स्टॉक मार्केट चार्जेज

Sensex में डॉ रेड्डीज की जगह लेगा Tata Group का ये स्टॉक, 19 दिसंबर से लागू होगा बदलाव
Sensex reconstitution: बीएसई (BSE) के इंडेक्स में दिसंबर महीने से बदलाव होने जा रहा है. एशिया इंडेक्स प्राइवेट लिमिटेड के मुताबिक, फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड (Dr Reddy's Laboratories Ltd) अब सेंसेक्स-30 से बाहर होगी. इसकी जगह टाटा ग्रुप (Tata Group) की टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd) शामिल होगी. ये बदलाव 19 दिसंबर 2022 को बाजार खुलने के साथ लागू हो जाएगा.
S&P BSE 100 इंडेक्स से ये होगा बाहर
विज्ञप्ति के मुताबिक, एसएंडपी बीएसई 100 (S&P BSE 100) और एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स नेक्स्ट 50 (S&P BSE SENSEX Next 50) से अडानी टोटल गैस लिमिटेड (Adani Total Gas) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corp) के शेयरों को हटा दिया जाएगा. इसकी जगह अडानी पावर लिमिटेड (Adani Power) और इंडियन होटल (Indian Hotels) को शामिल किया जाएगा.
© Zee Business हिंदी द्वारा प्रदत्त BSE
बता दें कि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 50 (S&P BSE SENSEX 50) और एसएंडपी बीएसई बैंकेक्स (S&P BSE BANKEX) इंडेक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
बाजार लगातार दूसरे दिन फिसला
ग्लोबल बाजारों में सुस्त रुख और ऑटो, फाइनेंस और एनर्जी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई. शुरुआती कारोबार में 400 से अधिक अंक लुढ़कने के बाद 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स कुछ हद तक उबरते हुए 87.12 अंक या 0.14% टूटकर 61,663.48 पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी 36.25 अंक या 0.20% की गिरावट के साथ 18,307.65 पर बंद हुआ.
करना चाहते हैं विदेशी शेयर बाजारों में निवेश तो जान लीजिए ये Tax Rules, बड़े काम की है ये जानकारी
भारतीयों का विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investmet) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. विदेशी बाजारों में भी अमेरिकी बाजार भारतीयों की पहली पसंद है.
Tax Rules: विदेशी शेयर बाजारों (Foreign Equity Investment) में निवेश करने का रूझान बढ़ता जा रहा है. अमेरिकी बाजार भारती . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : February 22, 2022, 10:39 IST
नई दिल्ली. अपने निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में विविधता लाने का एक तरीका विदेशी बाजारों में निवेश (Investing In Foreign Markets) करना है. विदेशी बाजारों में निवेश से स्टॉक मार्केट चार्जेज निवेशकों को अस्थिरता से निपटने में मदद मिलती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जरूरी नहीं कि जब घरेलू बाजार में गिरावट हो तो विदेशी बाजार भी गिर रहे होंगे. इसका एक अन्य फायदा यह है कि इसमें मुद्रा में उतार-चढ़ाव के जोखिम से राहत मिलती है. निवेशक को निवेश पर रिटर्न डॉलर में मिलता है. रुपये में गिरावट होने पर विदेशी मुद्रा में निवेश का मूल्य बढ़ जाता है. इसका आपको दोहरा फायदा होता है.
भारतीय कई देशों के शेयर बाजारों में निवेश कर सकते हैं. परंतु ज्यादातर भारतीयों के लिए न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज (New York Stock Exchange) और नेस्डेक (NASDAQ) में ही निवेश करना पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये सबसे बड़े स्टॉक मार्केट हैं. किसी घरेलू या विदेशी ब्रोकरेज के माध्यम से एक ब्रोकरेज अकाउंट (Brokerage Account) खोलकर कोई भी भारतीय एप्पल (Apple), टेस्ला (Tesla), स्टारबक्स और मेटा (Meta) जैसी कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकता है. कोई भी भारतीय निवेशक विदेशी शेयर बाजार में स्वयं 2.5 लाख डॉलर प्रति वर्ष निवेश कर सकता है. म्यूंचुअल फंड (Mutual Fund) के माध्यम से निवेश की कोई सीमा नहीं है.
कैसे करें निवेश (How To Invest in Foreign Markets)
कोई भी निवेशक घरेलू शेयर बाजारों की तरह विदेशी शेयर बाजारों में भी निवेश कर सकता है. विदेशी बाजारों में भी निवेश 2 तरीके से स्टॉक मार्केट चार्जेज किया जा सकता है. निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिए इनमें निवेश कर सकता है. कोई व्यक्ति सीधे ही विदेशी शेयर बाजारों से खरीदारी कर सकता है. म्यूचुअल फंड में कई प्रकार के फंड हैं, जो विदेश में निवेश का प्रस्ताव देते हैं. भारत में कई अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड हैं. इन म्यूचुअल फंडों की खास बात यह है कि इनमें भारतीय करेंसी में ही निवेश कर सकते हैं और आपको फॉरेक्स एक्सचेंज के झंझट में भी नहीं पड़ना होता है और न ही फॉरेक्स एक्सचेंज चार्जेज देने होते हैं. म्यूचुअल फंड के जरिए एक निवेशक कितना भी निवेश कर सकता है.
