर बदलने से इनकार कर दिया।
इस दौरान विदेशी युवक ने प्रबंधक के पास रखी अमेरिकी डॉलर की गड्डी देखकर उसके नकली होने की आशंका जताई। उसने जांच के लिए डॉलर मांगा, लेकिन प्रबंधक ने नहीं दिया। प्रबंधक का कहना है कि विदेशी युवक उनके हाथ से डॉलर की गड्डी लेकर कुछ दिखाने की कोशिश करने लगा। हालांकि, उन्होंने तत्काल ही उससे गड्डी वापस ले ली और कैश बॉक्स में रख दी। इस पर युवती-युवती और बच्चा वहां से चले गए। प्रबंधक को शक हुआ और उन्होंने गड्डी के डॉलर गिनना शुरू किया तो होश उड़ गए। गड्डी से 100 अमेरिकी अमेरिकन एक्सचेंज डॉलर के 23 नोट कम थे।
प्रबंधक का कहना है कि उन्होंने तत्काल ऑफिस से निकलकर विदेशी युवक-युवती और बच्चे की तलाश की लेकिन उनका पता नहीं चला। आसपास के लोगों ने पूछने पर बताया कि विदेशी युवक-युवती काले रंग की एक बड़ी कार से आए थे। उन्होंने तुरंत ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तब विदेशी युवक-युवती गड्डी से डॉलर निकालते हुए नजर आ गए।
हजरतगंज स्थित फॉरेन करेंसी एक्सचेंज करने वाली कंपनी थॉमस कुक से विदेशी युवक-युवती ने 100 अमेरिकी डॉलर के 23 नोट उड़ा दिए। कंपनी के प्रबंधक मुकुल अग्रवाल ने ठग युवक-युवती व उनके साथ आए एक बच्चे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। गायब अमेरिकी डॉलर की कीमत 163300 रुपये है। कंपनी के ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से विदेशी ठगों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है।
प्रभारी निरीक्षक राधारमण सिंह ने बताया कि घटना शनिवार शाम साढ़े चार बजे की है। गांधी आश्रम के सामने प्रथम तल पर स्थित थॉमस कुक कंपनी के ऑफिस में पहुंचे विदेशी युवक, युवती ने 100 अमेरिकी डॉलर के बदले भारतीय करेंसी की मांग की। प्रबंधक का कहना है कि विदेशी युवक-युवती के साथ एक बच्चा भी था। उन्होंने विदेशी नागरिकों से उनकी आईडी के रूप में पासपोर्ट मांगा। ठगों ने पासपोर्ट पास में न होने की बात कही, जिस पर प्रबंधक ने डॉलर बदलने से इनकार कर दिया।
इस दौरान विदेशी युवक ने प्रबंधक के पास रखी अमेरिकी डॉलर की गड्डी देखकर उसके नकली होने की आशंका जताई। उसने जांच के लिए डॉलर मांगा, लेकिन प्रबंधक ने नहीं दिया। प्रबंधक का कहना है कि विदेशी युवक उनके हाथ से डॉलर की गड्डी लेकर कुछ दिखाने की कोशिश करने लगा। हालांकि, उन्होंने तत्काल ही उससे गड्डी वापस ले ली और कैश बॉक्स में रख दी। इस पर युवती-युवती और बच्चा वहां से चले गए। प्रबंधक को शक हुआ और उन्होंने गड्डी के डॉलर गिनना शुरू किया तो होश उड़ गए। गड्डी से 100 अमेरिकी डॉलर के 23 नोट कम थे।
प्रबंधक का कहना है कि उन्होंने तत्काल ऑफिस से निकलकर विदेशी युवक-युवती और बच्चे की तलाश की लेकिन उनका पता नहीं चला। आसपास के लोगों ने पूछने पर बताया कि विदेशी युवक-युवती काले रंग की एक बड़ी कार से आए थे। उन्होंने तुरंत ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए तब विदेशी युवक-युवती गड्डी से डॉलर निकालते हुए नजर आ गए।