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पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका
भारत और रूस के बीच अंतरराष्ट्रीय ट्रेड की पेमेंट रूपए में हो सके, इस पर बात चल रही है। लेकिन बात सिर्फ रूस तक सीमित नहीं है, भारत रूस के अलावा कई और देशों से ऐसी बातचीत कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी।
Updated Nov 9, 2022 | 11:24 PM IST
पीएम मोदी ले रहे हैं बहुत बड़ा रिस्क, हिल जाएगी पूरी दुनिया, रुपया मजबूत करने के लिए लगाएंगे डॉलर की लंका
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बहुत बड़ा रिस्क ले Forex भारत रहे हैं और यकीन मानिए जो रिस्क पीएम मोदी ले Forex भारत रहे हैं उससे पूरी दुनिया हिल जाएगी। पूरी दुनिया अमेरिका के डॉलर के पीछे भागती है। सरकारें हों, कंपनियां हों, मार्केट हो। किसी का काम डॉलर के बिना नहीं चलता। दुनिया में देश कोई भी हो, उसकी करेंसी की वैल्यू डॉलर (Dollar) के मुकाबले ही देखी जाती है। इंटरनेशनल ट्रेड में किसी को सुई भी खरीदनी होती है तो पेमेंट डॉलर में होता है। यानी डॉलर का ऐसा रुतबा है, ऐसा दबदबा है, कि दुनिया भर में इसी की दादागीरी चलती है। इसके सामने दूसरी करेंसी बेबस हो जाती है। इसके सामने दुनिया के दूसरे देश बेबस हो जाते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री Forex भारत नरेंद्र मोदी इसे बदलना चाहते हैं। कैसे वो बहुत बड़ा रिस्क ले रहे हैं।
अभी तक आपको पता होगा कि भारत और Forex भारत रूस के बीच अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड की पेमेंट रूपये (Rupees) में हो सके, इस पर बात चल रही है। लेकिन बात सिर्फ रूस तक सीमित नहीं है, भारत रूस के अलावा कई और देशों से ऐसी बातचीत कर रहा है। इसमें श्रीलंका, मालदीव के अलावा कई साउथ ईस्ट एशियाई देश हैं। इसके अलावा कुछ अफ्रीकन, लैटिन अमेरिकन देश हैं। यानी एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये तय कर लिया है कि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम किया जाए, अपने रुपये को मजबूत किया जाए।
फिलहाल भारत का कोई Exporter अपना सामान बेचता है, तो उसे डॉलर में पेमेंट मिलती है। उसे वो रूपये में कैश कराता है। या फिर भारत को कोई Importer दूसरे देश से माल खरीदता है तो वो दूसरे देश को डॉलर में पेमेंट करता है। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डॉलर एक कॉमन करेंसी है जिसमें माल बेचा और खरीदा जाता है। लेकिन इस पेमेंट सिस्टम में अगर डॉलर को हटाना है तो ये तभी हो सकता है कि ट्रेड करने वाले आपस में ये तय कर लें कि डॉलर की जगह अपनी अपनी करेंसी में माल खरीदेंगे और बेचेंगे। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी और डॉलर का दबदबा भी कम होगा, जिसके सहारे अमेरिका अपनी दादागीरी भी दिखाता है।
अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती देने के बड़े रिस्क भी है। आपने देखा ही है कैसे यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत Forex भारत पर दबाव डाला गया। अब अगर अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को Forex भारत चुनौती दी जाएगी और अमेरिकी डॉलर की नरेंद्र मोदी लंका लगाएंगे तो उन पर चौतरफा हमले शुरू होंगे। वो लॉबी फिर से जुट जाएगी जो इस तरह की किसी चुनौती को पसंद नहीं करती। इसलिए हम कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ा रिस्क ले रहे हैं। डॉलर को अमेरिका हथियार बनाता रहा है। यूक्रेन युद्ध में भी यही हुआ।
यूक्रेन युद्ध की वजह से पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इससे रूस को डॉलर पर चलने वाले ग्लोबल फाइनेंस सिस्टम से बाहर कर दिया। रूस का 630 बिलियन डॉलर का विदेश मुद्रा भंडार फ्रीज कर दिया गया था। रूस के सेंट्रल बैंक को भी इंटरनेशनल पेमेंट के स्विफ्ट सिस्टम से बाहर किया गया। ये सब अमेरिका ने डॉलर के दम पर किया
Rupee Strong: गिरकर संभला रुपया, शुरुआती कारोबार में हुआ रुपया 14 पैसे मजबूत
Rupee Strong: इससे पहले बीते सोमवार Forex भारत को रुपया डॉलर की तुलना में 50 पैसे गिरकर बंद हुआ था।
Rupee Strong (सोशल मीडिया)
Rupee Strong : अमेरिका सहित भारत Forex भारत में मंहगाई दर के आंकड़ों को कुछ गिरावट आई है। इस गिरावट का असर भारतीय मुद्रा रुपया पर भी दिखाई पड़ा रहा है। बीते कुछ दिनों में रुपया में रौनक लौटी है। हफ्ते कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी स्थानीय मुद्रा मजबूत हुई है। शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 14 पैसे की बढ़त लेते हुए 81.14 प्रति डॉलर हो गया है। इससे पहले बीते कारोबारी सत्र सोमवार को रुपया 50 पैसे की गिरावट के साथ 81.28 के भाव पर कारोबार खत्म किया था।
81.18 पर खुला रुपया
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में आज रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में 81.18 पर खुला। उसके बाद इसमें तेजी और यह 81.14 पर पहुंच गया है,जको पिछले बंद भाव की तुलना में 14 पैसे की मजबूती की दर्शाता है।
डॉलर सूचकांक में बढ़त
वहीं, डॉलर सूचकांक मजबूत हुआ है। इसमें आज 0.30 प्रतिशत की बढ़त आई है और यह 106.97 पर आ गया है। आपको बता दें कि डॉलर सूचकांक का Forex भारत उपयोग प्रमुख मुद्रा से अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने के लिए किया जाता है।
इस वजह से आई तेजी
रुपया की तेजी पर बाजार विशेषज्ञ का कहना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार घरेलू बाजार में निवेश करने से रुपया का बल मिला है। मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार 1,089.41 करोड़ रुपये निवेश किये हैं।
यह है बाजार विशेषज्ञों का मत
कारोबार विशेषज्ञ का कहना है कि कच्चे तेल के बढ़े भाव ने कारोबारियों की धारण प्रभावित हुई है,जिसके चलते बीते कुछ दिनों में रुपए में आई तेजी के बाद कल गिरावट आई थी। हालांकि आज एक बार फिर रुपया डॉलर की तुलना में मजबूत हुआ है। वहीं, शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के रिसर्च एनालिस्ट का कहना है कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती और Forex भारत घरेलू बाजार कमजोर होने से रुपया में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि आज रुपया कुछ वहजों से तेजी पर खुला है।