कितना लगता है टैक्स (Tax on Foreign Equity Investment )
विदेशी बाजारों में निवेश करने से पहले टैक्स नियमों को जान लेना जरूरी है. यह समझना जरूरी है कि वहां की कमाई पर कितना और कैसे टैक्स लगेगा. यूएस सिक्योरिटीज और एक्सचेंज कमीशन (US Securities and Exchange Commission -SEC) के साथ पंजीकृत निवेश सलाहाकार वेस्टेड फाइनेंस (Vested Finance) का कहना है कि अगर 24 महीनों से ज्यादा स्टॉक को अपने पास रखकर बेचा जाता है तो उस पर 20 फीसदी की दर से लॉंग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा और कुछ सरचार्ज और फीस भी देनी होगी.स्टॉक मार्केट चार्जेज
ईटीएफ के लिए यह सीमा 36 महीने हैं. अगर 24 महीने से पहले ही बिकवाली कर दी जाती है तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से वसूला जाएगा. यही नहीं, अमेरिका में डिविडेंड्स पर 25 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. इनवेस्टर को ब्रोकरेज काटकर ही बाकी 75 फीसदी रकम देता है. हालांकि, भारत में टैक्स फाइल करते समय चुकाए गए डिविडेंड टैक्स का क्रेडिट ले सकते हैं.
स्पेशल टैक्स नहीं
ऑनलाइन पोर्टल टैक्सबडी डॉट कॉम (Taxbuddy.com) के फाउंडर सुजीत बांगड़ का कहना है कि अमेरिका या किसी अन्य देश में इक्विटी में निवेश के लिए कोई निर्धारित टैक्स रेट आदि नहीं हैं. विदेशी होल्डिंग्स भी सोने की तरह ही एक एसेट है जिस पर नियमानुसार टैक्स लगता है. हम यहां विदेशी एसेट अपने पास रखते हैं तो यह जरूरी है कि वो ऐसे फंड से खरीदे गए हों, जिसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में हमने दी हो.
विरासत में मिले हों शेयर तो क्या?
अगर किसी को विदेशी शेयर विरासत (Inherits Foreign Shares) में मिले हों तो फिर क्या होता है? इस सवाल के जवाब में बांगड़ का कहना है कि अगर कोई भारतीय विदेशी एसेट्स में निवेश ग्लोबल फंड्स आदि के माध्यम से निवेश करता है तो इस तरह के निवेश पर विरासत कर या एस्टेट ड्यूटी नहीं देनी होती है. अगर कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत हैसियत से अमेरिका में शेयर खरीदता है तो उसकी मौत के बाद विरासत टैक्स (Inherits Tax) देना पड़ता है. लेकिन, ऐसे मामलों में भी अमेरिका में चुकाए टैक्स पर वह भारत में क्रेडिट ले सकता है क्यों भारत और अमेरिका इस को लेकर समझौता है.
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स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर
होम लोन लेते समय, घर की लागत के अलावा और कई खर्चों को ध्यान में रखना ज़रूरी होता है. स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क आपके नए घर के स्वामित्व को रजिस्टर करते समय लगने वाले कुछ अतिरिक्त शुल्क हैं. बजाज फिनसर्व स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर आपको अपनी प्रॉपर्टी पर लागू स्टाम्प ड्यूटी की राशि का सटीक आकलन करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि आपको यह पता चले कि आपको कितना होम लोन चाहिए.
स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
अगर आप कोई नई प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो आपको स्टाम्प ड्यूटी नामक शुल्क का भुगतान करना होगा, यह स्टॉक मार्केट चार्जेज शुल्क राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है. इस शुल्क का उपयोग आपके नाम पर आपकी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन सत्यापित करने और आपके प्रॉपर्टी के स्वामित्व के डॉक्यूमेंट्स को मान्यता प्रदान करने के लिए किया जाता है. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट स्टॉक मार्केट चार्जेज पर स्टाम्प शुल्क का भुगतान किए बिना, आपको विचाराधीन प्रॉपर्टी का कानूनी मालिक नहीं माना जाएगा.
भारत में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क कैसे हैं?
स्टाम्प ड्यूटी आम तौर पर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू की 5-7% होती है. रजिस्ट्रेशन शुल्क प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू का 1% होता है. हालांकि, ये शुल्क लाखों रुपये में हो सकते हैं. अपना घर खरीदते समय और अपने नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर करवाते समय पैसों की कोई कमी न होने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि जब आप होम लोन राशि के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क को भी ध्यान में रखें.
आपको स्टांप ड्यूटी के रूप में कितनी राशि का भुगतान करना है, यह विभिन्न कारकों स्टॉक मार्केट चार्जेज पर निर्भर करता है. ये हैं:
- प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू
- प्रॉपर्टी का प्रकार, फ्लोर की संख्या के साथ
- प्रॉपर्टी का उद्देश्य- रेजिडेंशियल या कमर्शियल
- प्रॉपर्टी का स्थान
- प्रॉपर्टी के मालिक की आयु और लिंग
क्या स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क होम लोन में शामिल हैं?
यह एक नियम है कि, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क लेंडर्स द्वारा स्वीकृत होम लोन राशि में शामिल नहीं होते हैं. इनका भुगतान खरीदार को अपनी जेब से करना होता है.
विभिन्न शहरों में स्टाम्प शुल्क शुल्क
स्टाम्प ड्यूटी की दरें*
5% (रु. 35 लाख से अधिक पर)
3% (रु. 21-35 लाख पर)
2% (रु. 20 स्टॉक मार्केट चार्जेज लाख से कम पर)
रु. 40 लाख से अधिक - 8%
* स्टाम्प ड्यूटी के अलावा लागू रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान किया जाना चाहिए
डिस्क्लेमर
ये दरें संकेतक हैं और कानूनों और सरकारी दिशानिर्देशों के आधार पर बदलाव के अधीन हैं. कस्टमर को वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के आधार पर कोई भी निर्णय लेने से पहले स्वतंत्र रूप से कानूनी परामर्श लेने की सलाह दी जाती है. यूज़र के निर्णय की ज़िम्मेदारी पूरी तरह से यूज़र पर होगी. किसी भी घटना में बीएफएल या बजाज ग्रुप या उसका कोई एजेंट या इस वेबसाइट के निर्माण, उत्पादन या डिलीवरी में शामिल स्टॉक मार्केट चार्जेज किसी भी अन्य व्यक्ति को किसी भी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, दंडात्मक, आकस्मिक, विशेष, परिणामी नुकसान (राजस्व या मुनाफे की हानि, बिज़नेस या डेटा की हानि सहित) या उपरोक्त जानकारी पर यूज़र की निर्भरता से जुड़े किसी भी नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं माना जाएगा.
क्या स्टाम्प ड्यूटी को टैक्स कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है?
हां, स्टाम्प ड्यूटी को इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए क्लेम किया जा सकता है जिसकी अधिकतम लिमिट रु. 1,50,000 होगी.
क्या स्टाम्प ड्यूटी वापसी योग्य है?
नहीं, स्टाम्प ड्यूटी रिफंडेबल नहीं है.
क्या स्टाम्प ड्यूटी में GST शामिल है?
अब तक, स्टाम्प ड्यूटी और GST प्रॉपर्टी की बिक्री पर लगाए जाने वाले स्टॉक मार्केट चार्जेज अलग-अलग शुल्क हैं, और इनका एक दूसरे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान कैसे करें?
आप निम्न में से किसी भी तरीके से, स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन या ऑफलाइन कर सकते हैं:
अडानी समूह द्वारा QBM में हिस्सेदारी के बाद बड़ी इस स्टॉक की खरीदारी
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट इंटरनेशनल को Yes Bank में 9.99% तक अधिग्रहण करने की सशर्त मंजूरी दे दी है। इस खबर के बाद सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को Yes Bank का शेयर भाव 3% से ज्यादा चढ़ गया और 17.90 रुपये पर कारोबार करता दिखा। आपको बता दें कि Yes Bank के शेयर का 52 वीक हाई 18.स्टॉक मार्केट चार्जेज स्टॉक मार्केट चार्जेज 20 रुपये है और यह स्तर 9 सितंबर के दिन था।
STPI को है IT निर्यात में 10-12% वृद्धि होेने की उम्मीद
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) ने उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष में देशभर में उसके 63 केंद्रों से होने वाले सूचना प्रौद्योगिकी (IT) निर्यात में 10 से 12% की वृद्धि होगी। बता दें, STPI के केंद्रों से 2021-22 के दौरान हुए IT निर्यात का मूल्य 6.28 लाख करोड़ रुपये था। यह संगठन देश की IT कंपनियों और स्टार्टअप को समर्थन देता है। इसकी 12 से अधिक नए केंद्र खोलने की तैयारी है।
अब ये दिग्गज फैशन कंपनी करेगी 1500 कर्मचारियों की छंटनी
जानी-मानी स्वीडिश फैशन कंपनी H&M वैश्विक स्तर पर अपने 1500 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। इससे पहले H&M यूरोपीय देशों में कर्मचारियों की छंटनी करके वह ऐसा करने वाली यूरोप की सबसे बड़ी रिटेलर बन गई है। बता दें कि दुनिया का नंबर 2 फैशन रिटेलर यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती लागत के बीच कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है।
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